तो सरकार ने भी माना अचानक बढ़े चारधाम यात्रा के श्रद्धालु, व्यवस्थाओं की भी दी जानकारी

रविवार को देहरादून स्थित सचिवालय, मीडिया सेंटर में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, स्वास्थ्य सचिव राधिका झा, प्रो. हेम चंद्र पांडे (कुलपति, एच.एन.बी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय), महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चौहान द्वारा चार धाम से संबंधित जानकारियों को अवगत करवाने हेतु संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि अन्य सालों के मुकाबले इस साल भारी संख्या में यात्री एवं श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं। उन्होंने चार धाम यात्रा को राज्य के विकास हेतु अति महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यात्रियों को स्वास्थ्य सुरक्षा पेयजल ठहरने जैसी तमाम सुविधाएं मिले इसके लिए सभी विभाग आपस में समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया उत्तराखण्ड सरकार के सभी विभाग यथा पर्यटन (नोडल विभाग), धर्मस्व, चिकित्सा, परिवहन, नागरिक उड्डयन एवं जिला प्रशासन आदि द्वारा यात्रा को सुचारू एवं सुरक्षित बनाने हेतु सभी प्रकार की व्यवस्थाएँ की गयी है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया की दिनांक 4.06.2022 तक चारधाम यात्रा में आये यात्रियों की संख्या लगभग 1611598 है। उन्होंने बताया दिनांक 04.06.2022 तक चारधाम यात्रा में आये वाहनों की संख्या-154983 रही। उन्होने बताया पुलिस द्वारा यात्रा के दौरान बिछडे 920 यात्रियों को उनके साथ आये श्रद्धालुओं से मिलाया गया, यात्रा के दौरान 300 यात्रियों को रेस्क्यू कर उनका जीवन बचाया गया, 80 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया एवं 54 घायलों की मदद की गयी, 130 यात्रियों के गुम हुये सामान को वापस कराया गया। उन्होंने बताया चारधाम यात्रा में लगभग 4500 पुलिस बल, 06 कम्पनी, एसडीआरएफ 25 सब टीम, एलआईयू 70, होमगार्ड 700, पीआरडी 600, एनडीआरएफ 02 टीम नियुक्त किया गया है। यात्रा सीजन हेतु अतिरिक्त 47 पोस्ट/चौकियां स्थापित की गयी हैं। यात्रा मार्गों पर 57 टूरिस्ट पुलिस केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान तक हैली ऑनलाइन बुकिंग फर्जीवाडा एवं फर्जी रजिस्ट्रेशन के सम्बंध में 16 अभियोग पंजीकृत कर 20 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। चारधाम यात्रा एवं विभिन्न धार्मिक/पर्यटक स्थलों पर मिशन मर्यादा अभियान के दौरान लगभग 20000 लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी। उन्होंने बताया बढते यातायात के दृष्टिगत कई स्थानों पर वन-वे ट्रैफिक प्लान बनाया गया है। रुद्रप्रयाग जनपद में यात्रियों की सुविधा हेतु 04 सुपर जोन, 10 जोन एवं 26 सेक्टर में विभाजित कर श्री केदारनाथ में एक पुलिस उपाधीक्षक एवं एक अपर पुलिस अधीक्षक को गौरीकुण्ड में नियुक्त कर सुदृढ पुलिस प्रबंध किये गये हैं। साथ ही धामों में श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु पर्याप्त संख्या में बैरिकेडिंग, रस्से व्यवस्थाओं के साथ साथ पंक्तिबद्ध दर्शन कराये जा रहे हैं। राज्य के धामों में वीआईपी गेट की पूर्व प्रचलित व्यवस्था को समाप्त किया गया है।
स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चार धाम हेतु की गई तैयारियां के बारे में अवगत करवाया। कहा कि चिकित्सा विभाग द्वारा सुरक्षित यात्रा के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है जो 2019 की तुलना में कहीं अधिक है और अनेक नये प्रयास भी किए गए हैं। चिकित्सा कर्मियों की तैनाती में बढ़ोतरी करते हुए 178 चिकित्साधिकारी तैनात किये गए हैं, जो वर्ष 2019 की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक है। फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर एवं मेडिकल रिलीफ पोस्ट की संख्या में भी वृद्धि की गई है। एंबुलेंस की संख्या में भी गत वर्षों की तुलना में 33 प्रतिशत वृद्धि करते हुए यात्रा मार्ग पर 119 एम्बुलेंस तैनात की गई है। यात्रियों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पहली बार हेली एम्बूलेंस सेवाएं दी जा रही है, इसके अतिरिक्त सभी चिकित्सा इकाइयों पर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति रखी गयी है। 