मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाया जायेगा-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यू.के दौरे से नई दिल्ली आगमन के बाद मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि यू.के. में आयोजित विभिन्न बैठकों में राज्य में लगभग 12 हजार 5 सौ करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर करार हुआ। उन्होंने कहा कि अपने अप्रवासी भाई-बहनों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा उनके निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के पर्यटन मंत्री के साथ उत्तराखंड और ब्रिटेन के बीच पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने हेतु कार्ययोजना बनाने के लिए सहमति भी बनी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 25 सितम्बर को देहरादून से दिल्ली और फिर दिल्ली से हीथ्रो एयरपोर्ट की यात्रा के पश्चात हीथ्रो एयरपोर्ट पर जिस प्रकार उत्तराखंड के प्रवासियों ने गर्मजोशी से उत्तराखंडी रीति रिवाजों और वाद्य यंत्रों के साथ स्वागत किया, वह अपने आप में भाव विभोर करने वाला पल था। उसी शाम लंदन में उत्तराखंड के प्रवासी भाई-बहनों ने स्वागत के लिए सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया ऐसा लग रहा था कि वे लंदन में नहीं बल्कि उत्तराखंड के ही किसी शहर में अपने उत्तराखंडी भाई बहनों से मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 सितंबर को फ्रांस के पोमा ग्रुप के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्रों और सुदूर क्षेत्रों को रोपवे द्वारा जोड़ने तथा जन परिवहन की दृष्टि से इस माध्यम को प्रयोग में लाने के लिये 2 हजार करोड़ रुपए का करार किया गया। पोमा ग्रुप द्वारा राज्य में देश का पहला रोपवे मैन्युफैक्चरिंग पार्क विकसित किए जाने के संदर्भ में संभावनाएं तलाशने हेतु कार्य करने का भी प्रस्ताव दिया गया। उसके बाद इंग्लैंड में स्थित भारतीय दूतावास में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों में शामिल लोगों के साथ बैठक में उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों में तेजी लाने हेतु कार्ययोजना पर मंथन किया गया तथा उन्हें प्रदेश की नई पर्यटन नीति के संबंध में जानकारी दी गई। इसके बाद उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर केबल कार परिवहन व्यवस्था विकसित करने तथा औली, दयारा बुग्याल और मुनस्यारी में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने हेतु विंटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन विकसित किए जाने हेतु सहमति जताते हुए अमेरिका के के.एन. ग्रुप के साथ 4800 करोड़ रुपए का निवेश करार किया गया। ब्रिटिश पार्लियामेंट के लार्ड मेयर तथा बर्मिंघम विश्वविद्यालय के कुलपति बिली मोरया के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं के विषय में चर्चा की गई। उनके द्वारा उत्तराखंड में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जाने हेतु सहमति जताई गई। उत्तराखण्ड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 80 डेलिगेशनों के साथ ही सघन बैठक (लंदन रोड शो) में लगभग 1250 करोड़ रूपये के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 सितंबर को ब्रिटेन के ऐतिहासिक शहर और औद्योगिक व शिक्षा के केंद्र के रूप में विख्यात बर्मिंघम शहर में आयोजित, उत्तराखंड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 250 डेलिगेशनों के साथ हुई सघन बैठक (बर्मिघम रोड शो) में लगभग 1500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए। 28 सितंबर को ब्रिटेन में कार्यरत विभिन्न उद्योग समूहों के साथ हुई बैठक में पर्यटन एवं विनिर्माण क्षेत्रों में हुए करार के अंर्तगत 3300 करोड़ रुपए के अनुबंध पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए। जर्मन एंबेसी के अधिकारियों के साथ बैठक में जर्मनी द्वारा तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास के संबंध में उत्तराखंड को सहयोग देने के साथ-साथ हमारे कुशल कर्मकारों को जर्मनी में कार्य करने हेतु बुलाने के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। लंदन नगर निगम के लार्ड मेयर के साथ उत्तराखंड के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए वित्तीय व्यवस्था के संबंध में बॉन्ड मार्केट से फंड रेज्ड करने हेतु तकनीकी सहयोग के लिये बैठक हुई।

लंदन में मुख्यमंत्री धामी की बैठकों का दौर जारी, तीसरे दिन हुआ तीन हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट का एमओयू साइन

