एआरटी बोर्ड को एआरटी क्लीनिक व सरोगेसी के प्राप्त हुये दो दर्जन आवेदन

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी व सरोगेसी बोर्ड की पहली बैठक हुई। जिसमें सरोगेसी व एआरटी क्लीनिक से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने सरोगेसी व क्लीनिक से संबंधित प्रकरणों को समयबद्ध निस्तारण के निर्देश बोर्ड को दिये, साथ ही उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठके निश्चित समय पर आहूत की जानी जरूरी है ताकि बोर्ड को प्राप्त प्रस्तावों पर निर्णय लिया जा सके।

राज्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी व सरोगेसी बोर्ड के अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने आज सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में बोर्ड की पहली बैठक ली। जिसमें बोर्ड के दो दर्जन से अधिक सदस्यों ने प्रतिभाग किया। डॉ0 रावत ने बताया कि बोर्ड पहली बैठक में कई महत्पूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई, जिसमें राज्य में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी एवं सरोगेसी एक्ट से संबंधित प्रकरणों को एक्ट में निहित प्रावधानों के तहत समयबद्ध तरीके से निस्तारण करने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बोर्ड बैठक प्रत्येक तीन माह में आयोजित की जायेगी ताकि राज्यभर से प्राप्त आवेदनों का निस्तारण समय पर किया जा सके। बोर्ड की अगली बैठक दो माह बाद आयोजित होगी जिसमें राज्यभर से अभी तक बोर्ड को प्राप्त एआरटी क्लीनिक एवं सरोगेसी के दो दर्जन प्रस्तावों पर निर्णय लिया जायेगा। राज्य बोर्ड एवं समुचित प्राधिकारी एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट एवं इसके अंतर्गत बनाये गये नियमों का राज्य में अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। बोर्ड के प्राविधानों के तहत अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर को समुचित प्राधिकारी व अन्य दो सदस्य नामित किये गये हैं।

इससे पूर्व केन्द्र सरकार के स्तर पर राष्ट्रीय बोर्ड का गठन किया जा चुका है जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को बतौर सदस्य नामित किया गया है, जिसकी पहली बैठक गत 31 जनवरी को आहूत की गई थी।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य एवं उपाध्यक्ष डॉ. आर.राजेश कुमार, सचिव न्याय एवं सदस्य नरेन्द्र दत्त, अपर सचिव गृह अतर सिंह, अपर सचिव समाज कल्याण सुरेश जोशी, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं बोर्ड की समुचित प्राधिकारी अमनदीप कौर, निदेशक स्वास्थ्य एवं सदस्य डॉ. भारती राणा, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, राज्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी एवं सरोगेसी बोर्ड की सदस्य डॉ. लतिका चावला, डॉ. भागीरथी जोशी, बिन्दुवासिनी, डा. अनीता रावत, रेनू सरन, हेमलता बहन, लारेंश सिंह, अरूणा नेगी चैहान सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में कई बिन्दुओं पर बनी सहमति

सहायक प्रजनन तकनीकी अधिनियम 2021 एवं सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 को राज्यों में लागू करने को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मंडविया की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। बैठक में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) क्लीनिकों और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) बैंकों को विनियमित और पर्यवेक्षण के दुरूपयोग को रोकने, प्रजनन स्वास्थ्य सहित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। दोनों एक्ट को लेकर गठित राष्ट्रीय बोर्ड में स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को भी सदस्य बनाया गया है, जो कि देशभर के अकेले स्वास्थ्य मंत्री हैं जिनको बोर्ड में बतौर सदस्य नामित किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री एवं राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि सहयक प्रजनन तकनीकी अधिनियम 2021 एवं सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 को लेकर आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट के प्रावधानों को लेकर केरल उच्च न्यायालय एवं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेशों के अनुपालन पर चर्चा की गई। जिसमें सरोगेसी में प्रावधिन, उम्र, पात्रता एंव दंड के प्राविधानों को लेकर विचार-विमार्श किया। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने भी अपने सुझाव रखे। विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने बताया कि उत्तराखंड में राज्य स्तरीय एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड तथा राज्य स्तरीय अप्रोप्राइटी अथॉरिटी का गठन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में एआरटी क्लीनिक एवं एआरटी बैंकों के लिये अबतक दो दर्जन से अधिक आवेदन प्राप्त हुये हैं। सभी प्रकार के आवेदनों पर पंजीकरण की प्रक्रिया गतिमान है। राष्ट्रीय बोर्ड से प्राप्त दिशा निर्देशों के उपरांत राज्य स्तरीय बोर्ड की बैठक आहूत कर प्राप्त आवेदनों पर निर्णय ले लिया जायेगा।

वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत के अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ0 विनीता शाह, संयुक्त सचिव एम0एस0 चैहान, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 मीतू शाह, अपर निदेशक चिकित्सा उपचार डॉ0 अमलेश कुमार, संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण सहित अन्य विभागीय अधिकारी ने भी प्रतिभाग किया।

आंगनबाडी व स्कूलों के मिडण्डे मील में भी शामिल होगा मिलेट्स

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान समय में बेहत्तर स्वास्थ्य के लिये मोटा अनाज को अपने आहार में शामिल करना जरूरी हो गया है। इसके लिये प्रदेश में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देना होगा। मोटे अनाजों की बढ़ती मांग से जहां एक ओर नये रोजगार का सृजन होगा वहीं पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन में भी कमी आयेगी। राज्य सरकार शीघ्र ही आंगनबाडी केन्द्रों व स्कूलों के मिडडेमील में भी मोटे अनाजों को शामिल करेगी।

यह बात स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के तत्वाधान में शीशमबाडी ऋषिकेश में आयोजित आईवाईओएम 2023 ईट राइट मिलेट्स मेला के शुभारम्भ के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को यूएनओ के आह्वान पर पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें भारत की भूमिका अहम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव पर ही यूएनओ ने वर्तमान वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। उत्तराखंड मोटे अनाजों के उत्पादन का प्रमुख केन्द्र रहा हैए लिहाजा मोटे अनाजों के उत्पादन एवं प्रचार-प्रसार में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में मंडवे की खेती को प्रोत्साहन देने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य रूपये 25 से बढ़ाकर रूपये 35ण्50 कर दिया है। सहकारिता विभाग के अंतर्गत राज्य सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदेशभर में सीधे किसानों से मंडवे का क्रय किया जा रहा हैए जोकि किसानों की आय दुगनी कराने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। इसके अलावा झंगोराए चौलाईए चिणाए कुट्टू आदि मोटे अनाजों के पैदावार व प्रचारण्प्रसार पर भी सरकार कृषि विभाग के माध्यम से विशेष प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने मेले में आये विभिन्न होटलए रेस्ट्रो व स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से मोटे अनाजों के पकवान को बढ़ावा देने का अह्वान किया तथा उनके द्वारा मौके पर तैयार मोटे अनाजों के विभिन्न व्यंजनों की सराहना की। मेले में विभिन्न स्कूलों से आये छात्रण्छात्राओं द्वारा मोटे अनाजों पर आधारित पेंटिंग्स एवं रंगोली का प्रदर्शन किया गया जिसका स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने बारीकी से अवलोकन किया तथा छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रदर्शन के लिये पुरस्कृत भी किया।
कार्यक्रम में अपर आयुक्त एफडीए अरूणेन्द्र सिंह चौहान ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुये बताया कि यह वर्ष का पहला मिलेट्स मेला है जिसको अंतर्राष्ट्रीय कैंडी कम्पनी सेंटर फ्रेश व लेमन ट्री द्वारा प्रायोजित किया गया। उन्होंने मेले में प्रतिभागिता के लिये रोटरी क्लब व प्रायोजक कम्पनी सहित देहरादूनए ऋषिकेश के होटलए रेस्ट्रा प्रतिनिधियों व विभिन्न स्वयं सहायता समूहों तथा एनजीओ का आभार जताया। प्रायोजक कंपनी के प्रतिनिधि प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिये वह आगे भी राज्य सरकार द्वारा आयोजित मेलों में हरसंभव अपना सहयोग प्रदान करते रहेंगे। मिलेट्स मेले में स्थानीय लोगों के साथ ही छात्र-छात्राओं ने मोटे अनाजों से बने विभिन्न पकवानों का जमकर लुत्फ उठाया। कार्यक्रम का संचालन विनय ध्यानी ने किया।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी टिहरी सौरभ गहरवार, सीएमओ, पंचायतीराज अधिकारी मुख्य कृषि अधिकारी एआर कॉपरेटिवए उपायुक्त एफडीएए औषधि नियंत्रकए जिला खाद्य अधिकारी बीज बचाओ अंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी सहित विभिन्न स्कूलों के छात्रण्छात्राएं व शिक्षक उपस्थित रहे।

