मनमोहन सरकार से दुगुना किया खर्च मगर नहीं रूकी घटनाएं

आतंकवाद के खिलाफ लड़ने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली केंद्र सरकार के तीन वर्षो के कार्यकाल में जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। सूचना के अधिकार द्वारा गृह मंत्रालय से मांगी गई सूचना के मुताबिक, बीते तीन वर्षो में जम्मू एवं कश्मीर में 812 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 62 नागरिक और 183 भारतीय जवान शहीद हो गए।
बीती मनमोहन सरकार के आखिर के तीन वर्षो के कार्यकाल में कुल 705 आतंकी घटनाओं में 59 नागरिक एवं 105 जवान शहीद हुए थे।
अधिकारी ने बताया कि इसी दौरान मनमोहन सरकार के अंतिम तीन वर्ष में गृह मंत्रालय ने आतंकवाद से लड़ने के लिए तकरीबन 850 करोड़ रुपये जारी किए, जबकि मोदी सरकार के समय गृह मंत्रालय ने 1,890 करोड़ रुपये इस बाबत जारी किए।
गृह मंत्रालय के लोक सूचना अधिकारी ने जवाब में बताया, मई, 2011 से मई, 2014 के बीच में जम्मू एवं कश्मीर में 705 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जिसमें 59 आम नागरिक मारे गए एवं 105 जवान शहीद हो गए, जबकि मोदी सरकार अर्थात मई, 2014 से मई, 2017 तक 812 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जिनमें 62 नागरिक मारे गए एवं 183 जवान शहीद हो गए।
उत्तर प्रदेश के नोएडा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रंजन तोमर ने गृह मंत्रालय से हासिल सूचना के आधार पर बताया कि उन्होंने गृह मंत्रालय से चार सवाल पूछे थे। मोदी की सरकार के आने के तीन साल एवं उसके पहले मनमोहन सिंह सरकार के आखिरी तीन साल में जम्मू एवं कश्मीर में कितनी आतंकवादी गतिविधियां हुई एवं उनमें कितने आम नागरिक एवं कितने जवान शहीद हुए? उन्होंने कहा, तीसरा सवाल यह था कि इस दौरान आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए गृह मंत्रालय ने मनमोहन सरकार के अंतिम तीन वर्ष में कितनी धनराशि जारी की एवं चौथा प्रश्न था कि मोदी सरकार ने प्रथम तीन वर्ष में कितनी धनराशि जारी की।
राजनाथ बोले, रोज मार रहे 5-6 आतंकी
इससे इतर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर रोज पांच से छह आतंकवादी सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा रहे हैं। एक कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा कि सेना, अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अनवरत प्रयासों के चलते जम्मू-कश्मीर में हर दिन पांच-छह आतंकवादी मारे जा रहे हैं। मैं उनकी तारीफ करता हूं।

बाप पर लगाया पुत्री ने दुष्कर्म का आरोप

उत्तराखंड के एक आइएएस पर अजमेर में रहने वाली एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। यह युवती कोई ओर नहीं बल्कि आइएएस की पुत्री ही है। युवती ने कहना है कि उसके पिता उसे जान से मारने की धमकी दे रहे है और प्रताड़ित कर रहे है। युवती इन दिनों अजमेर में तांगा चलाते हुए दिख रही है, युवती अंग्रेजी भाषा में बात करते हुए सवारी को इधर से उधर ले जा रही है।
बताया जा रहा है कि आरोप लगाने वाली युवती आइएएस अफसर की गोद ली हुई बेटी है। उधर, उत्तराखंड के डीजीपी अनिल रतूड़ी का कहना है कि ऐसा कोई मामला अभी तक उनके संज्ञान में नहीं है। अगर कहीं जीरो एफआइआर हुई होगी तो वो भी यहां ट्रांसफर नहीं हुई है।
कमिश्नर रैंक के एक अधिकारी की बेटी ने उनपर यह आरोप एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में लगाया है। इस बाबत जब संबंधित आइएएस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि उनकी पुत्री मानसिक रूप से बीमार है। कुछ साल पहले उसने नैनीताल में घुड़सवारी सिखाने वाले युवक पर भी आरोप लगा दिया था। इतना ही नहीं, दिल्ली के एक संस्थान में उसका दाखिला कराया गया था। वहां भी उसने संस्थान के कर्मचारियों पर इसी तरह का आरोप लगा दिया था, जिसके बाद मेरी पुत्री को संस्थान से निकाल दिया गया था।

