साहित्यकार हमें नई सीख प्रदान करते है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में साहित्यकार डा. मुनि राम सकलानी की पुस्तक ’आजादी का अमृत महोत्सव और हिन्दी की प्रगति यात्रा’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में आजादी से लेकर अब तक राजभाषा के विकास के लिए हुए विभिन्न कार्यों के बारे में जानकारी देने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
’आजादी का अमृत महोत्सव और हिन्दी की प्रगति यात्रा’ पुस्तक के लेखक डा. मुनि राम सकलानी ने कहा कि पुस्तक में आजादी से लेकर अब तक इन 75 वर्षों में राजभाषा हिन्दी की प्रगति यात्रा का विस्तृत वर्णन एवं भारत सरकार की राजभाषा नीति के तहत किये प्रयासों का उल्लेख किया गया है। पुस्तक में देश के साथ-साथ वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिन्दी की स्थिति पर प्रकाश डाला गया। हिन्दी के उद्भव व विकास से लेकर राजभाषा के व्यावहारिक व प्रयोजनमूलक पक्ष को अधिक उजागर किया गया है। कार्यालयीन हिन्दी को एक वृहद परिप्रेक्ष्य में रखने का प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर पूर्व कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय डा. सुधा पाण्डेय, वरिष्ठ साहित्यकार शिवमोहन सिंह, डा. रंजिता सिंह, आशा, जयकृष्ण सकलानी, डा. सत्यानंद बडोनी उपस्थित रहे।

पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्य स्मृति पर हिंदी के अध्यापकों का सम्मान

महान शिक्षाविद पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्य स्मृति पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर हिंदी विषय के अध्यापकों को क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने शॉल पहनाकर सम्मानित भी किया। इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि जर्मनी यात्रा के दौरान अपनी मातृभाषा में बात करने का सौभाग्य मिला।
बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पंडित मदन मोहन मालवीय को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया। मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय संस्कृति के संरक्षक रहे। उन्होंने चरित्र निर्माण को सर्वाेपरि स्थान देते हुए भारतीय युवाओं को अपनी सनातन संस्कृति के साथ-साथ आधुनिकतम ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा से समृद्ध करने के उद्देश्य से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि महामना मालवीय ने केवल राजनीतिक स्वतंत्रता और सामाजिक विषमताओं के विरुद्ध ही विशद संघर्ष नहीं किया अपितु भारतीय जनमानस को विदेशियों की मानसिक दासता से मुक्त करने के लिए वैचारिक आंदोलनों का भी संचालन किया।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि पंडित मालवीय ने भारत के अधिकाधिक जनों की हिंदी भाषा के महत्त्व को समझाया और उसकी सुरक्षा, प्रचार-प्रसार में प्राणपण से जुट गए। उन्होंने अपने लेखों द्वारा हिंदी के लिए जन-जागृति उत्पन्न की। मालवीय को यह अटल विश्वास था कि सिर्फ हिंदी में ही राष्ट्रभाषा बनने की क्षमता है। वे हिंदी और संस्कृत भाषा के प्रबल पक्षधर थे।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि महामना हिंदी सुरक्षा के ऐसे शक्तिशाली स्तंभ बनकर उभरे जिसने अपनी विद्वता से मां हिंदी के ललाट को सुसज्जित किया। उन्होंने ऐसी कई संस्थाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण योगदान किया। जो हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं उन्नति के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इस मौके पर राइका प्रतीतनगर धूम सिंह खंडेलवाल, सत्येश्वरी देवी इंटर कॉलेज रायवाला प्रमोद बडोला, राइका गढ़ी सुधा रानी, नीता गोस्वामी, राइका खदरी सुधीर दुबे, राइका छिद्दरवाला चंडी रावत, दून घाटी इंटर कॉलेज गुमानीवाला वी एस बिष्ट, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज सुशीला बडथ्वाल, पंजाब सिंध क्षेत्र इंटर कॉलेज ललित किशोर शर्मा, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज आवास विकास नागेंद्र पोखरियाल, राइका आईडीपीएल श्याम सुंदर रयाल को सम्मानित किया।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा, ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, महामंत्री जयंत शर्मा, पूर्व पालिका अध्यक्ष शंभू पासवान, देवेंद्र नेगी, राकेश चंद्र, विनोद जुगलान, पार्षद विरेंद्र रमोला, प्रदीप कोहली, संजीव पाल, सोबन सिंह कैंतुरा, देवदत्त शर्मा, बलविंदर सिंह, संजीव सिलस्वाल, मानवेन्द्र कंडारी, आशुतोष शर्मा, रूपेश गुप्ता, सिमरन गाबा आदि उपस्थित रहे।