पत्रकारों के महाधिवेशन में उत्पीड़नात्मक घटनाओं पर हुई चिंता व्यक्त

रूद्रपुर (उघमसिंहनगर)। उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में आये पत्रकारों ने यहां आयोजित नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के द्विवार्षिक महाधिवेशन में उनके साथ होने वाली हिंसक और उत्पीड़नात्मक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की। कई वक्ताओं ने कैशलेस चिकित्सासुविधा और दुर्घटना बीमा पर कार्यवाही आगे न बढ़ने पर सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया।

महाधिवेशन के पहले दिन प्रिंट व इनेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा न्यूज पोर्टल पत्रकारों के साथ कम्यूनिटी रेडियो और तहसील स्तरीय रिपोर्टरों की प्रेस मान्यता का मुद्दा महाधिवेशन में छाया रहा। पत्रकारों ने मीडिया विज्ञापन सूचिबद्धता, उत्तराखण्ड से प्रकाशित समाचार पत्रों की उपेक्षा कर राज्य से बाहरी प्रदेश के प्रकाशनों के विज्ञापन जारी करने पर भी चिंता जाहिजाहिर की। विभिन्न जिला इकाइयों के जिलाध्यक्षों ने अपनी इकाई की ओर से वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए पत्रकारों के हित में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। अधिवेशन में निर्णय लिया गया कि महाधिवेशन में पारित प्रस्ताव और मांगों से सरकार और सूचना विभाग को अवगत कराते हुए सबको साथ लेकर संघर्ष की रणनीति तय की जायेगी।
रूद्रपुर के होटल उदय रेजीडेंसी में आयोजित दो दिवयी द्विवार्षिक महाधिवेशन के दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड छोलिया नृत्य से की गयी जिसकी थाप पर पत्रकार खूब नाचे। इस अवसर यूनियन की स्मारिका उत्तर पथ 2022-23 का भी विमोचन किया गया. पत्रकारों के महासम्मेलन कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय भूषण गर्ग के द्वारा की गयी।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य के सूचना आयुक्त योगेश भट्ट एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून के अध्यक्ष अजय राणा, अति विशिष्ट अतिथि में जिला प्रभारी पुष्कर सिंह काला और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भाजपा मौजूद रहे।

नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के इस महाधिवेशन में पूरे प्रदेश से ईलेक्ट्रोनिक प्रिंट और वेब मीडिया के पत्रकारों ने महासम्मेलन में भाग लिया और पत्रकारों के हितों के लिए अनेक सुझाव रखे। उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस वक़्त मीडिया की स्थिति बेहद चिंताजनक है एक पत्रकार विभिन्न विषम परिस्थितियों में समाज और देश के लिए कर्तव्यों का पालन कर रहा है लेकिन उत्तराखंड में पत्रकार सुरक्षा और सुविधा से आज भी वंचित है उन्होने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि हम सभी को एक होकर पत्रकारों के हितों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए।
उत्तराखंड राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने भी पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कहने को पत्रकार चौथा स्तम्भ कहलाता है लेकिन चौथे स्तम्भ का संविधान में कहीं कोई उल्लेख नहीं है लेकिन फिर भी एक पत्रकार संविधान का न दिखने वाला चौथा स्तम्भ बनकर आज लड़ाई लड़ रहा है इस बदलते परिवेश में जहां खबरों का मतलब केवल सूचना देना रह गया है वही पत्रकारों को आज खबर के सही मायने समझने होंगे कि उनके द्वारा प्रकाशित की गयी ख़बर यथा स्थिति में वही है जो ख़बर है या फिर किसी प्रभाव के वो ख़बर वो नहीं है जो वास्तविकता में है, साथ ही यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कुछ घटनाएँ ख़बर के रूप में तो होती है लेकिन वो देश और समाज में नकारात्मकता और वैमनस्य आदि पैदा करती है इसलिए ख़बर के प्रकाशन से ज्यादा ख़बर को छुपाना भी कभी कभी देश और समाज के हित में हो जाता है जिसका सभी पत्रकारों को ध्यान रखना चाहिए।
आगे योगेश भट्ट ने कहा कि देश में आज भी भ्रष्टाचार है और हमारे हाथ में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सूचना का अधिकार है लेकिन दुर्भाग्य से उत्तराखंड में सूचना के अधिकार का उपयोग बहुत कम होता है जिसे हमें बढ़ाना होगा और जब प्रत्येक पत्रकार सूचना के अधिकार का उपयोग करेगा तो धीरे धीरे भ्रष्टाचार भी कम होता चला जाएगा ।
इसी कढ़ी में नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के संस्थापक और नवनिर्वाचित अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने भी पत्रकारों को संबोधित किया और पत्रकारों के हितो को लेकर बात की । त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने कहा कि आज अनेक राज्यों में पत्रकारों की सुरक्षा हेतु कानून बन चुके है लेकिन उत्तराखंड में पत्रकार इससे अछूते है जिस कारण पत्रकारों का उत्पीड़न होना एक आम बात हो गयी है । त्रिलोक चंद्र भट्ट ने आगे कहा कि हमें बड़ा पत्रकार और छोटा पत्रकार की सोच से आगे बढ़ना होगा और पत्रकार किसी भी क्षेत्र का हो हम सभी को एक होकर यह लड़ाई लड़नी होगी । नव निर्वाचित अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट के द्वारा कई सुझाव भी संगठन को दिये गए एनयूजे के सभी सदस्यों और पदाधिकारियों ने पत्रकारों की सुरक्षा हेतु कानून ,स्वास्थ्य बीमा योजना ,कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत पत्रकारों का पंजीकरण ,इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट के अलावा वेब मीडिया के पत्रकारों और कम्यूनिटी रेडियो के पत्रकारों को मान्यता आदि प्रस्तावों पर संगठन के समस्त पत्रकारों की मुहर लगाई गयी ।
अध्यक्षता कर रहे द्रोण ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन विजय भूषण गर्ग ने भी मंच से विचार रखे,उन्होनें कहा कि नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट का मतलब राष्ट्रवादी पत्रकार संगठन होता है आज के परिवेश में राष्ट्रवादी होना बहुत जरूरी है और अगर पत्रकारों का एक संगठन
राष्ट्रवादी सोच के साथ पत्रकारिता करता है तो वह एक तरह से देश के हित के लिए कार्य कर रहा है विजय भूषण गर्ग ने एनयूजे के प्रत्येक सदस्य निरंतर निर्भीक निष्पक्ष होकर कार्य करने के लिए बधाई दी ।
