दर्शकों की कसौटियों पर खरी उतरी फिल्म मेरू गौ

दर्शकों से खचाखच भरे तीर्थ नगरी के रामा पैलेस थियेटर में गढवाली फिल्म मेरु गौं के पहले शो का शुभारम्भ भारत माता मंदिर के महंत निरंजनी अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद जी महाराज एवं अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे नेगी, समाजसेवी हर्षमणि व्यास और समाजसेवी कमल सिंह राणा ने संयुक्त रूप से किया।
शुक्रवार को गढ़वाली फीचर फिल्म मेरू गौ ऋषिकेश के रामा पैलेस सिनेमाहाल में भी रीलिज हो गई। फिल्म दर्शकों की कसौटियों पर खरा उतरने में पूरी तरह से कामयाब रही। अधिकांश सिने प्रेमी जब फिल्म देखकर थियेटर से बाहर निकले तो उनकी आखें नम थी। इससे पहले शुक्रवार को फिल्म के उद्वाटन अवसर पर मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद महाराज व विशिष्ट अतिथि डा राजे नेगी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। पलायन और पहाड़ के दर्द को जिस वास्तविकता के साथ फिल्म में दर्शाया गया है वह अद्वभुद है। उत्तराखंड की फीचर फिल्मों को बड़ावा देने में यह फिल्म निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगी। उल्लेखनीय है कि मेरु गौं देहरादून में पांचवे हफ्ते में प्रवेश कर चुकी है और पिछले 25 वर्षों में ये रिकॉर्ड बनाने वाली एकमात्र गढवाली फ़िल्म है। फ़िल्म को बुद्धिजीवी एवं आम नागरिक सभी पसंद कर रहे है। मेरु गौं से उत्तराखंडी सिनेमा के नए दौर का आगमन हुआ है।फ़िल्म में जबरदस्त हास्य के साथ भावनाओं का ज्वार भी है। साथ ही कर्णप्रिय संगीत व अर्थपूर्ण संवादों ने दर्शकों को भाव विभोर किया है। मुख्य अभिनेता राकेश गौड़ ने अपने कंधों पर पूरी फिल्म को उठाए रखा है। मदन डुकलान, गोकुल पँवार, गीता उनियाल व रमेश ठंगरियाल के भवपूर्ण अभिनय ने फ़िल्म को जीवंत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। फिल्म में रमेश रावत, गिरीश पहाड़ी, गीता गुसांई नेगी व निशा भंडारी की जबरदस्त कॉमेडी ने विशेष प्रभाव छोड़ा है। सुमन गौड़ बहुत ही स्वाभाविक दिखी हैं। तीन बाल कलाकारों का काम भी अद्भुत है। फ़िल्म में पहाड़ों के गांवों का स्वर्णिम युग जब गांव जिंदा थे से लेकर आज मरते हुए गांवों की दुर्दशा का प्रभावी चित्रण है। साथ ही आश्चर्यजनक रूप से पलायन व परिसीमन के मुद्दों पर जबरदस्त बहस है। फ़िल्म का लेखन व निर्देशन सुप्रसिध्द उत्तराखंडी फ़िल्म निर्देशक अनुज जोशी का है व निर्माता राकेश गौड़ हैं। गीत नरेंद्र सिंह नेगी व जितेंद्र पंवार ने गए हैं। संगीत संजय कुमोला का व सिनेमेटोग्राफी राजेश रतूड़ी की है। अन्य कलाकारों में गम्भीर जायडा, सुशीला रावत, खुशहाल सिंह बिष्ट, गिरधारी रावत, डॉक्टर सतीश कालेश्वरी व अजय बिष्ट आदि शामिल हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूज्यनीय माता हीरा बेन के आकस्मिक निधन पर शोक भी व्यक्त किया गया। मौके पर समाजसेवी उत्तम सिंह असवाल, फ़िल्म के अभिनेता मदन डुकलान, विकास उनियाल, अभिनेत्री गीता उनियाल, सिनेमेंटोग्राफर राजेश रतूड़ी, शिवेंद्र रावत व धर्मेंद्र चौहान ,कमल सिंह राणा, कुसुम जोशी, सतेंद्र चौहान, अरुण बडोनी, डॉ गौरव भल्ला, डीपी रतूड़ी मौजूद रहे।