2019 की तुलना में 108 एम्बूलेंस द्वारा दी गयी सेवाओं में 173 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया हृदय रोगियों के समुचित उपचार हेतु पहली बार विशेषज्ञ चिकित्सकों को ब्ंतकपवसवहल में प्रशिक्षण देकर यात्रा मार्ग पर स्थित प्रमुख चिकित्सालयों में तैनात किया गया है। यात्रा में तैनात चिकित्सकों को एम्स ऋषिकेश के माध्यम से हाई एल्टीट्यूड सिकनेस के उपचार हेतु प्रशिक्षण भी पहली बार दिया गया है। यात्रियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए हाल ही में एम०बी०बी०एस० उत्तीर्ण 75 बांडधारी चिकित्सकों की तैनाती अगले 3 माह के लिए यात्रा से संबंधित अस्पतालों/जनपदों में की गई है। उन्होंने कहा कि चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है जिसमें क्रमशः- केदारनाथ धाम की औसत ऊंचाई 3580 मी0, बद्रीनाथ 3415मी0, यमुनोत्री 3235मी0 तथा गंगोत्री 3415मी० समुद्रतल से ऊंचाई पर स्थित है। बिना किसी विराम के मैदानी क्षेत्रों से आये हुए यात्रियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित धामों पर जाने में प्रतिकूल स्वास्थ्य स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें सांस फूलना, ठण्ड लगना एवं हृदयाघात जैसी स्थितियां प्रमुख है। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि यात्रियों को पर्वतीय मौसम एवं वातावरण के प्रति अभ्यस्त होने में भी समय लगता है। इन सभी कारणों के फलस्वरूप हर वर्ष ही दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हृदय गति रुकने से मृत्यु होती आयी है जैसे वर्ष 2017 में भी 112 यात्रियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई थी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य में पहली बार यात्रा मार्गों पर हेल्थ स्क्रीनिंग की व्यवस्थाएं की गई हैं जिसमें 9 प्रमुख स्थानों क्रमश- बद्रीनाथ के लिए गौचर एवं पाण्डुकेश्वर, केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग, जवारी बॉयपास एवं कुण्डपुल तथा यमुनोत्री के लिए दोबाटा, जानकी चट्टी एवं गंगोत्री के लिए हिना एवं गंगोत्री में हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। हैल्थ स्क्रीनिंग में ऐसे यात्रियों को आगे की यात्रा से रोका जा रहा है, जिनकी स्वास्थ्य स्थिति यात्रा के अनुकूल नहीं है। अभी तक 87 यात्रियों को स्क्रीनिंग उपरान्त वापस लौटाया गया है। उन्होने बताया यद्यपि यात्रियों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए सभी की हेल्थ स्क्रीनिंग किया जाना। सहज नहीं हो पा रहा है तथापि चिकित्सा विभाग द्वारा 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बहुत से उत्साही यात्री चिकित्सकीय परामर्श के उपरान्त भी अंडरटेकिंग देकर यात्रा जारी रख रहे हैं। उन्होंने बताया की वर्तमान तक दो लाख से ऊपर रोगियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई है, 71,646 यात्री ओपीडी में देखे गए हैं एवं 381 रोगियों को एंबुलेंस सेवा प्रदान की गई है तथा 5000 से अधिक यात्रियों को आपातकालीन सेवाएं भी प्रदान की गयी है। हेलीकॉप्टर एंबुलेंस का उपयोग 30 रोगियों को एम्स ऋषिकेश लाकर सफलतापूर्वक उपचार कराया गया है।
सरकार द्वारा कुलपति चिकित्सा विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा इन मृत्यु के कारणों का विश्लेषण किया गया है। विश्लेषण अनुसार कोविड महामारी के दूरगामी प्रभाव के कारण मैदानी क्षेत्रों से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा करने का जोखिम अत्यधिक बढ़ गया है। उन्होंने बताया विशेषज्ञ समिति द्वारा यह मंतव्य देते हुए सुझाव दिये गये हैं कि बुजुर्ग एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित यात्रियों का पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है और सभी यात्रियों को मेडिकल एडवाइजरी का अनुपालन करते हुए ही यात्रा पर आना चाहिए क्योंकि अभी तक हुई मृत्यु में 60 प्रतिशत से अधिक लोग को-मोरबीडीटी से ग्रसित थे एवं 60 प्रतिशत लोग 50 वर्ष से अधिक की आयु के थे। उन्होंने कहा विभिन्न वैज्ञानिक शोध के अनुसार कोविड महामारी के प्रतिकूल प्रभाव अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने पर और अधिक देखे गये हैं। विशेषज्ञ समिति ने दिनांक 5.06.2022 को दिये गये सुझावों में कहा गया है कि बुजुर्ग, कोविड प्रभावित तथा अन्य रोगों से ग्रसित यात्री स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सकीय परामर्श उपरान्त ही यात्रा पर आएं. यात्रा के दौरान 48 घण्टे तक स्थान विशेष के अनुसार ढलने के उपरान्त तथा तत्समय की स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए सतर्कता से यात्रा करें।