सैनिकों का स्वास्थ्य बिगड़ने पर सरकार और सेना अफसर करें उचित इलाज की व्यवस्थाः पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से फोन पर बात कर राज्य में कोरोना पाजिटिव पाए गए सैनिकों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमित हुए सैनिकों के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार और सेना के अधिकारी आपसी समन्वय बनाए रखते हुए इनके समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना से लगातार सम्पर्क किया गया है और हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले दिनों कोरोना पाजिटिव मामलों में वृद्धि हुई है परंतु स्थिति नियंत्रण में है। राज्य में सर्विलांस और सेम्पलिंग में काफी बढोतरी की गई है। आईसीयू, वेंटिलेटर और आक्सीजन सपोर्ट की सुविधाएं भी लगातार बढाई जा रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बरसात को देखते हुए राज्य में आपदा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से आवश्यकतानुसार हर सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 और आपदा प्रबंधन की निरंतर समीक्षा की जा रही है।

कोविड-19 के साथ हमें डेंगू से भी रहना होगा सजगः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम आवास और आवासीय कार्यालय परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने गमलों, नालियों आदि को चेक किया कि कहीं पानी तो इकट्ठा नहीं हो रखा है। जिन गमलों में पानी था, उन्हें खाली किया। मुख्यमंत्री ने पानी की टंकियों में भी देखा कि डेंगू के लार्वा तो नहीं पनप रहे हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने डेंगू पर वार करने के लिए आमजन से हर रविवार को 15 मिनट का समय निकालकर घर और घर के आस पास एकत्र पानी को हटाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के साथ-साथ हमें डेंगू को लेकर भी बहुत सजग रहना है। साफ पानी में ही डेंगू पनपता है। हमें डेंगू को पनपने नहीं देना है। इसके लिए अपने घर और घर के आस पास पानी इकट्ठा न होने दें। हम हर सप्ताह रविवार को केवल 15 मिनट का समय निकालें और डेंगू पर वार करें। आमजन का योगदान बहुत जरूरी है।

सोमवती अमावस्या पर घर पर ही करें पवित्र भावों से स्नानः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि आगामी 20 जुलाई को सोमवती अमावस्या के दिन कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण हरिद्वार में मां गंगा में स्नान करने के बजाय हम सब घर पर ही मां गंगा का स्मरण करके पवित्र भावों से स्नान करें ताकि इस महामारी के काल में आप सब उत्तराखण्ड सरकार को सहयोग कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवती अमावस्या के दिन तमाम हिन्दुओं की इच्छा होती है कि हरिद्वार जा कर के, मां गंगा में, हर की पैड़ी में सामुहिक स्नान करें लेकिन वर्तमान परिस्थितियां इसके लिए अनुमति नहीं दे रही हैं। परिस्थितियां सामान्य होंगी तो फिर हम पूरी सादगी के साथ, श्रद्धा के साथ व विश्वास के साथ हरिद्वार में मां गंगा में स्नान कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि देश में पिछले चार पांच महीनों से कोरोना महामारी का प्रकोप चल रहा है। ऐसे में आप सबके सहयोग से इस महामारी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है और उसके परिणाम भी सामने देखने को मिल रहे हैं। भारत एक त्योहारों का देश है हमारी धार्मिक मान्यताएं हैं और तमाम ऐसे सामाजिक कार्य इस दौरान होते रहे हैं लेकिन उसका स्वरूप परिस्थितियों के अनुसार हमने परिवर्तित किया है। उन्होंने कहा कि मेरी आप सभी से विनम्र प्रार्थना है कि आप सरकार के साथ मिल कर के इस महामारी से लड़ने के लिए संकल्प लें ‘‘कोरोना को भगाना है और देश को जिताना है‘‘। आप पूरे श्रद्धापुर्वक अपने घरों पर मां गंगा का स्मरण करके और पवित्र भावों से स्नान करें उसका पूण्य लाभ हम सबको मिलेगा। मुझे विश्वास है आप सब का अर्शीवाद एवं सहयोग हमें प्राप्त होगा।

संक्रमित व्यक्ति के इलाज और सम्पर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग में न की जाए देरीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेसिंग से प्रदेश में कोविड-19 की समीक्षा की। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोविड-19 के फ्रंटलाईन कार्मिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। गम्भीर कोरोना संक्रमित मामलों पर जिलाधिकारी खुद नजर रखें। समय पर रेस्पोंस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को तत्काल इलाज उपलब्घ करवाना, जल्द से जल्द उसके सम्पर्क में आए लोगों की पहचान कर उनकी टेस्टिंग कराना सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं की जा सकती है।