आईईसी-मीडिया कार्यशाला में एनएचएम कार्मिकों को मिले निर्देश

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिये मीडिया और आइईसी टीम की भूमिका महत्वपूर्ण है। दोनों के मध्य समन्वय बनाने का जिम्मा राज्य व जिला स्तर पर तैनात आइईसी कोडिनेटर का है। कार्यशाला में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहत्तरी को लेकर मीडियाकर्मियों ने कई सवाल उठाये तथा दो दर्जन से अधिक सुझाव भी दिये, जिस पर विभागीय मंत्री ने प्राप्त सुझावों पर अमल करने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के तत्वाधान में देहरादून में आयोजित एक दिवसीय आइईसी-मीडिया कार्यशाला एवं स्वास्थ्य संवाद में स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया और आइईसी की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की सही जानकारी सूबे के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में दोनों का अहम योगदान है, बशर्ते कि राज्य व जिला स्तर पर आइईसी मीडिया के साथ तालमेल बना कर कार्य करे। डॉ0 रावत ने कहा कि कार्यशाला में मीडिया कर्मियों से प्राप्त सुझावों पर विभाग अमल करेगा। इसके लिये उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं से प्राप्त सुझाव स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिये मार्गदर्शन का कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा शीघ्र ही प्रदेश के सभी जनपदों में इसी प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा ताकि मीडिया व आइईसी के बीच बेहतर तालमेल व संवाद बना रहे। जिसका लाभ आम आदमी को भी मिल सकेगा।

कार्यशाला में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 भारती राणा, सीएमओ देहरादून डॉ0 मनोज उप्रेती, कोरोनेशन जिला अस्पताल की पीएमएस डॉ0 शिखा जांगपांगी सहित सभी जनपदों से आये डीपीएम एवं आईईसी कोर्डिनेटस् एवं मेडिकल कॉलेजों के जनसम्पर्क अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्य एवं दायित्वों को लेकर आइईसी और डीपीएम कसे पेंच
आइईसी-मीडिया कार्यशाला के उपरांत विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने सभी जनपदों एवं मेडिकल कॉलेजों से आये आइईसी एवं डीपीएम की बैठक ली। जिसमें उन्होंने एनएचएम तथा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित सभी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार, मीडिया के साथ कोडिनेशन, योजनाओं की मॉनिटिरिंग तथा उनकी रिपोर्टिंग एवं डॉक्यूमेंटेशन में धीमी प्रगति को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुये सभी को अपने कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन सही से करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला अस्पताल एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की जानकारी से संबंधित होर्डिंग्स, वॉल पेंटिंग व बैनर लगाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने आइईसी कोर्डिनेटर्स को जनपद, तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर चिकित्साधिक्षकों के साथ समन्वय स्थापित कर अस्पतालों में किये जा रहे बेहतर कार्यों को भी विभिन्न संचार माध्यमों से जनता के सामने लाने के निर्देश दिये साथ ही विभिन्न वेलनेस सेंटरों में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) से समन्वय बनाते हुये उनके द्वारा किये जा रहे क्रियाकलापों का भी प्रचार-प्रसार करने को कहा।

