आईटीबीपी के जवानों ने श्री बदरीनाथ धाम में चलाया स्वच्छता अभियान

उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा के आरम्भ के साथ ही आईटीबीपी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम एवं इसके आस-पास स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। आईटीबीपी के जवानों द्वारा बद्रीनाथ मंदिर के निकट पहाड़ियों व जलस्रोतों को स्वच्छ रखने हेतु अभियान चलाया गया है। गुरूवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर आईटीबीपी के जवानों द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर के निकट दुर्गम पहाड़ी पर रैपलिंग करते हुए यात्रियों द्वारा फेंके गए कूड़े को हटाया गया। आईटीबीपी द्वारा यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा। प्रशासन ने भी आईटीबीपी के जवानों के इस स्वच्छता अभियान की प्रशंसा की। इससे चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को धामों व चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखने की प्रेरणा मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आईटीबीपी के जवानों को श्री बदरीनाथ धाम में स्वच्छता अभियान संचालित करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

चारधाम यात्रा से पूर्व मंदिर समिति अध्यक्ष ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ श्री बद्रीनाथ धाम का भ्रमण कर वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कपाट खुलने की तिथि को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र रविवार पूर्वाह्न बद्रीनाथ धाम पहुंचे और विभिन्न कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कपाट खुलने की तिथि नजदीक आ चुकी है। 27 अप्रैल को भगवान बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। लिहाजा, विभिन्न कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के कारण श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के चलते श्रद्धालुओं को इस बार नए पैदल मार्ग से मंदिर तक पहुंचना पड़ेगा। नए पैदल मार्ग को समयबद्ध रूप से सुव्यवस्थित किया जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने मंदिर परिसर के निकट ध्वस्त किए गए भवनों व दुकानों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मंदिर की पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिकों को किसी प्रकार की आवासीय समस्या ना पैदा हो, इसके लिए मंदिर के समीप तात्कालिक व्यवस्था के रूप में शीघ्र प्री-फैबरीकेटेड कक्षों का निर्माण करा लिया जाए। उन्होंने मंदिर के निकट ध्वस्त किए गए बीकेटीसी के वीआईपी गेस्ट हाउस के मलबे को जल्द से जल्द निस्तारित करने और उसके समीप मंदिर पथ पर रेलिंग निर्माण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वीआईपी गेस्ट हाउस के ध्वस्त होने के पश्चात इस वर्ष यात्रा काल में आने वाले विशिष्ट महानुभाव के अल्प विश्राम के लिए निर्मित किए जा रहे प्री-फैबरीकेटेड कक्ष का जल्द से जल्द का निर्माण पूर्ण करा लिया जाए। उन्होंने ब्रह्म कपाल परिसर में स्थित मलबे और पत्थरों को भी जल्द से जल्द हटाने और परिसर को साफ सुथरा बनाने को कहा, ताकि पिंड दान इत्यादि के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई ना हो।उन्होंने निर्देश दिए कि तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए निर्मित किए जा रहे जूता स्टैंड का निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ करा लिया जाए।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीकेटीसी की जिन धर्मशालाओं और भूमि का अधिग्रहण कर तीर्थ पुरोहितों व प्रभावितों का पुनर्वास किया जा रहा है, उनके साथ नियमानुसार अनुबंध और किराया तय किया जाए। इस दौरान जोशीमठ की उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, पुलिस उपाधीक्षक नताशा सिंह, तहसीलदार रवि शाह, बीकेटीसी के सहायक अभियंता गिरीश देवली, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, पुलिस निरीक्षक कैलाश भट्ट, बदरीनाथ नगर पंचायत के प्रभारी अधिकारी पंकज पुरोहित आदि समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

प्रभावितों से लिया जा रहा सुझाव, जोशीमठ में पुनर्वास को बेहतर पैकेज दिया जा रहाः अजेंद्र अजय

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष और जोशीमठ आपदा के पर्यवेक्षण के लिए मुख्यमंत्री के विशेष प्रतिनिधि अजेंद्र अजय ने कहा कि पहली बार आपदा प्रभावितों की सलाह और सुझाव के आधार पर विस्थापन व पुनर्वास का पैकेज तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ को लेकर शासन स्तर पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) द्वारा सोमवार को आयोजित बैठक में प्रभावितों के लिए संस्तुत किया गया पैकेज अब तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ आपदा पैकेज है। कुछ लोग दुष्प्रचार का सहारा लेकर चारधाम यात्रा में बाधा पैदा करना चाहते हैं।