जनप्रतिनिधियों, सामाजिक और व्यापारिक संगठनों से संवाद रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोविड के पॉजिटिव मामलों में हुई वृद्धि को देखते हुए चार जिलों में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लागू किया गया है। आवश्यकता हुई तो आगे भी इस पर विचार किया जाएगा। पूर्व में देहरादून में दो दिन लॉकडाउन के अच्छे परिणाम मिले थे। इसे देखकर अन्य राज्यों ने भी अपने यहां लागू किया था। कोविड-19 में आम जन का सहयोग बहुत जरूरी है। इसके लिए जिलाधिकारी जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और व्यापारिक संगठनों से लगातार सम्पर्क बनाए रखें। लोगों से संवाद बना रहना चाहिए।

आक्सीजन सपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले से काफी मजबूत हुआ है। आई.सी.यू., वेंटिलेटर, आक्सीजन सपोर्ट, टेस्टिंग मशीन व लेब आदि सुविधाओं में बढोतरी हुई है। जिलाधिकारी इनकी क्षमताओं की जांच भी करा ले। ये सुनिश्चित कर लिया जाए कि इनके संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध हैं। आक्सीजन सपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोरोना संक्रमण के मामले आएंगे परंतु सही समय पर इलाज मिल जाना चाहिए। गम्भीर मामलों को चिकित्सक व्यक्तिगत तौर पर देखें और जिलाधिकारी भी इसकी मॉनिटरिंग करें। मृत्यु दर को बढ़ने नहीं देना है।

बीमारी के प्रति संवदेनशील लोगों की सतत जानकारी रखी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेम्पलिंग और टेस्टिंग में लगातार वृद्धि हुई है। इसे और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। सर्विलांस में जिलों ने अच्छा काम किया है। सर्विलांस में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त रहने वालों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाए। हमारे फ्रंटलाईन वर्करों को लगातार प्रोत्साहित करें। उनको हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाए। ये सुनिश्चित कर लिया जाए कि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए स्वीकृत की गई प्रोत्साहन राशि उनके खातें में चली गई है।

डेंगू को लेकर हो विशेष अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू पर भी सतर्क और सावधान रहना है। हर रविवार को विशेष अभियान चलया जाए। लोगों को प्रेरित किया जाए कि हर रविवार को केवल 15 मिनिट का समय निकालें और अपने घर में या घर के आसपास इकट्ठा पानी को हटा दें। डेंगू को न पनपने दें।

धार्मिक उत्सवों के अवसर पर भीड़ न जुटे, धर्मगुरूओं का लें सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय-समय पर धार्मिक त्यौहार, उत्सव और स्थानीय मेले होते हैं। इनमें लोगों की भीड़ न हो, इसके लिए समाज के गणमान्य लोगों और धार्मिक गुरूओं का सहयोग लिया जाए। मेलों और उत्सवों के आयेजकों को भी बातचीत से विश्वास में लें और कोविड-19 के लिए निर्धारित प्रोटोकाल का पालन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी देखने में आया है कि राज्य में आए कुछ पर्यटक, कोविड-फ्री का फर्जी प्रमाणपत्र लेकर आए। पर्यटकों द्वारा निगेटिव कोरोना जांच संबंधी प्रमाण पत्रों की पुख्ता चेकिंग की जाए। परंतु यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पर्यटकों को इससे परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को राज्य में लौटे प्रवासियों का ग्राम पंचायत वार विवरण संकलन करने के निर्देश दिए। इससे इन लोगों के लिए योजनाएं बनाने में और आसानी होगी। वासुकीताल में ट्रेकरों के लापता होने की घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेकरों का अनिवार्य पंजीकरण किया जाना चाहिए। ऐसा मैकेनिज्म बनाया जाए ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

राज्य में आने वाले पर्यटकों से हो नम्रतापूर्वक व्यवहार
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों से सहानुभूतिपूर्वक और विनम्रता के साथ व्यवहार किया जाए। जो भी जरूरी जांच हो, उसे तत्काल किया जाए ताकि पर्यटकों को अनावश्यक इंतजार न करना पड़े। कोशिश करें कि पर्यटक यहां से अच्छी यादें लेकर जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों में फंड की कोई कमी नहीं है। फिर भी केविड-19 के लिए यदि किसी मद से व्यय किया जाना सम्भव न हो तो शासन स्तर पर बताया जाए। मुख्यमंत्री राहत कोष का इसके लिए उपयोग किया जा सकता है। टेस्टिंग के लिए प्राईवेट लेब का भी उपयोग किया जाए ताकि बेकलॉग की स्थिति न हो।