टीबी मुक्त अभियान में भागीदारी निभायेंगे निजी पैरामेडिकल कॉलेज

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिये प्रदेशभर के निजी पैरामेडिकल कॉलेज भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इस अभियान के तहत प्रत्येक पैरामेडिकल कॉलेज अधिक पांच टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके उपचार में सहयोग करेंगे। जबकि जनपद देहरादून के सभी निजी विद्यालय भी स्वास्थ्य विभाग के इस अभियान में अपना सहयोग देंगे। स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर आगामी 12 जनवरी से प्रदेशभर में रक्तदान पंजीकरण अभियान तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती 23 जनवरी से रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जायेगा।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में दून मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित बैठक में निजी पैरामेडिकल कॉलेज एवं देहरादून जनपद के निजी विद्यालयों के संचालकों एंव प्रबंधकों ने प्रतिभाग किया। जिसमें कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न महत्वपूर्ण अभियानों एवं योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सामाजिक दायित्वों के अंतर्गत सभी शिक्षण संस्थानों को केन्द्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, राष्ट्रीय रक्तदान अभियान, नशा एवं तम्बाकू मुक्त अभियान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी है। इसी के तहत राज्य में उत्तराखंड टीबी मुक्त अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है जिसके तहत राज्य को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डॉ0 रावत ने कहा कि इस लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने के लिये राज्य के स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाया गया है जबकि विद्यालयी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, समाज कल्याण एवं सहकारिता सहयोगी बनाया गया है। उन्होंने सभी निजी पैरामेडिकल कॉलेजों, निजी विद्यालयों के संचालकों से इस अभियान को सफल बनाने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित अपने क्षेत्र के कम से कम पांच-पांच टीबी मरीजों को गोद लेकर एक साल तक उन्हें पोषण किट उपलब्ध कराने एवं मोरल सपोर्ट देने का आह्वान किया। जिस पर सभी शिक्षण संस्थनों के संचालकों ने अपनी सहमती व्यक्त की। इसी क्रम में उन्होंने निजी पैरामेडिकल संस्थानों को अपने-अपने यहां रक्तदान के लिये सभी छात्र-छात्राओं एवं स्टॉफ का पंजीकरण करने तथा नशा मुक्त अभियान, तम्बाकू मुक्त अभियान भी चलाने को कहा।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर 12 जनवरी से प्रदेशभर में रक्तदान पंजीकरण अभियान चलाये जायेंगे साथ ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती 23 जनवरी से रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जायेगा। इसी तरह 26 जनवरी से प्रदेशभर में ड्रग फ्री कैंपेन संचालित किये जायेंगे। डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य में संचालित समस्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत लगभग 40 लाख छात्र-छात्राओं की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने के लिये चरणबद्ध योजना तैयार की जा रही है, ताकि जरूरत पड़ने पर सभी को छात्र-छात्राओं को सुलभ चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।

बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, पूर्व महानिदेशक डॉ0 तृप्ति बहुगुणा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निजी पैरामेडिकल कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष राम कुमार शर्मा, महासचिव ललित जोशी, निजी विद्यालय एसोसिएशन के पदाधिकारी, सीएमओ देहरादून डॉ0 मनोज उप्रेत, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डॉ0 मुकुल सती, सहित निजी पैरामेडिकल कॉलेज एवं देहरादून के निजी विद्यालयों के संचालक एवं प्रबंधक उपस्थित रहे।

एक माह में स्वास्थ्य विभाग में शुरू करें रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रियाः धन सिंह रावत

