भूमिगत केबलिंग परियोजना का कुंभ क्षेत्र में हुआ लोकार्पण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने वर्चुअल माध्यम से हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया।

उन्होंने कहा कि इसी तारतम्य में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की आईपीडीएस योजना के अंतर्गत हरिद्वार के कुंभ क्षेत्र में आज भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया गया है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह का आभार जताया।

मुख्यमंत्री एकीकृत विद्युत विकास योजना के अंतर्गत हरिद्वार की विद्युत लाइनों को केबल के माध्यम से भूमिगत किए जाने के लिए भारत सरकार ने 388.49 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने पर केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं भूमिगत केबलिंग का कार्य सफलतापूर्वक एवं समय पर पूर्ण कराने पर सराहना भी की। कहा कि इस परियोजना का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विजन के अनुरूप किया गया है और इस प्रक्रिया में स्थानीय व्यक्तियों के हितों को सर्वोपरि रखा गया है। इस भूमिगत केबलिंग परियोजना के लोकार्पण से कुंभ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में कोई भी व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा और हरिद्वार के उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति हो सकेगी। इससे बारिश और आंधी-तूफान से जर्जर तारों के टूटने और इससे होने वाली संभावित दुर्घटनाएं भी टल जाएंगी। विद्युत लाइनों के अंडरग्राउंड होने से जहां रखरखाव के खर्च में कमी आएगी वहीं आवासीय व वाणिज्यिक क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए खुला स्थान उपलब्ध हो सकेगा। इसके साथ ही सड़कों का चैड़ीकरण भी आसानी से हो सकेगा, जिससे वाहनों का दबाव भी कम होगा।

केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि आज हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया गया है यह कुंभ क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि सभी नागरिकों के लिए खुशी का दिन है। हरिद्वार लोंगों की आस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। हरिद्वार के विकास में हमें भी योगदान देने का मौका मिला, यह हमारा शौभाग्य है। उन्होंने कहा कि अंडरग्राउण्ड केबलिंग से बिजली की गुणवत्ता में बहुत सुधार आता है। अन्डरग्राउण्ड केबलिंग से विद्युत हानि में भी काफी कमी आयेगी। उन्होंने इस प्रोजक्ट को जल्द पूर्ण करवाने के लिए सचिव ऊर्जा राधिका झा एवं यूपीसीएल के अधिकारियों को बधाई दी। आर.के. सिंह ने कहा हरिद्वार में अंडरग्राउण्ड केबलिंग को और विस्तार देने के प्रयास किये जायेंगे। अंडरग्राउण्ड केबलिंग की व्यवस्था से जुड़ने वाला बनारस के बाद हरिद्वार दूसरा राज्य है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भारत सरकार द्वारा बनारस के बाद हरिद्वार शहर को भूमिगत कैबलिंग के लिए चयनित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरिद्वार में कुम्भ मेले के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण पर्वों में भी भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। भूमिगत केबल होने से यहां की आम जनता के साथ ही श्रद्धालुओं को भी काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि भूमिगत कैबलिंग से बिजली चोरी में भी कमी आयेगी। मुख्य सचिव ने हरिद्वार शहर में भूमिगत केबल के कार्य को समय से पूर्व पूर्ण किए जाने को एक उपलब्धि बताते हुए केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री से उत्तराखण्ड के अन्य पर्यटक स्थलों में भी भूमिगत केबल किए जाने का अनुरोध किया।

लोकपरंपरा व संस्कृति के रंगों से सराबोर हुई कुंभनगरी

हरिद्वारः कुंभ 2021 के लिए तैयार हो रही धर्म नगरी इस बार लोक परंपराओं व संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठी है। यहां दीवारों पर उकेरा गया धार्मिक आस्था, लोक परंपराओं व पौराणिक सांस्कृति का वैभव भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा। सरकार की ओर से धर्मनगरी को सजाने-संवारने के साथ ही स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “राज्य सरकार दिव्य और भव्य कुम्भ के लिए प्रतिबद्ध है। प्रयास किए जा रहे हैं कि कुंभ में यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु उत्तराखण्ड की लोक व सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू हों।“

प्रदेश में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन के लिए सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। हरिद्वार कुंभ-2021 को भी इसके लिए मुफीद मौका माना जा रहा है। इसके लिए चित्रकला को जरिया बनाया गया है। कुंभ क्षेत्र में सरकारी भवनों समेत पुल, घाट आदि की दीवारों को धार्मिक मान्यताओं के पौराणिक चित्रों व संस्कृति के रंग बिखेरते चित्रों से सजाया गया है। इसके पीछे भी मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए श्रद्धालुओं के मन में आस्था भाव का तो जागृत हो ही वह यहां की परंपरा, संस्कृति और पौराणिक विरासत से भी रूबरू हो सकें। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के ‘पेंट माई सिटी’ कैम्पेन से धर्म नगरी की फिजा ही बदल दी गई है। यहां दीवारों व खाली स्थानों पर देवभूमि की परंपराओं और संस्कृति के बखरे पड़ें रंग देखने लायक है। कहीं देवी-देवताओं, धार्मिक परम्पराओं के तो कहीं लोक संस्कृति के चित्र सजीवता लिए हुए हैं। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र को चित्रकला से सजाने में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप मेक माय सिटी कैंपेन से धर्म नगरी में परंपराओं और संस्कृति के रंग भी देखने को मिलेंगे। कुंभ तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य होगा।

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