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कोलकाता पश्चिम बंगाल में आयोजित राष्ट्रीय गंगा परिषद की द्वितीय बैठक में प्रतिभाग किया। प्रधानमंत्री ने बैठक को वर्चुअल सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में गंगा स्वच्छता एवं निर्मलता के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2019 में गंगा को आजीविका एवं विकास से जोड़ने के उद्देश्य से जो अर्थ गंगा मॉडल के रूप में दिया गया था उसके तहत उत्तराखण्ड राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किये हैं। गंगा के मैनेजमेंट क्षेत्र में वनीकरण एवं वृक्षारोपण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में गंगा की सहायक नदियों के पुनर्जीवन हेतु नदी के किनारे पुराने बसे हुए शहरों के लिए विभिन्न विभागों के सहयोग से नदी केन्द्रित मास्टर प्लान भी बनाये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.) के मार्गदर्शन में पूर्व के निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करते हुए गंगा की स्वच्छता, निर्मलता एवं अविरलता को बनाये रखने की दृष्टि से कुछ अन्य परियोजनाओं के प्रस्ताव एन.एम.सी.जी. को प्रेषित किये गये हैं तथा सहायक नदियों को लेकर कुछ प्रस्ताव और भी तैयार कराये जा रहे हैं।

उत्तराखण्ड की मानसखण्ड पर आधारित झांकी का गणतंत्र दिवस परेड में हुआ चयन

गणतंत्र दिवस परेड-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम चयन हो गया है। सूचना विभाग द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी। भारत सरकार द्वारा अंतिम रुप से इस बार नई दिल्ली कर्त्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में ‘मानसखण्ड’ की झांकी का प्रदर्शन करने की स्वीकृति पदान की है। यह जानकारी देते हुए सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारह सिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया जायेगा साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल सम्मिलित होगा। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित होगा।
गौरतलब है कि श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर मानसखण्ड पर आधारित झांकी का प्रदर्शन होगा। देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे।
ज्ञातव्य है कि गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए लगभग 27 राज्यों ने अपने प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये थे, जिसमें 16 राज्यों का ही अंतिम चयन हुआ है। राष्ट्रीय समारोह के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक, के.एस. चौहान द्वारा झांकी का डिजाइन, थ्री-डी मॉडल तथा संगीत के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सम्मुख नई दिल्ली में 7 बार प्रस्तुतिकरण करने के उपरान्त उत्तराखण्ड राज्य का अंतिम चयन हुआ है।
उत्तराखण्ड राज्य द्वारा अभी तक गत् वर्षों में 13 झांकियों एवं उत्तराखण्ड की कला एवं संस्कृति का प्रदर्शन कर्त्तव्य पथ पर किया गया है, इनमें वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’, वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ीबूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’, वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम’, वर्ष 2021 में ‘केदारखण्ड’ तथा वर्ष 2022 में ‘प्रगति की ओर बढ़ता उत्तराखण्ड’ सम्मिलित हैं।
झांकी का निर्माण 31 दिसम्बर से सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/नोडल अधिकारी के.एस. चौहान के दिशा निर्देशन में राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली में किया जायेगा तथा झांकी के साथ उत्तराखण्ड की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य का ग्रुप 13 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा।

निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना का लाभ उठा रहे राज्यवासी