एनयूजे के द्विवार्षिक महाअधिवेशन में उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित उत्पादों की प्रदर्शन भी लगाई गयी जिसमें स्वयंसेवी संस्थाओं और सांस्कृतिक विभाग के द्वारा जैविक उत्पाद सोलर उत्पाद और विभिन्न कलाकृतियों और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे पत्रकारों की पत्रिकाओं समाचार पत्रों और रचनाओं की प्रदर्शनी लगाई गयी । इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हस्तियों को सम्मान दिया गया जिसमें पत्रकारिता क्षेत्र में वरिष्ठ पत्रकार उमेश कश्यप, पर्यावरण क्षेत्र में डॉ मनमोहन सिंह, राष्ट्रीय स्तर एथलीट में लंबी कूद में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने पर होली चाइल्ड स्कूल से शगुन सिंह,शूटिंग में राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक जीतने पर डीपीएस एकेडमी के मास्टर धैर्य डांगी, बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मास्टर करमनदीप सिंह,जिला शासकीय अधिवक्ता ब्रीट सिंह समाजसेवी हरविंदर सिंह चुघ, अरुण चुघ, प्रथम बिष्ट, राजीव त्यागी, लकी खरबन्दा, आशु अहमद और उदय रेसिडेंसी से सिद्धान्त त्यागी को सम्मानित किया गया । पत्रकारिता के साथ कोरोनाकाल में रक्तदान, जन सेवा, पशु सेवा के लिए बागेश्वर से जगदीश उपाध्याय, हल्द्वानी से संदीप पाण्डे और पूरन रूवाली, धौलछीना (अल्मोड़ा) से दरवान सिंह रावत, जागेश्वर से कैलाश भट्ट, हरिद्वार से मुकेश सिंह सूर्या सूर्या सिंह राणा, उत्कृष्ट लेखन के लिए बागेश्वर के पत्रकार शंकर पाण्डे भी सम्मानित हुए।
महा विद्या कला केंद्र दिनेशपुर से आए चित्रकारों ने स्केच से नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, उधमसिंह नगर के जिलाध्यक्ष भूपेश छिमवाल, तथा नैनीताल की जिलाध्यक्ष दया जोशी का स्केच बनाकर सबका मन मोह लिया चित्रकारों में सुदीपता तरफदार विशाल राय और प्रीति हलदार को भी सम्मानित किया गया ।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के महाधिवेशन की मेजबानी उधम सिंह नगर इकाई के सदस्यों द्वारा की गयी जिनमें मुख्य रूप से आयोजकों में जिलाध्यक्ष भूपेश छिमवाल,जिला महा सचिव सागर गाबा उपाध्यक्ष शादाब हुसैन कोषाध्यक्ष गिरधर सिंह रावत,नगर रुद्रपुर नगर अध्यक्ष तापस विश्वास जिला प्रचार मंत्री ब्रिज किशोर मण्डल दिनेशपुर नगर अध्यक्ष काजल राय रहे और मंच का संचालन रवि सरकार के द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम में नवनिर्वाचित कार्यकारिणी से अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, महासचिव सुनील मेहता, उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह और संदीप पाण्डेय प्रदेश सचिव गोपाल गुरूरानी और हरपाल सिंह प्रदेश संगठन मंत्री गिरीश बिष्ट और जगदीश उपाध्याय प्रदेश प्रचार मंत्री पुष्पेन्द्र राणा और हयात राम आर्य कोषाध्यक्ष शशि शर्मा एवं कार्यकारिणी सदस्य धन सिंह बिष्ट,सुनील शर्मा,जोध सिंह रावत, धर्मानन्द खोलिया, कैलाश चन्द्र भट्ट, अरुण कुमार मोगा, कुलदीप सिंह, राजकुमार केसरवानी उपस्थित रहे ।
साथ ही एनयूजे के अधिवेशन के दौरान उत्तराखंड प्रदेश के विभिन्न जिलों से भारी संख्या में आए सदस्यों में नैनीताल जिले से जिलाध्यक्ष दयाजोशी, जिला महासचिव पूरन रुवाली,कोषाध्यक्ष ईश्वरी दत्त भट्ट जिला उपाध्यक्ष दान सिंह लोधियाल जिला सचिव मनोज जोशी सदस्य पंकज बिष्ट,हल्द्वानी महानगर अध्यक्ष आनंद बत्रा महासचिव विजय गुप्ता ,लालकुआ नगर अध्यक्ष मुन्ना अंसारी नगर सचिव पंकज पांडे, चंपावत से जिलाध्यक्ष जगदीश राय चमोली से अध्यक्ष डॉ. अवतार सिंह नेगी, बागेश्वर से जिला उपाध्यक्ष संजय शाह जगाती, हरिद्वार से जिलाध्यक्ष प्रमोद पाल अल्मोड़ा से जिलाध्यक्ष दरवान सिंह, पौड़ी से पुष्पेन्द्र राणा देहरादून से अनुज अवस्थी, दया शंकर पांडे और संदीप नेगी आदि सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहे।

