बदरीनाथ महानिर्माण योजना पीएम की दूरदर्शी योजना में शामिलः पर्यटन सचिव

पर्यटन-धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर ने स्थानीय ब्यापारियों एवं तीर्थ पुरोहितों तथा हक-हकूकधारियों से बदरीनाथ महानिर्माण योजना के विषय में बैठक की तथा मास्टर प्लान के संबंध में लोगों की आपत्तियों एवं शंकाओं का निवारण भी किया। पर्यटन सचिव ने कहा कि बदरीनाथ महानिर्माण योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में लागू हो रही दूरदर्शी योजना है। महानिर्माण योजना पर 424 करोड़ का बजट प्रस्तावित है, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचेगा तथा बदरीनाथ धाम में यात्री सुविधाओं में वृद्दि होगी। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ मास्टर प्लान को केंद्र के सहयोग से लागू हो रही महत्त्वपूर्ण परियोजना है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बदरीनाथ धाम को अधिक आध्यात्मिक नगरी के रूप में सुविधा-संपन्न बनाने हेतु

उल्लेखनीय है कि यात्री सुविधाओं हेतु मास्टर प्लान तीन चरणों में प्रस्तावित है पहले चरण में शेष नेत्र एवं बदरीश झील का सौंदर्यीकरण शामिल है। दूसरे चरण में बदरीनाथ धाम परिसर तथा आसपास के स्थलों का सोंदर्यीकरण तथा विस्तारीकरण होना है तत्पश्चात तीसरे चरण में शेष नेत्र से बदरीनाथ मंदिर तक आस्थापथ निर्माण प्रस्तावित है।
पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ मास्टर प्लान को आध्यात्मिक क्षेत्र बदरीनाथ धाम के विकास हेतु महत्त्वपूर्ण महायोजना बताया है। इससे पहले पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ मंदिर में दर्शन किये तथा ब्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।

बैठक के पश्चात पर्यटन सचिव ने मंदिर के निकटवर्ती स्थानों नारायण पर्वत, मातामूर्ति मार्ग, ब्रह्मकपाल, तप्तकुंड क्षेत्र, बामणी गांव मार्ग आदि स्थानों का पैदल चलकर अवलोकन किया।
इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, बदरीनाथ नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित, नगर पंचायत अध्यक्ष अरविंद शर्मा, व्यापार सभा के विनोद नवानी आदि मौजूद रहे।

केदारनाथ में नेपाल भवन को संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में किए जा रहे अवस्थापना स्थापना संबंधी कार्यों की प्रगति का जायजा लेने सचिव संस्कृति, भारत सरकार राघवेंद्र सिंह तथा सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि, नेपाल भवन तथा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का निरीक्षण किया।

सचिव पर्यटन जावलकर ने सचिव, भारत सरकार को केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति से रूबरू कराया। कहा कि आदि शंकराचार्य की समाधि पर चल रहे कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश कार्यदाई संस्था को दिए गए। इस दौरान उनके साथ प्रसिद्ध उद्योगपति सज्जन जिंदल भी उपस्थित रहे। ज्ञातव्य है कि जिंदल स्टील वक्र्स द्वारा केदारनाथ विकास कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में सहयोग राशि उपलब्ध करवाई गई है जिसके माध्यम से शंकराचार्य समाधि स्थल पर निर्माण कार्य संचालित किए जा रहे हैं। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा इस अभूतपूर्व योगदान के लिए उद्योगपति जिंदल का विशेष आभार व्यक्त किया गया।

मौके पर अधिकारियों ने नेपाल भवन का भी निरीक्षण किया और स्थान स्वामी से वार्ता कर इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव दिया। सचिव, भारत सरकार की ओर से कुछ स्थानीय घरों का भी निरीक्षण किया गया, इसमें अस्थाई तौर पर संग्रहालय को संचालित किया जा सके। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का भ्रमण किया गया। जिसमें उनके द्वारा किन्ही चार स्थलों (पडावौं) को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ध्यान केंद्र के रूप में विकसित करने का विश्वास दिलाया गया।

देवस्थानम बोर्ड को शासन से पूर्ण सहयोग मिल रहाः सचिव पर्यटन

पर्यटन सचिव जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटकों के लिए आवाजाही खोल दी गई है। देशभर के श्रद्धालुगण अब देवस्थान पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर चार धामों की यात्रा पर आ सकते हैं। कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना कार्य केवल पूजा अर्चना तक सीमित न रखते हुए यात्रियों की सेवा के लिए अतिरिक्त कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को शासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारियों से इस बात की अपेक्षा है कि वे वृहद स्तर पर उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपने विजन को विशाल करेंगे।

