प्रदेश में स्टाफ नर्स की भर्ती परीक्षा सीएम के निर्देश पर हुई स्थगित

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोविड की स्थिति में अभ्यर्थियो की सुरक्षा व सुविधा हेतु चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 28 मई को होने जा रही स्टाफ नर्स की सीधी भर्ती परीक्षा को प्रदेश के दो जनपदों की बजाय सभी जनपदों में आयोजित करने के निर्देश दिये हैं।

बोर्ड द्वारा इसकी व्यवस्था करने के लिए अतिरिक्त समय देने का अनुरोध करने पर मुख्यमंत्री ने उक्त परीक्षा को स्थगित कर मध्य जून तक आयोजित करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान कोविड-19 संक्रमण की स्थिति में अभ्यर्थियो को आने जाने में असुविधा न हो, आवास की परेशानी ना हो और एक साथ अधिक भीङ न हो, इसलिए यह परीक्षा सभी जनपदों में करायी जाए , साथ ही यह भी निर्देश दिये की सभी जनपदों में परीक्षा को ले कर तैयारी शीघ्र पूरी कर ली जायें।

बीएससी, एमएससी सहित नेट की तैयारी कर रहे विद्यार्थी डा. खाती की पुस्तक ने भी कीजिए ज्ञान अर्जित

राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश (श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कैंपस) के रसायन विभाग में कार्यरत प्रोफेसर डा. पूरन सिंह खाती की पुस्तक Pollutant Dynamics in some of the lakes of Nainital ऐसे युवाओं को समर्पित है, जो वर्तमान में नेट, सेट तथा पीएचडी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा ‘जल’ विषय पर जो पीएचडी करने की चाह रखते है, उनके लिए वह वरदान का कार्य करेगी। यही नहीं डा. खाती की इस पुस्तक से बीएससी तथा एमएससी के विद्यार्थियों को भी उचित लाभ मिलेगा।

डा. पूरन सिंह खाती ने इस पुस्तक को बहुत ही सरल और सहज भाषा में लिखा है इसमें उनके शोध कार्य सम्मिलित है। बतौर डा. खाती बताते हैं कि यह पुस्तक में जल से संबंधित सभी जानकारियां है, इसे विद्यार्थी गूगल पर भी सर्च कर पढ़ सकते है।

इस किताब में डॉक्टर खाती डॉक्टर खाती ने विशेष रुप से उन झीलों का वर्णन किया है। नैनीताल, भीमताल, नौकुचियाताल, खुरपा ताल तथा सात ताल इन पांच लेखों में डॉक्टर खाती ने अपना शोध कार्य किया है। आपको बता दें कि डॉक्टर खाती ने अपना शोध कार्य सुपरवाइजर प्रोफेसर एस पीएस मेहता डीएसबी केंपस नैनीताल कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल के निर्देशन में किया है।
डॉक्टर खाती ने वाटर से संबंधित कार्य आईआईटी रुड़की, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी पंतनगर तथा डब्ल्यूटीए नोएडा तथा डीएसबी परिसर नैनीताल मैं किया है।

एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग अफसरों के लिए एक दिवसीय पेपर लेखन कार्यशाला आयोजित

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में नर्सिंग अफसरों को रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करने के लिए पेपर लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उन्हें रिसर्च पेपर तैयार करने के तौर-तरीके बताए गए।

गौरतलब है कि एम्स संस्थान की ओर से नर्सिंग के क्षेत्र में रिसर्च गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सततरूप से कार्य किया जा रहा है, जिससे नर्सिंग ऑफिसरों के अनुभव व अनुसंधान से मरीजों को उपचार में अधिकाधिक लाभ मिल सके। इसके लिए नर्सिग ऑफिसरों को अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में संपन्न हुई तीन दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने नर्सिंग ऑफिसर्स को रिसर्च से संबंधित विषयों, अनुभव व अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं का प्रशिक्षण दिया था। जिसके लिए संस्थान के 1000 नर्सिंग ऑफिसरों ने अपना पंजीकरण कराया है। जिन्हें प्रत्येक माह 40-40 के बैच में रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसी क्रम में संस्थान में एक दिवसीय रिसर्च पेपर लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कार्यशाला में शामिल होने वाले प्रतिभागी नर्सिंग ऑफिसरों को रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा ​कि नर्सिंग से जुड़े लोग अधिक समय तक मरीजों के बीच होते हैं, लिहाजा नर्सिंग के क्षेत्र में रिसर्च व उनके अनुभव से मरीजों को और बेहतर चिकित्सा सेवा मिल सकेगी। इसके लिए नर्सिंग ऑफिसरों को अनुसंधान के लिए आगे आना होगा।

डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, डीन रिसर्च प्रो. वर्तिका सक्सेना व प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग डा. वसंथा कल्याणी ने अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं की प्रशंसा की। कार्यशाला की समन्वयक रूपिंदर देओल ने बताया ​कि कार्यशाला के लिए संस्थान के लगभग 1000 नर्सिंग ऑफिसरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिन्हें आने वाले महीनों में अगल अगल बैच में प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही उम्मीद जताई कि कार्यशाला के बाद अधिकाधिक संख्या में नर्सिंग ऑफिसर शोध के लिए प्रेरित होंगे और अपने रिसर्च पेपर्स पब्लिश कराएंगे। कार्यशाला में सभी नर्सिंग फैकल्टी ने बतौर प्रशिक्षक प्रतिभाग किया।

एम्स ऋषिकेशः नर्सिंग क्षेत्र के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ शुभारंभ


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में तीन दिवसीय रिसर्च मैथेडोलॉजी बायो स्टेटिसटिक्स और एविडेंस बेस्ड मेडिसिन विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें संस्थान के नर्सिंग ऑफिसरों, असिस्टेंड नर्सिंग सुपरिटेंडेंट व विभाग से जुड़े अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया।

एडवासं सेंटर ऑफ कंटिन्यूअस प्रोफेशनल डेवलपमेंट सीपीडी विभाग व कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि यह प्रशिक्षण नर्सिंग के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए बेहद जरुरी है। जिसका उद्देश्य नर्सेस को अधिक से अधिक रिसर्च के लिए प्रेरित करना है। बताया कि एम्स संस्थान द्वारा शुरू किया गया यह ट्रेनिंग प्रोग्राम नर्सिंग प्रैक्टिस, नर्सिंग एजुकेशन और नर्सिंग एडमिनिस्ट्रेशन में बहुत लाभकारी साबित होगा।

डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि रिसर्च केवल चिकित्सकों के लिए ही नहीं बल्कि नर्सिंग ऑफिसरों के लिए भी जरुरी है। उन्होंने कहा कि नर्सेस मरीजों को अधिक समय देते हैं, ऐसे में वह ​अधिक समय तक उनके बीच काम करके पेशेंट को और बेहतर सेवाएं दे सकते हैं।
डीन रिसर्च प्रो. वर्तिका सक्सेना ने नर्सिंग ऑफिसर्स के लिए शुरू किए गए इस कोर्स को महत्वपूर्ण बताया और इस पहल के लिए आयोजकर्ता विभागों को बधाई भी दी। प्राचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग डा. वसंथा कल्याणी ने कहा कि संस्थान नर्सिंग के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने में जुटा हुआ है, जिससे मरीजों को और अच्छी नर्सिंग केयर मिल सके।

प्रशिक्षण कार्यशाला की समन्वयक रूपेंद्र देयोल ने उम्मीद जताई कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में शामिल होने वाले नर्सिंग ऑफसर्स जल्द ही अपना रिसर्च प्रोजेक्ट संस्थान के रिसर्च सेल में पंजीकृत कराएंगे। उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान अनुभव तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसका उपयोग मरीजों की बेहतर सेवा के लिए भी किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि अनुसंधान को बढ़ावा देने वाले इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए अब तक एम्स संस्थान के 1000 नर्सिंग ऑफिसरों ने अपना पंजीकरण कराया है। जिन्हें प्रतिमाह 40-40 नर्सिंग ऑफिसर्स के बैच में रिसर्च ट्रेनिंग दी जाएगी। जो कि आने वाले समय में नियमिततौर पर जारी रहेगी।
कार्यशाला में प्रशिक्षक जेवियर बैल्सिआल, प्रसूना जैली, डा. राजेश कुमार, मलार कोडी, रूचिका रानी, राखी मिश्रा डा. राकेश शर्मा, कल्पना ठाकुर, नीतू कटारिया आदि ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. बीके बस्तिया, नर्सिंग प्रभारी डा. प्रदीप अग्रवाल, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट मनीष शर्मा समेत सभी नर्सिग फैकल्टी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री से भेंट कर गढ़वाल महासभा उठाएगी उच्च शिक्षा का मुद्दा

