सराहनीयः केदारनाथ में घोड़ा-खच्चर से हुआ 101.34 करोड़ का कारोबार

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर है। बाबा केदार के कपाट गुरुवार 27 अक्टूबर को विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए, इसके अलावा यमुनोत्री के कपाट भी विधिविधान से बंद कर दिए गए। इधर सरकार के प्रयासों से कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा की रौनक़ पुनः पटरी पर लौटती हुई नजर आई। चारधाम यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़ कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ़ घोड़ा खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस- पास कारोबार हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर ख़ुशी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कथनानुसार आने वाला दशक उत्तराखण्ड है उसकी शुरूआत आज से ही हो चुकी है। इस बार की चार धाम यात्रा बहुत उत्साहवर्धक रही है। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। प्रधानमंत्री द्वारा धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों को ख़रीद पर पाँच प्रतिशत खर्च करने के लिए अपील की गई है। आने वाले समय में हम स्थानीय उत्पादों के बिक्री की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। मानस खंड कारीडोर के मास्टर प्लान का काम भी शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। हमारी सरकार का उद्देश्य समस्त पौराणिक मंदिरों को संवारने का है और उसको पर्यटन से जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों व कुशल यात्रा प्रबंधन की बदौलत 46 लाख यात्रियों ने इस वर्ष चार धाम यात्रा की। पिछले दो दशक में यह सबसे अधिक आँकड़ा है वहीं श्री केदारनाथ धाम की अकेले बात की जाए तो यहाँ 15 लाख 36 हजार तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को भी यात्रा साकार करती है। चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की लाईफ लाईन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप केदारनाथ व बदरीनाथ धाम का पुनर्विकास किया जा रहा है।

केदारनाथ में हुआ 190 करोड़ से अधिक का कारोबार

इस वर्ष केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से भी काफ़ी बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस- पास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने करीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। जिससे सरकार को भी 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ।

यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का हुआ 21 करोड़ का कारोबार

इधर यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है। यमुनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े खच्चर पंजीकृत हैं , जिला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है। यह आँकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है।

जीएमवीएन की अनुमानित आय भी 50 करोड़ के क़रीब

इसके अलावा चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल / होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं भी पिछले छः माह तक बुक रही। पिछले सालों तक ळडटछ जहां आर्थिक नुकसान झेल रहा था इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आय कर चुका है। ळडटछ के प्रबंध निदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह आँकड़ा 50 करोड़ के करीब जाने का अनुमान है। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है।

प्रधानमंत्री ने यात्रा खर्चे का 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री ने बीते 21 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम स्थित माणा गाँव में वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते। ऐसे में अब भविष्य को देखते हुए चारधाम यात्रा में स्थानीय उत्पादों को भी बड़ा मार्केट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

इस मायने में भी खास रही यात्रा

गौरीकुण्ड-केदारनाथ व गोविंदघाट-हेमकुंड साहित्य रोपवे परियोजनाओं का भी प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया था। इनके बनने से श्रद्धालुओं की घंटों की यात्रा मिनटों में पूरी होगी।

उत्तराखंड की आईडी पर ई-पास बनाकर केदारनाथ सवारी ले जा रहा था दिल्ली युवक, पुलिस ने पकड़ा

मुनिकीरेती पुलिस ने उत्तराखंड की आईडी पर ई पास लेकर दिल्ली के यात्रियों को केदारनाथ लेकर जा रहे एक चालक को पकड़ लिया पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

मुनीकीरेती थाना प्रभारी रामकिशोर सकलानी ने बताया कि तपोवन बैरियर पर चेकिंग के दौरान एक दिल्ली नंबर डीएल6सीआर- 1401 की कार दिखाई दी। कार को रोककर चालक से पूछताछ की तो उसने केदारनाथ जाना बताया इस संबंध में चालक ने ई-पास भी दिखाया। ई-पास की जांच करने पर मालूम हुआ कि उक्त चालक ने हरिद्वार के ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड से ईपास बनाया हुआ है, इसके अलावा चालक दिल्ली के तीन व्यक्तियों को बिना कोरोना टेस्ट और सूचना के कैलाश गेट से केदारनाथ लेकर जा रहा था। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी चालक सेन पाल पुत्र वीरसेन निवासी रविदास गली विश्वास नगर दिल्ली के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया कि सभी यात्रियों की आईडी की बैरियर पर सघन चेकिंग की जा रही है।

अगले माह यात्रियों की संख्या में होगा इजाफा

केदारनाथ यात्रा के लिये आपदा के बाद अच्छी खबर है। बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर दिये हैं। बाबा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकंडा चार लाख पार पहुंच चुका है।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बाद इस बार केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बरसात के मौसम में भी यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं, जिससे देश-विदेश में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया है। मई माह में कपाट खुलने के बाद चार माह के समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे हैं। आगामी दो महीने में भी केदारघाटी के सभी होटल-लॉलों में एडवांस बुकिंग आ चुकी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पांच लाख से अधिक यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचेंगे।
इधर, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह यात्रा सीजन यात्रा के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा गुजर रहा है। आपदा के बाद यात्रा पटरी पर लौट चुकी हैं बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह की यात्रा के लिये भी एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। मौसम भी खुल रहा है। बरसात का सीजन समाप्त होने वाला है। ऐसे में अधिक यात्रियों के आने की उम्मीदे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।