30 हजार श्रद्धालु कर चुके हैं बाबा केदार के दर्शन
उन्होंने बताया कि अब तक 30,000 श्रद्धालुओं द्वारा बाबा केदार के दर्शन किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए राज्य के द्वार खोले जाने से चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है इससे स्थानीय होटल एवं रिजॉर्ट व्यवसायी, घोड़ा व्यवसाई, छोटे कारोबारियों तथा पर्यटन क्षेत्र के अन्य हित धारकों को लाभ पहुंचेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनाने में अभिनेत्री भाग्यश्री ने जताई इच्छा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री एवं उनके पति हिमालय दासानी ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मी हस्तियों का रूझान बढ़ा है। राज्य में युवाओं को फिल्म के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण दिये जाय तो युवा इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म क्षेत्र के साथ ही आर्गेनिक उत्पादों के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड में ऑर्गनिक नेचर को बढ़ावा देना जरूरी है। ऑर्गेनिक उत्पादों की डिमांड बहुत अधिक है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनाने के लिए भूमि तलाशी जा रही है। फिल्म सिटी के लिए भूमि अधिक चाहिए एवं इसके लिए स्थान भी एयरपोर्ट से कम दूरी पर तलाशने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड के युवाओं को सही दिशा देने की जरूरत है। यदि उन्हें यहां पर फिल्म के क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलता है, तो वे इस क्षेत्र में अच्छा भविष्य बना सकते हैं। उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनने से लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा। इस अवसर पर विधायक गोपाल रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव आशीष चैहान आदि मौजूद रहे।

अतिथि देवो भवः की हमारी को उत्तराखंड ने सदैव कायम रखाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म तथा आयुष के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि यहां के चारधाम देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी के दृष्टिगत राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि ‘अतिथि देवो भवः’ की हमारी परम्परा रही है। हमें अपनी इस परम्परा को सदैव कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य, दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्यटन को वर्षभर स्थानीय निवासियों के लिए आर्थिक गतिविधियों का स्रोत बनाये जाने का हमारा प्रयास है। प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये ’13 जिले-13 नए पर्यटन गंतव्य’, स्थापित किये जाने के साथ ही अनेक अन्य पर्यटन गंतव्य विकसित करने की दिशा में भी पहल की जा रही है। चारधाम सड़क योजना एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी। श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसे विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ मन्दिर के सौन्द्रयीकरण की दिशा में पहल की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 का प्रभाव अन्य क्षेत्रों की भांति प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ा है। पिछले छः माह से पर्यटन व्यवसाय में आये ठहराव को अब आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है। होटल, राफ्टिंग, फिल्म शूटिंग, चारधाम यात्रा जैसे क्षेत्रों को शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाये जा रहे हैं। इसके लिए एसओपी के तहत गाइड लाइन भी तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वैश्विक महामारी का यह दौर भी समाप्त होगा तथा देवभूमि में पर्यटन व्यवसाय चार धाम यात्रा तथा यहां के नैसंर्गिक प्राकृतिक स्थलों पर फिल्मांकन आदि व्यवसाय अपने पूर्व स्वरूप में दृष्टिगोचर होने लगेगा।

शपथ पत्र देकर अब उत्तराखंड में वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर को मंजूरी

उत्तराखंड में वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर को मंजूरी मिल गई हैं। इससे पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में इस पर रोक लगा दी गई थी। अब मंजूरी मिलने के बाद जिला प्रशासन को गाइडलाइन का पालन कराना होगा।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आदेश जारी कर कहा कि वाटर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, ऐरो स्पोर्ट्स, कैंपिंग संचालित करने वालों को सशर्त मंजूरी दी जा रही है। कंपनी, एजेंसी, टूर ऑपरेटर्स को कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना होगा।

कहा कि एजेंसियों को जिला प्रशासन, जिला पर्यटन अधिकारियों को शपथ पत्र देना होगा। गाइडलाइन के तहत गतिविधियां संचालित होंगी। आरोग्य सेतु एप हर व्यक्ति को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड करना होगा।

