6 मार्च को होगा देहरादून से अयोध्या, अमृतसर और वाराणसी के लिए हवाई सेवाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रयास रंग लाया है। देहरादून से देश के तीन प्रमुख शहरों अयोध्या, अमृतसर और वाराणसी के लिए सीधी हवाई सेवा को केंद्र की मंजूरी मिल गई है। तीनों सेवाओं का छह मार्च को शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री धामी ने तीनों सेवाओं की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार प्रकट किया है।
उद्घाटन दिवस पर देहरादून से अयोध्या के लिए विमान सुबह 9-40 बजे उड़ान भरेगा और पूर्वाह्न 11-30 बजे अयोध्या पहुंचेगा। उसी दिन अयोध्या से दोपहर 12-15 बजे उड़ान भरकर दोपहर 01-55 बजे देहरादून पहुंचेगा।
देहरादून-अमृतसर हवाई सेवा का विमान दोपहर 12 बजे अमृतसर से उड़ान भरेगा और दोपहर 01-10 बजे देहरादून पहुंचेगा। इसी प्रकार देहरादून से दोपहर 1-35 बजे अमृतसर के लिए उड़ान भरेगा और दोपहर 2-45 बजे अमृतसर पहुंचेगा।
वाराणसी के लिए वाया पंतनगर हवाई सेवा भी 6 मार्च से शुरू हो रही है। यात्री विमान प्रातः 9-50 बजे देहरादून से पंतनगर के लिए उड़ान भरेगा और 10-35 बजे पंतनगर पहुंचेगा। इसी प्रकार पंतनगर से 11-15 बजे वाराणसी के लिए उड़ान भरेगा और दोपहर एक बजे वाराणसी में उतरेगा। वाराणसी से विमान दोपहर 1.40 बजे पंतनगर के लिए उड़ान भरेगा और अपराह्न 3-25 बजे पंतनगर पहुंचेगा। पंतनगर से विमान अपराह्न 3-50 बजे उड़ान भरेगा और शाम 4-35 बजे देहरादून पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री धामी तीनों स्थानों के लिए हवाई सेवा शुरू करने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से पूर्व उन्होंने केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध करने के साथ ही पत्र भी लिखा था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि देहरादून से अभी अयोध्या के लिए सीधी उड़ान सेवा उपलब्ध नहीं है। श्रीरामलला के दर्शन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं, अयोध्या से देवभूमि के लिए हवाई सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की यात्रा में भी सुविधा होगी। इसी प्रकार देवभूमि की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री भी इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।

सीएम ने दिए प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के साथ ही दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के साथ ही दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने जौलीग्रांट के साथ ही पंतनगर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की व्यवस्था तथा विस्तारीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु टिकट बुकिंग एवं टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिये भी कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने पर ध्यान देने को कहा है।

सचिवालय में नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के निदेशक मण्डल की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बेहतर हवाई सुविधाओं के आधार पर हमें लोगों को उत्तराखण्ड आने के लिये प्रेरित करना होगा। ऐसा माहौल बनाना होगा ताकि उत्तराखण्ड आना लोगों की आदत बने। फ्रेंडली स्टेट के रूप में हमारी पहचान के साथ राज्य में पर्यटन तथा धार्मिक पर्यटन को अधिक से अधिक बढ़ावा मिले इसके लिये समेकित प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने यूकाडा से आय के संसाधनों में वृद्धि के प्रयासों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि पंतनगर में नाइट लैंडिंग की व्यवस्था बनाये जाने के साथ ही यहां से नियमित रूप से हवाई सेवा संचालित किये जाने के प्रयास किये जायं। यह भी व्यवस्था बनायी जाय कि पंतनगर एवं जौलीग्रांट में वायुयान से उतरने के बाद पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से प्रदेश के विभिन्न सुरम्य पर्यटन स्थलों पर आने जाने की सुविधा उपलब्ध हो। उन्होंने नैनी सैनी, चिन्यालीसौड एवं गौचर हवाई पट्टियों को भी सुविधायुक्त बनाये जाने को कहा ताकि यहां पर भी छोटे वायुयान की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने उड़ान योजना के तहत विकसित किये जा रहे हेलीपोर्टों को भी आवश्यक संसाधनों से सुविधायुक्त बनाये जाने पर भी ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान हेली टिकटों के बुकिंग तथा टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग पर प्रभावी नियंत्रण की कारगर व्यवस्था बनायी जाय। इस संबंध में हेली टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था आईआरसीटीसी के माध्यम से बनाये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।
बैठक में सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाडा सी. रविशंकर द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभागीय कार्यकलापों की जानकारी दी गई। बैठक में यूकाडा की विगत बैठक की कार्यवाही की पुष्टि के साथ ही वर्तमान बैठक में प्रस्तुत विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ ही सहमति प्रदान की गई।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित थे।

जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट का अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा विस्तार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला ने मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार एवं जौलीग्रांट एवं पंतनगर एयरपोर्ट का अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विस्तार किये जाने के साथ ही प्रदेश में हेली पोर्ट के निर्माण आदि से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। उन्होंने जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग की व्यवस्था से सम्बन्धित संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया। मौके पर सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तार हेतु आवश्यक भूमि की उपलब्धता के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सैद्धान्तिक निर्णय ले लिया गया है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थायें की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तार एवं इसे अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किये जाने बाद वहां पर हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग की भी व्यवस्था हो सकती है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रान्ट हवाई के विस्तार से राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सीमान्त क्षेत्र होने के नाते सामरिक दृष्टि से भी इस हवाई अड्डे को अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर हवाई अड्डे को भी ग्रीन फील्ड एयर पोर्ट बनाये जाने की दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है, इसके लिए आवश्यक भूमि की भी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। यहां से भी अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हवाई सेवा के संचालन में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थिति के दृष्टिगत राज्य में हवाई सेवाओं की नितान्त आवश्यकता बनी रहती है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कार्ययोजना भी तैयार की गई है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार में आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे का विस्तारीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

एयर मार्शल ने मुख्यमंत्री से किया चैखुटिया में एयरपोर्ट के लिए भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से एयर मार्शल राजेश कुमार एवीएसएम वीएम एडीसी एओसी-इन-सी, सेंट्रल एयर कमांड आईएएफ ने मुलाकात की। उन्होंने सामरिक महत्व के दृष्टिगत उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में एयर फोर्स की गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु एयर डिफेन्स राडार तथा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की स्थापना आदि हेतु भूमि की व्यवस्था के संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता की।

मुख्यमंत्री ने एयर मार्शल की अपेक्षानुसार उत्तराखण्ड में एयरफोर्स की गतिविधियों के संचालन हेतु भूमि की उपलब्धता के लिये एयर फोर्स एवं शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिये। ये अधिकारी संयुक्त रूप से आवश्यकतानुसार भूमि चिन्हीकरण आदि के संबंध में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है सेना को सम्मान देना यहां के निवासियों की परम्परा रही है। सैन्य गतिविधियों के लिये भूमि की उपलब्धता के लिये राज्य वासियों का सदैव सहयोगात्मक रवैया रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर एयर पोर्ट को ग्रीन फील्ड एयर पोर्ट तथा जौलीग्रांट को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी चैखुटिया में एयर पोर्ट के निर्माण हेतु सैन्य अधिकारियों द्वारा इस स्थान को उपयुक्त बताया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य में एयर फोर्स को उसकी गतिविधियों के संचालन हेतु भूमि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जायेगी।

एयर मार्शल राजेश कुमार एवीएसएम वीएम एडीसी एओसी-इन-सी, सेंट्रल एयर कमांड आईएएफ ने मुख्यमंत्री से पंतनगर, जौलीग्रान्ट तथा पिथौरागढ़ हवाई अड्डे के विस्तार के साथ ही चैखुटिया में एयर पोर्ट हेतु भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि देश के उत्तर पूर्व क्षेत्र की भांति, उत्तराखण्ड के जनपद चमोली, पिथौरागढ़ तथा उत्तरकाशी क्षेत्र में राडार की स्थापना हेतु भूमि की उपलब्धता होने से सुविधा रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उत्तराखण्ड जैसे सीमांत क्षेत्र में उपयुक्त स्थलों पर राडार एवं एयर स्ट्रिप की सुविधा जरूरी है। उन्होंने उत्तराखण्ड में एयर फोर्स की गतिविधियों के लिये दिये जा रहे सहयोग के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