कोविड-19 के लिए सारे संसाधन उपलब्ध
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने प्रदेश में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के दृष्टिगत तैयारियों में कोई कमी नहीं है। सारे आवश्यक संसाधन जिलों को उपलब्ध करवाए गए हैं। जांच के लिए ट्रूनेट मशीनें दी गई हैं। जल्द ही कुछ और इस प्रकार मशीनें दे दी जाएंगी। जिलाधिकारी इन मशीनों का उपयोग भी पूरी क्षमता के साथ करें। सभी जिलों के एंटीजन किट भी उपलब्ध करवाए गए हैं। ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार के टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। कोविड केयर सेंटर में मानकों के अनुरूप आक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था कर ली जाए। कार्मिकों की आवश्यकता होने पर जिलाधिकारी अपने स्तर पर आउटसोर्स पर रख सकते हैं। कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए आरोग्य सेतु और एनआईसी के ‘‘इतिहास’’ एप का उपयोग भी किया जा सकता है।

ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की मार्केटिंग सुनिश्चित की जाएः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उद्योग विभाग के अंतर्गत ग्रोथ सेंटर योजना की समीक्षा के दौरान ग्रोथ सेंटरों के आउटपुट का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि संचालित ग्रोथ सेंटरों से संबंधित क्षेत्रवासियों की आय में कितनी बढोतरी हुई है, इसका आंकलन किया जाए। ग्रोथ सेंटरो के उत्पादों की क्वालिटी और मार्केटिंग सुनिश्चित की जाए। ऑनलाइन मार्केटिंग पर भी ध्यान दिया जाए। इनकी ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। एग्रीबिजनेस से जुङे ग्रोथ सेंटरों को माइक्रो फूड प्रोसेसिंग से भी जोङा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर में तैयार किए जा रहे उत्पाद इतनी मात्रा में बनाए जाएं कि खरीददार वहां आकर इन उत्पादों को खरीदें। इससे किसानों और ग्रामीणों को अपने उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सकेगी। एमएसएमई विभाग एक वेबसाईट तैयार करे जहां सभी ग्रोथ सेंटरों में बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध हो सके। प्रधानमंत्री ने वोकल फोर लोकल का आह्वान किया है। ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना भी इसी सोच पर आधारित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों के लिए बेकवर्ड और फारवर्ड लिंकेज पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए। सरकारी विभाग भी यहां तैयार किए जाने वाले उत्पादों को प्राथमिकता दे सकते हैं। एलईडी ग्रोथ सेंटरों को डिजायनर उपलब्ध कराए जाएं ताकि वहां स्वतंत्रता दिवस, दीपावली आदि अवसरों पर सजावट के लिए विभिन्न डिजाईनों में लाईट तैयार की जा सकें। सभी ग्रोथ सेंटर को एक समान कलर कल्चर दिया जाए ताकि दूर से ही उन्हें पहचाना जा सके।

