कांग्रेस पार्टी ने कृषि कानून पर की राजनीति, किसानों को भड़काने का किया कामः नैनीताल सांसद

उत्तराखंड में जल्द ही पांच सौ से एक हजार तक फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी। कांग्रेस पार्टी ने कृषि कानून पर हमेशा राजनीति की है, किसानों को बिल के संबंध में हमेशा भड़काने का ही काम किया है, जबकि यह कानून किसानों के हित में है। मोदी सरकार ने बिचैलिया राज खत्म किया है। इससे किसानों को किसी भी प्रकार की हानि नहीं है। मोदी सरकार फरवरी माह से पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी ऋण देकर किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। सांसद अजय भट्ट ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान यह बातें कहीं।

भाजपा जिला कार्यालय आयोजित वार्ता में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत करीब एक लाख करोड़ रूपये का ऋण किसानों को देगी। जिसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन में 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए चार सौ करोड़, फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है। जिसकी शुरूआत फरवरी से होगी। कहा कि मौन पालन के लिए 500 करोड़ रूपये अवमुक्त भी किए जा चुके हैं। कहा कि दोनों विधेयक किसानों के हित में है। कांट्रेक्ट फार्मिग में किसानों को फसल की बुआई के पहले ही कीमत तय कर ली जाएगी। इसमें सिर्फ फसल की बात होगी न कि भूमि की। इसके अलावा किसान अपनी फसल की कीमत स्वयं लगाएगा। ऐसे में कहीं से भी किसानों को हानि नहीं होगा।

कहा कि वर्ष, 2009-10 में कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए 12 हजार करोड़ का बजट रखा था जिसे बीजेपी सरकार ने बढ़ाकर एक लाख 34 हजार करोड़ कर दिया गया। कहा कि किसान सम्मान निधि के रूप में डीबीटी के माध्यम से 10 करोड़ किसानों के खाते में 75 हजार करोड़ रूपये भेजे। इसके बाद भी कांग्रेस किस तरह से मादी सरकार को बदनाम कर रही है। कहा कि कृषि कानून में किसानों के लिए फसल बेचने में जो बैरियर लगे थे वह खत्म हुए। एमएसपी निर्धारित की गई है तभी धान की खरीद उसी आधार पर हो रही है। किसानों को बताना है कि मंडी अब भी है और भविष्य में भी रहेगी। किसान रेट पता करें और जहां आसानी हो वहां अपनी फसल बेच सकते हैं।

उत्तराखंड में पलायन रोकने को सांसद अजय भट्ट ने मांगा विशेष पैकेज

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उत्तराखंड के गांवों से पलायन संबंधी मुद्दा गूंजा। नैनीताल सीट से सांसद अजय भट्ट ने इस विषय को उठाया। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग भी रखी।

सांसद अजय भट्ट ने कहा कि राज्य के 16793 गांवों में से लगभग 1582 गांवों के लोग पूरी तरह से पलायन कर चुके हैं। उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ-साथ भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा हुआ है। चीन तथा नेपाल से अक्सर भारत विरोधी गतिविधियां हो रही हैं। ऐसे में इन गांवों का पूरी तरह से वीरान हो जाना चिंतनीय है। कहा कि केंद्र सरकार को इन गांवों को फिर से बसाने के लिए उत्तराखंड प्रदेश को एक विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए, इससे पलायन कर चुके इन गांवों के लोगों को वापस उनके गांव में आने के लिए प्रेरित किया जा सके। उनको बुनियादी सुविधाओं में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा रोजगार के साधन उन्हीं के गांवों में उपलब्ध कराए जा सकें। इससे रिवर्स पलायन भी रूकेगा और सीमांत क्षेत्रों में देश विरोधी गतिविधियों को रोकने में मदद होगी।