जोशीमठ में प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर दी जा रही है 1.5 लाख रूपये की अंतरिम सहायता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धसाव प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जायेगा। बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में जारी की जाएगी। 03 हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रूपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में भूधसाव के कारण प्रभावित भू-भवन स्वामियों/परिवारों को स्थाई अध्यासन विस्थापन नीति तैयार होने से पूर्व 01 लाख रूपये की अग्रिम धनराशि दी गई है। प्रभावित भू-भवन स्वामियों / परिवारों को अपने भवन के सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोजय एकमुश्त विशेष ग्रान्ट के रूप में 50 हजार रूपये की धनराशि दी गई है। यह धनराशि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा जारी की गई। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में कुल खर्चे का पूरा आकलन कर सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु अपने एक माह का वेतन दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में जिन मकानों में दरारें आयी हैं, उन मकानों को ध्वस्त करने की अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने सभी से अपील की है कि इन अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को तब तक ध्वस्त न कराया जाय, जब तक अपरिहार्य न हो। मुख्यमंत्री जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओं की अधिकारियों से नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जोशीमठ क्षेत्र में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी हर समस्याओं का शीघ्रता से निदान किया जाय। सुरक्षा की दृष्टि से जिन परिवारों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट कराया जा रहा है उनको वहां सभी बेहतर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जाय कि यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के इस दुःख-दर्द में सरकार द्वारा उनको हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र में शासन के उच्चाधिकारी क्षेत्र में प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम मौके पर प्रशासन के अधिकारियों के साथ सभी व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धसाव प्रभावित क्षेत्र में भूगर्भीय तथा अन्य आवश्यक जांचें संबंधित संस्थाओं द्वारा की जा रही है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की टीम भी मौके पर मौजूद है।

जोशीमठ में एसडीआरएफ की टीम बढ़ा रही लोगों का मनोबल

जोशीमठ में हो रहे हैं भू धंसाव की वजह से घरों में दरारों के दृष्टिगत एसडीआरएफ टीमें अलर्ट मोड़ पर है। पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देशन में एसडीआरएफ की आठ टीमों को प्रथम चरण में जोशीमठ में तैनात किया गया है। एसडीआरएफ की यह टीमें अन्य इकाईयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जहां एक ओर भूधंसाव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रही है वहीं दूसरी ओर दिन व रात प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी नजर रखते हुए प्रभावित लोगों का मनोबल बढ़ाने में भी प्रयासरत है।

सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा द्वारा स्वयं मौके पर पहुंचकर सम्पूर्ण स्थिति का जायज़ा लिया गया व जोशीमठ में ही कैम्प कर ग्राउंड जीरो पर एसडीआरएफ की कमान संभाली जा रही है। वस्तुस्थिति देखने के उपरान्त स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल एसडीआरएफ टीमों को प्रभावित क्षेत्र में दिन के साथ साथ रात्रि में भी कड़ी निगरानी रखने हेतु निर्देशित किया गया। जिसके अनुपालन में रात्रि में भी एसडीआरएफ टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी गश्त के माध्यम से निगरानी करते हुए स्थिति पर नजर रखी जा रही है और आकस्मिक स्थिति होने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में सहायता भी प्रदान की जा रही है। साथ ही वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट से एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें मय आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र पहुंच गई है,जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में कम से कम समय में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके।
इसके साथ ही आसपास की अन्य पोस्टों पर भी एसडीआरएफ के जवानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी अकस्मात स्थिति के उतपन्न होने पर सभी टीमें कम से कम समय मे त्वरित राहत और बचाव कार्य कर सके।
वाहिनीं मुख्यालय, जॉलीग्रांट में भी समस्त फ़ोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी प्रकार के बैक अप की आवश्यकता पड़ने पर टीमें त्वरित रिस्पांस हेतु पूर्णतः तैयारी हालत में है। समस्त रेस्क्यू उपकरणों की भी क्रियाशीलता को जांचकर तैयारी हालत में रखा गया है।
एसडीआरएफ कंट्रोल रूम भी हाई अलर्ट पर है व समस्त स्टाफ को निर्देशित किया गया है कि समस्त सूचनाओं का आदान प्रदान त्वरित हो व प्रत्येक सूचना को गम्भीरता से लिया जाए और किसी भी अक्समात स्थिति पर त्वरित रिस्पांस सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने जोशीमठ भू धंसाव के संबंध में ली उच्चाधिकारियों की बैठक

जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलम्ब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बन्ध में शासन में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलम्ब खाली कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाईनों, सीवर एवं विद्युत लाईनों आदि को भी दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि भू-धंसाव के कारण पेयजल की टूटी लाइनों से भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाईनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव नितेश झा एवं डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा सहित अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

जोशीमठ के स्थलीय निरीक्षण के बाद आपदा प्रबन्धन केन्द्र में सीएम ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू धंसाव क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण एवं पीडितो से मुलकात के बाद वापस देहरादून पहुंचने पर सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जोशीमठ भू धंसाव से पीडित लोगों की मदद एवं राहत एवं बचाव के साथ विकास कार्याे के अनुश्रवण हेतु अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन स्तर पर तथा आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर समन्वय समिति का गठन तत्काल किया जाय। यह समिति क्षेत्र में किये जा रहे सभी कार्यों का निरन्तर अनुश्रवण करेगी ताकि पीडितो की हर सम्भव मदद तथा क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी लायी जा सके।

सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम और आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार कल से जोशीमठ में कैम्प करेंगे।
मुख्यमंत्री ने पीडितों की मदद के लिये आपदा मानको से हट कर भी मदद किये जाने तथा सी.एस.आर के तहत भी राहत की व्यवस्था के निर्देश दिये। उन्होंने आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत कार्यों की स्वीकृति आदि के लिये उच्चाधिकार समिति के गठन की भी बात कही ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी से कार्य हो सके। जोशीमठ को भूस्खलन एवं भूधंसाव क्षेत्र घोषित करने के साथ जिलाधिकारी चमोली का आपदा मद में 11 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर निदेशक राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द (एन.आर.एस.सी) हैदराबाद तथा निदेशक भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) से जोशीमठ क्षेत्र का विस्तुत सेटलाइट इमेज के साथ अध्ययन कर फोटोग्राफस के साथ विस्तुत रिर्पाेट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही उप महानिदेशक भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान से कोटी फार्म, जड़ी बूटी संस्थान, उद्यान विभाग की जोशीमठ स्थित भूमि एवं पीपलकोटी की सेमलडाला स्थित भूमि की पुनर्वास की उपयुक्कता हेतु भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अपेक्षा की गई है।

इसके साथ ही निदेशक आईआईटी रूड़की, निदेशक वाडिया इंस्टियूट आफ हिमालयन ज्योलाजी, निदेशक नेशनल इंस्टीटयूट आफ हाइड्रोलॉजी रूड़की एवं निदेशक सी.एस.आई.आर., सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टियूट रूड़की से भी जोशीमठ क्षेत्र का अपने स्तर से विस्तृत सर्वेक्षण एवं अध्ययन कर रिर्पाेट प्रस्तुत करने की अपेक्षा की गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जोशीमठ क्षेत्र के सर्वेक्षण अध्ययन के लिये केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के स्तर पर विभिन्न संस्थानों का आपसी समन्वय भी सुनिश्चत किया जाय ताकि इस सम्बन्ध में त्वरित ढंग के स्थायी कारगर प्रयास सुनिश्चित किये जा सके। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र को और अधिक प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रणजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यालय अधिकारी आपदा सविन बंसल, आईजी एस.डी.आर.एफ. रिद्धिम अग्रवाल के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने जोशीमठ में प्रभावितों से मिलकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ पहुंचकर शहर के भूधसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रभावित लोगों ने सीएम से अपनी बात साझा की।प्रभावितों के साथ सीएम भी भावुक हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खडी है। जोशीमठ का धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है और हम सबकी आस्था व पर्यटन का केन्द्र है। इस समय हम सबके सामने इस सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बड़ी चुनौती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। भूधंसाव रोकने के लिए तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। खतरे की जद में आए पूरे शहर में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाएंगे। जिसके लिए विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। शहर की सुरक्षा के लिए सीवर एवं ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द ही कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत इस समय तत्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते उन पर फोकस किया जा रहा है। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है।