लंदन। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ब्रिटेन दौरे के तीसरे दिन भी दुनियाभर के कई निवेशकों के साथ बैठकों का दौर जारी रहा। आज लंदन मे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा दो कंपनियों के साथ 3 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए जा चुके हैं। जिसमें आगर टेक्नोलॉजी के साथ 2 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया गया। आगर टेक्नोलॉजी द्वारा उत्तराखण्ड में लिथियम बैटरी प्लांट्स में निवेश करने की सहमति जताई गई। इसी क्रम में आज फ़िरा बार्सिलोना के साथ 1 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया गया। फ़िरा बार्सिलोना यूरोप का प्रतिष्ठित ग्रुप है जो कि कन्वेंशन सेंटर और इवेंट्स मैनेजमेंट में काम करती है। ये विश्वस्तरीय विजनेस फेयर कराने की दक्षता रखते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू में साइन किए।

इसके अतिरिक्त इज माई ट्रिप के साथ भी दो एमओयू किए गए। इसमें राज्य समर्थित ओटीए (ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर) बनाए जाने और पर्यटन के लिए विश्व में उत्तराखंड का प्रमोशन करने पर इज माई ट्रिप ने सहमति दी। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

इस दौरान सचिव मुख्यमंत्री डा0 आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत प्रतिनिधि मंडल के अन्य पदाधिकारी एवं निवेशक मौजूद रहे।

लंदन प्रवास में मुख्यमंत्रीः चार हजार आठ सौ करोड़ के निवेश का करार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का लंदन प्रवास रंग ला रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु लंदन में उनके विदेशी औद्योगिक घरानों के साथ आयोजित बैठकें सफल रही और लंदन के औद्योगिक जगत में उत्तराखंड सुरक्षित निवेश की संभावनाओं के रूप में उभरा। राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए मुख्यमंत्री जी ने रोड शो में प्रतिभाग करते हुए लंदन के कई प्रमुख बिजनेस हाउसेस के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अलग-अलग कंपनियों के साथ 4800 करोड़ के इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए।
औद्योगिक समूह कयान जेट के साथ दो अलग-अलग एमओयू में 3800 करोड एवं उषा ब्रेको के साथ 1000 करोड़ रुपए के इनवेस्टमेंट के एमओयू साइन किए गये। कयान जेट द्वारा उत्तराखण्ड में स्कींग रिसॉट विकसित करने के लिए 2100 करोड़ एवं केबल कार प्रोजेक्ट के लिए 1700 करोड़ का इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किया गया। कयान जेट द्वारा औली, दयारा बुग्याल और मुन्स्यारी में स्कींग रिसॉट प्रोजेक्ट्स विकसित करने को लेकर सहमति बनी।
इसके साथ ही रोपवे के क्षेत्र में अग्रणी उषा ब्रेको लिमिटेड के साथ हरिद्वार और अन्य जनपदों में रोपवे विकसित करने पर सहमति बनी। लंदन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शिक्षा, पर्यटन, आईटी और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विभिन्न 80 उद्योग घरानों ने प्रतिभाग किया।
इस दौरान प्रतिनिधियों ने इंडिया हाउस और पार्लियामेंट हाउस का दौरा भी किया और ब्रिटेन की संसद के सदस्यों से चर्चा की। भ्रमण के दौरान प्रदेश सरकार के डेलिगेशन ने लंदन में टूर एंड ट्रेवलिंग क्षेत्र से जुड़े प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की और राज्य में बेहतर परिवहन तकनीक पर विचार साझा किये।
मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु उत्तराखण्ड आने के लिए आमंत्रित किया।
संयोग से आज विश्व पर्यटन दिवस भी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है उत्तराखण्ड में वेलनेस टूरिज्म और विलेज टूरिज्म जैसी अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऋषिकेश योग और आध्यात्म की वैश्विक राजधानी के रुप में जाना जाता है। यूरोप से लेकर अन्य देशों के पर्यटक हर साल बड़ी तादात में योग आध्यात्म के लिए उत्तराखण्ड का रुख करते हैं। धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ऋषिकेश एवं अन्य स्थानों पर विश्वस्तरीय कन्वेशनर सेंटर की स्थापना हेतु निवेशकों से बातचीत कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयोजित जी20 समिट के सफल आयोजन से व्रिटेन और भारत दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक मजबूती मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है जो प्रदेश की आर्थिकी को नई गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।
इस दौरान भारतीय उच्चायुक्त महामहिम विक्रम दोरईस्वामी ने उत्तराखण्ड सरकार की विभिन्न नीतियों और सकारात्मक विजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश की राष्ट्रीय राजधानी से कुछ दूरी पर होने के कारण दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए वीकेंड्स डेस्टिनेशन के रुप में विकसित हो गया है। उच्चायुक्त ने अपने पुराने अनुभवों को साझा करते हुए लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी से जुड़े स्मरण साझा किए।
इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग विनय शंकर पांड्ेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा समेत डेलिगेशन के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