आनंद वन पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा, सीएम ने सिटी फाॅरेस्ट का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिह रावत ने झाझरा वन रेंज परिसर में उत्तराखण्ड सिटी फॉरेस्ट ‘आनंद वन’ का लोकार्पण किया। झाझरा में विकसित किये गये इस सिटी फारेस्ट में उत्तराखण्ड के विभिन्न प्रजातियों की जीव-जन्तुओं एवं प्राकृतिक दृश्यों को प्रतिकृतियों के माध्यम से दिखाया गया। इसे नेचर एजुकेशन सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रजातियों के जीव-जन्तुओं एवं वनस्पतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इस वर्ष नवरात्रि के प्रथम दिवस से यह सिटी फारेस्ट सेंटर आम जन के लिए खोला जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि झाझरा में वन विभाग द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ किये बिना अच्छी सिटी फॉरेस्ट तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें केवल प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया गया है। आनंद वन में उत्तराखण्ड की उपकृति को दिखाने का अच्छा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जो संस्कृति ग्राम की परिकल्पना है। इसकी झलक भी लोगों को यहां पर देखने को मिले। जिसमें उत्तराखण्ड की संस्कृति, शिल्प, देवस्थानों एवं परम्पराओं के बारे में भी लोगों को जानकारी मिले। इसके बारे में जरूर विचार किया जाय, कि यहां पर उत्तराखण्ड की आंशिक झलक लोगों को देखने को मिले। उन्होंने कहा कि यह सिटी पार्क पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस सिटी पार्क पर एक लघु फिल्म बनाई जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एक सिटी फॉरेस्ट हल्द्वानी में विकसित किया जा रहा है। प्रकृति से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मनुष्य ने जो भी प्राप्त किया है, वह प्रकृति से सीखकर किया है। प्रकृति और मानव के बीच संतुलन बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। दुनिया प्रकृति के संरक्षण के लिए जागरूक हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उत्तराखण्ड में जल संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किये गये। 25 मई 2017 से व्यापक स्तर पर जल संचय अभियान चलाया गया। कोसी एवं रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया गया।

कैंपा के जरिए 10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगारः डा. हरक
वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सिटी फॉरेस्ट वन विभाग द्वारा समाज को एक धरोहर के रूप में सौंपा जा रहा। हल्द्वानी और ऋषिकेश में भी थीम बेस्ड सिटी पार्क बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वन विभाग को 10 हजार लोगों को रोजगार का जो लक्ष्य दिया गया है, वह पूरा किया जायेगा। इस वर्ष कैम्पा के माध्यम से 400 करोड़ रूपये के कार्य किये जायेंगे। जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। भारत सरकार के सहयोग से देहरादून एवं कोटद्वार में नगर वन बनाने की योजना बनाई जा रही है। राज्य के अनेक विकासखण्डों में नेचर वन बनाने की योजना बनाई गई है। जल संवर्द्धन के साथ ग्रेविटी वाटर की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब राज्य में हिम तेंदुए की गणना होगी

उत्तरकाशी वन प्रभाग क्षेत्र में हिम तेंदुए का संरक्षण केन्द्र बनाया जायेगा। यह संरक्षण केन्द्र भैरों घाटी के लंका नामक स्थान पर बनाया जायेगा। यह निर्देश मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हिम तेंदुओं की गणना की जाय। हिम तेंदुओं के सरंक्षण एवं इनकी संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किये जाय। पिछले कुछ वर्षों में जिन क्षेत्रों में हिम तेंदुए देखे गये हैं। स्थानीय लोगों एवं सैन्य बलों के सहयोग वन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जाय। ऐसे क्षेत्रों में ग्रिड बनाकर इनकी गणना की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम तेंदुए एवं अन्य वन्य जीवों के संरक्षण से राज्य में विन्टर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों की अनेक प्रजातियां हैं, जो पर्यटकों के आर्कषण का केन्द्र बनती हैं। वन्य जीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। आज वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोग भी जागरूक हैं। उत्तराखण्ड के प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य में वन एवं वन्य जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है।

बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जनपद में हिम तेंदुए अधिक मात्रा में देखे गये हैं। अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है। विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखण्ड में अभी 86 हिम तेंदुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस अवसर पर प्रो. एन. फिन्स्ट्रा ने हिम तेंदुए के संरक्षण केन्द्र पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया।