ऋषिकेश में उच्च शिक्षा संस्थान खोलने को लेकर काफी लंबे समय से मांग उठ रही है। कई राजनीतिक पार्टियों ने इस पर राजनीति की। मगर, सिर्फ बयानबाजी के इस पर धरातलीय काम नहीं हो सके। अब गढ़वाल महासभा इसे पुनः मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के समक्ष उठाएगी।

महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि नये डिग्री कॉलेज के निर्माण को लेकर बड़ी बड़ी घोषणाएं भी की जा चुकी है लेकिन यह तमाम घोषणाएं सिर्फ हवाई साबित हुई है। न्याय पंचायत श्यामपुर में नया डिग्री कॉलेज खोले जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। अपने-अपने स्तर से ग्रामीणो, छात्र व कई सामाजिक संस्थाए इसके लिए संघर्षरत रही हैं। लगातार बढ़ रही छात्र संख्या और मेरिट की बाध्यता के चलते ऋषिकेश और डोईवाला महाविद्यालय में सभी विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को देहरादून या अन्य शहरों की तरफ जाना पड़ता है। छिद्दरवाला में कॉलेज खुलने से श्यामपुर न्याय पंचायत की 18 ग्राम सभा के छात्रों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र की उच्च शिक्षा की जरूरत पूरी हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि नया डिग्री कॉलेज जल्द खोला जाना बेहद जरूरी है। कहा कि जल्द महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व उच्चशिक्षा मंत्री से भेंटवार्ता कर नये डिग्री कॉलेज की मांग को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा।

शासन का आदेश, पांचवी कक्षा से आगे की क्लासों के छात्रों को देनी होगी पूरी फीस

पांचवी से ऊपर की सभी कक्षाओं के छात्रों से पूरी फीस लेने का आदेश आज उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दिया है। आदेश में प्राइवेट स्कूलों को फीस किस्तों में लेने पर सह्दयता से विचार करने को कहा गया है।

शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने आज फीस का जीओ जारी किया। स्कूल पूरी फीस उसी तारीख से ले सकेंगे, जिस दिन वो विधिवत रूप से खुले हैं। पहली से पांचवी कक्षा के छात्रों से फिलहाल केवल ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। मालूम हो कि इससे पहले केवल 10 और 12 वीं कक्षा के छात्रों से ही पूरी फीस ली जा रही थी।

ये कक्षाएं दो नवंबर 2020 से खोल दी गईं थी। आठ फरवरी से सरकार ने छठी से ग्यारहवी कक्षाओं को भी खोल दिया है। दूसरी तरफ, पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में ही इस बाबत निर्देश दे चुका है। जो अभिभावक एक साथ फीस देने में सक्षम नहीं होंगे, वो रियायत के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्कूल की प्रधानाचार्य उन्हें किस्त में फीस अदा करने की सुविधा दे सकते हैं।

छात्रों के सर्वांगीण विकास और नई शिक्षा नीति को लेकर विद्या भारती के स्कूलों की हुई बैठक

सरस्वती विद्या मंदिर इंटर काॅलेज आवास विकास में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति व छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु सभी आचार्यो व प्रधानाचार्य की विद्याभारती उत्तराखंड द्वारा एक बैठक आयोजित की गई।

बैठक का शुभारंभ डोमेश्वर साहू (क्षेत्रीय संगठन मंत्री), डॉ अनिल शर्मा हिंदी प्रवक्ता (विद्या भारती पदाधिकारी), विनोद रावत (सह प्रदेश निरीक्षक शिशु शिक्षा समिति) एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडे ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन कर किया। बैठक में डोमेश्वर साहू ने छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास को लेकर व नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए सभी आचार्यो व प्रधानाचार्यो को बताया कि हमे उस ट्रेन के इंजन की तरह आगे खड़े रहना है। पूरी ट्रेन की बोगियों को आगे लेकर जाना है, तो हमें अभी से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रयोगों व सिद्धान्तों को अपना लेना चाहिए। क्योंकि हम शिक्षाविद है और हमारी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।