यूपी में नहीं थम रहे रेल हादसे

देश में होते रेल हादसों के बाद केंद्र सरकार ने रेल मंत्री जरूर बदल दिया है लेकिन रेल पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामले में मंगलवार को यूपी के सीतापुर में 54322 बालामऊ-बुढवल पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतरने का मामला सामने आया है। यह ट्रेन बुढवल से चलकर बालामऊ जा रही थी। ट्रेन डिरेल की घटना शहर के बस स्टॉप के करीब पुलिस लाइन रेलवे क्रासिंग पर हुई।
यह ट्रेन सीतापुर कैंट स्टेशन से चलकर कुछ ही दूर पर पहुंची थी। तभी पुलिस लाइन रेलवे क्रासिंग पार करते समय ट्रेन के इंजन के दो पहिये पटरी से उतर गये। इंजन के पहिये पटरी से उतरते ही उसमें सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया। हालांकि गनीमत यह रही कि हादसे में सभी यात्री सुरक्षित हैं। ट्रेन डिरेल होने की सूचना मिलते ही रेलवे के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। ट्रेन डिरेल की घटना रेलवे क्रासिंग पर होने के चलते लखीमपुर-सीतापुर सड़क यातायात बाधित हो गया और रेलवे क्रासिंग पर लम्बा जाम लग गया। रेलवे और पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर स्थिति को नियंत्रण में लिया और यातायात फिर से बहाल किया गया।
रेलवे अधिकारियों के मुलाबित ट्रैक की क्लिप और तकनीकी मरम्मत करने के बाद रूट पर फिर से संचालन शुरू कराया गया। सीतापुर में कचहरी हॉल्ट पर ट्रैक के परीक्षण के दौरान एक मालगाड़ी के भी 2 डिब्बे पटरी से उतर गए।
बीते दिनों खतौली में हुए बड़े रेल हादसे के बाद भी ट्रेनों का पटरियों से उतरना जारी है। मुजफ्फरनगर के खतौती में ट्रेन हादसे में 23 लोगों की जान चली गए थी। औरेया में भी कैफियत एक्सप्रेस भी कुछ दिन पहले डिरेल हो गई थी, जिसमें करीब 21 यात्री घायल हुए थे।

कोई हटा नहीं सकता, चूंकि सरकार हमारी!

कहते हैं, जिसकी लाठी उसकी भैंस। यह कहावत सटीक बैठती है, जहां सत्ता का डर दिखाकर डराया व धमकाया जाता है, मगर शायद वह यह भूल जाते है, कि सरकार हर उस आम नागरिक की होती है, जिसे वह चुनकर सत्ता पर बैठाती है। सरकार पूरे राज्य की जनता की होती है, न की किसी व्यक्ति विशेष की।
चंपावत में एक ऐसा मामला सामने देखने को आया है, जहां दो नाली जमीन खरीद कर 13 नाली पर कब्जा कर आने-जाने वालों के रास्ते बंद कर दिए। जब बगल में एक फौजी ने जमीन खरीद कर रास्ता बनाने की कोशिश की तो प्रबंधक बच्चों संग धरने पर बैठ गया।
प्रबंधक ने कहा कि हमारा स्कूल हट नहीं सकता है, क्यों कि सरकार हमारी है। हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है।
आपको बता दें कि जब बाराकोट निवासी फौजी रमेश नाथ ने आरएसएस द्वारा संचालित स्कूल के पास तीन नाली जमीन खरीद कर रास्ता बनाने लगा तो स्कूल प्रबंधक ने मना कर दिया। प्रबंधक ने कहा कि यह मेरी जमीन है। इसमें रास्ता कैसे बनेगा। इस पर फौजी रमेश ने घटना की शिकायत एसडीएम सीमा विश्वकर्मा से कर रास्ता देने की मांग की। जब एसडीएम ने पटवारी व कानूनगो को मामले की जांच के लिए भेजा तो पता चला कि स्कूल प्रबंधक ने दो नाली 10 मुट्ठी जमीन खरीदी थी। जबकि उसका भवन चार नाली व दो से तीन नाली में फिल्ड समेत करीब 13 नाली सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। पास में ही विष्णु दत्त नाम के व्यक्ति ने एक नाली जमीन खरीद कर दो नाली सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। पटवारी ने एसडीएम को घटना की जानकारी दी। एसडीएम ने पटवारी ने तीन फिट रोड बनाने का आदेश दिया। जब फौजी सड़क बनाने लगा तो स्कूल प्रबंधक बच्चों संग हंगामा करने लगा।

