हमारी संस्कृति और दर्शन में जैन धर्म का अतिविशिष्ट स्थानः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राम वहलना मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश में श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर आयोजित वार्षिक मेला एवं रथयात्रा महोत्सव में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने श्री जैन दिगंबर मंदिर, वहलना में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज ही के दिन देश में दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और दूसरे मां भारती के सच्चे सपूत व भारत रत्न से अलंकृत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ। उन्होंने दोनों महामानवों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए उनके स्थापित किए आदर्शों को आत्मसात करने का प्रण लेने की बात कही। इन दोनों की जीवन यात्रा देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए सदैव प्रेरित करती रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी संस्कृति और दर्शन में जैन धर्म का अतिविशिष्ट स्थान है। जैन धर्म में प्राणी मात्र के कल्याण की भावना निहित है। अहिंसा जैन धर्म का प्रमुख आधार है और जैन धर्म के अनुयायी के जीवन में अहिंसा को सर्वाेच्च स्थान दिया गया है। महात्मा गांधी जी के पूरे जीवन एवं विचारों में सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह के साक्षात् दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा जैन दर्शन के ही अनुरूप गांधी जी ने भी आजीवन सिद्धांतों पर अटल रहते हुए सामाजिक, नैतिक और आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने की शिक्षा दी। राष्ट्रपिता ने अहिंसा का एक ऐसा प्रायोगिक रूप प्रस्तुत किया जिससे पूरी दुनिया ने परतंत्रता के बंधन तोड़े।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जैन समाज का देश की आर्थिक गतिविधियों में बहुत बड़ा योगदान है और अपने विभिन्न व्यवसायों के जरिए असंख्य लोगों को रोजगार दिया है। जैन समाज ने हमेशा अपनी सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं के माध्यम से समाज की उत्तम से उत्तम सेवा की है और यही कारण है कि केवल हमें ही नहीं पूरे देश को जैन समाज पर गर्व है। उन्होंने जैन समाज के उद्यमियों को उत्तराखंड में भी अपनी निर्माण और व्यवसायिक इकाइयां स्थापित करने एवं प्रदेश के विकास में अपना योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार आपके ऐसे हर विचार को प्रोत्साहित करेगी और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार बाल्यान, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (उत्तर प्रदेश सरकार) कपिलदेव, विधायक प्रदीप बत्रा, क्षेत्र प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री संजय जैन, कोषाध्यक्ष मनोज जैन, योगेश जैन, विपिन जैन, अजय जैन एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

यूपी और यूके के परिवहन निगम के मध्य आस्तियों के विभाजन की समस्या का हुआ समाधानः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिवहन निगम की परिसम्पत्तियों की अवशेष एक सौ करोड़ की धनराशि उत्तराखण्ड परिवहन निगम को उपलब्ध कराने के लिये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवशेष धनराशि रू.100 करोड़ की धनराशि उत्तराखण्ड परिवहन निगम को भुगतान कर दिये जाने से दोनो राज्यों के परिवहन निगम के मध्य आस्तियों के विभाजन की समस्या का समाधान हुआ है। इससे उत्तराखण्ड परिवहन निगम को अपनी अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी।

उत्तर प्रदेश के सीएम के शपथ ग्रहण में शामिल हुए यूके के सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने योगी आदित्यनाथ को बधाई दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ को बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में विकास के नये आयाम प्राप्त करेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार के नव नियुक्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों को भी शुभकामनाएं दी।

बुलंदशहर में कल्याण सिंह की निकली अंतिम यात्रा, सीएम धामी भी हुए सम्मिलित


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नरोरा, बुलंदशहर जाकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के निवर्तमान राज्यपाल कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. कल्याण सिंह योग्य प्रशासक एवं कुशल राजनीतिज्ञ थे, वे हम सभी के लिये हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे।

मुख्यमंत्री के साथ ही केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक एवं भाजपा प्रदेश अक्ष्यक्ष मदन कौशिक ने भी स्व. कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

यूपी की किशोरी की एम्स ऋषिकेश में हुई सफल हार्ट सर्जरी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश निवासी एक 12 वर्षीय किशोरी के दिल की जन्मजात गंभीर बीमारी का सफल ऑपरेशन कर उत्तराखंड में चिकित्सा क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है।

बताया गया है कि इस किशोरी के दिल में जन्म से छेद था, जिससे उसका शरीर अक्सर नीला पड़ जाता था। अपने शहर के आसपास उच्च चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव के चलते अब तक किशोरी के माता-पिता उसका उपचार नहीं करा पा रहे थे, लिहाजा इस किशोरी को उम्र बढ़ने के साथ साथ दिल की जन्मजात बीमारी के कारण सांस लेने में कठिनाई होने लगी।

