प्रधानमंत्री ने मंदाकिनी आस्था पथ व सरस्वती पथ पर विकास कार्यों का किया निरीक्षण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री केदारनाथ धाम में रुद्राभिषेक कर सबकी सुख एवं समृद्धि की कामना की। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद 6वीं बार बाबा केदार के धाम पहुंचे। उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल पर पहुंचकर दर्शन किए। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोपवे का शिलान्यास किया। 1267 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 9.7 किमी. के इस रोपवे के बनने से श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन के लिए सुगमता होगी। गौरीकुंड से श्री केदारनाथ पहुंचने में अभी श्रद्धालुओं को 6 से 7 घंटे लगते हैं, इस रोपवे के बन जाने से यह यात्रा सिर्फ आधा घंटे में पूरी हो जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद मंदाकिनी आस्था पथ एवं सरस्वती आस्था पथ पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का जायजा भी लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में लगे श्रमजीवियों के साथ बैठकर उनसे मुलाकात की और उनका हौंसला बढ़ाया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक शैला रानी रावत, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, एसपी आयुष अग्रवाल, तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण, कुबेर नाथ एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।