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 34 लाख यात्री उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर आए थे, परंतु वर्ष 2022 में मात्र 1 माह में यह संख्या 16 लाख तक पहुंच चुकी है जो कि चार धाम यात्रा की व्यापक लोकप्रियता और उत्तराखंड के प्रति देशभर में लोगों के बढ़ते आकर्षण का प्रतीक है। केदारनाथ धाम में भी वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 10 लाख लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे जबकि वर्ष 2022 में मात्र 1 माह की अवधि के भीतर 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा केदारनाथ धाम के दर्शन किए गए हैं। उन्होंने कहा पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है ताकि किसी दिन विशेष पर धामों की धारण क्षमता के अनुरूप लोग वहां पहुंच सके और यात्रा प्रबंधन को बेहतर किया जा सके। पंजीकरण का उद्देश्य यात्रा मार्ग पर उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप संख्या में श्रद्धालुओं को धामों पर जाने के लिए पंजीकृत करना है जिससे कि उनकी यात्रा सुखद एवं सुरक्षित हो सके।
पर्यटन सचिव ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार एक टोल फ्री कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है। जिसमें एक समय पर 6 लोगों को एक साथ यात्रा के संबंध में विविध जानकारियां दी जाती हैं और किसी प्रकार की समस्या की स्थिति में उसे संबंधित विभाग को सौंप दिया जाता है। कॉल सेंटर में अब तक लगभग 12500 से अधिक कॉल रिसीव हो चुके हैं इस प्रकार प्रतिदिन लगभग 400 लोगों द्वारा कॉल सेंटर पर कॉल करके चार धाम यात्रा के संबंध में विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त की जा रही हैं। उन्होंने कहा ऋषिकेश तथा हरिद्वार में बिना रजिस्ट्रेशन के ही यात्रा के लिए आ चुके लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ तथा पर्यटन विभाग द्वारा फिजिकल रजिस्ट्रेशन केंद्रों के माध्यम से इन यात्रियों का पंजीकरण किया जा रहा है। प्रतिदिन औसतन पांच से छह हजार ऐसे श्रद्धालुओं को धामों के लिए पंजीकृत करते हुए यात्रा पर भेजा जा रहा है। ऋषिकेश में आईएसबीटी ऋषिकेश हरिद्वार में चमगादड़ टापू पर फिजिकल रजिस्ट्रेशन काउंटर संचालित किए जा रहे हैं। राज्य भर में कुल 18 फिजिकल पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं। रजिस्ट्रेशन काउंटर तथा मंदिरों में दर्शन हेतु कतार प्रबंधन के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि पहली बार यात्रा मार्ग पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए सर्विलांस कैमरा स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त धामों पर यात्रियों की संख्या का सटीक आकलन करने के लिए हेडकाउंट कैमरा स्थापित किए गए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रियों को यात्रा पंजीकरण, हेल्थ एडवाइजरी तथा मौसम की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि वह यात्रा के पूर्व इन जानकारियों के आधार पर अपनी योजना बना सकें। यात्रा पर जाने वाले प्रत्येक वाहन का पंजीकरण अनिवार्य है निजी वाहनों का पंजीकरण रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर स्वयं का रजिस्ट्रेशन करते समय ही हो जाता है।सुलभ इंटरनेशनल संस्था के माध्यम से चारधाम यात्रा मार्ग पर 144 स्थाई शौचालय (1513 सीट) का संचालन एवं रखरखाव किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सभी जनपदों में आवश्यकतानुसार अस्थाई फ्लेक्सी शौचालय भी स्थापित किए गए हैं।
प्रो. हेम चंद्र पांडे (कुलपति, एच.एन.बी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय) ने बताया कि विभिन्न वैज्ञानिक शोध के अनुसार कोविड महामारी के दूरगामी प्रभाव के कारण मैदानी क्षेत्रों से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा करने का जोखिम अत्यधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा हमारे द्वारा सुझाव दिये गये हैं कि बुजुर्ग एवं अन्य बिमारियों से ग्रसित यात्रियों का पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है और सभी यात्रियों को मेडिकल एडवाईजरी का अनुपालन करते हुए ही यात्रा पर आना चाहिए क्योंकि अभी तक हुई मृत्यु में 60 प्रतिशत से अधिक लोग को-मोर्बिडिटी से ग्रसित थे एवं 60 प्रतिशत लोग 50 वर्ष से अधिक की आयु के थे। उन्होंने कहा विभिन्न वैज्ञानिक शोध के अनुसार कोविड महामारी के प्रतिकूल प्रभाव अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने पर और अधिक देखे गये हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, कोविड प्रभावित तथा अन्य रोगों से ग्रसित यात्री स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सकीय परामर्श उपरान्त ही यात्रा पर आएं. यात्रा के दौरान 24 से 48 घण्टे तक स्थान विशेष के अनुसार ढलने के उपरान्त तथा तत्समय की स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए सर्तकता से यात्रा करें।