1000 करोड़ का उत्तराखंड सरकार से करार कर चुके महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा होम इज वेयर द हार्ट इज

देहरादून। उत्तराखंड में दिसंबर में होने जा रहे इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल है। पहले ही पहाड़ी राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में 1000 करोड़ के निवेश का उत्तराखंड सरकार के साथ एमओयू साइन कर चुके महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अब इसे लेकर एक्स पर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने लिखा है कि श्होम इज वेयर द हार्ट इज। दुनिया में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में भारत में सर्वाधिक अवसर हैं क्यूंकि इस समय घरेलू टूरिज्म बूम पर है।
उत्तराखंड सरकार की ओर से आगामी दिसंबर माह में इन्वेस्टर समिट का आयोजन प्रस्तावित है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। बीते दिनों दिल्ली में हुए समिट के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में देश के कई नामी उद्योग घरानों ने राज्य में निवेश की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किये। हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अग्रणी महिंद्रा ग्रुप के द्वारा भी उत्तराखंड में 1000 करोड़ के निवेश के एमओयू किये गए। अब, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इसे लेकर एक्स पर अपनी राय साझा की है। उन्होंने लिखा दुनिया में भारत मे पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार (यूके) के साथ महिंद्रा ग्रुप ने 1000 करोड़ के निवेश के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। पहले से उत्तराखंड में अपने ग्रुप के रिसोर्ट संचालित कर रही अग्रणी कंपनी की योजना है कि आने वाले दिनों में 4-5 बड़े रिसॉर्ट्स का निर्माण उत्तराखंड के अलग अलग क्षेत्रों में किया जाए। कंपनी का कहना है कि यह देश के किसी भी राज्य में ग्रुप द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश होगा।

सीएम का ब्रिटेन दौरा-बड़े बिजनेस हाउसेस से बैठक और ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में किया जायेगा आमंत्रित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का एक डेलिगेशन आगामी 25 सितंबर से 28 सितंबर तक ब्रिटेन दौरे पर रहेगा। राज्य सरकार का डेलिगेशन लंदन और बर्मिघम में बड़े बिजनेस हाउसेस से बैठक कर उन्हें आगामी दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए आमंत्रित करेगा। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लंदन और बर्मिघम दौरे पर टूरिज्म, आईटी, एजूकेशन, हेल्थकेयर, फूड प्रोसेसिंग के अलावा ऑटोमोबिल इन्डस्ट्री के उद्योग घरानों के साथ बैठकें की जाएंगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में 26 सितंबर को लंदन में आयोजित होने वाले रोड शो के दौरान डेलिगेशन रोपवे के क्षेत्र में अग्रणी पोमा ग्रुप के साथ बैठक करेंगे। बैठक में पोमा ग्रुप के साथ प्रदेश में इको फ्रेंडली मोबिलिटी के सम्बंध में चर्चा की जाएगी। इसी दिन लंदन में अन्य उद्योग घरानों के साथ बैठक की जाएगी एवं विश्वस्तरीय निवेशकों को उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए आमंत्रित किया जाएगा। ब्रिटेन भ्रमण के दौरान डेलिगेशन द्वारा लंदन के प्रमुख हस्तियों से भी भेंट की जाएगी।
डेलिगेशन द्वारा 27 सितंबर को बर्मिंघम में डब्ल्यूएमजी वार्बिक मेनिफेक्चरिंग ग्रुप के साथ बैठक की जाएगी। इसके साथ ही टीवीएस नॉर्टन ग्रुप के साथ उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी। इस दौरे पर ब्रिटेन के टूरिज्म सेक्टर से जुड़ी बड़े घरानों से भी बैठक आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर प्रदेश सरकार ने तैयारियां पूरी कर दी हैं। राज्य सरकार दुनियांभर के इन्वेस्टर्स को उत्तराखंड में आमंत्रित करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। उत्तराखंड के प्रति दुनियाभर के बड़े निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा देश के बड़े शहरों के अलावा विदेश में भी निवेशकों से विचार विमर्श शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है। देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिये सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है। देहरादून एवं पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है। रेलवे नेटवर्क के विकास एवं उन्नयन के तहत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाईन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। राज्य में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमियों का राज्य में निवेश बढ़ाने में सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं। राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है।

