केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का सीएम ने किया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट कर माह मार्च-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय पूल से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत प्रदान किये पर धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय कारणों से राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में विलम्ब अथवा इनके माननीय न्यायालयों में विचाराधीन होने के फलस्वरूप विद्युत मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता में कमी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में बेस लोड हेतु तापीय विद्युत गृह का उपलब्ध न होने, बीती शीत ऋतु में कम वर्षा एवं बर्फबारी के फलस्वरूव अभी से ही नदियों में कम जलस्तर के फलरूवरूव प्रदेश के जलविद्युत उत्पादन में कमी परिलक्षित होने के कारण उत्तराखण्ड राज्य की विद्युत मांग एवं उपलब्धता में वर्ष 2023-24 में औसतन 400 मेगावाट का अन्तर अनुमानित है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य को इस संभावित विद्युत संकट मुक्त करने हेतु केन्द्रीय पूल से मार्च-2024 तक की अवधि हेतु 400 मेगावाट अतिरिक्त कोटा उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया। जिस पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सकारात्मक निर्णय का आश्वासन प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने टीएचडीसी, खुर्जा के आवंटन पर पुर्नविचार किए जाने अथवा उत्तराखण्ड राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को संबल प्रदान जाने के उद्देश्य से इस पावर स्टेशन की 133 मेगावाट की अनावंटित क्षमता, उत्तराखण्ड राज्य को आवंटित करने का भी अनुरोध किया।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश हेतु बेस लोड विधुत गृह कोयला की उपलब्धता वाले प्रदेशों में स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।

प्रदेश की लंबित जल विधुत परियोजनाओं पर शीघ्र ही प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर पर बैठक आयोजित की जायेगी।
केंद्रीय दल द्वारा उत्तराखंड में विधुत आपूर्ति और आवश्यकता का अध्ययन कर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनटीपीसी द्वारा सीएसआर मद में पुनर्निर्माण कार्यों में मदद हेतु भी आश्वासन प्रदान किया गया। लोहारी नागपाला परियोजना में सुरक्षा कार्य पूर्ण करते हुए योजना को उत्तराखंड राज्य को हस्तगत कराने का भी निर्णय लिया गया।केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड स्थित गैस पावर प्लांट के पुनः संचालन का भी सुझाव दिया।

बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी, उत्तराखंड के सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंडः केंद्र सरकार से राज्य को मिली 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति

केन्द्र सरकार से उत्तराखंड के लिए 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति दे दी गईं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह का आभार व्यक्त किया है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड को केन्द्र सरकार से आवंटित 300 मेगावाट बिजली की अवधि 28 फरवरी को पूरी हो गई थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का कोटा यथावत जारी रखने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। साथ ही फोन पर भी बात कर आग्रह किया था। इसी क्रम में केन्द्रीय सरकार ने 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की स्वीकृति दे दी है।

विश्व स्तरीय क्याकिंग कैनोइंग अकादमी की टिहरी जनपद में होगी स्थापना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने टिहरी झील में आयोजित नेशनल चौैंपियनशिप “टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप” का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री धामी ने आयोजन स्थल पर लगे विभिन्न स्टाल्स का निरीक्षण किया साथ ही पहले सत्र की विजेता टीमों मेडल प्रदान किए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह पहला मौका है जब टिहरी झील में राष्ट्रीय स्तर की इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में “समृद्ध खेल संस्कृति“ का विकास हो रहा है, हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे ऐतिहासिक प्रदर्शन इसका प्रमाण हैं।

उन्होंने कहा कि खेल एक ऐसी विधा है जिसके ज़रिए खिलाड़ी न केवल अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं बल्कि इससे उनके प्रदेश और देश का नाम भी रोशन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी के अनेकों खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में जहां एक ओर सरकार ने “नई खेल नीति“ लागू की है वहीं दूसरी ओर सरकार ने नौकरियों में पुनः “खेल कोटा“ प्रारंभ करने का ऐलान भी किया है। उन्होंने टीएचडीसी का इस आयोजन हेतु आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस खेल से एक ओर जहां राज्य के युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर टिहरी क्षेत्र में पर्यटन का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि टिहरी में इस खेल के आयोजन से वाटर स्पोर्ट्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले देश और प्रदेश के नौजवानों में नई ऊर्जा का संचार होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने के संकल्प को पूरा करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान में टिहरी में पर्यटन के विकास के लिए अनेकानेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का केंद्र बनाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।