अब फर्जी बाबाओं का सामूहिक बहिष्कार होगा, ये बाबा हैं लिस्ट में..

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत को दुष्कर्म मामलों में 20 साल जेल की सजा होने के बाद अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 11 बाबाओं को फर्जी मानते हुए उनकी सूची तैयार की है। इस सूची में आसाराम, राधे मां व निर्मल बाबा के भी नाम हैं। बताया जा रहा है कि यह सूची 10 सितंबर को इलाहाबाद के मठ बाघंबरी गद्दी में बुलाई गई बैठक में सार्वजनिक की जाएगी। बैठक में उनके सामूहिक बहिष्कार का भी फैसला किया जाएगा। परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि फर्जी धर्मगुरुओं से सनातन धर्म के स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचा है। हम फर्जी धर्मगुरओं की सूची बनाकर उसे केंद्र व सभी राज्य सरकारों, चारों पीठ के शंकराचार्य व 13 अखाड़ा के पीठाधीश्वरों को भेजकर सामूहिक बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि सूची में शामिल शमिल फर्जी बाबाओं को कुंभ, अर्द्वकुंभ और अन्य धार्मिक मेलों में सरकारी सुविधा न मिले, यह पहल भी होगी।
सूची में ये हैं फर्जी बाबा
आसाराम बापू, नारायण साई, इच्छाधारी भीमानंद, राधे मां, बाबा ओमानंद, निर्मल बाबा, रामपाल, गुरमीत राम रहीम, बाबा ओम नमरू शिवाय, स्वामी अच्युतानंद तीर्थ और योगी सत्यम।

बाढ़ पीड़ितों को त्योहारों से पूर्व दें पैसाः नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए जल्द आर्थिक मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि बकरीद से पहले ही पीड़ितों को आर्थिक मदद दी जाए। नीतीश कुमार ने बताया कि बाढ़ राहत के लिए दी जाने वाली 6 हजार नगद राशि को बकरीद के पहले दिए जाने के लिए अधिकारी काम करें। ताकि बाढ़ पीड़ितों को त्योहार के पहले राशि मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर किसी पीड़ित का खाता नहीं खुला हो तो प्रशासन के लोग उस व्यक्ति के खाते को खुलवाने की व्यवस्था करें। ताकि आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में राशि का ट्रांसफर किया जा सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी जिलों के पदाधिकारियों के साथ वीडियो बैठक की। मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कार्य, पर्व-त्योहारों की तैयारी, विधि व्यवस्था समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे की समीक्षात्मक बैठक की। सीएम ने कहा कि इस बार की बाढ़ अभूतपूर्व है जिसे हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने स्वयं महसूस किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी पंचायत भवन में कम्यूनिटी रिलिफ सेंटर की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि आपदा के समय उसका उपयोग किया जा सकें। उन्होंने कहा कि भविष्य में बनने वाले पंचायत भवन में भी इसका इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बिहार की बाढ़ की रोकथाम को लेकर नेपाल के पीएम से बात हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से सड़कों पर जल निकासी की व्यवस्था को लेकर भी बात हुई है। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में बाढ़ से 19 जिलों की करीब पौने दो करोड़ आबादी प्रभावित हुई है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 28 अगस्त तक बाढ़ से 514 लोगों की मौत हो चुकी है।