चौरासी कुटिया को भव्य बनाने के लिए जल्द ही निविदाएं आमंत्रित की जाएगीः डा. हरक

वन मंत्री हरक सिंह रावत शुक्रवार को तीर्थनगरी पहुंचे। वह यहां से श्रीनगर की ओर जा रहे थे, तभी पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया। पत्रकारों की ओर से चौरासी कुटिया के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चौरासी कुटिया का विकास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। बकायदा शासन स्तर पर इसका रोडमैप तैयार कर लिया गया। जल्द इस संबंध में निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि तीर्थगरी में स्थित चौरासी कुटिया दुनिया में अपनी पहचान रखती है। लेकिन, हम अभी तक उसे भव्य स्वरूप प्रदान नहीं कर पाए है। लेकिन अब इस संबंध में शासन स्तर पर रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इसके लिए प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। चौरासी कुटिया को भव्य और दिव्य रूप प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इसके बाद के विकास का कार्य किया जाएगा।

डॉ. हरक सिंह रावत ने संजय झील के विकास और वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा संजय झील के विकास में उनके विभाग की ओर से कोई अड़चन नहीं आने दी जाएगी। उनका मानना है कि यह एक थीम पार्क बने, जो शहर की सुंदरता को और बढ़ाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी मदद चाहिए होगी, उनकी तरफ से दी जाएगी। इसके अलावा वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर उन्होंने कहा इस संबंध में विभाग जरूरी कानूनी प्रक्रिया को अपनाकर कब्जों को हटाने का काम कर रहा है।

धार्मिक स्थानों के साथ ही पर्यटक स्थलों को विकसित करने का प्लान तैयार कर रही सरकार

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में वर्ष पर्यंत पर्यटन के लिए एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिये हैं। विशेष तौर पर यात्रा मार्ग पर स्थित पर्यटन स्थलों में यात्रा अवधि के अलावा भी पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। श्री बदरीनाथ धाम के प्रस्तावित मास्टर प्लान पर तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों के सुझाव भी प्राप्त कर लिए जाएं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पर्यटन गतिविधियाँ को बढाने के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सलाहकार अश्विनी लोहानी और Federation of Associations in Indian Tourism and Hospitality (FAITH) के महासचिव सुभाष गोयल के साथ विचार विमर्श किया। लोहानी ने उत्तराखंड पर्यटन को ब्राण्ड के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने प्रदेश की समृद्ध वाइल्ड लाइफ में भी पर्यटन की काफी सम्भावना बताई। गोयल ने कहा कि उत्तराखंड में हाईएंड टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसमें टूरिज्म इंडस्ट्री और पर्यटन से जुड़ी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने उत्तराखंड में पर्यटन के विविध आयामों व वर्तमान में चल रही पर्यटन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने चारधाम देवस्थानम बोर्ड, होम स्टे, एडवेंचर टूरिज्म, रोप वे प्रोजेक्ट, 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन आदि के बारे मे बताया। सचिव पर्यटन ने श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण भी दिया।

सैलानियों के लिए खुशखबरी, एक बार फिर हो सकती है बर्फबारी

उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग ने 19 और 20 फरवरी को प्रदेशभर में बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है।
मौसम विभाग की ओर से रसाप्ताहिक बुलेटिन जारी करके बताया गया कि 17 और 18 फरवरी को प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा। उसके बाद 19 और 20 फरवरी को फिर मैदानी इलाकों में हल्की बारिश और पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी का अनुमान जताया है। इससे तापमान फिर गोता खा सकता है। हालांकि 21 फरवरी से दोबारा मौसम साफ हो जाएगा। वहीं रविवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहे। जहां शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 27 डिग्री था, वहीं रविवार को गिरकर 24.8 डिग्री पर आ गया।
वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को औली की वादियों का जमकर लुत्फ उठाया। आईटीबीपी और गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों के साथ उन्होंने औली की बर्फीली ढलानों का निरीक्षण किया।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने रविवार सुबह आईटीबीपी जवानों के साथ बर्फ की ढलानों पर दौड़ लगाकर जवानों को फिट इंडिया का संदेश दिया। उन्होंने औली के विकास को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। रिजिजू अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को औली पहुंचे थे। उन्होंने यहां स्नो स्कूटर की सवारी करने के साथ ही औली के प्राकृतिक सौंदर्य को भी करीब से निहारा।
केन्द्रीय मंत्री ने औली के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि औली बहुत खूबसूरत स्थान है, लेकिन इसे विकसित करने की जरूरत है। यहां अभी भी कई कमियां हैं, जिन्हें दूर करना केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

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