स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं सुढृढ़िकरण को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ चलाई जा रही है, जिसके तहत आम जनता को 266 पैथोलॉजी जांच निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इस महत्वकांक्षी योजना के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में हर प्रकार की पैथोलॉजी जांचे जिसमें बायोप्सी, कैंसर मार्कर, हार्माेन प्रोफाइल, विटामिन स्तर नापने जैसी तमाम महंगी जांचें शामिल है। अब तक प्रदेशभर में 6.72 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं जबकि अबतक 23 लाख से अधिक पैथोलॉजी जांचे हो चुकी हैं। निःशुल्क योजना के तहत प्रत्येक दिन औसतन 1500 लोगों की 5 हजार से अधिक पैथोलॉजी जांचे निःशुल्क की जा रही हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। डॉ रावत ने बताया कि सरकार ने आम लोगों की विकट परिस्थिति को देखते हुये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ संचालित की है, जिसके तहत लोगों के विभिन्न रोगों से संबंधित 266 पैथोलॉजी जांच मुफ्त में की जा रही है, जो कि प्रदेशभर के सभी राजकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध है। विभागीय मंत्री ने बताया कि ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ 12 अगस्त 2021 को शुरू की गई थी तब से लेकर अब तक प्रदेशभर में 6 लाख 72 हजार 154 लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस योजना के तहत अबतक कुल 23 लाख 10 हजार 305 पैथोलॉजी जांच मुफ्त में की जा चुकी है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 38344 मरीजों की 128518 पैथोलॉजी जांचे मुफ्त में की गई जबकि बागेश्वर में 16382 मरीजों की 64307 जांचे, चमोली में 23246 मरीजों की 70944 जांचे, चम्पावत में 25685 मरीजों की 92226, देहरादून में 165016 मरीजों की 513920 जांचे, हरिद्वार में 90829 मरीजों की 324567 जांचे, नैनीताल में 60786 मरीजों की 177295 जांचे, पौड़ी जनपद में 32904 मरीजों की 115710, पिथौरागढ़ में 45008 मरीजों की 180797 जांचे, रूद्रप्रयाग में 11462 मरीजों की 45272 जांचे, टिहरी गढ़वाल में 28680 मरीजों की 98872 जांचे, ऊधमसिंह नगर में 112523 मरीजों की 428805 जांचे, उत्तरकाशी में 21289 मरीजों की 69072 जांचे की जा चुकी हैं। डॉ रावत ने बताया कि प्रदेशभर के सभी राजकीय चिकित्सा इकाईयों में प्रत्येक दिन में औसतन 1500 लोगों की 5 हजार से अधिक पैथोलॉजी जांचे मुफ्त में की जा रही है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना के अंतर्गत ऐसी पैथोलॉजी जांचे जो प्रदेश के चिकित्सालयों में उपलब्ध नहीं हो पा रही थी ऐसी जांचे निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाता के माध्यम की उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना के तहत हर प्रकार की पैथोलॉजी जांचे जिसमें बायोप्सी, कैंसर मार्कर, हार्माेन प्रोफाइल, विटामिन स्तर नापने जैसी तमाम महंगी जांचें भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, यह सम्पूर्ण कार्यप्रणाली ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित की जा रही है, साथ ही रोगियों को एस0एम0एस0 के माध्यम से रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क जांच सैम्पल का टी0ए0टी0 (टर्न अराउण्ड टाइम) निर्धारण किया गया है जिससे रोगियों की जांच रिपोर्ट ससमय उपलब्ध करायी जा रही है।
डॉ रावत ने कहा कि निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना प्रदेश के आम लोगों को खासकर पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्र के लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है। इस योजना से जहां लोगों को अस्पताल में ही निःशुल्क जांच की सुविधा मिल रही है वहीं उन्हें निजी पैथोलॉजी सेंटरों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ रहे हैं। जिससे उनका समय और पैसा बच रहा है।

धामी सरकार ने किसानों के हितों में आज कई कदम उठाए

कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा विधानसभा स्थित कक्ष में उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड की 35वीं बैठक की अध्यक्षता की गई।
मंत्री ने कहा कि पूर्व में किसानों को कृषि कार्य करते हुए दुर्घटना होने पर मिलने वाले मुआवजा राशि एक लाख रूपये को बढ़ाकर अब डेढ़ लाख रूपये, दुर्घटना से अगर दो या एक हाथ, पैर से दिव्यांग होने पर किसानों को पूर्व में मिलने वाली राशि 60 हजार रूपये को एक लाख रूपये, एक अंग से दिव्यांग होने पर मिलने वाली राशि 30 हजार रूपये को 50 हजार रूपये कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि किसानों के बच्चे कृषि के क्षेत्र में अच्छी पढ़ाई कर पायें इस संबंध में योजना की आय सीमा 2 लाख रूपये को बढ़ाकर 3 लाख रूपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत दुर्घटना की पात्रता 18-60 वर्ष को भी समाप्त कर दिया गया है अब कृषि कार्य करते हुए दुर्घटना होने पर किसान को मुआवजा राशि दी जायेगी।
मंत्री ने कहा कि आज प्रदेश की मंडियां प्रोफिट में हैं और मंडियों के माध्यम से किये जाने वाले विकास कार्यों तथा किसानों के लिए हितकारी योजनाओं हेतु बोर्ड के पास पर्याप्त बजट है। उन्होंने कहा कि रामनगर में 25 दुकानों के निर्माण हेतु प्रस्ताव के लिए सेल्फ फाइनेन्स पर सहमति प्रदान की गई।
मंत्री ने लोकल उत्पाद जैसे मडुवा आदि की खेती को प्रोत्साहित करने तथा लोकल उत्पादन को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हित में इस प्रकार की नीतियां बनायी जानी चाहिए जिससे किसानों को लगे कि सरकार हमारे लोकल उत्पादों को उचित दामों पर खरीदे।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक निधि यादव, निदेशक कृषि केसी पाठक, संयुक्त आयुक्त खाद्य डॉ महेंद्र सिंह बिसेन, विभागीय अधिकारी तथा उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के सदस्य उपस्थित रहे।