जानिए, किसने प्रशासन से कहा कि मैं बाबा के साथ जेल में रहना चाहती हॅू

हर वक्त साथ रहने वाली डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका बाबा के साथ जेल में रहना चाहती थी। इसके लिए हनीप्रीत और डेरा मुखी के वकीलों ने बहुत कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन और रोहतक के जिला प्रशासन ने हनीप्रीत को डेरा मुखी के साथ जेल में रहने की अनुमति नहीं दी।
हनीप्रीत डेरा प्रमुख की दत्तक बेटी है, लेकिन करीब छह साल पहले 2011 में हनीप्रीत के पति विश्वास गुप्ता ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी पत्नी के बाबा के साथ अवैध संबंधों का आरोप लगाया था। विश्वास पंचकूला का रहने वाला है और हनीप्रीत फतेहाबाद की रहने वाली है। दोनों के बीच अब तलाक हो चुका है।
हनीप्रीत का नाम डेरे के उत्तराधिकारियों की सूची में भी टॉप पर है। डेरा प्रमुख की कई फिल्मों में उसके रोल भी बताए जाते हैं। डेरा प्रमख जब सीबीआइ कोर्ट पंचकूला में पेशी के लिए आया, तब हनीप्रीत उसके साथ ही थी। बाबा के वकीलों ने हनीप्रीत को बाबा की सहायक के रूप में कोर्ट में मौजूद रहने की अनुमति दिलाई थी। तब वकील ने यह भी कहा था कि हनीप्रीत भी जेल में साथ जाना चाहती है। सीबीआई के जज ने कहा कि यह सरकार अथवा जेल या जिला प्रशासन के स्तर का मामला है। तब तक हनीप्रीत चॉपर में बाबा के साथ चंडी मंदिर से सुनारिया तक उड़ान भर चुकी थी, लेकिन जब बाबा के साथ जेल में जाने की बारी आई तो जिला प्रशासन व जेल अधिकारियों ने रोक दिया। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सहायक के तौर पर हनीप्रीत को कोर्ट में रहने की अनुमति सीबीआइ कोर्ट से मिली थी, लेकिन इससे आगे की प्रक्रिया को जिला प्रशासन को पूर्ण करना था। संबंधित लड़की को जेल में रहने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी।

आखिरकार बेटी को किस हैसियत से बाबा के साथ जेल जाने दिया हरियाणा सरकार ने

हरियाणा में हुई हिंसा और राम रहीम समर्थकों को रोकने में राज्य सरकार की नाकामी पर हाई कोर्ट की फटकार के बाद शनिवार को सूबे के डीजीपी बीएस संधू और चीफ सेक्रटरी डीएस धेसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सेक्रटरी ने बताया कि हिंसा में जो भी लोग घायल या मारे गए हैं, उनमें एक भी शख्स स्थानीय नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए लोग बाहर से आए थे। हिंसा काबू न कर पाने के आरोपों पर सफाई देते हुए चीफ सेक्रटरी ने कहा कि स्टैंडर्ड प्रोसिजर और हाई कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ही कदम उठाए गए। इस बीच शांति बहाली में जुटी सेना ने कहा है कि सेना का सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में घुसने का कोई प्लान नहीं है।
राम रहीम को जेल में वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के आरोपों को अधिकारियों ने सिरे से खारिज किया। चीफ सेक्रटरी ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर राज्य सरकार राम रहीम को हेलिकॉप्टर से जेल लेकर गई। जेल में राम रहीम को कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही। अधिकारी के मुताबिक, राम रहीम को एसी और बाहर से मंगवाया खाना देने की बात गलत है। वहीं, उनसे जेड प्लस सिक्यॉरिटी भी छीन ली गई है। राम रहीम के साथ उनकी बेटी के हेलिकॉप्टर में सफर करने के सवाल पर चीफ सेक्रटरी घिरते नजर आए। जब पत्रकारों ने पूछा कि किसके आदेश से उनकी बेटी को हेलिकॉप्टर में जाने दिया गया, चीफ सेक्रटरी ने मामला पता करवाने की बात कही।