सीएम धामी से मिलकर आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के करटेन रेजर के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को दिया। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू किया गया। पहले ही दिन इतने बड़े निवेश प्रस्ताव पर सहमति यह दिखाती है कि निवेशक उत्तराखण्ड को लेकर कितने ज़्यादा उत्सुक हैं और सरकार भी कितनी तत्पर है। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न स्थानों पर 4/5 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है। इससे 1500 लोगो के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। पूरे देश में यह महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है।
उत्तराखंड में आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर नई दिल्ली स्थिति होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार सम्भानाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें ना के बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्राकृतिक विरासत के साथ राष्ट्र में सबसे तेजी से बढती अर्थ व्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिए सरकार संकल्पवद्ध है। राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1200 से अधिक ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया है, जो वर्तमान में अनुपयोगी हैं और इनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध है। राज्य में रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है। देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिये सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है। देहरादून एवं पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है। रेलवे नेटवर्क के विकास एवं उन्नयन के तहत ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। राज्य में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि काशीपुर में अरोमा पर्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पौराणिक स्थलों के विकास का हमारा लक्ष्य ह। चारधाम आदिकैलाश की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत सर्किट बनाया जा रहा है। इसमें राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह श्रोत है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद आज भव्य केदार बन गया है। शीघ्र ही केदारनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल व कुमाऊं मण्डलों में एक-एक शहर बसाया जाएगा। हरिद्वार ऋषिकेश में गंगा कॉरीडोर का निर्माण के साथ हरकी पैड़ी की भांति महाभारत काल की भांति यमुना की भी आरती हेतु कालसी के पास हरिपुर में घाट निर्माण का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 9 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, ऐपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा नेटल (बिच्छू घास). पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृत आदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिये आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में ( 8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की LEADS रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य अचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों / व्यवसायियों के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु ने बताया कि उत्तराखण्ड निवेश के लिये उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टिनेशन हैं। दिल्ली एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास द्वारा यह दूरी शीघ्र ही ढाई घण्टे में पूरी होने वाली हैं। इसी प्रकार हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर, काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड उद्योगों के अनुकूल है। हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नही हैं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य के बेहतर इकोसिस्टम से लोग राज्य के प्रति आकर्षित हो रहे है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में देश के विभिन्न राज्यों की उद्योग एवं निवेश से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी राज्य से जुड़े, इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां एवं सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

लंदन, सिंगापुर, ताइवान में आयोजित किए जाएंगे इंटरनेशनल रोड शो
उत्तराखण्ड ग्लोबल इंवेस्टर समिट की तैयारियों को उत्तराखण्ड सरकार ने पूरी तरह से तैयार है। समिट को लेकर विदेश में पहला अंतरराष्ट्रीय रोड शो 25 सितंबर से 28 सितंबर तक लंदन में होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसमें शामिल होंगे। इसके बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में सिंगापुर और ताइवान में रोड शो होंगे। वहीं दुबई और अबू धाबी में 16 से 20 अक्टूबर तक रोड शो के जरिये विदेशी निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा।

विदेश में होने वाले रोड शो में राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों की टीम भी जाएगी। इसके बाद देश में 3 अक्टूबर को पहला रोड शो दिल्ली में आयोजित होगा, उसके बाद 6 और रोड शो होंगे, जो अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में आयोजित होंगे। राज्य सरकार द्वारा निवेशक सम्मेलन के माध्यम से कम से कम ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य में दिसंबर माह में होने वाली इन्वेस्टर समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल

उत्तराखंड में दिसंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर उत्तराखंड सरकार की तैयारियों व नीतियों से देश के बड़े उद्योग घराने खासे प्रभावित हैं। महिंद्रा हॉलीडेज, आईटीसी, ई-कुबेर जैसी नामी कंपनियों ने इन्वेस्टर समिट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए जा रहे कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दिल्ली में आयोजित करटेन रेजर कार्यक्रम के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया जबकि उत्तराखंड सरकार ने ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ और महिंद्रा हॉलीडेज के साथ एक हजार करोड़ के निवेश पर एमओयू किया।
महिंद्रा हॉलीडेज एन्ड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सीईओ कविंदर सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिए गए सक्रिय समर्थन, राज्य के लोगों के आतिथ्य के प्रति आकर्षण और एक मजबूत पर्यटन नीति से प्रोत्साहित होकर, हमारा लक्ष्य अपने सबसे बड़े निवेश के साथ उत्तराखंड सरकार के साथ साझेदारी करना है। आईटीसी कंपनी ने भी राज्य में पांच हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है, जो यह दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार की आकर्षक नीतियों के मद्देनजर यह ग्रुप भी राज्य में बड़े निवेश हेतु तैयार हैं।
इसी तरह से, जुबिलेंट फार्माेवा लिमिटेड व ओबेरॉय समूह के अधिकारियों ने उत्तराखंड में अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की और राज्य में निवेश के प्रति अपनी योजनाओं के बारे में चर्चा की।