भारत दर्शन जा रहे छात्रों ने सीएम धामी से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में भारत दर्शन पर जा रहे विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग के मेधावी छात्रों से भेंट की। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग के विधायक विनोद कण्डारी द्वारा मेधावी बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर ले जाने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण में नई-नई चीजें सीखने को मिलेंगी। भारत दर्शन करने के साथ-साथ ये भविष्य दर्शन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य मेधावी छात्रों को भी इस तरह से भारत भ्रमण पर ले जाने के लिए भविष्य में राज्य सरकार की ओर से कार्य योजना बनाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वे भविष्य में जिस भी क्षेत्र में कार्य करें, एक लीडर की भूमिका में कार्य करें। यदि हम किसी कार्य को पूर्ण मनोयोग एवं दृढ़ निश्चय से करते हैं, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य अनंत ऊर्जा का भंडार है। ऊर्जा का संचार सकारात्मक दृष्टि से हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भ्रमण के दौरान इन मेधावियों को शैक्षिक एवं औद्योगिक संस्थानों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी।
विधायक विनोद कण्डारी ने बताया कि 19 दिसम्बर 2022 तक देवप्रयाग विधानसभा के हाईस्कूल में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को विभिन्न स्थानों पर शैक्षिक भ्रमण कराया जा रहा है। शैक्षिक संस्थानों के अलावा इन मेधावी छात्रों को औद्योगिक एवं अन्य संस्थानों का भ्रमण भी कराया जायेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी सोना सजवाण उपस्थित रहे।

क्षेत्र के विकास में धन की कमी नही आयेगी-अग्रवाल

ग्रामसभा चकजोगीवाला में क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने विकास कार्यों को गति देते हुए 10 लाख रुपए विधायक निधि से देने की घोषणा की। इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने राज्य सरकार की योजनाओं को जनता के सामने रखा।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 वर्षों के कार्यकाल के दौरान अनेक विकास कार्य किये गए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की आज परिभाषा बदली है, अब ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति शहर जैसी है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि उन्हें चौथी बार जनता ने अपना भरपूर आशीर्वाद दिया। विकास कार्याे पर जनता ने मोहर लगाई है। कहा कि ऋषिकेश के विकास के लिए वचनबद्ध हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि वह जनता के ऋणी है और अंतिम छोर तक बैठे हर व्यक्ति की जनसमस्या का निदान करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जनता के लिए उन्होंने अपनी रिश्तेदारी त्याग दी है, यही कारण है कि मैं पहली प्राथमिकता अपनी विधानसभा को देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में महिलाओं का सम्मान होता है, महिलाओं ने राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाई, इसके चलते सरकार ने 30 प्रतिशत क्षेतिज महिला आरक्षण दिया है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने 2025 तक उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए जनता को भी अपना सहयोग देना होगा। कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रही है।
डॉ अग्रवाल ने इस मौके पर 10 लाख रूपए विधायक निधि से ग्रामसभा चकजोगीवाला को देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विकास का पहिया ऋषिकेश विधानसभा में सदैव अग्रसर रहा है और आगे भी रहेगा।
इस मौके पर पूर्व जिपंस देवेंद्र सिंह नेगी, बलविंदर सिंह, प्रधान भगवान सिंह मेहर, प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा, बैसाख सिंह कैंतुरा, हुकुम रांगड़, निवर्तमान मण्डल अध्यक्ष गणेश रावत, महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष समा पंवार, महामंत्री सुशीला नेगी, राहुल अग्रवाल, अनिता राणा, शैलेन्द्र रांगड़, कुलवीर बिष्ट, बीडीसी अमर खत्री, कैलाश रतूड़ी, उत्तम सिंह, राकेश पोखरियाल, भरत सिंह नेगी, मनोहर लाल सेमवाल, शांति प्रसाद जोशी, चंद्र सिंह, सोबन सिंह रावत, राजेन्द्र प्रसाद जोशी, सूरज मणि उनियाल, सुरेंद्र सिंह मेवाड़ी, रामेश्वर प्रसाद उनियाल, उत्तम सिंह जेठूरी, भरत सिंह नेगी, प्यार सिंह रावत, खुशहाल सिंह, लखन सिंह कैंतुरा, जसपाल सिंह रावत, कृपाल सिंह पंवार आदि सेकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