इसके बाद किशोरी के परिजनों ने उसके समुचित उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश की ओर रुख किया। एम्स अस्पताल में किए गए सीटी स्कैन से पता चला कि किशोरी को डीओआरवी, पीएस नामक हृदय की बीमारी है,जिसके लिए ऑपरेशन की आवश्यकता है। इसके साथ ही उसके शरीर में कुछ ऐसी नसें भी थी, जिन्हें ऑपरेशन से पहले एन्जियोग्राफी से बंद करना था।

संस्थान की हृदय रोग विभागाध्यक्ष डा. भानु दुग्गल एवं डा. यश श्रीवास्तव ने एन्जियोग्राफी के माध्यम से किशोरी की इन नसों में छल्ला डाला, जिसके बाद सीटीवीएस विभाग के पीडियाट्रिक कॉर्डियक सर्जन डा. अनीश गुप्ता ने उसकी जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

चिकित्सकीय टीम की इस सफलता के लिए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने उन्हें प्रोत्साहित किया, साथ ही निदेशक प्रो. रवि कांत ने चिकित्सकों को भविष्य में भी इसी तरह मरीजों की मदद करने के साथ साथ सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं के सुचारू संचालन का भरोसा दिलाया। डा. अनीश ने बताया ​कि​ सर्जरी के बाद एनेस्थेटिस्ट डा. अजेय मिश्रा की टीम ने किशोरी का भली प्रकार से खयाल रखा। किशोरी को अब पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

क्या है डीओआरवी एवं पीएस बीमारी यह एक जन्मजात हृदय की बीमारी है,जिसमें स्वच्छ व गंदे खून की नसें एक साथ एक ही खाने भाग से निकलती हैं तथा फेफड़े की नस में रुकावट रहती है। जिसके कारण बच्चे का शरीर नीला पड़ता है, साथ ही उसे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इस बीमारी से बच्चा कभी कभी बेहोश भी हो सकता है। इस बीमारी का पता इको और सीटी स्कैन से चल पाता है। जिसका उपचार ऑपरेशन से ही संभव है। इस बीमारी की जटिलता के हिसाब से बीमारी से संबंधित कई तरह से सर्जरी की जाती है। इस बीमारी के प्रति लापरवाही व बिना इलाज के जान जाने का खतरा होता है।

उत्तराखंड को मिला अवार्ड आफ एक्सीलेंस

उत्तराखण्ड को 18 वें सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेस अवार्ड 2020 दिया गया है। यह अवार्ड उत्तराखण्ड को राज्यों की श्रेणी में ई-मंत्रीमंडल के लिए दिया गया है। लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने उत्तराखण्ड को ई-मंत्रीमंडल और उत्तराखण्ड ऑडिट मैनेजमेंट के लिये पुरस्कार प्रदान किये। उत्तराखण्ड की ओर से यह पुरस्कार एनआईसी के एसआईओ के0नारायण तथा संयुक्त सचिव गोपन विभाग ओमकार सिंह ने यह पुरस्कार प्राप्त किये।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रविन्द्र जैसवाल, उप-सचिव गोपन विभाग अजीत सिंह एवं उत्तराखंड ऑडिट मैनेजमेंट सिस्टम टीम के रजत मेहरा, नोडल ऑफिसर, ऑडिट सेल उत्तराखंड, तकनीकी निदेशक, एनआईसी नरेन्दर सिंह नेगी उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि नॉन-प्रोफिट सोसायटी सीएसआई ई गवर्नेस में विभिन्न श्रेणियों में बेहतर कार्य के लिए अवार्ड देती है। उत्तराखण्ड में ई-कैबिनेट की पहल को ई-गवर्नेस की दिशा में बङा कदम मानते हुए अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है। संस्था द्वारा इसे बेस्ट प्रेक्टीसेज के अंतर्गत अन्य राज्यों के साथ भी साझा किया गया।

उत्तराखण्ड को यह पुरस्कार प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गोपन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि गुड गवर्नेस के लिए ई-गवर्नेस बहुत जरूर है। ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, सीएम हेल्पलाईन आदि महत्वपूर्ण पहल हैं। कोशिश है कि लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक लाभ मिले।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भी ने गोपन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि ई-कैबिनेट की पहल करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। उत्तराखण्ड में ई-कैबिनेट के मॉडल पर दूसरे राज्यों में भी विचार किया जा रहा है। सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-ऑफिस प्रारंभ किया जा चुका है। सूचना तकनीक के प्रयोग से प्रशासनिक कार्यकुशलता में सुधार हुआ है।

