उत्तराखंड सरकार ने तीन महिलाओं को दिया राज्यमंत्री का दर्जा

तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में प्रथम याचिका करने वाली ऊधमसिंह नगर की शायराबानो को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यमंत्री के पद से नवाजा है। कुछ दिनों पूर्व ही शायरा बानो ने भाजपा का दामन थामा था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दो अन्य महिला कार्यकर्ताओं को भी राज्यमंत्री बनाया है। काशीपुर की शायरा को महिला आयोग में प्रथम उपाध्यक्ष, रानीखेत की ज्योति शाह को द्वितीय उपाध्यक्ष और चमोली की पुष्पा पासवान को तृतीय उपाध्यक्ष बनाया है।

कौन है शायदा बानो…

बीते साल दो बच्चों की मां 35 वर्षीय मुस्लिम महिला शायरा बानो जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचती है तो तीन तलाक के खिलाफ अभियान एक बार फिर जिंदा हो उठता है।

शायरा बानो ने साल 2016 की फरवरी में अपनी याचिका दायर की। वे कहती हैं कि जब वह अपना इलाज कराने के लिए उत्तराखंड में अपनी मां के घर गईं तो उन्हें तलाकनामा मिला।

शायरा बानो ने इलाहाबाद में रहने वाले अपने पति और दो बच्चों से मिलने की कई बार गुहार लगाई लेकिन उन्हें हर बार दरकिनार कर दिया गया और उन्हें अपने बच्चों से भी मिलने नहीं दिया गया। शायरा बानो ने अपनी याचिका में इस प्रथा को पूरी तरह प्रतिबंधित करने की मांग उठाई। उन्होंने ये भी कहा है कि हलाला और कई पत्नियां रखने की प्रथा को भी गैर कानूनी ठहराया जाए।

वे कहती हैं, ये सारी प्रथाएं गैरकानूनी, असंवैधानिक, लैंगिक न्याय के खिलाफ और भेदभाव करने वाली हैं। कुुरान और शरिया में एक बार में तीन बार तलाक बोलने की प्रथा का जिक्र नहीं है, बीते कई सालों में कई महिलाएं अलग-अलग अदालतों में तीन तलाक को चुनौती देती आई हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री ने नये विषयों को शामिल करने पर दिया जोर

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा परिषद् की 8वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में रूसा फेज-2 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय को महाविद्यालय हेतु अनुमोदित स्वीकृत योजनाओं पर चर्चा हुई तथा रूसा फेज-1 की योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि रूसा से आच्छादित सभी राज्य विश्वविद्यालय वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार नये विषयों को शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। कॉलेजो में ऐसे ट्रेड या कोर्सेज भी चलाए जाए जो राज्य के स्थानीय कलाओ, परम्परागत शिल्पों, पारम्परिक उद्यमों तथा स्थानीय संसाधनों पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं से जुड़े विषयों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। उच्च शिक्षा मंत्री रावत ने कहा कि महाविद्यालयों में शासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार शैक्षणिक व अन्य प्रकार के 172 पदों का अधियाचन भेजा जा चुका है।

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डॉ. धनसिंह रावत द्वारा रूसा फेज-2 में विश्वविद्यालयों के संरचनात्मक अनुदान के अन्तर्गत विश्वविद्यालयों के लिये स्वीकृत धनराशि का समय से सदुपयोग करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने निर्देश दिए कि स्वीकृत धनराशि से विश्वविद्यालय में अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार शीघ्रता से किया जाए। उन्होंने कॉलेजों को निर्देश दिए कि रूसा-1 के सभी कार्यों को हर हाल में 15 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी महाविद्यालयों में बायोमैट्रिक से उपस्थिति को सख्ती से लागू किया जाए। इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाए।
डॉ. धनसिंह रावत ने निर्देश दिए कि महाविद्यालय का जुलाईध्अगस्त 2019 में नैक से प्रत्यायन के लिये शीघ्रता से प्रयास करें। उन्होंने कहा कि राज्य में मॉडल एवं प्रोफेशनल कॉलेजों को खोलने की कार्यवाही में तेजी लायी जाए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की उपाध्यक्ष दीप्ती रावत भारद्वाज, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं महाविद्यालयों के महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।

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