17 मई को श्री केदारनाथ धाम के खुलेंगे कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार 17 मई को प्रातः 5 बजे खुलेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनायें दीं हैं। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अपने घरों में रहकर पूजा- अर्चना करें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड एंव मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से जनकल्याण हेतु की जा रही हैं। बीते कल शाम श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंची। कल सोमवार को प्रात: 5 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंंगे। जबकि श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई तथा श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुल चुके है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को प्रात: 4 बजकर 15 बजे खुल रहे है। श्री नृसिंह मंदिर से आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी, रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गयी है। कल शाम उद्धव एवं कुबेर के साथ ही आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी।

कोविड के दृष्टिगत चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित किया जा चुका है। नित्यनियम से पूजा – अर्चना चलेगी। धामों में पूजपाठ से जुड़े लोगों को जाने की अनुमति है तथा कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खुलने की तैयारियां पूरी कर ली है। सेनिटाईजेशन, साफ-सफाई, बिजली-पानी की आपूर्ति, रावल, पुजारियों, वेदपाठियों हेतु आवास ब्यवस्था की गयी है। मास्क पहनना, सोशियल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य किया गया है।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी सिंह केदारनाथ धाम में ब्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे है। गढ़वाल आयुक्त/ उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने चारधाम के कपाट खुलने के अवसर पर कोविड गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

सीएस ने श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निमाण कार्यो की समीक्षा की

मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निमाण कार्यो की समीक्षा हुई। बैठक में पुनर्निर्माण कार्यों में आ रही कठिनाईयों के निराकरण पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य मास्टर प्लान के अनुसार समयबद्धता से पूर्ण किया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई बैठक में भी निर्देश दिये गये थे कि मास्टर प्लान में लिये गये परियोजनाओं को तय समय पर पूरा किया जाय।
केदारनाथ पुनर्निर्माण फेज-2 के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्यो की डीपीआर की समीक्षा पर मुख्य सचिव द्वारा सिंचाई विभाग को निर्देश दिये कि फ्लड जोनेशन के नोटिफिकेशन का कार्य 15 सितम्बर तक पूर्ण कर लें।
मुख्य सचिव ने इण्डियन ऑयल कॉपरोशेन द्वारा 36 करोड़ 74 लाख के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यो यथा संगम घाट के पुनर्निर्माण, फर्स्ट एड टूरिस्ट फेसिलेशन सेन्टर तथा मन्दाकिनी के किनारे सुरक्षा दिवार का निर्माण कार्य से सम्बन्धित प्रगति की जानकारी सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर से प्राप्त की। इसी क्रम में ओएनजीसी द्वारा मंदाकिनी आस्थापथ में बैठने एवं वर्षा शेड निर्माण, केदारनाथ धाम, मंदाकिनी के किनारे तथा मंदिर रोड में अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार, वाटर एटीएम की स्थापना तथा मंदाकिनी प्लाजा विकास से सम्बन्धित 32.05 करोड़ लागत की अवस्थापना सुविधाओं पर भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा कार्यदायी विभागों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता से कार्य करने के निर्देश दिये। आरईसी लि0 कम्पनी द्वारा 25 करोड़ 89 लाख रूपये की लागत से केदारनाथ मे पुनर्निर्माण एवं रूद्रप्रयाग में प्रशासनिक भवन एवं अस्पताल पुनर्निर्माण, केदारनाथ स्थित क्षतिग्रस्त पवित्र कुण्डों के विकास तथा केदारनाथ में सरस्वती नदी के किनारों एवं मन्दिर के रास्तों में अवस्थापना विकास की भी विस्तार से समीक्षा की।
इसी क्रम में पावर फाइनेन्स कारपोरेशन द्वारा सामाजिक दायित्व के तहत 28 करोड़ 13 लाख की लागत से किये जाने वाले म्यूजियम निर्माण, रेन शेड, गौरीकुण्ड में सुरक्षा की दृष्टि से गेट निर्माण के कार्यो की भी अद्यतन प्रगति की मुख्य सचिव ने समीक्षा की।
मुख्य सचिव द्वारा मुख्य अभियन्त लोनिवि को दिये गये कार्यो के आदेश जारी करने एवं टेण्डरिंग आदि समयबद्धता से पूर्ण करने के निर्देशे दिये। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में तेजी लाने के लिए वहां पर अभियन्ताओं की तैनाती के लिए आदेश दिये। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को भी निरन्तर अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कुछ प्रकरण जो फारेस्ट क्लीयरेंस से जुड़े हैं को वन विभाग के अधिकारियों को शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिये। इशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य आरकेलाजिकल सर्वे आफ इण्डिया को हस्तांतरित करने के निर्देश दिये। बैठक में चिनूक हैलिकॉप्टर उतारने हेतु वर्तमान में उपलब्ध हेलीपैड के विस्तार पर भी चर्चा हुई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव वित्त सौजन्या, सचिव लोनिवि आर0के0सुधांशु तथा लोनिवि, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता उपस्थित रहे। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग वन्दना जुड़े थे।

केदारनाथ आपदा में मृतक हुए लोगों के लिए सीएम ने की शांति प्रार्थना

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन (16 जून, 2013) केदारनाथ में भीषण आपदा आई थी जिसमें कई श्रद्धालुओं ने अपने प्राण गँवाए। त्रासदी के उस मंजर को पूरे सात साल बीत गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया गया। उनके मार्गदर्शन में दिव्य और भव्य केदारपुरी का नया स्वरूप आज हम सभी के सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा आगे भी भगवान श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए केन्द्र द्वारा हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया गया है। आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मैं बाबा केदार से प्रार्थना करता हूँं।
वहीं, उत्तराखंड बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष नरेश बंसल ने भी जून 2013 मे आज ही के दिन श्री केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा को याद किया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं सकारात्मक पहल व राज्य सरकार के संकल्प से श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया गया। दिव्य और भव्य केदारपुरी का नया स्वरूप आज हम सभी के सामने है तथा कुछ कार्य प्रगती पर है। नरेश बंसल ने आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मैं बाबा केदार से प्रार्थना की व श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उन्होंने पुनः निर्माण मे लगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सभी सरकारी-गैर सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को साधुवाद दिया जिन्होंने वैश्विक आस्था के धाम का त्रासदी के बाद पुनर्निर्माण किया है।