एचपीसी की बैठक में शामिल रहे अजेंद्र ने कहा कि प्रभावितों के पैकेज तैयार करने से पूर्व चमोली के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की एक समिति गठित की गई थी। समिति के सुझावों को जिला प्रशासन द्वारा शासन को भेजा गया था। शासन में एचपीसी ने स्थानीय जनप्रतिनधियों व प्रभावितों की ओर से प्राप्त सुझावों पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा की यह पहली बार है जब आपदा प्रभावितों की ओर से प्राप्त सुझावों के आधार पर विस्थापन व पुनर्वास का पैकेज तैयार किया जा रहा है। जोशीमठ के लिए घोषित पैकेज इससे पहले प्रदेश में आई किसी भी आपदा में नहीं मिला।

उन्होंने कहा की यह धामी सरकार की तत्परता और संवेदनशीलता ही है कि प्रभावितों के लिए तेजी के साथ तात्कालिक राहत पहुंचाई गई। प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, चिकित्सा सुविधा हो या ठंड से बचाव के लिए हीटर, ब्लोवर, इलेक्ट्रिक केटल, अलाव आदि की व्यवस्थाएं युद्धस्तर पर सुनिश्चित की गईं। एक भी प्रभावित को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने दी गई। इसके विपरीत केदारनाथ आपदा के समय प्रभावितों को सर छुपाने के लिए दर- दर की ठोकरें कहानी पड़ी थीं।

अजेंद्र ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावितों के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रख कर कार्य कर रही है। जोशीमठ को लेकर विषेशज्ञों की रिपोर्ट मिलते ही विस्थापन व पुनर्वास के कार्यों के साथ नगर के संरक्षण व उपचार के कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग प्रभावितों को भ्रमित कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग प्रभावितो के हितैषी नहीं हो सकते हैं। ये लोग दुष्प्रचार का सहारा लेकर भय व दहशत का वातावरण तैयार कर चारधाम यात्रा में बाधा पैदा करना चाहते हैं। ऐसे लोग प्रदेश के बाहर यह सन्देश देना चाहते हैं कि उत्तराखंड में सब कुछ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है। उसमें किसी प्रकार की बाधा पैदा नहीं होने दी जाएगी।

उत्तराखंड के लिए नासूर हैं गड़बड़ियां, नहीं बख्शे जायेंगे भर्ती घोटाले के दोषी-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भर्तियों में गड़बड़ी से योग्य छात्रों के भविष्य प्रभावित हुआ है। इसलिए केदारबाबा की सौगंध खाता हूं कि भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करूंगा। इसमें अब तक हुई जांच में जिसका भी नाम आया उसे जेल भेजा गया है। अंतिम आरोपित के पकड़े जाने तक हमारी कार्रवाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद की कुल 46680.95 लाख रुपए की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद में प्रवास कार्यक्रम के तहत रुद्रप्रयाग पहुंचे हैं। इस मौके पर उन्होंने भर्तियों में नकल प्रकरण को लेकर यह बातें कहीं।

घपले व घोटाले हुए, पर जांच नहीं हुई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में समूह ग की परीक्षाओं के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया। तब से अब तक घपले व घोटाले हुए हैं, लेकिन जांच कभी भी नहीं हुई।

मैंने बाबा केदार की खाई है सौगंध
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भर्तियों में गड़बड़ी आने पर मैंने बाबा केदार की सौगंध खाई है कि कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कठोर करवाई करूंगा। उत्तराखंड के लिए यह गड़बड़ियां नासूर हैं।

हमने उठाया हैं सख्त कदम
हमारे पास होनहार युवा हैं जिनके पास योग्यता है। होनहार छात्र अपनी शिक्षा के बल पर आगे बढ़ना चाहता है। इन होनहार छात्रों का रास्ता रोकने का कार्य नकल माफिया ने किया है। इसलिए हमने सख्त कदम उठाया है।

केदारनाथ मंदिर में अब गर्भगृह के भी होंगे दर्शन

केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्री अब मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। अब तक धाम में भारी भीड़ को देखते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से तीर्थ यात्रियों को सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कराए जा रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आने के कारण शुक्रवार से उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष मई-जून में रिकार्ड तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को केदारनाथ धाम पहुंचे। इसके चलते गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और तीर्थ यात्री सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कर रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है, लिहाजा अब वे गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार से मंदिर में दर्शनों का समय भी बदल दिया गया है। अब सुबह चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म-दर्शन शुरू हो रहे हैं। दोपहर बाद तीन से शाम 4ः45 बजे तक भोग-पूजा व सफाई के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं। शाम को शृंगार पूजा के बाद रात नौ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बदरीनाथ धाम में भी भगवान नारायण की अभिषेक पूजा सुबह पांच बजे से शुरू हो रही है। पूजा के दौरान तीर्थ यात्रियों को धर्म दर्शन की अनुमति है। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात नौ बजे कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। बताया कि दोनों धाम में अब तक 17 लाख 38 हजार 499 तीर्थ यात्री दर्शनों को पहुंच चुके हैं।

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