उत्तराखंड आंदोलन में पत्रकारों की भूमिका और अनुभव को लेकर संगोष्ठी का आयोजन

उत्तराखंड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख संस्था नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट द्वारा यहां आयोजित एक संगोष्ठी में पत्रकारों ने राज्य आंदोलन में मीडिया कवरेज के अनुभव और आंदोलन में उनकी भूमिका पर विचार साझा किये।
’नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट’ (एनयूजे उत्तराखंड) की हरिद्वार जनपद इकाई द्वारा ’राज्य आंदोलन की कहानी, कलमकारों की जुबानी’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अपनी लेखनी से योगदान देने वाले पत्रकार और राज्य आंदोलनकारी एक मंच पर जुटे।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवल और उनके पुष्पाभिनन्दन के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में
यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पाल ने अपनी कार्यकारिणी के साथ अतिथियों का स्वागत करते हुए अतिथियों के सम्मान में स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया।
संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य आंदोलन के दौर में अमर उजाला और हिमालय दर्पण को अपनी सेवाएं दे चुके वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल ने नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स द्वारा मीडिया के माध्यम से आयोजित इस परिचर्चा को एक अच्छी शुरुआत बताते हुए कहा कि उस समय आंदोलन में जो घट रहा था हमने उस सच्चाई को देश दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा हमने कोई अहसान नहीं किया बल्कि जनता तक वास्तविकता पहुंचाने के लिए अपने कर्तव्य का पालन किया। उन्होंने कहा कि आन्दोलन तो उत्तराखंड को विरासत में मिले हैं। इनमें आजादी का आंदोलन हो या राजशाही के विरुद्ध आंदोलन हो या सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए चला राज्य आंदोलन हो। डोभाल ने कहा कि राजधानी के मामले में गैरसैंण हमारे लिए गैर हो गया है क्योंकि छत्तीसगढ़ और झारखंड के मुकाबले 22 साल में सरकार उत्तराखंड को एक स्थाई राजधानी नहीं दे पाई है।
देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी पीटीआई की संवाददाता रही शशि शर्मा ने राज्य आंदोलन के दौर की पत्रकारिता में, समाचार संकलन और प्रेषण में आने वाली कठिनाईयों के साथ मसूरी गोलीकांड और हरिद्वार में चले वृहद आंदोलन का संस्मरण बयां किया। उन्होंने मसूरी में गोली चलने के बाद अपने छायाकार पति बालकृष्ण शर्मा के साथ कर्फ्यू में फंसने और भूखे प्यासे रहकर कवरेज करने का घटनाक्रम सुनाया। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन में मीडिया कवरेज की कठिनाइयां आज भी उनके आंखों के सामने जीवंत होकर तैरती हैं। शर्मा ने कहा कि हरिद्वार जनपद के जिस राज्य आन्दोलन को उन्होंने कवर किया, वह अभूतपूर्व और अविस्मरणीय आंदोलन रहा।
दैनिक जागरण में लंबे समय तक पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण झा ने कहा कि हरिद्वार में मीडिया कवरेज करते हुए एक समय ऐसा भी आया कि उन्हें आंदोलनकारियों के गुस्से और आक्रोश से भी डर लगने लगा था। उन्होंने कहा आंदोलनकारियों का जो जज्बा था उसी जज्बे ने इस राज्य का निर्माण किया है। उन्होंने कहा आंदोलनकारियों ने अपना काम किया और मीडियाकर्मी के रूप में हमने अपना फर्ज निभाया। राज्य बनने के बाद जहां सरकार और शासन तक हमारी पहुंच आसान हुई है वहीं विकास भी हुआ है। उत्तर प्रदेश के समय 3 विधानसभा सीटों वाला हरिद्वार 11 सीटों तक पहुंच गया। उन्होंने कहा जिन लोगों ने राज्य निर्माण के लिए बलिदान दिया उनके सपने जरूर पूरे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन को कवर करने वाले पत्रकारों की भूमिका किसी भी आंदोलनकारी से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि असली क्रांति पैदा करने और उसका विस्तार देने में मीडियाकर्मियों की बहुत बड़ी भूमिका रही है जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता।बताया कि राज्य आंदोलन के दौरान हरिद्वार जनपद में 25 नामजद और 8000 अज्ञात आंदोलनकारियों के खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें से 9 कोतवाली हरिद्वार, 3 थाना गंगनहर (रूड़की) और एक मंगलौर कोतवाली में दर्ज हुआ था उन्होंने बताया कि जनपद के 11 मुकदमे शासन के आदेश पर वापिस हुए।
इस अवसर नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखंड) द्वारा राज्य आंदोलन को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण झा, रतनमणि डोभाल, शशि शर्मा, विक्रम छाछर, ललितेन्द्र नाथ, श्रीगोपाल नारसन, दीपक नौटियाल, बालकृष्ण शर्मा आदि को राज्य आंदोलन में निष्पक्ष और उत्कृष्ट कवरेज के लिए सम्मानित किया गया। जबकि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष हर्ष प्रकाश काला ने भी राज्य आंदोलनकारियों को उनकी सराहनीय भूमिका के लिए अपने संगठन की ओर से सम्मानित किया।
यूनियन के पूर्व अध्यक्ष विक्रम सिंह सिद्धू ने अगन्तुक अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनकाआभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन यूनियन के संगठन मंत्री मुकेश कुमार सूर्या ने किया।
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय पक्षी विज्ञानी डा. दिनेश भट्ट, जगत सिंह रावत, जसवंत सिंह बिष्ट एसपी चमोली, ख्यातसिंह रावत, घनश्याम जोशी, विजय जोशी, शांति मनोड़ी, सरिता पुरोहित, डा. शिवा अग्रवाल, सुनील पाल, बालकृष्ण शास्त्री, शैलेन्द्र सिंह, सचिन तिवारी, प्रमोद गिरी, विक्रम सिंह सिद्धू, सुदेश आर्या, नवीन पांडे, विनोद चौहान, सूर्या सिंह राणा, वीरेंद्र चड्ढा, मुकेश कुमार सूर्या, हरिनारायण जोशी, धीरेंद्र सिंह रावत, हिमांशु भट्ट, संजू पुरोहित आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री से मिले नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स के पत्रकार, रखी अपनी मांगे

