मुख्यमंत्री ने ड्रग्स माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्यवाही के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि यदि राज्य में ड्रग्स माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए नकल विरोधी कानून की तरह कड़े से कड़े कानून को लाने की जरूरत पड़ी तो, यह भी लाया जा सकता है। सीएम श्री धामी ने उत्तराखण्ड में नशे की सप्लाई चौन तोड़ने के लिए पुलिस विभाग को नशे का व्यापार करने वाले अपराधियों व ड्रग्स माफिया पर ताबड़तोड़़ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने आगामी 26 जून को वर्ल्ड एन्टी ड्रग्स डे के अवसर पर प्रदेशभर के युवाओं के एण्टी ड्रग ई प्लज के आंकड़े को 55300 से बढ़ाकर नया रिकॉड बनाने का लक्ष्य पुलिस विभाग को दिया है। उन्होंने कहा कि योग दिवस की भांति ही आगामी 26 जून को राज्यभर में वर्ल्ड एन्टी ड्रग्स डे मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि राज्य में नशा मुक्ति केन्द्रों की स्थापना, संचालन, उपचार एवं चिकित्सकों की व्यवस्था हेतु स्पष्ट गाइडलाइन्स एवं वर्किंग प्लान को जल्द से जल्द कार्यान्वित करने में आ रही बाधाओं के समाधान हेतु मुख्यमंत्री स्तर पर सीधा सम्पर्क किया जाए। वर्तमान में राज्य में निजी प्रयासों से 43 निजी नशा मुक्ति केंद्र संचालित है।
आज सचिवालय में एनसीओआरडी (स्टेट लेवल नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन मीटिंग) की चौथी राज्य स्तरीय बैठक में उन्होंने एण्टी ड्रग्स टास्क फोर्स को मजबूत करने की भी बात की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि 2025 तक ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिकारियों को मात्र बैठकों तक सीमित न रहकर कार्याे कों धरातल पर उतारने के लिए ऑनरशिप लेने की कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी। यह अधिकारियों के कर्तव्य के साथ ही मानवता की सेवा का भी कार्य है।

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड पुलिस विभाग के अधिकारियों व जवानों को नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो में प्रतिनियुक्ति व प्रशिक्षण हेतु भेजने हेतु कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश भी दिए हैं।

बैठक में नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरों के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 में 238 किलोग्राम चरस, 30 किलोग्राम डोडा, 12 किलोग्राम अफीम, 19.11 किलोग्राम स्मैक, 1.57 किलोग्राम हिरोइन, 1232.55 किलोग्राम गांजा, 105390 कैप्सूलस, 17506 इंजेक्शन, 32110 टैब्लेट्स सीज की गई। इसके साथ ही वर्ष 2022 में 141.5 एकड़ भांग तथा 108.5 भांग की फसल नष्ट की गई। इस वर्ष मई 2023 तक तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 586 केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं जिनमें 742 आरोपी गिरफतार हो चुके हैं।

समाज कल्याण विभाग उत्तराखण्ड द्वारा जानकारी दी गई कि एडीक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी (एटीएफ) हेतु भारत सरकार द्वारा श्रीनगर, उत्तरकाशी, चम्पावत एवं अल्मोड़ा का चयन किया गया है। इसके तहत मादक पदार्थाे के दुष्प्रभावो के उपचार हेतु राजकीय चिकित्सालय/स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार सहायता उपलब्ध करायी जाती है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव आर के सुधांशु, नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरों तथा उत्तराखण्ड शासन के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

आर्यन कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ जाते वक्त दुर्घटनाग्रस्त, सात यात्रियों की मौत

केदारनाथ धाम में हेली सर्विस में शामिल आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर आज अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 7 लोगों की मौत की सूचना है। मारे गए लोगों में चॉपर के पायलट औऱ यात्री शामिल हैं। बताया जा रहा है कि खराब मौसम के कारण ये हादसा हुआ। 7 people died as chopper crash in kedarnath route

मिली जानकारी के अनुसार आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर-VTRPN गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम के लिए 6 यात्रियों के साथ उड़ान भर रहा था। लेकिन बीच में बेहद खराब मौसम औऱ घने कोहरे के कारण पायलट का आगे जा पाना संभव नहीं था। इसी दौरान करीब 12 बजे पायलट ने वापस गुप्तकाशी में लैंडिंग की सोची। लेकिन गरुड़चट्टी के पास जैसे ही पायलट टर्न लेने की कोशिश कर रहा था, चॉपर का नियंत्रण बिगड़ गया और पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया। हादसे में चॉपर के पायलट कैप्टन अनिल समेत 6 अन्य यात्रियों की मौत हो गई है।

हादसे की सूचना के बाद रेस्‍क्‍यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान चलाया। क्रैश होने से हेलीकॉप्टर कई हिस्सों में टूट गया है और बीच का हिस्सा जलकर राख हो गया। मृतकों की पहचान अनिल कुमार (हेलीकॉप्टर के पायलट) उर्वी बरार (25), कुर्ती बरार (30), पूर्वा रामानुज (26), प्रेम कुमार वी (63), सुजाता (56) कला (60) के तौर पर हुई है।

2019 में भी केदारनाथ में हेलीकॉप्‍टर क्रैश हुआ था। केदारनाथ से यात्रियों को लेकर फाटा के लिए उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी और इस दौरान हेलीकॉप्‍टर क्रैश हो गया था। इससे पहले 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू करते हुए वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर समेत तीन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। इन दुर्घटनाओं में 23 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।