तो क्या रेल हादसों का इंतजार कर रहा रुद्रपुर रेलवे स्टेशन!

बढ़ते रेल हादसों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से बरेली मंडल के डीआरएम निखिल पांडेय ने रुद्रपुर रेलवे स्टेशन का दौरा करके कई खामियों को पकड़ा। उन्होंने लापरवाही बरतने पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर टेलीकॉम को निलंबित कर दिया। बरेली मंडल के डीआरएम निखिल पांडेय ने रेलवे स्टेशन का दौरा करके कई खामियों को पकड़ा। डीआरएम को निरीक्षण के दौरान इलैक्ट्रॉनिक सिस्टम में अनियिमतिताएं मिली। बताया जाता है कि रेलवे ट्रेक में भी गड़बड़ी पाई गई, जिस पर डीआरएम ने स्थानीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने यहां मिली तकनीकी गड़बडिय़ों के लिए सीनियर सेक्शन इंजीनियर टेलीकॉम के पद पर तैनात मनोज जंगपांगी को निलंबित करने के आदेश दिये। इसके अलावा डीआरएम ने रेलवे स्टेशन का बारीकी से निरीक्षण करके सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जताई। उन्होंने रेलवे के स्टेशन अधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीआरएम ने कहा कि रेलवे हादसों को रोकने के लिए सभी उपाय कर रहा है। इसी क्रम में उनका दौरा हुआ है।

ग्रामीणों का आरोप, कभी भी ढह सकता हैं उनका मकान!

चमोली जिले के दुर्गापुर बौंला गांव के समीप टीएचडीसी के द्वारा बनाए जा रहे टनल निर्माण में हो रहे विस्फोटों के कारण यह गांव भूस्खलन के चपेट में है। भूस्खलन होने के कारण दुर्गापुर की निवासी मथुरा देवी का आवासीय मकान खतरे की जद में है। यह मकान कभी भी टूट सकता है। प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद भी ना तो अभी तक कोई अधिकारी मौके पर आया और ना तो टीएचडीसी द्वारा द्वारा कोई कार्यवाही की गई है। बता दे चमोली जिला भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील की श्रेणी में आता है। इस आवासीय मकान में मथुरा देवी के अलावा उनकी नातिन रहती है। अधिक वर्षा होने के कारण कभी भी यह मकान टूट सकता है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। अधिक वर्षा होने के कारण यह परिवार मकान टूटने के डर से रात भर सो नहीं पा रहा है। प्रशासन का आलम यह है कि जांच की बात तो कह रहा है लेकिन मौके पर जाने को कोई तैयार ही नहीं है। प्रशासन की इस अड़ियल रवैये से यह लगता है कि वह कोई अप्रिय घटना होने की इंतजार कर रहे हैं।​ वहीं, मामले में एसडीएम कह रहे है कि यह मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।​

टीएचडीसी द्वारा किए जा रहे विस्फोटों के बारे जिले के तमाम अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हमारा मकान कभी भी टूट सकता है, लेकिन हमारी कोई सुध लेने वाला नहीं है। अगर कल के दिन कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
मथुरा देवी

कंपनी द्वारा किए जा रहे विस्फोटों के कारण पूरा गांव प्रभावित हो रहा है मथुरा देवी का मकान तो कभी भी ध्वस्त हो सकता है।
प्रकाश नेगी ग्राम प्रधान

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.