सीएस ने हितधारकों से वार्ता कर व्यवसाय में आ रही दिक्कत को दूर करने कहा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश में जड़ी बूटी, ईको टूरिज्म, हर्बल और एरोमा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु सम्बन्धित विभागों एवं हितधारकों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने हितधारकों से वार्ता कर उन्हें इस व्यवसाय में आ रही समस्याओं और सरकार द्वारा दिये जाने वाले सहयोग के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की। कहा कि प्रदेश को प्रकृति ने जड़ी बूटियों से भरपूर वन सम्पदा और इसके उत्पादन के लिए उचित प्राकृतिक वातावरण दिया है, जिसे प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने एवं प्रदेश की आर्थिकी बढ़ाने में उपयोग किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने इसकी पॉलिसी तैयार करते समय सभी हितधारकों के अच्छे सुझावों को शामिल करते हुए एक ऐसी पॉलिसी तैयार किए जाने के निर्देश दिए जिससे एक सकारात्मक माहौल तैयार हो। उन्होंने आमजन में जड़ी बूटियों और औषधीय पादपों के सम्बन्ध में छोटे छोटे वीडियोज के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। अधिक से अधिक वन मेलों का आयोजन कर अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों में जड़ी बूटी उत्पादन के साथ ही वैल्यू एडीशन एवं अन्य प्रकार के कार्यों के लिए स्थानीय स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जाए। उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएं। प्रदेशभर में खाली बंजर पड़ी जमीनों में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जड़ी बूटी, ईको टूरिज्म, हर्बल और एरोमा पर्यटन को बढ़ावा देने, इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल करते हुए शोध एवं विकास की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्टार्टअप को भी बढ़ावा दिए जाने हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने उत्पादन से लेकर मार्केटिंग आदि से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी तैयार कर सभी को प्रशिक्षित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ड्रग मैनुफैक्चरिंग लाईसेंस की प्रक्रिया को भी सरलीकृत किया जाए एवं मार्केटिंग और रिटेल आउटलेट को भी अधिक से अधिक बढ़ाया जाए।
बैठक के दौरान हितधारकों की ओर से भी अच्छे सुझाव प्राप्त हुए, जिन्हें मुख्य सचिव ने पॉलिसी में भी शामिल किये जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एपीसीसीएफ जी.एस. पाण्डे, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, निदेशक सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट डॉ. निर्पेन्द्र चौहान सहित हिमालयन हील, डॉबर इण्डिया लिमिटेड, पतंजलि, मुल्तानी फार्मासियूटिकल्स एवं इस व्यवसाय से जुड़े विभिन्न हिताधारक एवं प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे।

जी-20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी में उत्तराखंड के उत्पादों को मिलीं सराहना

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित “जी 20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी“ में उत्तराखंड के स्टॉल में यहां के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इस संबंध में उत्तराखण्ड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि सचिव वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार सुनील बर्थवाल ने स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी प्राप्त कर सराहना की। रेजिडेन्ट कमिश्नर केरला सौरभ जैन ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर अन्य उत्पादों के साथ बिच्छू घास की बनी जैकेट की विशेष रूप से सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल के साथ विभिन्न प्रदेशों के रेजिडेन्ट कमिश्नरों ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित राज्य के उत्पादों की सराहना की।
उपनिदेशक उद्योग विभाग एवं नोडल अधिकारी डॉ एम एस सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड के उद्योग विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में उत्तराखंड राज्य के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। यहां अल्मोड़ा ट्वीड ऊनी स्कार्फ, डूंडा शॉल, पिथौरागढ़ के ऊनी कार्पेट, केदारनाथ व अन्य धार्मिक स्थलों की काष्ठ प्रतिकृति, नैनीताल ऐपण, उधमसिंहनगर की मूंज घास के उत्पाद, बागेश्वर के ताम्र उत्पाद, प्राकृतिक फाइबर जैकेट, प्रदर्शित किए गए हैं।