सीएम राहत कोष से भू धंसाव से विस्थापित परिवारों को सरकार करेगी मदद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जोशीमठ में भू धंसाव के कारण विस्थापित परिवारों को मकान किराये के लिए 4 हजार रूपये प्रति माह की दर से 6 माह तक दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि स्वीकृत की गई है। जनपद चमोली के तहसील जोशीमठ के नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के अन्तर्गत विगत दिनों से हो रहे भूधसाव से प्रभावित ऐसे परिवार जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण अधिवासन योग्य नहीं है अथवा ऐसे परिवार जो बेघर हो गये हैं, परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किराये के मकान में अस्थायी रूप से विस्थापित करने के लिए ₹4000 प्रति परिवार की दर से 6 माह के किराये मद में मुख्यमंत्री राहत कोष से अग्रिम के रूप में व ₹1.00 करोड़ (एक करोड मात्र) स्वीकृत कर जिलाधिकारी चमोली के निवर्तन रखा गया है।

जोशीमठ में भूधसाव मामले में सीएम ने प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने का दिया आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भूधसाव के सन्दर्भ में कल 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक सायं छह बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चतुर्थ तल पर आहूत की गई है।

बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढवाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जो अधिकारीगण मुख्यालय में उपस्थित हैं भौतिक रूप में एवं अन्य अधिकारीगण जो मुख्यालय से बाहर हैं, ये वीडियो कान्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से प्रतिभाग करेंगे।

उधर आज सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढवाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डा.बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है। गढवाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की गई। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।

जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्याे पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोका गया है।

प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को एहतियातन अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए है।

जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को लेकर प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है। प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए है।

भू-धसाव बढने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि कोई जानमाल का नुकसान न हो। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है।

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपर जिलाधिकारी डा.अभिषेक त्रिपाठी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डा.दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। जोशीमठ भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

जोशीमठ में सीता माता अखंड महायज्ञ में सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बड़ागांव में सीता-माता (सितूण) अखण्ड महायज्ञ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बडागांव में 42 साल बाद सीता माता का महायज्ञ हो रहा है, हम सौभाग्यशाली हैं कि इसके साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सब पर भगवान श्री राम एवं माता सीता का आशीर्वाद एवं कृपा बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बडागांव में माता सीता मंदिर के निर्माण के लिए धनराशि दी जायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में नई कार्य संस्कृति आई है। कोविड पर भारत ने प्रभावी नियंत्रण किया। दो स्वदेशी वैक्सीन बनाई और 20 करोड़ से अधिक कोविड डोज अन्य देशों को भी भारत ने दी। जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 07 लाख से अधिक परिवारों को पेयजल के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। राज्य में गरीबों को साल में 03 सिलेण्डर मुफ्त देने का जो संकल्प लिया गया। इसके लिए इस बार के बजट में व्यवस्था की गई है और इसका शासनादेश भी हो चुका है। बुजुर्गों एवं विधवाओं को दी जाने वाली पेंशन में भी वृद्धि की गई है। किसी परिवार में पति-पत्नी दोनों बुजुर्ग हैं, तो दोनों को पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री बद्रीनाथ के मास्टर प्लान के लिए 280 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। चारधाम सर्किट में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में पार्किंग सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। देवभूमि उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए 1064 एप लांच किया गया है। अधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में 10 बजे से 12 बजे तक जनसुनवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में 207 प्रकार की जांचे निःशुल्क की जा रही हैं।

इस अवसर पर विधायक अनिल नौटियाल, भोपाल राम टम्टा, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना, एसपी स्वेता चौबे, मेला समिति के अध्यक्ष डॉ. मोहन सिंह रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मी रावत, ग्राम प्रधान विमला भंडारी आदि उपस्थित थे।