बैठक में बताया गया कि हर न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाने हैं। 96 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें डेयरी विकास में 4, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना में 25, उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में 10, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी में 2, एनआरएलएम में 9, जलागम में 7, मत्स्य में 11, उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में 3 और जनपदों के अंतर्गत 25 ग्रेथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं। यूएनडीपी के माध्यम से फार्म और नॉन फार्म एग्री बिजनेस की 12 वैल्यू चौन तैयार कर विभागों के साथ साझा की गई है। जनपदवार देखा जाए तो पिथौरागढ़ में 10, बागेश्वर में 9, अल्मोडा में 8, चम्पावत में 3, नैनीताल में 7, ऊधमसिंहनगर में 6, चमोली में 19, रूद्रप्रयाग में 5, उत्तरकाशी में 7, टिहरी में 8, पौड़ी में 5, देहरादून में 6 और हरिद्वार में 3 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। सभी स्वीकृत ग्रोथ सेंटर का कुल बजट 39 करोड़ 62 लाख रूपए है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए स्वीकृत की 10 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा सहायतित सीमांत क्षेत्र विकास योजना के साथ ही मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत क्षेत्रीय विकास पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों की अवस्थापना सुविधाओं के विकास से पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने देश की सुरक्षा की दृष्टि से राज्य के सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने को देश की सुरक्षा से जुड़ा विषय भी बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल के साथ पहुंचे अधिकारियों एवं शासन के उच्च अधिकारियों के साथ आइटीबीपी से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सीमांत जनपदों के सीमा क्षेत्रों में आईटीबीपी की चौकियों को नियमित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की कार्ययोजना अविलंब तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सीपीडब्लूडी द्वारा निर्मित सड़को की मरम्मत बीआरओ के द्वारा कीे जाय। इन क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को आईटीबीपी को फ्रंटियर हेड क्वार्टर के लिए लगभग 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। सचिव राजस्व को आईटीबीपी को उनके जोशीमठ केम्पस की भूमि का स्वामित्व प्रदान करने के लिए प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के भी निर्देश उन्होंने दिए हैं। मुख्यमंत्री ने महानिदेशक आईटीबीपी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा सीमान्त क्षेत्रों में आवाजाही बढ़ाई जाने एवं इन क्षेत्रों से लोगों का पलायन रोकने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी द्वारा साहसिक पर्यटन की गतिविधियों के प्रति विशेष ध्यान दिए जाने के साथ ही इससे संबंधित तकनीकी दक्षता भी है। उन्होंने इसके लिए पर्यटन एवं आइटीबीपी के अधिकारियों का वर्किंग ग्रुप बनाए जाने तथा विन्टर टूरीज्म सेल से समन्वय बनाने पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने सीमान्त क्षेत्र विकास के तहत सीमांत क्षेत्रों के ट्रेक रूटों की मरम्मत के लिये आई0टी0बी0पी0 को धनराशि उपलब्ध कराने, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में औषधीय वनस्पति के उत्पादन पर ध्यान देने, दूरस्थ सीमान्त क्षेत्रों मलारी, माणा, हर्षिल, नेलांग जैसे क्षेत्रों मे पर्यटन से सम्बन्धित योजनाओं में शामिल करने पर भी ध्यान देने को कहा, इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी को राज्य सरकार द्वारा यथा सम्भव सहयोग का भी आश्वासन दिया गया।

आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में उनकी 5 बटालियन हैं। मसूरी अकादमी के साथ ही फ्रंटियर हेड क्वार्टर भी यहां से संचालित होता है। उन्होंने फ्रंटीयर हेड क्वार्टर के लिए देहरादून के आस पास 15 एकड़ भूमि की व्यवस्था करने का अनुरोध करते हुए जोशीमठ की भूमि का स्वामित्व प्रदान करने एवं उनकी सीमांत 42 चौकियों में ग्रिड से बिजली आपूर्ति, सीपीडब्ल्यूडी द्वारा सीमांत क्षेत्रों में निर्मित सड़कों के रखरखाव, चौकियों के आसपास मोबाइल टावरों की स्थापना आदि की भी बात रखी।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि सीमान्त क्षेत्रों के गांवों में आवाजाही बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। सीमा क्षेत्रों में आवाजाही से वहां तैनात बलों को भी सुविधा रहती है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों द्वारा बॉर्डर तक आवाजाही बढ़ाई गई है हमें भी अपने क्षेत्रों में केवल अपने देश के लोगों को इनर लाइन परमिट की व्यवस्था करनी चाहिए। अभी इन क्षेत्रों में ग्रास लैंड के लिए ही कैटल ग्रीजिंग के लिए परमिट जारी किए जाते हैं।

सीएम त्रिवेन्द्र ने हरेला पर्व पर एक पौधा लगाने की अपील की

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित ‘‘हरेला‘‘ पर्व उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक है। यह त्योहार सम्पन्नता, हरियाली, पशुपालन और पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देता है। उत्तराखण्ड में हरेला पर्व को पौधारोपण त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है। श्रावण मास में हरेला पूजने के उपरान्त पौधे लगाये जाने की भी हमारी परम्परा रही है।

उन्होंने कहा कि हरेला पर्व हमारी लोक संस्कृति, प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ जुड़ाव का भी प्रतीक है। प्रकृति को महत्व देने की हमारी परम्परा रही है। प्रकृति के विभिन्न रूपों की हम पूजा करते हैं। हमारी इन परम्पराओं का वैज्ञानिक आधार भी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमारे लोकगीत तथा लोकपर्व प्रकृति से जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ ही बेहतर जीवन जीने का भी मार्गदर्शन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की हरेला हरियाली तथा ऋतुओं का पर्व है हमें प्रकृति संरक्षण व प्रेम की अपनी संस्कृति, तथा उत्सवों को मनाये जाने की परम्परा को बनाए रखना होगा। उन्होंने सभी से इस महत्वपूर्ण अवसर पर सक्रिय भागीदारी के साथ हर व्यक्ति से एक पौधा लगाने की अपील की है।

