अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले-धामी

रामनगरी अयोध्या में प्रवास के दूसरे दिन उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ’दिल्ली सेवा धाम ट्रस्ट’ की प्रस्तावित धर्मशाला के शिलान्यास पूजन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ में आहूति दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला के निर्माण के बाद रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले देश और दुनिया के रामभक्तों को विश्व स्तरीय आवासीय सुविधा मिलेगी। इससे पूर्व उन्होंने जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मिलकर उनका हाल जाना और आशीर्वाद लिया।
धर्मशाला के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। मंदिर को दिव्य और भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। मंदिर निर्माण से अयोध्या पूरी दुनिया के लिए एक धार्मिक केन्द्र बन जाएगा। उसके बाद यहां रामभक्तों और श्रद्धालुओं की आवाजाही और अधिक बढ़ जाएगी। यहां श्रद्धालुओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए सामाजिक संगठनों को भी सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामभक्तों को अयोध्या में ठहरने के लिए उच्चस्तरीय सुविधा मुहैया करवाने के लिए ’दिल्ली सेवा धाम ट्रस्ट’ भव्य धर्मशाला का निर्माण कर रहा है। आगे चलकर यह धर्मशाला एक धरोहर बनने के साथ ही स्थानीय लोगों और रामभक्तों के लिए बहुपयोगी साबित होगी।
इससे पहले सुबह के वक्त मुख्यमंत्री ने मणिराम दास की छावनी पहुंचकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। महंत नृत्य गोपाल दास ने मुख्यमंत्री को रामनामा भेंट कर आशीर्वाद दिया।
इस मौके पर सांसद लल्लू सिंह, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा व अन्य लोग भी मौजूद रहे।

लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी सहित सभी आरोपियों को बाबरी विध्वंस मामले में क्लीनचीट

आखिरकार 28 साल के लंबे इंतजार के बाद बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सभी आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया गया है। सीबीआई न्यायधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। फैसला सुनाते वक्त सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने कहा कि बाबरी विध्वंस की घटना कोई पूर्व नियोजित नहीं थी। मस्जिद को ढाए जाने की घटना आकस्मिक थी।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना में साजिश के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि वीडियो कैसेट के सीन भी स्पष्ट नहीं, कैसेट्स को सील नहीं किया गया और फोटोज की निगेटिव नहीं पेश की गई।

कोर्ट ने यह भी कहा कि 12 बजे विवादित ढांचा के पीछे से पथराव शुरू हुआ। अशोक सिंघल ढांचे को सुरक्षित रखना चाहते थे, क्योंकि ढांचे में मूर्तियां थीं। कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने को कहा गया था। बता दें कि किसी ने कोर्टरूम में किसी ने जय श्री राम के नारे भी लगाए।

फैसला कानून और हाईकोर्ट के खिलाफ
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह फैसला कानून और हाईकोर्ट दोनों के खिलाफ है। जफरयाब जीलानी ने कहा कि विध्वंस मामले में जो मुस्लिम पक्ष के लोग रहे हैं उनकी तरफ से हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि एलआईयू की रिपोर्ट में पहले से थी 6 दिसम्बर 1992 को अनहोनी की आशंका, लेकिन उसकी जांच नहीं की गई।

यह आरोपी हुए बरी
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश वर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण सिंह, कमलेश्वर त्रिपाठी, रामचंद्र, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमरनाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, स्वामी साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर। यह सभी आरोपी वर्तमान में जीवित है। अब वह आरोपी जो इस दुनिया में नहीं है। इसमें अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, विजयाराजे सिंधिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, डीबी राय (तत्कालीन एसएसपी), रमेश प्रताप सिंह, महात्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास और विनोद कुमार बंसल शामिल है।