चारधाम यात्राः यात्रियों को कम परेशानियां हो, इसके लिए हर संभव प्रयास के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने केदारनाथ हेली सेवा के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन देखते हुए बहुत अधिक संख्या में यात्रियों के आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यात्रियों को कम से कम परेशानियां हों इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि टिकटों की बुकिंग में धोखाधड़ी और काला बाजारी को रोकने के लिए अधिक से अधिक आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए। साथ ही, काला बाजारी करने वालों के खिलाफ एफआईआर करवाई जाए। उन्होंने आईआरसीटीसी के साथ ही उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण द्वारा भी लगातार अनुश्रवण किए जाने की आवश्यकता बतायी है।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा से सम्बन्धित सभी जनपदों को आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित पीआरडी जवान उपलब्ध कराए जाने हेतु सम्बन्धित विभाग को निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने शिकायतों के निस्तारण एवं रिफंड के लिए 24ग्7 व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रियों को नकली वेबसाइटों और साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जाए।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव दिलीप जावलकर एवं अपर सचिव नागरिक उड्डयन सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

पिथौरागढ़ में मुख्य सचिव ने दिए जनता से जुड़ी समस्याओं को शीघ्र निस्तारण के निर्देश

जनपद पिथौरागढ़ भ्रमण पर पहुंचे मुख्य सचिव डा. एसएस सन्धु द्वारा विकास भवन सभागार पिथौरागढ़ में जनपद के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की गई। जिसमें जिला अधिकारी डॉ आशीष चौहान द्वारा जनपद के विकास कार्यों से मुख्य सचिव को अवगत कराया गया। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जिला अस्पताल में टोकन आधारित क्यूएमएस सिस्टम प्रारंभ किया गया है साथ ही जिला अस्पताल में उपचार हेतु आने वाले मरीजों द्वारा जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी हेतु फीडबैक ऐप संचालित किया है। जिसके माध्यम से मरीजों का फीडबैक लिया जाएगा, जिससे मरीजों को होने वाली समस्याओं का समय रहते निस्तारण करने में सहायता मिलेगी।
मुख्य सचिव द्वारा निर्माणाधीन बेस अस्पताल को यथाशीघ्र तैयार कर संचालित करने के निर्देश दिए गए साथ ही आरटीपीसीआर लैब में उपकरणों के इंस्टॉलेशन व स्थापना हेतु डीपीआर के सापेक्ष धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया। जल संकट से संबंधित समस्याओं के बारे अवगत कराते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में पानी की समस्या वृहद स्तर पर है। पानी की समस्या ग्रस्त क्षेत्रों में विभागीय टैंकर अथवा अन्य साधनों से जलापूर्ति की जा रही है।
बैठक में मुख्य सचिव द्वारा वर्तमान में राजस्व विभाग, पंचायती राज, सेवायोजन, शहरी विकास के 33 से अधिक कार्य “अपणी सरकार “पोर्टल के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है, इस पोर्टल में और अधिक सुधार व बेहतर बनाने के लिए कहा ।
जिलाधिकारी ने विकास कार्यों के संबंध में अवगत कराया कि जनपद अंतर्गत थरकोट झील, वाहन पार्किंग जेल निर्माण कार्य, वर्षा जल संचय हेतु मनरेगा के माध्यम से वन क्षेत्रों में गड्ढे निर्माण कार्य गया। सौंदर्य करण की दिशा में जनपद अंतर्गत घंटाघर का निर्माण, बिर्थीफाल मुनस्यारी में गिलास ब्रिज, झंडा पार्क व शहीद स्मारक पार्क, थरकोट झील आदि का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
मुख्य सचिव डा. एसएस सन्धु ने कहा हम सभी जनता के लिए हैं जनता के हित में हमें अधिक से अधिक कार्य करना होगा। जनता से जुड़ी समस्याओं को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत पोल्ट्री फार्म, गाय पालन, भैंस पालन, टेलरिंग, जनरल स्टोर, ब्यूटी पार्लर, कॉस्मेटिक, चक्की आदि विभिन्न क्षेत्रों में जनता को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जाए ताकि पलायन का रास्ता न अपनाएं। जनता से जुड़ी समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ तेजी से निस्तारित किया जाए। उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित रहे