सीएम धामी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए वेबसाइट को किया लांच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लोगो और वेबसाईट को लांच किया। देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समिट के लोगो और वेबसाईट को लांच करते हुए कहा कि इस बार इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार भी किये हैं और नई नीतियों को भी लागू किया है। विभिन्न क्षेत्रों के लिये 27 नीतियां प्रख्यापित की गई हैं। राज्य में 6 हजार एकड़ का लैंड बैंक भी तैयार किया गया है। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट देहरादून में दिसम्बर माह में होने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं।

उद्योग जगत से लगातार संवाद कर रही सरकार

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो और वेबसाईट के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, उद्योग जगत और प्रमुख औद्योगिक संगठनों से लगातार सम्पर्क में है। इसी क्रम में 17 अगस्त को देहरादून में और 21 अगस्त को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद किया गया। उद्योग जगत से मिल रहे सुझावों को बहुत ही प्रमुखता से लिया गया है। उसी आधार पर एमएसएमई नीति, सेवा क्षेत्र नीति, लॉजिस्टिक नीति, सोलर नीति, आदि में सुधार किया गया है।

पीस डेस्टिनेशन के साथ इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन भी बना उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों और निवेश के अनुकूल बने माहौल से उद्योगपतियों में बहुत उत्साह है। देवभूमि उत्तराखण्ड में सदियों से लोग शांति के लिए आते रहे हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, अब निवेशक भी यहां आने के लिये उत्साहित हैं। शांति और पर्यटन के डेस्टीनेशन के साथ ही उत्तराखण्ड प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन भी बना है। देश विदेश के लोग यहां से जुड़ना चाहते हैं। यहां के प्राकृतिक वातावरण, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश अनुकूल नीतियों, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता, इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण उत्तराखण्ड निवेश के लिये प्रमुख केंद्र बन रहा है। ईज आफॅ डूंईंग बिजनेस में उत्तराखण्ड एचीवर्स श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड हिमालयी राज्यो प्रथम स्थान पर जबकि सम्पूर्ण देश में 9 वें स्थान पर है।

इंवेस्टमेंट सम्मिट पूरे उत्तराखंड का

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योग पहले से उत्तराखण्ड में स्थापित हैं, उन्होंने भी अपना विस्तार करने की बात कही है। इन्वेस्टर्स समिट केवल उद्योग विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सभी विभाग इससे जुड़े हैं। वस्तुतः यह समिट उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों का है। राज्य में निवेश से रोजगार सृजन होगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी और देश के विकास में उत्तराखण्ड प्रभावी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों से सीखते हुए बहुत से सुधार किये गये हैं। राज्य में अधिक से अधिक निवेश आए इसके लिये हम ठोस तरीके से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। इन्वेस्टर्स समिट इसी दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

मुख्य सचिव डा. एस.एस. संधु ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो में उत्तराखण्ड की विशिष्टताओं को प्रदर्शित किया गया है। पहले लोग यहां शांति के लिए आते थे, अब पर्यटन और निवेश के लिये आ रहे हैं। पर्यटन, योग, वैलनेस, सर्विस सेक्टर, कृषि और हॉर्टीकल्चर पर राज्य सरकार फोकस कर रही है। प्रदेश में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिये निवेश महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाईफ में सुधार करने का प्रयास कर रही है। कृषि और हॉर्टीकल्चर को प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश की जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिये भी नई नीति बनाई गई है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वागत सम्बोधन और सचिव विनय शंकर पाण्डे ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, सचिव शैलेश बगोली, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

विशेषः

डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड- ग्लोबल समिट 2023 का लोगो राज्य की भावनाओं का प्रतिबिम्ब है। लोगो में दो पर्वत श्रृंखलाएं निरंतरता के साथ प्रगति के परिचायक तीर का सृजन करता है, जो न केवल असीमित प्रगति का प्रतीक है, बल्कि विकास और सतत विकास की निरंतरता का द्योतक है। दोनों पर्वत श्रृंखलाएं दो महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित करती है- उत्तराखण्ड के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और कुशल श्रम शक्ति की अनवरत श्रृंखला।
लोगो में हरा रंग राज्य की प्राकृतिक सुन्दरता और प्रकृति के साथ सामन्जस्य का प्रतीक है। नीला रंग अवसरों, आकांक्षाओं और नये विचारों के लिये असीमित आकाश का प्रतिनिधित्व करता है।

समिट की टैग लाईन पीस टू प्रोस्पेरिटी है।

निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति के लिये राज्य में ऑनलाईन सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in बनाई गई है।