दून से बेंगलूरू और हैदराबाद के लिए हवाई सेवा शुरू

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार से देहरादून से बेंगलूरू तथा हैदराबाद के लिये एयर इंडिया की हवाई सेवा को राज्य हित में बताया है। उन्होंने कहा कि इस सेवा के आरम्भ होने से बैंगलूरू एवं हैदराबाद में रह रहे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि ये दोनों शहर आई.टी एवं अन्य प्रमुख उद्योगों के भी केन्द्र हैं। बड़ी संख्या में प्रदेश के लोग वहां सेवायोजित हैं, उन्हें भी इस सेवा से सुविधा होगी। उन्होंने भविष्य में इस सेवा को प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार बताया है।

ज्ञातव्य है कि देहरादून से बेंगलूरू और हैदराबाद के लिए एयर इंडिया की हवाई सेवा बुधवार से शुरू हो गयी। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव ने बताया कि देहरादून- बेंगलूरू -हैदराबाद के बीच हवाई सेवा सप्ताह में दो दिन बुधवार और रविवार को संचालित होंगी। हैदराबाद से प्रस्थान का समय पूर्वाह्न 7.00 बजे और देहरादून में आगमन का समय पूर्वाह्न 9.15 बजे है। इसी प्रकार देहरादून से पूर्वाह्न 10.15 बजे प्रस्थान कर फ्लाईट बेंगलूरू अपराह्न 12.45 बजे पहुंचेगी। यहां से अपराह्न 2.00 बजे प्रस्थान कर फ्लाईट अपराह्न 3.00 बजे हैदराबाद पहुंचेगी।

एमडीडीए ने कमिश्नर के आदेश के बाद हरिपुरकलां में की बिल्डिंग सील

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने नक्शा के विरूद्ध बन रही बिल्डिंग को सील किया है। एमडीडीएम के असिस्टेंट इंजीनियर सुधीर गुप्ता ने टी के साथ बिरला फॉर्म स्थित मनोज शर्मा के चार मंजिला निर्माणाधीन भवन को सील किया है। असिस्टेंट इंजीनियर सुधीर गुप्ता ने बताया कि मनोज शर्मा की उक्त बिल्डिंग का नक्शा पास है। मगर, उन्होंने आवासीय भवन बनाने के लिए नक्शा पास कराया था। मगर, धरातलीय हकीकत कुछ और है, यहां बहुउद्देश्यीय भवन तैयार किया जा रहा है। दरअसल यहां फ्लैट बनाए जा रहे है। बताया कि मनोज शर्मा ने उक्त भवन में एक फ्लोर बिना नक्शा के तैयार कर दिया है। इन दोनों की बातों को आधार बनाकर निर्माणाधीन भवन को कमिश्नर के आदेश के बाद सील किया गया है।

मां का सपना था आईएएस बनने का, अब आस्था करेंगी उनका सपना पूरा

मां का सपना पूरा करना ही है लक्ष्यः आस्था
सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में 99.4 प्रतिशत अंक लाकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल करने वाली आस्था आगे चलकर अपनी मां का सपना पूरा करेंगी। उनकी मां शीला कंडवाल आईएएस बनना चाहती थीं। किसी कारणवश पढ़ाई पूरी न होने के कारण अब उनकी बेटी आस्था इस सपने को साकार करेंगी।

डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत आस्था कंडवाल ने पूर्णांक 500 में से 487 प्राप्तांक प्राप्त किए हैं। इसमें अंग्रेजी में 100, गणित 100, विज्ञान 100, एसएसटी 99, हिंदी 98 अंक आए हैं। गुड्डू फॉर्म श्यामपुर गली वार्ड नंबर नौ निवासी आस्था ने रोजाना पांच घंटे सभी विषयों को दिया। परीक्षा के दिनों इसमें तीन घंटे का विस्तार किया। आस्था के पिता राजकुमार कंडवाल गुडगांव में एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। आस्था को उनकी माता शीला कंडवाल ही घर पर विज्ञान और गणित विषय पढ़ाती हैं। इस कारण उन्हें कभी भी ट्यूशन लेने की जरूरत महसूस नहीं हुई। उनका यह भी कहना है कि जब पढ़ाई भारत से की तो नौकरी भी भारत के लिए ही करूंगी। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार दोपहर

10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित किया। इसमें तीर्थनगरी की आस्था कंडवाल ने 99.4 प्रतिशत अंक लाकर राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि तीर्थनगरी के ही सात बच्चों ने प्रदेश में टॉप-10 में जगह बनाई है।