केदारनाथ में शंकराचार्य समाधि का कार्य 31 दिसंबर तक हो पूरा

मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने शंकराचार्य समाधि, दिव्यशिला से समाधि तक पैसेज मार्ग, एम आई 26 हेलीपैड, सरस्वती व मन्दाकिनी घाट आदि का भी निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य मे तेजी लाने व गुणवत्ता परक कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर हाल में तय समय सीमा के भीतर पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण किया जाय। शंकराचार्य समाधि में चारदीवारी व मंडल वाल का निर्माण किया जाना है। चारदीवारी 12 मीटर व मंडल वाल 03 मीटर की बनाई जानी है जिसमे से चारदीवारी की वाल 1,2 व 4 पर 1डेढ़ मीटर की दीवार का निर्माण कार्य पूर्ण व वाल 3 पर सरिया व कंक्रीट का कार्य चल रहा है। दिव्यशिला से समाधि तक 48 बाई 3.6 मीटर का पैसेज बनाया जाना है जिस पर राफ्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है व कंक्रीट का कार्य प्रगति पर है। इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिंदल सोशल वर्क के प्रबंधक विकास राणा को 31 दिसम्बर तक शंकराचार्य समाधि व पैसेज को हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए।

सरस्वती नदी पर 504बाई5 मीटर का आस्था पथ का निर्माण कार्य पूर्ण चुका है व घाट के लिए स्टेप भी बन चुके है। घाट को जाने वाले स्टेप पर सौंदर्यीकरण हेतु लाइटनिंग का कार्य किया जाना है। घाट के आस पास 05 व्यू पॉइंट बनाये जाने है जिसमे से 03 व्यू पॉइंट पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव ने जेएसडब्ब्ल्यू को सितम्बर माह का अंत तक शेष 02 व्यू पॉइंट का निर्माण करने व अक्टूबर तक घाट सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

एम आई 26 हेलिपैड पर क्षतिग्रस्त गढ़वाल मंडल विकास निगम के 03 कॉटेज को 10 दिन के भीतर हटाने के निर्देश मुख्य सचिव ने लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार को दिए। एम आई 26 वर्तमान में 50बाई40 आकार का है जिसका विस्तारीकरण चिनूक हेलीकाप्टर हेतु 50बाई100 का किया जाना है। डीडीएमए द्वारा गरुड़चट्टी के लिए पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें से केदारपुरी की तरफ के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो चुका है व 1 एक सप्ताह के भीतर दूसरी ओर के अबटमेंट का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

सीएस ने अधिशासी अभियंता डीडीएमए प्रवीण कर्णवाल को 31 दिसम्बर तक पुल निर्माण कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिंदल ग्रुप द्वारा तीर्थ पुरोहितों के 05 भवन निर्माण किये जाने थे जिसमें से 02 भवनों को पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौप दिए गए है। अवशेष तीन भवनों को क्रमशः 15 सितम्बर, 30 सितम्बर व 15 अक्टूबर तक पूर्ण कर जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश मुख्य सचिव में दिए। साथ ही ध्यान गुफा के लंबित कार्यों को भी तय समय के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस मौके पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग वंदना भी उपस्थित रही।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट में गुणवत्ता, गति व पारदर्शिता का रखा जाए विशेष ख्यालः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलाधिकारियों से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण के प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के साथ समन्वय बनाकर हर तरह की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराएं। उन्होंने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि अवशेष कार्य को जल्द से जल्द टाईमलाईन सहित पूर्ण कर लिया जाए साथ ही कार्यों में गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्य सचिव ने आर.वी.एन.एल. के अधिकारियों से कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि जल संस्थान जल्द से जल्द पाईप लाइन शिफ्टिंग का कार्य पूर्ण कर लें उसमें आ रही समस्याओं से समय-समय पर शासन को अवगत कराया जाए ताकि समस्याओं का निराकरण हो। रेल लाइन से संबंधित भूमि अधिग्रहण के कार्य के पश्चात् भूमि मुआवजा सम्बन्धी कार्य प्राथमिकता के आधार पर किये जाए। टनल निर्माण एवं अन्य निर्माण से होने वाले मलबा के निस्तारण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को अवशेष निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने निर्देश दिये कि रेलवे लाइन में बनने वाले टनलों में विशेषकर जो वन क्षेत्र में हो उन टनलों में सेंसरयुक्त गेट लगाये जाएं जिससे जंगली जानवरों के टनल में जाने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके। बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 के 03 स्थानों ब्यासी डायवर्जन, नरकोटा डायवर्जन व सुमेरपुर डायवर्जन के प्रकरणों पर भी चर्चा की गई।