वीरता चक्र से अलंकृत सैनिक और वीरागंनाओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गांधी पार्क, देहरादून में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि प्रदेश में शहीद द्वार/स्मारकों के निर्माण कार्य अब सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से कराया जायेगा, पहले यह संस्कृति विभाग के माध्यम से कराया जाता था। वीरता चक्र श्रृंखला से अलंकृत सैनिकों एवं वीर नारियों को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा अनुमन्य होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस को भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का दिन बताते हुए कहा कि आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने हमारे वीर बहादुर सैनिकों के समक्ष घुटने टेक दिए थे। यह महान युद्ध भारत के वीरों के अटल संकल्प और बलिदान का प्रत्यक्ष उदाहरण था, जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्म समर्पण था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। युद्ध में अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिकों को विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित कर देश स्वयं सम्मानित हुआ था। ऐसे सभी वीरों के बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमारे युवाओं को प्रेरणा देने का काम करती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप राज्य में पांचवें धाम की नींव रखते हुए देहरादून में एक भव्य ‘सैन्य धाम‘ का निर्माण प्रारंभ किया है। यह स्मारक उन सभी वीरों को विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए, तिरंगे की शान एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। यह सैन्य धाम आने वाली अनेकों पीढ़ियों के लिए राष्ट्र आराधना के एक दिव्य प्रेरणा पुंज के रूप में कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना को हर संभव सुविधा दी जा रही है। आज सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उनकी सहायता और सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। जिसके परिणाम स्वरूप इस साल चार धाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर, आप सभी की सहभागिता से उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सैन्य परिवार में पैदा होने के कारण मैंने सैन्य परिवारों का संघर्ष एवं दुख-दर्द को नजदीक से देखा है। सैन्य परिवारों के लिए राज्य सरकार विशेष योजनाएं बना रही है, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो। राज्य सरकार ने सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार सैनिक विश्राम गृहों की संख्या बढ़ाने हेतुु भी प्रयासरत है। उत्तराखंड का संपूर्ण विकास राज्य सरकार की नीति ही नहीं बल्कि कर्तव्य है, और इस कर्तव्य का पालन करने हेतु हम संकल्पबद्ध हैं।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेना के जवान हर स्थिति में देश की रक्षा हेतु मोर्चा संभाले बैठे हैं, उन्होंने कहा 1971 के भारत-पाक युद्ध में उत्तराखंड राज्य के कई जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण हेतु दिन-रात कार्यरत है। लंबे समय से चली आ रही वन रैंक वन पेंशन की मांग प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में ही पूरी हुई। राज्य सरकार शहीदों के सम्मान में विशाल सैन्य धाम बनाने का कार्य कर रही है। साथ ही राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि सैन्य धाम के मुख्य द्वार का नाम उत्तराखंड के वीर सपूत एवं देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, निदेशक सैनिक कल्याण (ब्रिगे.से.नि) अमृतलाल, पूर्व सैन्य अधिकारी एवं वीरांगनाएं मौजूद रहे।

