देवभूमि की विधानसभा ने समान नागरिकता कानून पारित कर देश में की नई शुरूआत-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधान सभा सदन में बहुमत से पास होने पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं, उन्होंने सदन के सदस्यों तथा उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का आभार जताया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक पल है जब देवभूमि के अन्दर देवभूमि की विधानसभा सदन से देश के पहले समान नागरिकता कानून को मंजूरी मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा से पारित नागरिकता संहिता कानून संवैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 12 फरवरी 2022 को प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता कानून को प्रदेश में लागू करने का वायदा किया था। आज वह वायदा पूर्ण हो गया है मुख्यमंत्री ने कहा कि जो संकल्प हमारी सरकार ने लिया था वह आज सिद्धि तक पहुँच गया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना ने इस समानता के कानून को लागू करने की प्रेरणा दी है।” यह कानून समानता और एकरूपता का कानून है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कानून किसी के विरुद्ध नहीं है। बल्कि यह कानून महिलाओं को कुरीतियों और रूढ़िवादी प्रथा से दूर करते हुए सर्वांगीण उन्नतिका रास्ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, उत्तराधिकार और दत्तक ग्रहण जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस क़ानून के निर्माण हेतु पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था इसके बाद लगभग 2 सालों के कालखंड में समिति ने हर वर्ग, समुदाय, संप्रदाय के लोगों के साथ बातचीत करते हुए 10 हज़ार से अधिक लोगों के साथ प्रत्यक्ष रूप से बातचीत, करते हुए 72 बैठकों के बाद 2 लाख 33 हज़ार सुझावों को इस कानून में शामिल किया है।मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों से भी अपेक्षा की है वे भी इस कानून की दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य हित में जो भी निर्णय लिया जाना उचित होगा वह लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष के परिणाम स्वरूप उत्तराखण्ड बना है। वे स्वयं खटीमा, मसूरी तथा मुजफ्फरनगर काण्ड के साक्षी रहे है। राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिये गठित विधान सभा की प्रवर समिति की रिपोर्ट के आधार पर विधान सभा द्वारा आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी प्रदान करने को भी उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान बताया है।

धामी सरकार करने जा रही अपना वादा पूरा, आंदोलनकारियों को मिलेगा आरक्षण

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों के सभी पात्र आश्रित भी राजकीय सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के हकदार होंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक पर गठित विधानसभा की प्रवर समिति ने यह सिफारिश की है। मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने समिति की रिपोर्ट सदन पटल पर रखी। बुधवार को रिपोर्ट पर चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी देने की पूरी संभावना है।
प्रदेश सरकार ने आठ सितंबर 2023 को सदन में विधेयक पेश किया था। विधेयक में चिह्नित आंदोलनकारियों व उसके एक आश्रित सदस्य को क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया गया था। प्रवर समिति ने इसमें बदलाव करते हुए सभी पात्र आश्रितों को आरक्षण का योग्य माना है। साथ समिति ने आश्रित की परिभाषा में चिह्नित आंदोलनकारी की पत्नी अथवा पति, पुत्र एवं पुत्री जिसमें विवाहित, विधवा, पति द्वारा परित्यक्त, तलाकशुदा पुत्री को भी शामिल किया गया है।
प्रवर समिति ने ये सिफारिश भी की कि 11 अगस्त 2004 को या उसके बाद उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी शासनादेशों के अधीन विभिन्न राजकीय सेवाओं, पदों के लिए राज्य आंदोलनकारियों का चयन और नियुक्ति इस अधिनियम के तहत वैध माना जाए। जिस व्यक्ति का चिह्नीकरण सक्षम अधिकारी द्वारा राज्य आंदोलनकारी के रूप में किया गया हो, उसे प्रमाणपत्र या पहचानपत्र जारी हो। विधेयक में विभिन्न विभागों में तथा समूह घ के पदों पर सीधी भर्ती में नियुक्ति देने में आयु सीमा तथा चयन प्रक्रिया को एक बार शिथिल करने का प्रावधान के स्थान पर समिति ने राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की सिफारिश की है।

खटीमा में मुख्यमंत्री ने किया राज्य आंदोलन में शहीदों के परिजनों को सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना के लिए 1 सितंबर 1994 को शहीद हुए आंदोलनकारियों के शहादत दिवस के अवसर पर खटीमा में मुख्य चौराहे के पास स्थित शहीद स्थल में शहीदों की मूर्तियों का अनावरण किया। उन्होंने शहीदों की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और शहीदों के परिजनों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों तथा राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य का चहुमुखी विकास हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इन महान लोगों ने स्वयं का बलिदान इसीलिए दिया कि उन्हें लगता था कि उत्तराखंड अलग राज्य बनकर ही सच्चे अर्थाे में उनके सपनों को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं एक राज्य आंदोलनकारी होने के नाते आंदोलनकारियों के परिवार की पीड़ा समझ सकते है। खटीमा गोलीकांड को याद कर आज भी खटीमा वासियों सहित पूरे उत्तराखंड के लोगों का दिल सहम जाता है।

उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के लिए सबसे पहली शहादत खटीमा की धरती पर दी गई थी और इस शहादत के फलस्वरूप हम पृथक राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बना पाएं हैं, जो खटीमा वासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनता इन वीरों की आजन्म ऋणी रहेगी। जिनकी शहादत के परिणाम स्वरूप हमारे इस राज्य का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें यह याद करने की आवश्यकता है कि आखिर क्यों इन महान लोगों ने राज्य निर्माण के लिए स्वयं का बलिदान दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका एक-एक पल, एक-एक क्षण राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए समर्पित है और हम देवभूमि के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रदेश में देश के सभी राज्यों के अध्ययन के पश्चात देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें दोशी पाये जाने वाले 80 से अधिक नकल माफिया अब तक जेल जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि जिसमे योग्यता, प्रतिभा और क्षमता होगी, उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। नकल विरोधी कानून में नकल माफियाओं को 10 साल सजा और सारी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है साथ ही अभ्यर्थियों के डिबार का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए दिन रात काम कर रही है। हमने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही 10 प्रतिशत आरक्षण देने की दिशा में कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नई कार्य संस्कृति को लागू किया है। उनके नेतृत्व में कोरोना काल में 120 से ज्यादा देशों को स्वदेशी वैक्सीन देने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत के प्रति श्रद्धा पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब चन्दा मामा दूर के नहीं रह गए हैं। इस बार धरती मां की तरफ से चन्दा मामा को राखी भेजी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी भाइयो-बहनो के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक हमारा राज्य, देश का अग्रणीय राज्य होगा, इसके लिए हम सभी को विकास की इस यात्रा में मिलकर चलना होगा।

इस दौरान केन्द्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सभी शहीदों एवं आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि शहीद व्यक्ति परिवार का नहीं बल्कि राज्य एवं देश की अनमोल धरोहर हैं।

कार्यक्रम में केन्द्रय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधायक गोपाल सिंह राणा, महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो, पूर्व विधायक डॉ.प्रेम सिंह राणा, भाजपा जिलाध्क्ष कमल जिन्दल, मण्डी अध्यक्ष नन्दन सिंह खड़ायत, जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मन्जूनाथ टीसी सहित क्षेत्रीय जनता आदि उपस्थित थी।