कल जारी होंगे उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा के परिणाम

उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट 6 जून 2022 को घोषित किया जायेगा। जिसे परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया जायेगा। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर में राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की उपस्थिति में घोषित किये जायेंगे।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सचिव डॉ नीता तिवारी ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि 6 जून को अपराह्न 4 बजे उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम जारी कर दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर में इस वर्ष के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की गरिमामयी उपस्थिति में घोषित किये जायेंगे। डॉ तिवारी ने बताया कि परीक्षाफल घोषित होने के उपरांत परिषद कार्यालय रामनगर की आधिकारिक वेबसाइट www-ubse-uk-gov-inwww-uaresults-nic-in पर रिजल्ट जारी किये जायेंगे, जहाँ परीक्षार्थी अपना परीक्षाफल देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा बोर्ड परीक्षाएं 28 मार्च 2022 से 19 अप्रैल 2022 के मध्य आयोजित की गई थी जो कि 1333 परीक्षा केन्द्रों में सफलतापूर्वक सम्पादित की गई। इस वर्ष संपादित बोर्ड परीक्षाओं के अंतर्गत हाईस्कूल में कुल 129778 एवं इंटरमीडिएट में कुल 113164 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। परीक्षा के उपरांत दिनांक 25 अप्रैल 2022 से 9 मई 2022 के मध्य उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया। विद्यालयी परिषद की सचिव ने बताया कि शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर पूरी पारदर्शिता के साथ समय पर बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम तैयार किये गये हैं। सोमवार को रामनगर में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं परिषद के सभापति व निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ आरके कुंवर सहित विभागीय अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल घोषित कर दिये जायेंगे।