राज्य में अतिरिक्त हैलीपेडों की स्थापना को भारत सरकार से किया जा रहा अनुरोधः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वेबिनार के माध्यम से दूसरे हेलीकॉप्टर समिट का शुभारंभ किया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार तथा फिक्की द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस सम्मेलन में देश में हेली सेवाओं की स्थिति एवं संभावनाओं पर चर्चा की गई। इस अवसर पर विशेषज्ञों द्वारा ‘‘हेलीकॉप्टर द्वारा क्षेत्रीय संपर्क में मजबूती और आपात स्थिति में अवसर‘‘ पर अपने विचार भी रखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। प्रदेश की सीमाएं 2 देशों से जुड़ी हैं। राज्य में हवाई सेवाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जौली ग्रांट एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तथा पंतनगर एयरपोर्ट ग्रीन एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 50 हेलीपेड स्थापित हैं, जबकि राज्य में अतिरिक्त हेलीपैडों की स्थापना के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य में देश के पहले हेलिकॉप्टर समिट का आयोजन किया था जो सफल रहा था। इस सम्मेलन में कई सुझाव भी प्राप्त हुए थे इसकी एसओपी तथा गाइड लाइन भी जारी की गई थी। विगत एक वर्ष में हेली सेवाओं में काफी विस्तार हुआ है। इस बार कोरोना के कारण वर्चुअल समिट का आयोजन करना पड़ रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि ये संकट जल्द खत्म होगा और शीघ्र जीवन सामान्य होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेली सेवाएं हमारे राज्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। उत्तराखण्ड उड़ान योजना 2.0 के अन्तर्गत हैलीकॉप्टर सेवाएं आरम्भ करने वाला पहला राज्य है। योजना के अन्तर्गत बेहतर कार्य करने हेतु राज्य को प्रोएक्टिव पुरूस्कार भी प्रदान किया गया है। उत्तराखण्ड में तमाम तरह के आकर्षण है। देवभूमि के साथ-साथ यहा देवस्थान, नेशनल पार्क हिमालय, औली, हर्षिल जैसे सुरम्य प्राकृतिक स्थल है। राज्य में उड़ान सेवा 2.0 के अधीन पवन हंस द्वारा देहरादून, टिहरी, श्रीनगर हेली सेवा आरम्भ की गई है। राज्य में वर्षात में कई दिक्कते होती है। आपात स्थिति में हेली सेवा बेहतर सेवा है। अभी पिथौरागढ़ में आयी आपदा के दौरान 55 लोगों को हेलीकॉप्टर द्वारा सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाया गया। उत्तराखण्ड आपदा के लिहाज से बहुत संवेदनशील रहा है। इसलिए किसी तरह की आपदा में राहत और बचाव कार्यों में हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कई लोगों की जान बचा रहा है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में हल्द्वानी, अल्मोड़ा, धारचूला को भी उड़ान योजना से जोडा जायेगा। गौचर के साथ गुप्तकाशी तथा बड़कोट के लिए सेवा आरम्भ करने के प्रयास किये जा रहे हैं। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु यात्रियों को पूर्ण रूप से स्क्रीनिंग की जा रही है तथा भारत सरकार की सभी गाइडलाइन्स का पालन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना से प्रदेश देश के कई प्रमुख शहरों से सीधी हवाई सेवाओं से जुड़ा है। देहरादून अब बेंगलरू, हैदराबाद, वाराणासी, मुंबई, जयपुर, अमृतसर जैसे शहरों से सीधी फ्लाइट से जुड़ा है। पंतनगर एयरपोर्ट को ग्रीन एयर पोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह राज्य का पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट होगा। इसके लिए भूमि चयनित कर ली गई है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट पर भी सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। पंतनगर कृषि प्रधान जनपद होने के कारण यहां के एग्रोवेस व फ्रोजन उद्योग, राइस मिलो ऑफ सीजन सब्जियों, फलों व फूलो को विदेशों में निर्यात करने से किसानों को भी अच्छा फायदा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में प्राप्त तकनीकि सुझावों पर ध्यान देकर प्रदेश में इससे सम्बन्धित योजनाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा कि देश में एवियेशन के क्षेत्र में सरकारी व निजी क्षेत्र ने बेहतर कार्य किया है। कोरोना काल में मेडिशिन एवं मेडी उपकरण आदि लाने व ले जाने में ये सहयोगी बने है। देश के विभिन्न भागों में इसके विकास एवं मजबूती की व्यापक संभावनाये तलाशे जाने की भी उन्होंने बात कही। उन्होंने कहा कि हेली सेवायें आम आदमी के दायरे में आये इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए अन्य खर्चों में कमी करने पर बल दिया। हेली सेवाओं के लिये सहस्त्रधारा हैलीपैड को माडल हैलीपैड बताते हुए उन्होंने राज्यों को हेली सेवाओं की मजबूती के लिये पूरा सहयोग का भरोसा दिया।

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