विभागों को सीएस की दो टूक, जो लक्ष्य दिए गए, प्रस्ताव उससे अधिक भेजें

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में नाबार्ड के तहत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के लिए उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों को ग्रामीण अवसंरचना विकास के तहत प्रस्तावों को शीघ्र नाबार्ड को भेजे जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को जो लक्ष्य दिए गए हैं वह न्यूनतम राशि निर्धारित की गई है, प्रस्ताव इससे अधिक के भेजे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटी योजनाओं को क्लब करके बड़े प्रस्ताव भी भेजे जा सकते हैं। उन्होंने विभागों द्वारा डीपीआर भेजे जाने हेतु समय सीमा भी निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि 60 प्रतिशत डीपीआर जून माह तक, 30 प्रतिशत जुलाई 15 तक एवं बाकी की 10 प्रतिशत डीपीआर अगस्त माह तक आवश्यक रूप से जमा करा दी जाएं।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को पूरे प्रदेश की सड़कों को दुरुस्त किए जाने हेतु अगले 2-3 सालों का प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई की सड़कों की मरम्मत के लिए भी आरआईडीएफ में प्रस्ताव भेजे जाएं। उन्होंने प्रस्ताव को पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल पर भी अपलोड किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं की मॉनिटरिंग पोर्टल के माध्यम से ही की जाएगी। मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को प्रदेश में अवसंरचना विकास के लिए अच्छे और वैल्यू फॉर मनी प्रोजेक्ट तैयार किए जाने की बात भी कही।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, रविनाथ रमन, दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं नाबार्ड से डॉ. सुमन कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड को लेकर मुख्य सचिव ने ली बैठक


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के सम्बन्ध में बैठक हुई।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों को स्वीकृत लक्ष्य के सापेक्ष अगले एक हफ्ते में सभी प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रस्ताव वित्त को भेजे जाने के साथ ही डीपीआर नाबार्ड को भी भेज दी जाए, ताकि समय पर नाबार्ड की भी संस्तुति मिल सके।

मुख्य सचिव ने प्रत्येक सप्ताह और पाक्षिक रूप से प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय सचिवों को आरआईडीएफ के अंतर्गत प्रस्तावों को विभागीय कैलेंडर से जोड़ते हुए स्वीकृति से लेकर डिस्बर्शमेंट तक निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराया जाए। उन्होंने प्रोजेक्ट कम्प्लीशन रिपोर्ट्स भी शीघ्र जमा कराए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, वी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम एवं रविनाथ रमन सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।