सरकारी स्कूलों में किताब बांटने में देरी पर आज हुई बड़ी कार्रवाई

उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों में किताबें में बांटने में हुई देरी को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने 600 से ज्यादा अधिकारी-कार्मिकों के वेतन पर रोक लगा दी। खुद को भी नैतिक रूप से जिम्मेदार मानते हुए खुद तिवारी ने भी सभी छात्रों को किताब न मिलने तक वेतन नहीं लेने का निर्णय किया है।
ब्लॉकवार शतप्रतिशत किताब वितरण का प्रमाणपत्र देने पर ही वेतन जारी किया जाएगा। यह पहला मौका है जबकि शिक्षा विभाग इस इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। महानिदेशक ने बताया कि कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां जहां किताबें नहीं बंट पाई हैं, वहां छुट्टियों के दौरान भी घर घर जाकर किताबें मुहैया कराई जाएं। इसके लिए एक हफ्ते का वक्त मुकर्रर किया गया है। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशकों से किताबों के समय पर न बंटने के लिए जिम्मेदार अफसर-कार्मिकों की सूची सोमवार तक मुहैया कराने के निर्देश भी दिए हैं।
अप्रैल के पहले हफ्ते तक किताबें मुहैया कराने के दावे के बावजूद आज तक शिक्षा विभाग शतपतिशत छात्रों को किताबें नहीं दे पाया। यह बात दीगर है कि महानिदेशक की अध्यक्षता में 17 मई को हुई बैठक में अधिकांश अधिकारियों ने दावा किया था कि वो शतप्रतिशत किताबें बंटवा चुके हैं।
हाल में विभिन्न जिलों में हुए मुआयनों में अधिकारियों के किताब वितरण के दावे हवाई साबित हुए। आज महानिदेशक ने सुबह सुबह ही अधिकारियों के वाट्सअप ग्रुप में तीन बिंदुओं पर कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया। साथ ही शाम को चार बजे वर्चुअल बैठक भी बुला ली।
बैठक में महानिदेशक ने किताबें का वितरण समय पर न होने के लिए कड़ी नाराजगी जाहिर की। कहा कि प्रत्येक छात्रों को किताबें मुहैया कराना सीईओ की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। किताब वितरण से जुड़े बेसिक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक समेत सभी अफसर और जिला और ब्लॉकवार कार्मिकों का वेतन पुस्तक वितरण पूरा होने तक रुका रहेगा।
वहीं, अपनी गलतियों को दूसरे सिर मढ़ने के दौर में महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने एक मिसाल पेश की है। तिवारी ने कहा कि समय पर किताब न मिल पाने से वो स्वयं भी व्यथित हैं। यदि बच्चों को समय पर किताब मिल जाती तो वो अधिक समय पढ़ाई को दे पाते। अब गर्मियों का अवकाश शुरू हो गया है।
ऐसे बिना किताब के रहना और भी गलत है। विभागीय मुखिया होने के नाते यह मेरा भी नैतिक अपराध है। जब तक सभी छात्रों को पुस्तक मिलने का प्रमाणपत्र नहीं मिल जाएगा तब तक मैं भी वेतन नहीं लूंगा। उन्होंने कहा कि 31 मई तक अधिकांश छात्रों को किताबें मुहैया करा दी गई हैं। कुछ स्थानों पर तकनीकी और व्यहारिक रूप से किताबें नहीं पहुंच पाई हैं, उन्हें सर्वाेच्च प्राथमिकता से पहुंचाया जाएगा।