इस दौरान अपने संबोधन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि खेलों को बढ़ावा केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है। ऊर्जा मंत्रालय द्वारा यह तय किया गया है कि ऊर्जा मंत्रालय की हर एक कंपनी एक खेल को अंगीकृत करेगी, इसी क्रम में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा कयाकिंग कैनोइंग खेल को अंगीकृत किया गया है । केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि टिहरी में विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसमें खिलाड़ियों के ठहरने से लेकर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। श्री सिन्हा ने कहा कि इस ट्रेनिंग सेंटर में बेहतर खेल प्रतिभाओं को टीएचडीसी द्वारा विदेश में भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ों में हाइड्रो प्रोजेक्ट्स की अपार संभावनाएं हैं जिसको केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए केंद्र और राज्य सरकार है एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। इस दौरान टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने आयोजकों का आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक शक्ति लाल शाह, विनोद कंडारी, विक्रम सिंह पंवार के अलावा सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव डीके सिंह, टीएचडीसी के सीएमडी आरके विश्नोई समेत विभिन्न राज्यों के 15 टीमों ने प्रतिभागी मौजूद रहे।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री


केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आज जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आयी आपदा से रैणी एवं तपोवन क्षेत्र में हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया।
आपदा ग्रस्त क्षेत्र से लौटते हुए जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रेस्कयू वर्क आईटीबीपी, आर्मी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं स्थानीय पुलिस द्वारा आपसी समन्वय के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आपदा में कार्यरत एक विद्युत परियोजना पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है, जबकि तपोवन स्थित एनटीपीसी को भी काफी क्षति पंहुची है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हुए नुकसान के कारणों की इसरो की इमेजेज के आधार पर एनटीपीसी, टीएचडीसी एवं एसजेवीएनएल के पदाधिकारी भी अध्ययन करेंगे, इनकी एक टीम पैदल भी क्षेत्र को भ्रमण के लिये जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं की पूर्व जानकारी के लिये जिन हिल स्टेट में एनटीपीसी आदि के पावर प्रोजेक्ट हैं वहां पर प्रोजेक्ट के साथ ही स्थानीय लोगों के व्यापक हित में अर्लि वार्निग सिस्टम प्रणाली उपलब्ध करायी जायेगी। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात के कारण उत्पन्न हिमस्खलन आदि की घटनाओं की पूर्व में जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी इस त्रासदी में पानी एवं मलबे के तेज बहाव को रोकने में एनटीपीसी बैराज के मजबूत ढ़ांचे ने बड़ा काम किया अन्यथा पानी का यह आवेग राज्य के नीचे के क्षेत्रों में भारी तबाह का कारण बन सकता था। 2013 में जिस प्रकार पानी के बहाव को टिहरी बांध ने रोकने का कार्य किया उसी तरह इस बैराज ने भी पानी को रोकने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना में काफी लोग मिसिंग है। जिनमें एनटीपीसी के 91 तथा निजी कम्पनी के 44 लोग भी शामिल है, जितने लोग मिसिंग है उनको तलाशने का कार्य तेजी में किया जा रहा है। अब तक 20 शव बरामद किये जा चुके है। क्षेत्र के गांवो के भी कुछ लोग लापता है जिनमें 2 पुलिस वाले भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि मृतक आश्रितों को राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है जबकि एनटीपीसी के जो कार्मिक मिसिंग है जिनके जीवित होने की उम्मीद कम है, उनके परिवारों को ऊचाहार की दुर्घटना की भांति 20 लाख की आर्थिक सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि गांव के मिसिंग लोगों की कैसे बेहतर ढ़ंग से मदद की जाय इसकी भी योजना बनायी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रभावित गांव वालों को एनटीपीसी में यदि वे चाहेंगे तो उन्हें काम दिया जायेगा इसके अतिरिक्त सीएसआर के तहत भी पीडितों की मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के टनलो को अभी लोडरो से डिसिल्ट किया जा रहा है, उसमें और तेजी लाये जाने के लिए 5 स्लडी पंपो की व्यवस्था की जा रही है।

इस अवसर पर सचिव ऊर्जा राधिका झा भी उपस्थित थी।