वही बैठक में ऋषिकेश क्षेत्र के विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय के प्रधानाचार्यो ने अपने अपने विद्यालय की कार्यप्रणाली को विद्या भारती के पदाधिकारियों के सम्मुख रखा। बैठक मे विजय बड़ोनी, रजनी रावत एवं ऋषिकेश क्षेत्र के शिशु व विद्या मंदिर के लगभग 75 आचार्यगण आदि उपस्थित रहे।

एम्स में ओरिएंटेशन कार्यक्रमः हेल्थ केयर प्रोफेशनल बनने के लिए कड़ी मेहनत करें नर्सिंग छा़त्राएं

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में बीएससी नर्सिंग छात्राओं का ओरिएंटेशन कार्यक्रम बृहस्पतिवार को शुरू हो गया। विद्यार्थियों को बेहतर हेल्थ केयर प्रोफेशनल बनने के लिए कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही उन्हें मरीजों के प्रति कुशल व्यवहार अपनाने पर जोर दिया गया।
एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कॉलेज ऑफ नर्सिंग में बीएससी नर्सिंग बैच-2020 के ओरिएंटेशन प्रोग्राम का विधिवत शुभारंभ किया। निदेशक एम्स ने कहा कि नर्सिंग की छात्राओं में नेतृत्व क्षमता के गुण होने चाहिए, साथ ही उनमें नर्सिंग प्रोफेशन को लेकर को जुनून होना चाहिए।

निदेशक ने बताया कि नर्सिंग विद्यार्थियों को संचार कौशल तथा ज्ञानपूर्वक होना चाहिए, ताकि वह मरीजों के साथ-साथ अपने सहकर्मियों को भी त्रुटियों से रोक सकें। डीन (एकेडमिक) प्रो. मनोज गुप्ता ने विद्याघ्र्थियों को पढाई में उत्पन्न होने वाले मानसिक तनाव को कम करने के लिए कैपस में होने वाली खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि नर्सेज मरीज के सबसे ज्यादा करीब होती हैं व उनकी देखरेख करती हैं लिहाजा उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट होनी चाहिए, उनका रोगी के प्रति विनम्र व्यवहार होना चाहिए।

कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डा. वसंता कल्याणी ने ऋषिकेश एम्स के लिए चयनित नर्सिंग विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कॉलेज की गतिविधियों को लेकर वृत्तचित्र प्रस्तुति भी दी गई। साथ ही उन्होंने नर्सिंग विद्यार्थियों को हमेशा सीखने के लिए तत्पर रहने को कहा।

इस अवसर पर डीन एलुमिनाई प्रोफेसर बीना रवि, प्रोक्टर प्रो. बीके बस्तिया, डीन प्लानिंग प्रो.लतिका मोहन, डीन कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) प्रो.ब्रिजेंद्र सिंह, डीन स्टूडेंट्स वैलफेयर प्रो. नवनीत भट्ट, डीन एग्जामिनेशन प्रो. प्रशांत एम.पाटिल, डीन रिसर्च प्रो. वर्तिका सक्सेना, डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा, विभागाध्यक्ष बायोकेमेस्ट्री डा. अनीसा आसिफ मिर्जा, रजिस्ट्रार राजीव चैधरी, नर्सिंग कॉलेज की असिस्टेंट प्रो. राखी मिश्रा, जेवियर बैल्सियाल, प्रसन्ना जैली, रूपिंदर देयोल, डा. राजेश कुमार, मलार कोडी, डा. राज राजेश्वरी, मनीष शर्मा, रुचिका रानी, डा. राकेश शर्मा, रश्मि रावत, हेमलता, लीसा, दिव्या, बेट्सी, विश्वास, सोनिया आदि मौजूद थे।

पूर्व प्राचार्य डा. माहेश्वरी हुए नेक में सम्मिलित

ऋषिकेश महाविद्यालय पूर्व प्राचार्य व पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. एनपी माहेश्वरी ने महाराष्ट्र व कर्नाटक मे यूजीसी की स्वायतशासी संस्था (नेक) राष्टीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद में तुंगा महाविद्यालय कर्नाटक तथा एमडी पलेशा कॉमर्स कॉलेज धूल (महाराष्ट) के सदस्य के रूप में प्रतिभाग कर उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया।