सचिवालय एवं विधानसभा को प्लास्टिक मुक्त बनाया जायेगा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के निकट कैंट रोड पर वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम में वन मंत्री सुबोध उनियाल एवं पर्यावरणविद्, पद्मभूषण प्राप्तकर्ता डॉ. अनिल प्रकाश जोशी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘‘एनुअल वाटर क्वालिटी रिपोर्ट 2021‘‘ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि चंपावत को वोकल फॉर लोकल आधारित आर्थिकी एवं पारिस्थितिकी के रूप में खड़ा किया जायेगा, ताकि हिमालय के लिए यह एक मॉडल बन सके। उन्होने कहा कि सचिवालय एवं विधानसभा को प्लास्टिक मुक्त बनाया जायेगा। प्लास्टिक मुक्ति का अभियान निरन्तर चलाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी शहरों में स्वच्छता अभियान चलाया जाए। देहरादून से इसकी शुरुआत की जाए, उसके बाद अन्य शहरों में स्वच्छता के अभियान चलाये जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद में 75 आर्द्रभूमियों की पहचान कर उनका जीर्णाेद्धार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा, पर्यावरण पर्यटन की दिशा में भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी विशेष ध्यान रखें कि जनपदों के दुर्गम क्षेत्रों में मार्गों की कनेक्टिविटी अच्छी हो, कनेक्टिविटी की छोटी-छोटी योजनाओं को प्राथमिकता पर रखा जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति का वरदान है। हमारा प्रदेश जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। पर्यावरण का संरक्षण करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें पर्यावरण मॉडल की दिशा में कार्य करना होगा। हमारी आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध जल, हवा, मिट्टी एवं पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण पर सभी को विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि तापमान में वृद्धि एवं जल स्तर का नीचे जाना चिंता का विषय है। जल संचय एवं जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जाएं। जल संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा देशभर में अमृत सरोवर की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘‘केवल एक पृथ्वी’’ है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी ने हमको सब कुछ दिया है। हमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना होगा। जीडीपी के साथ जीईपी का आकलन करना जरूरी है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्वतीय राज्य होने के कारण पर्यावरण संरक्षण के लिए सबको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। जंगल हमें विरासत में मिला है। इनके संरक्षण के लिए हमें इनको लोगों की आजीविका से जोड़ना होगा। इकोलॉजी बेस एम्प्लॉयमेंट को जनरेट करना होगा। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण और उनके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। वृक्षारोपण एवं उनके संरक्षण के लिए हर विभाग को अलग-अलग क्षेत्र क्षेत्र देकर उनकी जिम्मेदारी तय करनी होगी। वन पचायतों को मजबूत करने के साथ ही उनको आजीविका से जोड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकास सतत चलने वाली प्रक्रिया है। विकास एवं पर्यावरण में संतुलन बनाये रखना जरूरी है।
पर्यावरणविद्, डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य को इकोलॉजी और इकोनॉमी से जोड़कर आगे बढ़ाना चाहते हैं, यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बहुत जरूरी है। उत्तराखण्ड देवभूमि है और देवों का हमेशा प्रकृति से जुड़ाव रहा है। उन्होंने कहा कि तापमान वृद्धि से ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना, चिंताजनक है। राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए निरन्तर प्रयोग होने चाहिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, निदेशक पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड श्री एस.के सुबुद्धि, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

14 जून से विधानसभा सत्र, सरकार ने की तैयारी शुरु

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर चंपावत उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई व शुभकामनाएं दी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री को पौधा भी भेंट किया।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष के बीच प्रदेश के विकास को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा वार्ता हुई। इस अवसर पर 14 जून से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियों को लेकर भी बातचीत हुई। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने अपनी विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी वार्ता की।

शिविर में विभिन्न बीमारियों के एक्सपर्ट चिकित्सकों ने रोगियों को दिया परामर्श

ग्रामीण क्षेत्र खदरी में श्री गुरो मंगल सर्वंजना अस्पताल के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय निशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं उपचार शिविर क्षेत्रवासियों के लिए राहत लेकर आया। मंहगे उपचार एवं विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त सैकड़ों लोग स्वास्थ्य कैम्प में पहुंचे। जहां विभिन्न बीमारियों के एक्सपर्ट चिकित्सकों द्वारा उनका स्वास्थय परीक्षण कर आवश्यक परामर्श दिया गया।
रविवार की सुबह स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ अस्पताल के संचालक डॉ विजय कुमार एवं अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। शिविर में सैकड़ों की संख्या में उपचार हेतु पहुंचे मरीजो ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रणीति दास, त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ अंकिता, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ योगेश, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ विजय कुमार, यूरोलॉजिस्ट डॉ कौशल कुमार, नेत्र दृष्टि विशेषज्ञ डॉ राजे नेगी, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ विभा मंगल जैन, जनरल फिजिशियन डॉ जेव सिंह से निःशुल्क परामर्श लिया। साथ ही निःशुल्क रक्त एवं यूरीन जांच का लाभ उठाया। अस्पताल के संचालक डॉ विजय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर उनके अस्पताल में विशेषज्ञों की टीम बुलाकर निरूशुल्क शिविर का आयोजन किया जाता रहा है जिससे की समय रहते लोगों अपने स्वास्थ संबंधी रोगों की जानकारी मिल सके एवं सही समय पर उपचार भी करा सकें। शिविर को सफल बनाने में जन सम्पर्क अधिकारी विनोद सिंह पंवार, रविन्द्र कुकरेती, शिवम भट्ट, अंकित सैनी, मनोज नेगी, सौरभ, सुषमा शर्मा ने सहयोग किया।

