विस अध्यक्ष ने जरुरतमंदों को 7 लाख रुपये की सहायता राशि बांटी

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर कोरोना के दौरान 32 मृतक आश्रितों को विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से एवं अनेक लाभार्थियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से सात लाख के चेक वितरित किए।
चेक वितरण के अवसर पर विस अध्यक्ष ने कहा है कि कोरोना काल के दौरान अनेक लोगों की असमय मृत्यु हुई है ऐसे लोगों को सरकार द्वारा वात्सल्य योजना के तहत लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनेक ऐसे लोग हैं जिनके कोरोना के दौरान मृत्यु हुई है उन्हें विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से आर्थिक सहायता दी गई है, ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में कोरोना के दौरान मृत्यु हुई है उनके साथ सरकार एक स्तंभ के रूप में खड़ी है। उन्होंने कहा है कि सरकार हर प्रकार से सहयोग करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ इसलिए स्वयं की सतर्कता, जागरूकता व सुरक्षा फिर भी आवश्यक है।
विस अध्यक्ष ने कहा कि भले ही सरकार व विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है परंतु प्रत्येक व्यक्ति को स्वाबलंबन व स्वरोजगार के साथ खड़े होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का विवेकाधीन कोष कोई सरकारी योजना नहीं है बल्कि स्वयं के विवेक के आधार पर आर्थिक रूप से जरूरतमंद, कमजोर वर्ग दिव्यांग, विधवा को यह धनराशि उपलब्ध कराई जाती है ताकि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
इस अवसर पर श्यामपुर मंडल के अध्यक्ष गणेश रावत, राज्य आंदोलनकारी कमला नेगी, ए.के मजूमदार, सुरेंद्र सिंह रावत सरदार मंगा सिंह, प्रधान चमन पोखरियाल लाभार्थियों में सावित्री देवी, कुसुम रानी, सविता देवी, रुकमणी कैंतूरा, पुष्पा रानी आदि सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भारतीय जनता पार्टी वीरभद्र मंडल की महामंत्री सुंदरी कंडवाल ने किया।

स्पीकर के कोष से कमजोर वर्ग को मिल रही मदद

कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक स्थिति से जूझ रहे कमजोर वर्ग के लिए विधानसभा अध्यक्ष का विवेकाधीन कोष राहत प्रदान कर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आज 60 जरूरतमंद लोगों को 5 लाख की आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए।

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष सरकार की योजना नहीं बल्कि विवेक के आधार पर जरूरतमंद, गरीब, उपेक्षित, वंचित, विधवा, विकलांग आदि लाभार्थियों के लिए यह धनराशि दी जाती है।

उन्होंने कहा है कि कोरोना काल के दौरान अनेक लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई है ऐसे में यह धनराशि जरूरतमंदों को वरदान साबित हो रही है। कहा कि कुछ समय के लिए यह धनराशि राहत जरूर दे सकती है परंतु आत्मनिर्भरता के लिए स्वावलंबी होकर प्रत्येक व्यक्ति को खड़े होने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर स्वामी ईश्वर दास महाराज, महंत स्वरूपानंद, अमृतानंद महाराज, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र नेगी, रविंद्र राणा, प्रदीप कोहली आदि उपस्थित रहे।