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद संस्थान के गुणवत्ता दर्जे को समझने के लिए महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों अथवा अन्य मान्यता-प्राप्त संस्थानों जैसे उच्चतर शिक्षा संस्थानों (एचईआई) मूल्यांकन तथा प्रत्यायन की व्यवस्था करता है।

प्रो. माहेश्वरी के इस प्रतिभाग से ऋषिकेश महाविद्यालय के सभी अध्यापकों ने हर्ष जताया है। प्राचार्य महाविद्यालय ऋषिकेश प्रो पंकज पंत, कैप्टेन डॉ. सतेन्द्र कुमार, प्रो गुलशन ढींगरा, प्रो. राजेश नॉटियाल ने उन्हें बधाई प्रेषित की हैं।

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया त्यूणी महाविद्यालय के नए भवन का लोकार्पण

तहसील त्यूणी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नव निर्मित महाविद्यालय भवन लागत 711.21 लाख एवं राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान रूसा परियोजना के अंर्तगत कम्प्यूटर प्रयोगशाला लागत 201.99 लाख की महत्वपूर्ण योजना का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने त्यूणी के नव निर्मित महाविद्यालय भवन का नाम पंडित शिवराम शर्मा जी के नाम पर रखने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने जौनसार बावर क्षेत्र की लाइफ लाइन कहे जानी वाले मीनस-अटाल मोटर मार्ग समेत तमाम सड़कों के डामरीकरण, मेघातु पम्पिंग योजना के निर्माण, नीनुस मोटर मार्ग के निर्माण, रायगी में शेड पुड़िया महाराज मंदिर का सौन्दीर्यकरण करने आदि की घोषणाएं कीं।

कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा उन्नयन के क्षेत्र में कई सफल प्रयास किए हैं। आज उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां के सभी महाविद्यालयों में 97 परसेंट फैकल्टी है। त्यूणी माहाविद्यालय में तो 100 फीसदी फैकल्टी तैनात है। इतना ही नहीं हमारा राज्य साक्षरता के लिहाज से देश में अग्रणी राज्यों में हैं। देहरादून उन जिलों में शुमार हुआ है जो लगभग शत प्रतिशत साक्षर है, हालांकि अभी थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब केवल रोजगार नहीं है। 130 करोड़ के देश मे 2.5 करोड़ ही सरकारी कर्मचारी हैं। बाकी लोग अपनी मेहनत से काम कर रहे हैं। हम ऐसा काम करें जिससे हम औरों को भी रोजगार दे सकें। सरकारी नौकरी के बजाए स्वरोजगार को पहली प्राथमिकता में रखें। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देशन में बनी देश की नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति के अनुरूप है जिसका पूरा विश्व अध्ययन कर रहा है।

प्रदेश के उच्च शिक्षा,सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि अगले साल प्रत्येक महाविद्यालय में 4जी नेटवर्क जोड़ दिया जाएगा। प्रत्येक कॉलेज को एनसीसी दी जा रही है। अब स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। महाविद्यालय के टॉपर बच्चे को 1 लाख इनाम दिया जाएगा। गरीब बच्चों के कोचिंग, आईएएस आदि तैयारी करने वाले बच्चों के लिए 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चैहान ने कहा कि राज्य सरकार निरन्तर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास लेकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने डागुठा-मुडाली मोटर मार्ग, चांजोई सड़क मार्ग, झजरेड पुल, सहित सरकार की कई विकासपरक योजनाओं की उपलब्धियां गिनाईं।

विधायक मुन्ना सिंह चैहान ने भी जनता को सम्बोधित करते हुए बताया कि त्रिवेन्द्र सरकार किस तरह योजनाबद्ध तरीके से राज्य का विकास कर रही है। उन्होंने चमोली आपदा में जनपद के मिसिंग लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उत्तराखंड जनजाति आयोग के अध्यक्ष मूरत राम शर्मा ने भी क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार जताया।

इस दौरान देहरादून जिला उपाध्यक्ष भाजपा राजाराम, ग्राम प्रधान रतन चैहान, रमेश डोभाल, महाविद्यालय के प्राचार्य अंजना श्रीवास्तव, दर्जाधारी राज्य मंत्री उत्तरकाशी जगवीर सिंह भंडारी समेत कई जनप्रतिनिधिगण व जनता मौजूद रही।

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