मासूम का फिसला पैर, गंगा के तेज बहाव में बही, लापता

मुनिकीरेती के शीशमझाड़ी क्षेत्र में एक आश्रम के घाट के पास पांच साल की मासूम बच्ची गंगा के तेज बहाव में बह गई। सूचना पर एसडीआरएफ की टीम मौके पहुंची और बच्ची की तलाश को गंगा में सर्च ऑपरेशन चलाया। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया।
कैलाश गेट चौकी प्रभारी योगेश पांडेय ने बताया कि रविवार सुबह दिल्ली का एक परिवार वेदांत आश्रम घाट पर स्नान कर रहा था। इस दौरान परिवार की पांच वर्षीय बच्ची आशी पुत्री अमरनाथ निवासी अशोक नगर, दिल्ली का अचानक पैर फिसला और वह पानी के तेज बहाव में बह गई। जब तक उसे बचाने का प्रयास करते देखते ही देखते वह गंगा की तेज लहरों में ओझल हो गई। घटना के बाद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस दी। सूचना पाकर एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर तत्काल सर्च ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन मासूम बच्ची का कहीं पता नहीं चल पाया। एसडीआरएफ उपनिरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि सोमवार को फिर से सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा।

पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यावरण संरक्षण को सामूहिक प्रयासों की जरूरत बताई हैं। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सामूहिक रूप से प्रकृति के संरक्षण की दिशा में भी चिन्तन करना होगा। पर्यावरण संरक्षण को जीवन से जुड़ा विषय बताते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में उत्तराखण्डवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश सरकार समृद्ध जैव संसाधनों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उत्तराखण्ड अपनी वन सम्पदा और नदियों के कारण पर्यावरण संरक्षण की मुहिम का ध्वज वाहक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी प्रयासों के साथ ही जनता, जन प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं का पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना जागृत करने और इसके संवर्द्धन में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के साथ ही नदी और जल स्रोतों की साफ सफाई के लिए भी पूरा प्रयास जरूरी है।

यात्रा व्यवस्थाओं की निगरानी हेतु एक्सपर्ट कमेटी के गठन के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देर सांय मुख्यमंत्री आवास में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने यात्रा के दौरान यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता व्यक्त करते हुए इस सम्बन्ध में प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इसके लिये एक्सपर्ट कमेटी गठित किये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हो रही मृत्यु के वास्तविक कारणों की भी सही स्थिति जनता के समक्ष रखी जाए। ताकि चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु आवश्यक एहतियात बरतें। उन्होंने इसके लिये बुजुर्ग एवं अस्वस्थ लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बुजुर्ग लोग अपना स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा पर आए, इसकी व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। इस सम्बन्ध में चारधाम यात्रा से सम्बन्धित व्यवस्थाओं के प्रति नकारात्मक संदेश से बचाव के साथ ही यात्रा के सम्बन्ध में की गई सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के लिये पर्यटन, स्वास्थ्य, परिवहन एवं एस.डी. आर. एफ. के अधिकारी समन्वय से कार्य करते हुए। नियमित रूप से मीडिया को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराये।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव राधिका झा, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, महानिदेशक सूचना एवं परिवहन आयुक्त रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सी. रविशंकर, महानिदेशक स्वास्थ्य के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