आईएएस अधिकारियों को पूरी प्रशासनिक नेतृत्व क्षमता से कार्य करना होगा-मुख्यमंत्री

उत्तराखण्ड को 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सभी आई.ए.एस. अधिकारियों को पूरी प्रशासनिक नेतृत्व क्षमता से कार्य करना होगा। राज्य के समग्र विकास एवं जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स कांफ्रेंस के शुभारंभ के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए मसूरी में आयोजित चिंतन शिविर में जो सुझाव सामने आये हैं, उन सभी सुझावों को धरातल पर लाया जाए। जन समस्याओं के समाधान के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अपने कार्यों के लिए आम जन को अनावश्यक रूप से दफ्तरों में न आना पड़ें। फाईल सिस्टम को ऑनलाईन लाने पर फोकस किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शासन स्तर पर फाइलें अनावश्यक रूप से लम्बित न हों। जो फाइलें रूकी हैं, उनका दुबारा परीक्षण करवाया जाए। अनावश्यक रूप से फाइलें लंबित होने पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाए। जनपदों में जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी की सरकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह सुनिश्चित किया जाए कि समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले। सभी जनपदों के तहसील दिवस और बीडीसी की बैठकें नियमित रूप से की जाए। अधिकारियों का जन सामान्य के साथ अच्छा व्यवहार होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुशासन दिवस पर ग्राम चौपाल का आयोजन किया जायेगा, इसमें सभी आई.ए.एस अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों में ग्राम चौपालों में प्रतिभाग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा अपने कार्यों के साथ ही अतिरिक्त समय में जन सेवा के कार्य किये जा रहे हैं, यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने प्रशासनिक कार्यों के अलावा जिस क्षेत्र में दक्ष हैं, अगर अपनी दक्षता से जन सेवा कर रहे हैं, तो यह राज्य हित में एक अच्छा प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन होगा। जी-20 से दो दल उत्तराखण्ड भी आयेंगे। इस दौरान हम उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प एवं अन्य क्षेत्रों में क्या कर सकते हैं, इस कांफ्रेंस में इस पर व्यापक चर्चा की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत काल शुरू हो चुका है, इस अवधि में राज्य में क्या महत्वपूर्ण कार्य हो सकते हैं, इस पर भी मंथन किया जाए। उन्होंने कहा कि समय प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने कहा कि आईएएस वीक का मूल मंत्र एक दूसरे को जानना है। इससे एक दूसरे के साथ रहने से जो बॉन्डिंग होती है, यह हमारी कार्यकुशलत बढ़ा देती है। इससे धीरे -धीरे हमारी ऑफिसियल वर्किंग में बहुत सुधार आता है। मुख्य सचिव ने कहा कि अपने कार्यालय में फैमिलियर माहौल बनाने से भी कुशलता बढ़ती है। जिलों में तैनात अधिकारियों से उन्होंने कहा कि जनपद की सड़क, बिजली, पानी की समस्या या आमजन की किसी भी प्रकार की समस्याओं को सुनने के लिए हम कितने संवेदनशील हैं, इससे बहुत फर्क पड़ता है। समस्याओं को दूर करने के लिए समस्याओं को समझना जरूरी है और उसके लिए अधिकारी के मन में आमजन के प्रति संवेदनशील होना जरूरी है। आप उनकी समस्याओं को समझ जाएंगे, और साथ ही यह भी समझ जाएंगे कि इनकी समस्याओं को हल करना आपकी जिम्मेदारी है, तो उस समस्या को हल करने का रास्ता आप निकाल ही लेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि हमें हमेशा सकारात्मक रहना है। यह हम सभी के लिए, हमारी सर्विस लाईफ और पर्सनल लाईफ दोनों के लिए बेहतर है। उन्होंने कहा कि नियम काम को आसान बनाने के लिए बने हैं। इंटरप्रिटेशन की बात है, कई अधिकारी कर्मचारी नियमों की इस प्रकार व्याख्या करते हैं कि रूल्स में यह नहीं लिखा कि यह हो सकता है, परंतु इसमें व्याख्या इस प्रकार भी तो सकती है कि यह कहां लिखा है कि आप यह नहीं कर सकते हैं। अधिकारी सकारात्मक होगा तो यह कहेगा कि आमजन के लिए लाभप्रद है, और इस काम के लिए रोका नहीं गया है तो किया जा सकता है। हमें सकारात्मक सोच रखनी है। मुख्य सचिव ने कहा कि आपको यदि कोई दिक्कत आती है तो आपके पास वरिष्ठ अधिकारी हैं, आपको लगता है कि इस मामले ने आपको कौन अधिकारी गाइड कर सकता है, उन्हें लेटर लिखने से पहले फोन लगाकर बात कर लें। मैं हमेशा आप लोगों के लिए उपलब्ध हूं।
मुख्य सचिव ने कहा कि हमारे प्रदेश में फूलों, फलों और सब्जी उत्पादन में बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में पॉलीहाऊस की बहुत अधिक मांग है, जिला प्लान से हम बहुत कम दे रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को 31 मार्च 2023 तक पॉलीहाऊस 100 प्रतिशत सैचुरेशन करने की बात कही। उन्होंने रिवर्स माईग्रेशन को रोकने के लिए ओल्ड एज लोगों से बात करके उन्हें शामिल करते हुए, उनकी आवश्यकताओं को जानकर उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराकर रिवर्स माईग्रेशन को रोक सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि हमें अपना दृष्टिकोण सकारात्मक रख कर संवेदनशील रहना है और करियर की शुरूआत में आईएएस ज्वाईन करते समय कुछ कर दिखाने का हम सपना देखते हैं, उसे मरने नहीं देना है। बहुत से ऑफिसर सर्विस ज्वाईन करने के बाद सोचते हैं कि नौकरी में आ गए अब सब खत्म, ये एंड नहीं है, ये बिगिनिंग है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली एवं अन्य आई.ए.एस अधिकारी उपस्थित रहे।

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