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लम्बे समय से रिक्त चल रहे विभिन्न श्रेणी के पदों को भरे जाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी। इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारियों से एक माह के भीतर रिक्त पदों का पूरा विवरण तैयार कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय हेतु स्वीकृत बजट तथा नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन के कार्यों की धीमी प्रगति पर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है। आईएमए के पदाधिकारियों की मांग पर क्लीनिकल एसब्लिशमेंट एक्ट में छूट संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में लाने का निर्णय लिया गया।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लम्बे समय से रिक्त विभिन्न श्रेणी के पदों को न भरे जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को एक माह के भीतर रिक्त पदों का ब्यौरा तैयार कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आईपीएचएस मानकों के तहत सभी राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सक, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, तकनीकी स्टॉफ सहित वार्ड ब्वॉय के पदों को भरा जाना अति आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की, विशेषकर इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के तीन शहरी जनपदों देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में शहरी गरीब जनसंख्या के लिये 115 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाये जाने हैं, जिनका निर्माण शहरी विकास विभाग के द्वारा कराया जाना है। स्वास्थ्य महानिदेशालय को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु स्वीकृत बजट खर्च की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये उन्होंने कहा कि अधिकारी सभी मदों में बजट को समय पर खर्च करना सुनिश्चित करें।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड इकाई ने राज्य सरकार से छोटे अस्पतालों को क्लीनिकल एसब्लिशमेंट एक्ट के कुछ प्रावधानों में छूट देने की मांग की है। जिसके लिये शीघ्र ही छूट संबंधी प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जायेगा। बैठक में विभागीय मंत्री ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत धीमी प्रगति वाले चार जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, अपर निदेशक डॉ0 मीतू शाह एवं आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ0 अजय खन्ना सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने थपथपाई विभागीय अधिकारियों की पीठ

हरिद्वार जनपद के रूड़की उप जिला अस्पताल को गुणवत्ता पूर्ण कार्यों एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) एवं लक्ष्य पुरस्कार द्वारा नवाजा गया। जिस पर विभागीय मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने जनपद हरिद्वार के उप-जिला चिकित्सालय (एस.डी.एच.), रुड़की को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन.क्यू.ए.एस.) व लेबर रूम गुणवत्ता सुधार पहल (लक्ष्य सर्टिफिकेशन) पुरस्कार से नवाजे जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंन कहा कि वर्ष 2022 हेतु एसडीएच रूड़की को यह पुरस्कार 07 अलग-अलग प्रभागों सामान्य प्रशासन, लेबर रूम, मैटरनिटी ओ.टी., जनरल ओ.टी., ब्लड बैंक, मैटरनिटी वार्ड व प्रयोगशाला में गुणवत्ता पूर्ण कार्य के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि सर्वे टीम द्वारा माह अगस्त में उप-जिला चिकित्सालय, रुड़की का निरीक्षण किया और अस्पताल में मानकों के अनुरूप सभी चिकित्सकीय व्यवस्थाएं पाई। चिकित्सालय में अलग उच्च निर्भरता इकाई (एच.डी.यू.), ट्रेज रूम, सेप्टिक लेबर रूम के साथ ही उत्तराखंड के पहले कार्यात्मक एलडीआर लेबर रूम का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही चिकित्सालय में पूरी तरह से स्वचालित कपड़े धोने की मशीन, प्रयोगशाला में टोकन सिस्टम, ओ.टी. ज़ोनिंग, नवीनतम तकनीक से युक्त व दिव्यांगजनों के अनुकूल शौचालय आदि जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ, तकनीकी स्टॉफ, फैसिलिटी इंचार्ज, गुणवत्ता विभाग के नोडल, नर्सिंग टीम, हाउसकीपिंग टीम व प्रशासनिक टीम के कठिन परिश्रम व आम जनमानस को उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते एन.क्यू.ए.एस. एवं लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्राप्त किया, इसके लिये चिकित्सालय की समस्त टीम को बधाई और शुभकामनाएं। डॉ0 रावत ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 05 चिकित्सा इकाइयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन.क्यू.ए.एस.) व 14 चिकित्सा इकाइयों को लेबर रूम गुणवत्ता सुधार पहल (लक्ष्य सर्टिफिकेशन) प्रमाणपत्र मिल चुका है। जबकि एन.क्यू.ए.एस. के लिए 08 चिकित्सा इकाइयों व लक्ष्य सर्टिफिकेशन के लिए 12 चिकित्सा इकाइयों को सार्टिफिकेशन की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।