एम्स और जगत बंधु सेवा ट्रस्ट के बीच हुआ करार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश एवं जगत बंधु सेवा ट्रस्ट के मध्य मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश के अति पिछड़े व दुर्गम क्षेत्रों में टेली हेल्थ प्रोग्राम के तहत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर करार हुआ। जिसके तहत संस्थान सुदूरवर्ती स्वास्थ्य सेवाविहीन गांव में आउटरीच प्रोग्राम के तहत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

निदेशक एम्स प्रो. रविकांत ने कहा कि कोविड -19 महामारी के गठिन दौर में भी लोगों तक पहुंचकर उनकी बीमारियों को समझना व मुकम्मल उपचार देना भी अति आवश्यक है।
आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डा. संतोष कुमार ने कहा कि आउटरीच टेली हैल्थ प्रोग्राम के तहत दुर्गम क्षेत्रों में एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सेवाएं प्रदान की जाएंगी और यह सेवा टेली मेडिसिन के जरिए ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी। जिसे एम्स के विशेषज्ञों द्वारा साझा किया जाएगा। बताया कि इस प्रोग्राम के तहत डायबिटीज, हाइपरटेंशन के मरीजों को परामर्श दिया जाएगा, वजह यह दोनों बीमारियां हृदय रोगियों के लिए बहुत खतरनाक होती हैं। एम्स तथा जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के बीच अगले छह माह के लिए करार किया गया है। उम्मीद जताई कि इस पहल से एम्स की टीम मुजफ्फरनगर के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली क्षेत्रीय जनता को चिकित्सा सुविधा का लाभ उपलब्ध कराएगी।

वहीं, ट्रस्ट के संयोजक व समाजसेवी सुमित प्रजापति जी ने लॉकडाउन में लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए 50,000 से ज्यादा मास्क निशुल्क वितरित किए और इस दौरान कई क्षेत्रों में अभावग्रस्त लोगों के लिए खाद्य सामग्री का प्रबंधन भी किया। मौके पर टेली हेल्थ प्रोग्राम के सदस्य सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. सीन जॉब, एम्स के विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, ट्रस्ट सदस्य अंकित कुमार, राजवीर सिंह प्रजापति आदि मौजूद थे।

ला नीना के कारण इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान

इस वर्ष सर्दी अपना असल रूप दिखाने वाली है। मौसम वैज्ञानिक की मानें तो कड़ाके की ठंड और शीत लहर चलने का अनुमान है, जो कोरोना संक्रमण को देखते हुए सही नहीं होगा।

पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने कहा कि सर्दी का मौसम लंबा खिंचने वाला है। ला नीना के चलते इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान है।

क्या है ला नीना
ला नीना एक प्रक्रिया है, जिसके तहत समुद्र में पानी ठंडा होना शुरू हो जाता है। समुद्री पानी पहले से ही ठंडा होता है, लेकिन इसके कारण उसमें ठंडक बढ़ती है, जिसका असर हवाओं पर पड़ता है। एल नीनो में इसके विपरीत होता है। दोनों ही क्रियाओं का असर सीधे तौर पर भारत के मानसून और सर्दी के मौसम पर पड़ता है।

सोशल मीडिया का हुआ सही इस्तेमाल, 14 माह बाद बिछड़ा लड़का परिजनों से मिला

14 माह पूर्व लापता हुए बेटे की जिंदा होने की खबर लगते ही परिवार में खुशी का माहौल है। यह खुशी का माहौल सोशल मीडिया की वजह से संभव हो पाया। जी हां, यह हकीकत है, घटना उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव के ग्राम शफीपुर की है। यहां 13 वर्षीय मिथिलेश पुत्र कमलेश को 14 महीने पूर्व मेले में देर होने पर घरवालों ने फोन पर डांट लगा दी। डांट से घबराया मिथिलेश ट्रेन पकड़कर नानी के यहां जाने की बात कहने लगा। मगर, गलत ट्रेन में सवार हो गया और उन्नाव से ढंढेरा रूड़की पहुंच गया। यहां ढंडेरा निवासी राव इमरान नामक मुस्लिम नागरिक ने मिथिलेश को अपने पास रखा और उसके परिजनों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

राव इमरान को इसमें सफलता भी हाथ लग गई। बेटे के जिंदा होने की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली तो वह खुशी से झूम उठे। बृहस्पतिवार को मिथिलेश की माता फूल दुलारी, पिता कमलेश और दादा रामपाल ढंढ़ेरा पहुंचे और बेटे को लेकर उन्नाव के लिए निकले।

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