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वे पत्रकारों के हित और उनके कल्याण जुड़े मामलों में गंभीर हैं और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यह बात उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी हैं। उनके द्वारा जनता की समस्याओं और विकास को जिन मुद्दों को समय-समय पर उठाया जाता है उससे सरकार को जन समस्याओं के त्वरित समाधान में मदद मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों के विभिन्न संगठनों द्वारा उठायी गयी विभिन्न मांगे उनके संज्ञान में है जिनके समाधान के लिए उनके उनके द्वारा महानिदेशक सूचना को निर्देर्शित किया गया है।

आज सायं मुख्यमंत्री आवास में नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के संरक्षक त्रिलोक चन्द्र भट्ट के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्य में पत्रकार उत्पीड़न और उन पर होने वालों हमलों के दृष्टिगत पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, आकस्मिक दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले श्रमजीवी पत्रकारों की यथोचित चिकित्सा और बीमा कवर प्रदान करने हेतु उनको दुर्घटना बीमा कवर देने, विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) भारत सरकार की तर्ज पर सूचना एवं लोक सपंर्क विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा निर्गत विज्ञापनों के बीजक की हार्ड कापी के पूर्व साफ्ट कापी ऑनलाइन जमा करने की भी व्यवस्था सहित राज्य में पंजीकृत पत्रकार यूनियनों को चक्रानुसार प्रतिनिधित्व प्रदान करते हुए यथाशीघ्र प्रेस मान्यता समिति का गठन करने की मांग की गई।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष श्रमजीवी पत्रकारों और उनके आश्रितों के यथोचित उपचार के लिए गोल्डन कार्ड सुविधा/राज्य सरकार के पैनल पर सूचीबद्ध अस्पतालों के कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान करने, उत्तराखण्ड के दूर दराज के जिलों से राजधानी देहरादून आने वालों पत्रकारों के लिए बीजापुर गेस्ट हाउस के अतिरिक्त भी रात्रि विश्राम हेतु रियायती दरों पर समुचित व्यवस्था करने, विज्ञापन, चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों/बिलों तथा प्रेस मान्यता आदि मामलों में कोई आपत्ति या कमी पाये जाने पर उसे निरस्त करने के बजाय, आवेदक को आपत्ति ठीक करने का समय देते हुए लिखित रूप से सूचित करने, उत्तराखण्ड के अधिसूचित प्रेस क्लब जिनको किसी भी रूप में सरकारी अनुदान व सहायता मिलती है, उस धन और संसाधनों सहित ऐसे क्लबों की मानीटरिंग/निगरानी के लिए जिला सूचना अधिकारियों को नाोडल अधिकारी नियुक्त किये जाने और उत्तराखण्ड में संचालित सामुदायिक रेडियो संचालकों के कम से कम एक प्रतिनिधि को जनपद स्तर पर शासकीय पत्रकार के रूप में मान्यता प्रदान करने की भी मांग की गयी।

मुख्यमंत्री ने यूनियन की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित कार्रवाई का आश्वान दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर पाण्डे, भूपेश छिमवाल और सागर गाबा उपस्थित रहे।

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