उत्तराखंड के सभी वेलनेस सेंटरों पर नियुक्त किये जायेंगे सीएचओ

प्रदेशभर में संचालित सभी वैलनेस सेंटरों पर आम लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिये शीघ्र ही वेलनेस सेंटरों पर 664 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती की जायेगी। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश भर के सभी वैलनेस सेंटरों पर और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिये शीघ्र ही 664 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) की विभिन्न वैलनेस सेंटरों पर नियुक्ति की जायेगी। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश भर में सीएचओ के 1604 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 940 पदों पर सीएचओ कार्यरत हैं, जबकि 664 पद रिक्त हैं। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 88 पद, बागेश्वर में 23, चमोली में 26, चंपावत में 21, देहरादून में 26, हरिद्वार में 10, नैनीताल में 29, पौड़ी गढ़वाल में 125, पिथौरागढ़ में 104, रुद्रप्रयाग में 19, टिहरी गढ़वाल में 145, ऊधमसिंह नगर में 7 और उत्तरकाशी में 41 पद रिक्त हैं।

विभागीय मंत्री ने कहा कि शासन ने सीएचओ के रिक्त 664 पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को दी है, विश्वविद्यालय ने रिक्त पदों पर भर्ती के लिये विज्ञप्ति जारी कर दी है। शीघ्र ही विश्वविद्यालय चयनित अभ्यर्थियों की सूची विभाग को उपलब्ध करा देगा। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य सरकार का मकसद सूबे में मजबूत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है जिसके लिये सरकार निरंतर प्रयासरत है।

नि-क्षय मित्र पंजीकरण में लगातार दूसरे पायदान पर उत्तराखंड

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत नि-क्षय मित्र पंजीकरण में उत्तराखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है। राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों द्वारा पंजीकरण किया गया है स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन सभी नि-क्षय मित्रों को स्थानीय स्तर पर तपेदिक रोगी उपलब्ध करा दिये गये हैं। सूबे में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। जिसके लिये विभिन्न संस्थाओं, विभागों के साथ-साथ सामुदायिक सहयोग लिया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य हैं जहां टीबी रोगियों को गोद लेने के लिये सर्वाधिक नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों ने अपना पंजीकरण किया है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 428, बागेश्वर में 84, चमोली में 197, चम्पावत में 140, देहरादून में 458, पौड़ी में 356, हरिद्वार में 886, नैनीताल में 8843, पिथौरागढ़ में 242, रूद्रप्रयाग में 78, टिहरी गढ़वाल 261, ऊधम सिंह नगर में 1095 और उत्तरकाशी में 153 शामिल है। उन्होंने बताया कि ये सभी नि-क्षय मित्र गोद लिये गये टीबी रोगियों के उपचार एवं देखभाल में सहयोग करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य में 14536 टीबी रोगी पंजीकृत हैं जिसमें से 12766 रोगियों ने सामुदायिक सहायता प्राप्त करने के लिये अपनी सहमति प्रदान कर दी है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद के 367, बागेश्वर के 159, चमोली के 316, चम्पावत के 175, देहरादून के 2398, पौड़ी के 460, हरिद्वार के 3330, नैनीताल के 1909, पिथौरागढ़ के 291, रूद्रप्रयाग के 213, टिहरी गढ़वाल के 426, ऊधम सिंह नगर के 2351 और उत्तरकाशी के 401 मरीज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। इसके लिये प्रदेशभर के निजी शिक्षण संस्थानों, विभिन्न विभागों के सचिवों एवं निदेशकों, समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों, विभिन्न संगठनों, व्यापारिक घरानों, एनजीओ सहित प्रतिष्ठित व्यक्तियों से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी रोग उन्मूलन में सहयोग लिया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रत्येक नि-क्षय मित्र कम से कम एक और अधिकतम पांच टीबी मरीज गोद लेकर उनके उपचार में सहयोग प्रदान कर सकता है। गोद लिये गये टीबी रोगियों की नि-क्षय मित्र द्वारा समय-समय पर देखभाल की जायेगी साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषण हेतु फूड बास्केट भी उपलब्ध कराना होगा।

