मुख्य सचिव ने ली मसूरी की धारण क्षमता की प्रथम बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा मसूरी की धारण क्षमता एवं सुरक्षा उपायों को लेकर गठित 9 सदस्यीय समिति की प्रथम बैठक संपन्न हुई।

बैठक के दौरान मसूरी क्षेत्र के हिमालयी क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय, वाहन, यातायात प्रबन्धन, ठहरने, फ्लोरा फौना सहित पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों के वहन क्षमता आदि का समग्र अध्ययन पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान बताया गया कि विभिन्न संस्थानों द्वारा पिछले कुछ समय में मसूरी को लेकर कुछ अध्ययन किए गए हैं।

मुख्य सचिव द्वारा समिति के सभी सदस्यों से मसूरी क्षेत्र के लिए उनके स्तर पर किए गए अब तक के सभी अध्ययनों का समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान अब तक किए गए सभी अध्ययनों को संकलित रिपोर्ट तैयार करेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि एनजीटी द्वारा मांगे गए सभी प्रकार के अध्ययनों की रिपोर्ट्स को निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि समिति के अंतर्गत सभी संस्थानों द्वारा इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर लिए जाएं।

इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य सचिवएम.सी. घिल्डियाल, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी, देहरादून, गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, कुमाऊं विश्वविद्यालय, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉ मैकेनिक्स, बेंगलुरु सहित केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

एमडीडीए ने पूर्णानंद आश्रम के निर्माणाधीन हिस्से को किया सील

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण ने तीर्थ नगरी के पूर्णानंद आश्रम के निर्माणाधीन हिस्से को सील किया है।
प्राधिकरण के सहायक अभियंता सुनील गुप्ता ने बताया कि गंगा किनारे स्थित पूर्णानंद आश्रम का निर्माण हो रहा था। इस मामले में आश्रम संचालक को नक्शा पास नहीं कराने और एनजीटी के मानकों की अनदेखी करने पर नोटिस जारी किया था। कुछ दिन निर्माण कार्य रोकने के बाद फिर से शुरू कर दिया था।
बताया कि ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर बन चुका था। नापजोख करने के बाद निर्माणाधीन आश्रम को सील कर दिया गया है। टीम में अवर अभियंता अनुज पांडेय, सुपरवाईजर एसएन भट्ट, सतीश कुमार आदि शामिल रहे।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य के प्रगति की जानकारी दी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि भेंट के दौरान प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड के विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। 2021 में होने वाले महाकुंभ, उत्तराखण्ड के हाइड्रो प्रोजेक्टों व अन्य विषयों को लेकर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने राज्य को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ जी के अपने अनुभवों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साझा किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 2013 की आपदा से प्रदेश के अनेक हाइड्रो प्रोजेक्ट अटक गये थे, जिनमें अधिकांश कार्य हो चुके हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से वे अभी तक पूर्ण नहीं हो पाये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनजीटी व अन्य एजेंसियों से सहयोग मिलता है तो हमारे ये प्रोजेक्ट जल्द पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड लगभग एक हजार करोड़ रूपये की बिजली खरीदता है, इसके बावजूद भी उत्तराखण्ड सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाला राज्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का केदारपुरी से विशेष लगाव होने व केदारनाथ जी के पुनर्निर्माण कार्यों के बाद चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के आगमन में तेजी से वृद्धि हुई है। औसतन 13 हजार से अधिक श्रद्धालु प्रतिदिन श्री केदारनाथ जी के दर्शन कर रहे हैं।

एनजीटी ने गंगाघाटी के 25 कैंपों को दी सशर्त अनुमति

ऋषिकेश। दयाशंकर पाण्डेय
गंगाघाटी में बीच कैंप लगाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। गुरुवार को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने 25 बीच कैपों को सशर्त अनुमति दे दी है। एक-दो दिन में राज्य सरकार के पास फैसला आने की उम्मीद है। बीच कैंप की अनुमति मिलने की खबर से पर्यटन व्यवसायियों में खुशी है।
गुरुवार का दिन ऋषिनगरी के पर्यटन व्यवसायियों के लिए खुशखबरी लेकर आया। एनजीटी ने गंगाघाटी के बीच कैंपों के बारे में फैसला सुनाया। एनजीटी ने गंगाघाटी में 25 बीच कैंपों को सशर्त अनुमति दी लेकिन क्या-क्या शर्तें लगाई हैं, उसके बारे में फैसला लिखित में मिलने तक कुछ नहीं कहा जा सकता।
दो वर्ष से अधिक समय से गंगाघाटी के बीच कैंप एनजीटी के आदेश के बाद बंद हो गए थे जिससे ऋषिनगरी के पर्यटन व्यवसायियों का काफी नुकसान हो रहा था। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी गंगा के बीच कैंपों का आनंद नहीं ले पा रहे थे। पर्यटकों को बीच कैंप ही सबसे अधिक भाते हैं।
गुरुवार को एनजीटी के आदेश के बाद व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे। नरेन्द्रनगर के डीएफओ राहुल ने बताया कि एनजीटी ने गुरुवार को अपने फैसले में गंगाघाटी के 25 बीच कैंपों को सशर्त अनुमति दी है जिसमें वेस्ट मैनेजमेंट प्लान सहित कई प्रमुख नियम हैं। उन्होंने बताया कि वन भूमि में संचालित हो रहे बीच कैंपों को ही अनुमति मिल पाई है। बीच कैंप संचालित करने के लिए एनजीटी ने वन भूमि को वन निगम को हस्तांरित करने के आदेश भी दिए हैं।
डीएफओ राहुल ने बताया कि 25 बीच कैंपों के आवंटन को लेकर शासन स्तर से निर्णय लिया जाना है। एक या दो दिन में आदेश की प्रति शासन को मिल जाएगी। बरहाल, अभी एनजीटी के आदेश की प्रति शासन को नहीं मिल पायी है। गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व गंगाघाटी के 55 बीच कैंपों को एनजीटी के आदेश के बाद बंद करना पड़ा था।