राज्य आंदोलनकारियों ने क्षैतिज आरक्षण मिलने पर सीएम को दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के संकल्पों एवं सपनों का उत्तराखण्ड़ बनाने में हम विकल्प रहित संकल्प के साथ तत्परता से कार्य करे रहे है। हम सभी को राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता से कार्य करने भाव भी जगाना होगा।
राज्य आन्दोलनकारियों के सहयोग से प्रदेश को संवारने का काम किया जायेगा। राज्य निर्माण में राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष को प्रदेशवासी सदैव याद रखेंगे।
बुधवार को सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सवेक सदन में बडी संख्या में आए उत्तराखण्ड़ राज्य निर्माण चिन्हित आन्दोलनकारी मंच के सदस्यों द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण एवं महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण पुनः बहाल करने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने ज्ञापन का परीक्षण कर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य निर्माण आन्दोलन के वे भी साक्षी रहे है। खटीमा के जन आन्दोलन को उन्होंने स्वयं देखा है। जहां पर 07 लोगों ने अपनी शहादत दी थी। मसूरी, रामपुर तिराहा के शहीद स्थलों पर वे स्वयं जाकर शहीदों को नमन करते है। खटीमा में भव्य शहीद स्मारक के निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के हित में अनेक निर्णय लिये गये है। हमारा प्रयास है कि उन्हें जो भी अनुमन्य सुविधायें है, वह प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने भर्ती माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 90 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला है। हमारे युवाओं के साथ कोई धोखा करने की सोचे भी नहीं, इसके लिये हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है। पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। तीन परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है जिसमें लाखों युवा सम्मिलित हुए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का वायदा किया था और जनता जनार्दन से हमें भरपूर आशीर्वाद भी मिला। समान नागरिक संहिता के लिये गठित समिति जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है। जबरन या प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये हमारी सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक पारित किया है। इसके मायने यह हुए कि प्रदेश में अब मतांतरण कराने वालों पर रोक लगेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की बहनें बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करती हैं। हमने प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था कानून बना कर एक बार फिर से लागू की है। पिछले वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। प्रधानमंत्री जी स्वयं केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों तथा बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों का अनुश्रवण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। सौंग बांध एवं जमरानी बांध परियोजना के लिये भी सहमति मिली है, इससे देहरादून व हल्द्वानी की पेयजल समस्या का समाधान होगा। श्री केदारनाथ का पुनर्निर्माण, श्री बदरीनाथ धाम के पुनर्विकास की योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष 50 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किये। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दिशा में आगे बढ़ते हुए केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक और प्राचीन मंदिरों के विकास के लिय हम मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर काम कर रहे हैं। इस वर्ष अभी तक 08 लाख से अधिक लोग चारधाम यात्रा का पंजीकरण करा चुके है। हमारा प्रयास यात्रा में आने वालों की सुगम यात्रा का है। उन्होंने कहा कि अपनी माताओं और बहनों के सशक्तिकरण के लिये हमने ‘मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत हमने वर्ष 2025 तक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.25 लाख बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य को जोशीमठ भू धंसाव जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। लेकिन स्थानीय लोगों के सहयोग से सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन तथा त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों को सुनिश्चित करते हुए किसी प्रकार की जीवन हानि नहीं होने दी गई। इस कार्य में केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य सरकार को मिला। प्रभावितों को सही समय पर राहत शिविरों में विस्थापित किया गया। राज्य सरकार तथा प्रशासन विस्थापितों के साथ हर कदम में साथ खड़ा रहा। जोशीमठ का कुछ क्षेत्र ही आपदा प्रभावित है। हमें इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढना है। हमारा प्रदेश पूर्णतः सुरक्षित है, यह संदेश देश व दुनिया में पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का नम्बर एक राज्य बनाने के लिये हम विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण हमारा लक्ष्य भी है और विश्वास भी।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य निर्माण चिन्हित आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह भण्डारी, महासचिव वीरा भण्डारी एवं कंचन चन्दोला, पुलम सिंह पंवार, विजय बहादुर रावत एवं आलेन्द्र सिंह भण्डारी सहित बडी संख्या में राज्य आन्दोलनकारी आदि उपस्थित रहे।

रामपुर तिराहा कांड को सीएम ने किया याद, 28वीं बरसी पर मुजफ्फरनगर में हुआ कार्यक्रम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्थल पर उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस मौके पर घोषणा की कि दिवंगत महावीर शर्मा, जिन्होंने इस शहीद स्थल के लिये अपनी भूमि दान की, उनकी स्मृति में यहां पर एक प्रतिमा स्थापित की जायेगी तथा ग्राम- रामपुर, सिसौना, मेघपुर एवं बागोंवाली ग्रामवासियों की सहृदयता एवं जन भावना के दृष्टिगत 2016 में जन मिलन केन्द्रों का निर्माण कराया गया था, उनके पुनर्निर्माण का कार्य किए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य निर्माण के लिए सही गई कठोरतम पीड़ाओं में से एक रामपुर तिराहा कांड की बरसी पर मैं उत्तराखंड के एक-एक आंदोलनकारी को दंडवत नमन करता हूं। उन्होंने कहा अपनी अस्मिता के लिए शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे उत्तराखंडियों को मिला ये घाव आज तक भरा नहीं है और प्रदेश का एक-एक जन आज भी इसके दर्द को महसूस करता है। उन्होंने रामपुर तिराहा गोलीकांड में अपना बलिदान देने वाले आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने कहा शहीद हुए आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य का निर्माण हो इसके लिए हमारी सरकार हर क्षेत्र में विकास कार्यों को आगे ले जाने का कार्य कर रही है। उन्होंने प्रण लेते हुए कहा कि हम शहीद आंदोलनकारियों द्वारा दिखाई गई राह और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों को अपना आधार बनाकर उत्तराखंड का विकास सुनिश्चित करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम प्रत्येक दिन उत्तराखंड राज्य को उसकी मूल रचना एवं आधार के अनुरूप आगे ले जाने का कार्य कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था जिस पर केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा इस बार चार धाम यात्रा में अभी तक 39 लाख (रजिस्टर्ड) श्रद्धालुओं ने यात्रा की है, मां गंगा एवं बाबा केदार के आशीर्वाद से यात्रा सुगम एवं सुरक्षित चल रही है। पहली बार हमारी सरकार ने काँवड़ यात्रा में बजट का प्रावधान किया। उन्होंने कहा 2013 आपदा के बाद केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ जिसके फलस्वरूप आज केदारनाथ का भव्य एवं दिव्य प्रांगण पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाया हुआ है, एवं बद्रीनाथ के मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है, उन्होंने कहा दिल्ली – देहरादून हाईवे बनने से दोनों शहरों की दूरी करीब 2 घंटे में तय कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कुमाऊं क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पौराणिक मंदिरों को जोड़ कर मानसखण्ड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी के साथ हुआ कृत्य क्षमा योग्य नहीं है एवं ऐसे असामाजिक तत्वों को हमारे राज्य में रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कानून के माध्यम से अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी एवं फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से माननीय न्यायालय में मामले को आगे बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने इस अवसर पर शहीद स्मारक स्थल हेतु अपनी जमीन दान करने वाले दिवंगत पंडित महावीर शर्मा को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों की कुर्बानियों पर यह राज्य बना हुआ है। उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर हुए आंदोलन ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खिंचा था। उन्होंने कहा स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने राज्य निर्माण की घोषणा की।अलग राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के लोगों में प्यार अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा राज्य निर्माण की मांग इसलिए हुई थी ताकि हमारे दूरदराज पहाड़ों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचे। आज मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में संपूर्ण उत्तराखंड का विकास हमारे आंदोलनकारियों एवं शहीदों के सपनों के अनुरूप हो रहा है।

इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार बाल्यान, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (उत्तर प्रदेश सरकार) कपिलदेव अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक प्रदीप बत्रा, सचिव उत्तराखंड शासन एच.सी सेमवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

खटीमा में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को सीएम ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को सम्मानित कर वे स्वयं को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। खटीमा, मसूरी, रामपुर तिराहा आदि जगहों पर हुई शहादत से ही उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ।

शहीदों के सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड राज्य का विकास करने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने रोजगार, सड़क, शिक्षा आदि को लेकर जो सपने देखे, उन्हें पूरा करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। आने वाले 10 वर्षों में निश्चित रूप से उत्तराखण्ड को देश का आदर्श राज्य बनाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान स्वरूप प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। परंतु अनेक राज्य आंदोलनकारी इससे छूट गए हैं। 30 जुलाई 2018 के बाद राज्य आंदोलनकारियें का चिन्हीकरण नहीं किया गया। राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण के लिए नया शासनादेश जारी किया जाएगा। इसमें 31 दिसम्बर 2021 तक चिन्हिकरण की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिन्हित राज्य आंदोलनकारी जिन्हें 3100 रूपए पेंशन अनुमन्य की गई है, उनकी मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों, पत्नी/पति को भी 3100 रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। विभिन्न विभागों में कार्यरत राज्य आंदोलनकारियों को सेवा से हटाए जाने के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ठोस पैरवी करेगी। उद्योगों में नौकरी के लिए राज्य आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। राजकीय अस्पतालों की तरह ही मेडिकल कालेजों में भी राज्य आंदोलनकारियों का निशुल्क ईलाज सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की अन्य मांगों पर भी निश्चित रूप से विचार किया जाएगा।

शहीदों की याद में बना स्थल को तोड़ने से सरकार का असल चेहरा आया सामनेः कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी प्रदेश स्तर पर शहीद स्मारक स्थल तोड़े जाने का विरोध करेगी। बृहस्पतिवार को 12 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर ऋषिकेश में शहीद स्मारक स्थल तोड़े जाने को लेकर कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। यह बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने ऋषिकेश में कही।

उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया गया है, हम इसके खिलाफ नहीं है, मगर वर्षों से यहां व्यापार कर रहे हैं स्थानीय व्यक्तियों के बारे में सरकार व स्थानीय प्रशासन को सोचना चाहिए था। कहा कि हैरानी वाली बात यह है कि हरिद्वार रोड पर जहां शहीदी स्मारक स्थल है वहीं पर अतिक्रमण के नाम पर तोड़फोड़ हुई शेष जगह छेड़छाड़ नहीं हुई। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पवित्र स्थान को तोड़ना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

सरकारी विभागों का अतिक्रमण क्यों नहीं टूटता
प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार को पहले शहीद स्मारक स्थल के लिए कहीं और भूमि और भवन की व्यवस्था करनी चाहिए थी फिर इसे हटाया जाना चाहिए था। मगर, दुर्भाग्यपूर्ण है कि मातृशक्ति और युवा शक्ति के बलिदान पर निर्मित इस उत्तराखंड राज्य में भाजपा शासित सरकार में उत्तराखंडियों के पावन स्थलों को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पहले सरकारी विभागों के अतिक्रमण को क्यों नहीं तोड़ता।

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