मुख्यमंत्री ने आयुष्मान आरोग्य रथ को फ्लैग ऑफ कर किया रवाना


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों, चिकित्सकों एवं आरोग्य मित्रों आदि को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस योजना के लाभार्थियों से संवाद कर उनके विचार सुने। उन्होंने लाभार्थियों से जन स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ी इस योजना को जन-जन तक पहुंचाने में मददगार बनने की अपील की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान आरोग्य रथ को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना देश की ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है जिसमें 5 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष चिकित्सा उपचार की व्यवस्था है। समाज के 90 प्रतिशत लोगों को इस योजना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य बेहतर भविष्य का मार्ग बनाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना दी है। देश की आजादी के बाद किसी ने इस दिशा में नहीं सोचा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश स्वास्थ्य के साथ ही हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है। आयुष्मान योजना का आम जनमानस को सीधे लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पदचिन्हों पर चलकर राज्य में विकास के कार्य आगे बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश के सभी परिवारों को राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से आच्छादित किया गया है। इस योजना के तहत अभी तक प्रदेश में लगभग 5.68 लाख लोग अपना उपचार करा चुके हैं, जिस पर 980 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले यदि परिवार में कोई बीमार होता था तो कई परिवार बिलों का भुगतान करने में असमर्थ होते थे। इसलिए मरीज इलाज करवाने में असहज महसूस करते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में हताशा व निराशा का वातावरण था। श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश व दुनिया में भारत का मान व सम्मान बढ़ा है। हर क्षेत्र में नेतृत्व करने वाला भारत बना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का जीवन बचाने वाले चिकित्सक ईश्वर का वरदान है। हमें अच्छे कार्यों का फल अवश्य प्राप्त होता है। असहायों की सहायता हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को संतुष्टि के भाव के साथ मिले। यह सुनिश्चित करना चिकित्सकों एवं चिकित्सा संस्थानों का है। इसके लिये भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के निराकरण में सरलीकरण समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के भाव के साथ कार्य करने से ही समस्याओं के समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत पिछले चार सालों में 5.68 लाख लोगों को लाभान्वित कर लगभग 980 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है। उन्होंने कहा कि अब इस योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति के इलाज पर होने वाले व्यय की उसे भी जानकारी दी जाने की व्यवस्था की गई है। राज्य में शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बने इसके लिये आशा कार्यकत्रियों को भी जिम्मेदार दी गई है। योजना के क्रियान्वयन में आरोग्य मित्रों की सेवा ली जा रही है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्याधिकारी अरुणेन्द्र सिंह चौहान ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना राज्य में दिनांक 23 सितम्बर 2018 को एसईसीसी 2011 की जनगणना के आधार पर चिन्हित 5.24 लाख परिवारों को एवं अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना दिनांक 25 दिसम्बर, 2018 को शेष 10.46 लाख परिवारों को निःशुल्क कैशलेस उपचार उपलब्ध कराने हेतु लागू की गयी जबकि कर्मचारियों एवं पेंशनरों को गोल्डन आयुष्मान कार्ड की व्यवस्था की गयी है।

कार्यक्रम में प्रभारी सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना सहित योजना के लाभार्थी, संस्थानों के प्रतिनिधि, चिकित्सक एवं आरोग्य मित्र आदि उपस्थित थे।

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