हमारे संविधान ने सभी अनेकताओं को एकता के सूत्र में पिरोया है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारा देश विभिन्न सम्प्रदायों, भाषाओं, जातियों एवं संस्कृतियों से परिपूर्ण राष्ट्र है। इन सभी अनेकताओं को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य हमारे संविधान ने किया है। नये भारत के निर्माण में हमें संविधान में उल्लिखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति संकल्प लेने की आवश्यकता है।
गुरुवार को गांधी पार्क, देहरादून में भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित ’सामूहिक वन्देमातरम् गायन कार्यक्रम’ को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हमारी नई पीढ़ी एवं युवा साथियों को देश के गौरवशाली इतिहास से परिचित होने का अवसर मिलता है। हमारा देश विविध प्रकार के संप्रदायों, भाषाओं, जातियों व संस्कृतियों से परिपूर्ण राष्ट्र है। अनेकता में एकता ही भारत की विशेषता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के अंदर एक नई पहचान स्थापित कर रहा है। देश का मान सम्मान स्वाभिमान बढ़ा है। आज वैश्विक मंचो पर भारत द्वारा दिए गए सुझाव पर गंभीरता से विचार किया जाता है। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के 5 सबसे बड़े देशों में शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत इस वर्ष जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। जी-20 की महत्वपूर्ण बैठकें देश के विभिन्न राज्यों में आयोजित की जा रही हैं। इसकी दो महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी प्रस्तावित हैं। इससे हमारे समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ पर्यटन, योग आयुष एवं आयुर्वेद को भी पहचान मिलेगी। यह अवसर राज्य के उत्पादों को भी वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने में मददगार होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष भी घोषित किया गया है। इससे हमारे मोटे अनाजों को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार द्वारा मण्डुवा को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिये इसका समर्थन मूल्य 3578 भी घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना काल में भी आमजन की सुविधा अनुसार व्यवस्थित प्रबंधन किया गया। संपूर्ण देश में निशुल्क रूप से वैक्सीनेशन का कार्य प्रगति पर है। वहीं अन्य देशों को भी मुफ्त में वैक्सीन देने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार जोशीमठ के हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। भू-धंसाव से प्रभावितों की पूरी मदद का हमारा संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्थिति की लगातार जानकारी ले रहे हैं। राज्य सरकार जोशीमठ के प्रभावितों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने सभी को गणतंत्र दिवस एवं वसंत पंचमी की शुभकामना देते हुए आजादी के अमृत महोत्सव के इस गणतंत्र दिवस पर प्रदेश के विकास में सहयोगी बनने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न शिक्षकों एवं छात्रों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सामूहिक तौर पर वन्देमातरम् गीत भी गाया गया।
कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक सविता कपूर, भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष बृज प्रकाश गुप्ता, एस.एस कोठियाल, महानगर अध्यक्ष भाजपा सिद्धार्थ अग्रवाल, अनिल गोयल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

किसान संगठन धरना समाप्त कर पीएम पर विश्वास जताये-बंसल

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरु नानक देव के प्रकाश उत्सव पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर सभी किसान संगठनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करना चाहिए और अब धरने को समाप्त कर देना चाहिए व अपने नियमित कामों में लगना चाहिए। सासंद बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में यह भी बात कही कि यह सभी कानून विशुद्ध रूप से और पूरी ईमानदारी के साथ किसानों के हित में लगाए गए थे। लेकिन कुछ किसानों को यह समझ नहीं आए या हम उनको नहीं समझा पाए। अब किसानों के हित को ध्‍यान में रखते हुए आगामी संसद सत्र में इनको वापस लेने का फैसला लिया है।
राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास का यह सटीक उदाहरण है। मोदी सरकार देशहित में जनहित में काम करती आई है व देश के धरना देने वाले किसान संगठनों की मांग को भी आज माना गया है। उन्होंने कहा कि देश के किसानों के विकास को यह सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों की आए दुगुनी करना का संकल्प खुद पीएम ने लिया है व उसके विभिन्न प्रयास जारी है जिनके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं।
सासंद ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष बस गुमराह करने का काम कर रहा है व राजनीतिक लाभ के लिए काम कर रहा है पर जनता सब देख रही है व जानती है कि कौन विकास की गाथा लिख रहा है व देश के सर्वांगीण विकास को यह सरकार प्रतिबद्ध है। सासंद बंसल ने कहा कि भाजपा को समाज के सभी वर्गों का अप्रत्याशित समर्थन मिला है। साथ ही युवाओं का अपार समर्थन भी हर्ष का विषय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का हर क्षण देश के लोगों के कल्याण तथा समृद्धि को समर्पित है। पीएम मोदी सवा सौ करोड़ भारतीयों को सबल बनाने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मोदी विरोध करतें करते देश विरोधी हो गए हैं पर मोदी सरकार ने इन सबकी दुकान बंद कर देश को विकास पथ पर आगे बढ़ाने का काम किया है।
सासंद राज्यसभा उत्तराखंड नरेश बंसल ने इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे किसानों को घर वापस लौटने की भी अपील की है।उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ने इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे किसानों को घर वापस लौटने की भी अपील की है। प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि हम किसानों के हित में यह तीनों कानून लेकर आए थे, ताकि छोटे किसानों को और ताकत मिले। सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शायद उन्ही की तपस्या में कोई कमी रह गई ।
सासंद बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने आज के मौके पर यह ऐलान कर देश के आंदोलनरत किसानों को बहुत बड़ी खुशी दी है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया है।