चंपावत उपचुनाव की विजय प्रदेश की जनता के भरोसे की जीत-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चंपावत उपचुनाव में ऐतिहासिक विजय के बाद देहरादून पहुंचने पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आम जनता द्वारा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को पंतनगर से स्टेट प्लेन से जौलीग्रांट एयरपोर्ट आए तथा वहां से हेलीकॉप्टर द्वारा परेड ग्राउण्ड पहुंचे।
परेड ग्रांउण्ड में हेलीकॉप्टर से उतरते ही मुख्यमंत्री का पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आम जनता द्वारा भव्य रूप से किया गया, स्वागत भी ऐतिहासिक रहा। परेड ग्राउण्ड से मुख्यमंत्री खुले वाहन में सवार होकर भारी जन समूह के साथ बलबीर रोड़ स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। इस पूरे रास्ते सर्वे चौक, ई.सी रोड़, आराघर चौक आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग उनके स्वागत के लिये मौजूद रहे। इस रोड शो में मुख्यमंत्री के जयकार के साथ भी बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एवं आम जनता साथ चलती रही। इस खुले वाहन में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक एवं भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा तथा अन्य पदाधिकारी मुख्यमंत्री के साथ रहे।
प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचने पर मुख्यमंत्री का कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डा धन सिंह रावत, चंदन राम दास, सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, नरेश बंसल, मनोनीत राज्यसभा सांसद डॉ कल्पना सैनी सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव में सहयोग के लिये सभी का व्यक्तिगत रूप से आभार जताते हुए प्रदेशवासियों के साथ ही विशेष रूप से चंपावत की जनता का हृदय से आभार व्यक्त किया तथा जनता के विश्वास एवं भरोसे पर समर्पित भाव से कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत उपचुनाव की बड़ी जीत ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी दी है। उनका हर पल प्रदेश की जनता की सेवा के लिये समर्पित है। राज्य वासियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का उनका सतत् प्रयास रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की देवतुल्य जनता ने प्रदेश में एक दल की दुबारा सरकार न बनाने के मिथक को तोड़ा है। इसके लिये भी वे प्रदेश की जनता के आभारी है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में सबकी भावनायें जुड़ी थी। यह हम सबका सामूहिक चुनाव था, जिसमें सभी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने कहा कि सैनिक पुत्र होने तथा साधारण परिवेश में पला बढ़ा होने के नाते वे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं से परिचित है। हर क्षेत्र का पूरे मनोयोग एवं समर्पित भाव से जन अपेक्षाओं के अनुरूप समग्र विकास ही उनका लक्ष्य रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड 2025 तक देश के अग्रणी एवं श्रेष्ठ राज्य के रूप में पहचान बनाये, यह उनका प्रयास रहेगा। अपने अथक प्रयासों और परिश्रम के साथ सबके सहयोग से हम इस दिशा में सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रभाव कम होने के बाद प्रदेश के चार धामों में भारी संख्या में तीर्थयात्री एवं पर्यटक आ रहे है। सबकी यात्रा सुखद, सुगम एवं सुरक्षित हो इसके लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है। किसी भी तरह की असुविधां श्रद्धालुओं को न हो इसके लिए अधिकारियों को कारगर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव सर्वविदित है। उनके कुशल नेतृत्व में देश का मान सम्मान देश व दुनिया में बढ़ा है। आज देश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना के साथ बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ सभी को प्राप्त हो रहा है। उन्होंने इस ऐतिहासिक जीत के लिये प्रधानमंत्री श्री मोदी का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन ने उन्हें इतना सौभाग्यशाली बनाया कि आज वह समस्त उत्तराखण्ड के स्नेह व आशीर्वाद का पात्र बने है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व ने कोरोना महामारी में देशवासियों को कोरोना टीकाकरण के साथ ही निःशुल्क खाद्यान उपलब्ध कराने का कार्य किया जिससे 80 करोड़ लोगों को राहत मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विजय राज्य के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति के सपनों को पूर्ण करने में भी प्रेरणादायी बनेगा। उन्होंने कहा कि चंपावत विधानसभा का यह उपचुनाव उत्तराखण्ड निर्माण के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों की आशाओं को पूर्ण करने, प्रदेश की सम्मानित जनता के हर स्वप्न को सच करने व प्रगति का स्वर्णिम अध्याय लिखे जाने के लक्ष्य को पूर्ण करने की प्रेरणा प्रदान करने वाला भी बनेगा।