एनकाउंटर को झूठ बताने वाले क्या माफी मांगेंगेः नरेश बसंल

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने उत्तराखंड के लाल अमर शहीद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा व अन्य बाटला हाऊस इनकाउंटर मे शामिल पुलिस अधिकारीयो व जवानों की वीरता को सलाम व शहादत को शत-शत नमन किया और नमन् किया। बतादें कि 13 सितंबर 2008 में दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए थे, में 39 लोग निर्दोष मारे गए थे।

सासंद राज्य सभा नरेश बंसल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंटर केस में शामिल आंतकी आरिज खान उर्फ जुनैद को दोषी करार दिया है इससे यह साफ हो गया है कि एनकाउन्टर फर्जी नही था तथा जुनैद व उसके साथी ही दोषी थे।

सासंद बंसल ने कहा कि आतंकवादियों से लोहा ले रहे उत्तराखंड के लाल अमर शहीद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को आज इंसाफ मिला है। कोर्ट ने साफ कहा है,जुनैद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की शहादत का जिम्मेदार है।

उन्होंने उस समय एनकाउंटर को गलत तथा फर्जी बताने वाले,आतंकवादियों की मौत पर आंसू बहाने वालों से पुछा है कि क्या ममता बनर्जी, सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, दिग्विजय सिंह सहित जिन नेताओं ने एनकाउंटर को फर्जी बाताया था क्या वे सभी अब माफी मांगेंगे?

सासंद राज्य सभा नरेश बंसल जी ने सवाल किया है कि जो रोए थे आतंकवाद के जनाजे पर वो आतंकियो से क्या रिश्ता है बताएँ, यूँ ही देश को गुमराह करने का काम करतें रहें।

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने की पीएम मोदी से मुलाकात


राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मौके पर चमोली में आई आपदा को लेकर चर्चा हुई। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा सांसद को राज्य की हर संभव मदद का भरोसा दिया।

आज मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें नए दायित्व के लिये बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने पुर्ण निष्ठा व इमानदारी से इस जिम्मेदारी का निर्वाह करने का आश्वासन प्रधानमंत्री को दिया। सासंद नरेश बंसल ने चमोली आपदा समेत विभिन्न विषयों पर सकारात्मक चर्चा की व प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया हैै।

संसदीय नियमों के अनुसार मायावती का इस्तीफा नामंजूर होने के आसार!

राज्यसभा में बोलने की इजाजत न मिलने पर भड़कीं बसपा सुप्रीमो ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मायावती ने राज्यसभा सभापति के दफ्तर पहुंचकर बाकायदा तीन पेज का इस्तीफा सौंपा. हालांकि, वहां मौजूद कांग्रेस और बीएसपी सांसदों ने उन्हें मनाने की कोशिश की, बावजूद इसके मायावती अपने स्टैंड पर कायम नजर आईं और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मगर, बड़ा सवाल है कि क्या मायावती का इस्तीफा मंजूर होगा?
ये सवाल इसलिए भी जरुरी है क्योंकि संसद की सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए जो नियम हैं, मायावती ने उनका पालन नहीं किया है। नियम है कि संसद के दोनों सदनों का कोई भी सदस्य जब अपनी सदस्यता से इस्तीफा देता है तो महज एक लाइन में लिखकर संबंद्ध चेयरमैन या स्पीकर को सौंपना होता है। जबकि इसके उलट मायावती ने जो इस्तीफा राज्यसभा सभापति के ऑफिस जाकर सौंपा वो तीन पन्नों का है।
नियम के मुताबिक इस्तीफे के साथ न ही कोई कारण बताया जाता है और न ही उस पर कोई सफाई दी जाती है। कोई भी संसद सदस्य इस्तीफा देते वक्त इस्तीफा देने का कारण त्यागपत्र में नहीं लिख सकता है।

पहले भी इस्तीफा हुआ है नामंजूर
रोड रेज की घटना में दोषी पाए जाने के बाद 2006 में तत्कालीन लोकसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था। मगर सिद्धू का इस्तीफा तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने नामंजूर कर दिया था। जिसके बाद सिद्धू ने दोबारा बिना कोई कारण बताए अपना त्यागपत्र स्पीकर को दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया था।
यही नही, नवंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज यमुना लिंक नहर पर निर्माण कार्य जारी रखने का फैसला दिया था। इस फैसले से नाराज होकर तत्कालीन कांग्रेस सांसद कैप्टन अमरिंदर सिंह लोकसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा भेज दिया था। कैप्टन अमरिंदर ने अपने त्यागपत्र में इस्तीफा देने के कारण की व्याख्या भी की थी, जिसे उपयुक्त न मानते हुए मंजूर नहीं किया गया था।