ऑटोनॉमस कॉलेज में बौद्धिक कार्यशाला

ऋषिकेश।
गुरुवार को ऋषिकेश ऑटोनॉमस महाविद्यालय में गणित विभाग की ओर से न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग पर कार्यशाला हुई जिसमें गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के प्रोफेसर डीएस नेगी ने छात्र-छात्राओं को लक्ष्य प्राप्ति के मनोवैज्ञानिक तथ्यों से अवगत कराया। अपनी प्रस्तुति में उन्होंने कहा कि जीत और हार मनुष्य की सोच में बसते हैं। यदि आप हर वक्त अपनी असफलताओं के बारे में सोचते रहे तो सामने मिले अवसर को भी खो देंगे। उन्होंने कहा कि कुछ छात्र मनोवैज्ञानिक तौर पर पहले ही हार मान लेते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने बुरे अनुभव से सीख लें और बाकी पूरा दिन अपनी उपलब्धियों को याद रखें। कार्यशाला में वनस्पति शास्त्र, जंतु विज्ञान और गणित विभाग के 80 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। इस अवसर पर ऑटोनॉमस महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल, हरिद्वार गुरुकुल विश्वविद्यालय से डॉ. युवराज, डॉ. प्रीतपाल सिंह, डॉ. सुजाता, डॉ. सुषमा गुप्ता, डॉ. दयाधर दीक्षित, डॉ. मीरू गुप्ता, डॉ. अनिल आदि उपस्थित थे।

ऑटोनामस के छात्रों को बताया अंग्रेजी का महत्व

ऋषिकेश।
मंगलवार को ऑटोनॉमस महाविद्यालय में अंग्रेजी विभाग की ओर से कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी भाषा के करियर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में 60 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। हावर्ड इंस्टीट्यूट ऋषिकेश के अंग्रेजी विशेषज्ञ गुरु भट्टाचार्य ने बताया कि अंग्रेजी एक भाषा जरूर है लेकिन यह आत्मविश्वास जगाती है और आपके व्यक्तित्व निखारती है। करियर के हर मोड़ पर अंग्रेजी भाषा की आपको जरूरत महसूस होगी। औद्योगिक जगत हो या शिक्षण संस्थान हर जगह अंग्रेजी भाषा की मांग है। उन्होंने बताया कि कॉलेजों में प्लेसमेंट के लिए होने वाले साक्षात्कार भी अब अंग्रेजी भाषा में ही होते हैं। वहीं छात्रों ने अंग्रेजी भाषा सीखने व बोलने में आने वाली दिक्कतों का कारण जाना। गुरु भट्टाचार्य ने छात्रों को सामान्य जीवन में अंग्रेजी का बोलचाल करने की सलाह दी। इस अवसर पर अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक, डॉ. अंजू भट्ट, डॉ. सतेन्द्र कुमार, मयंक रैवानी, अवन्तिका पोरवाल, हर्ष कुमार, शुभम गौर आदि उपस्थित थे।

ढालवाला प्राइमरी स्कूल में लगी विज्ञान प्रदर्शनी

ऋषिकेश।
मंगलवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर ढालवाला स्थित प्राइमरी स्कूल में एक दिवसीय विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी आयोजित की गई। जिसमें कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने विज्ञान के मॉडल प्रस्तुत किए। मॉडल के जरिए छात्रों ने बताया कि हमारे शरीर की पाचन प्रक्रिया किस तरह काम करती है। वहीं हाल ही में हुई भारत के उपग्रह प्रक्षेपण की सफल प्रक्रिया को भी छात्रों ने मॉडल के जरिए बखूबी दिखाया। जबकि सौर मण्डल की पूरी प्रक्रिया नौनिहालों ने अंग्रेजी में गाकर प्रस्तुत की। खराब पड़े सामान से सजावटी सामान तैयार कर बच्चों ने दिखाया कि किस तरह बेकर वस्तुयें भी काम भी लाई जा सकती हैं। पानी में डूबता अण्डा क्यों पानी में अचानक तैरने लगा इसका वैज्ञानिक तथ्य भी नौनिहालों की प्रस्तुत किया। संस्कृत व हिंदी वर्णमाला के भी मॉडल प्रस्तुत किए गए। प्रदर्शनी में पहुंचे उपशिक्षाधिकारी प्राथमिक शिक्षा पंकज उप्रेती ने कहा कि छात्रों के भीतर की इस विलक्षणता को निखारने में विद्यालय के शिक्षकों का अहम भूमिका है। छात्रों के भीतर छिपी वैज्ञानिक सोच को निखारने के लिए विद्यालय इस तरह के कार्यक्रम करता रहता है। विद्यालय की प्रधानाचार्या पुनीता झिल्डियाल का कहना है कि अभिभावकों व जनप्रतिनिधियों को भी छात्रों को प्रोत्साहन के लिए आगे आने की दरकार है। इस अवसर पर अनुपमा बडोला, दिनेश प्रसाद, मंजू रानी शर्मा, सरिता भण्डारी, सुभाष कुमार व प्रवीण कुमार आदि उपस्थित थे।

उत्तर पुस्तिका की फिर से जांच कराने की मांग की

ऋषिकेश।
सोमवार को ऑटोनॉमस महाविद्यालय में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र प्रचार्य कक्ष में पहुंचे। उन्होंने परीक्षा में बैक आने पर नाराजगी जताई और उत्तर पुस्तिका की जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि कक्षा में तकरीबन 80 प्रतिशत छात्रों की विभिन्न विषयों में बैक आई है जबकि उन्होंने परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है। जिन विषयों में उनके अंक कम हैं, उसके लिए छात्रों ने कॉलेज प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि कॉलेज में उन विषयों की कक्षाएं ही संचालित नहीं हुईं जिसके चलते उन विषयों में उनका परीक्षाफल सही नहीं रहा। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से उनकी उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच कराए जाने की मांग की।
उधर कॉलेज प्रशासन ने छात्रों के दावे को गलत करार देते हुए परीक्षाफल को सही ठहराया। कॉलेज प्रशासन ने कक्षा में 80 प्रतिशत छात्रों की बैक आने के दावे को भी बेबुनियाद बताया। प्राचार्य से मिलने वालों में प्रशांत, ऋतु, मानू, भावना, दीपा, स्वाती आदि शामिल थे।

परीक्षाफल में किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं किया गया है। उत्तर पुस्तिका जांचने में भी कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। जिन छात्रों की बैक आई है, नियमानुसार उन्हें उस विषय को पास करने का अवसर दिया जाएगा।
डॉ. डीसी नैनवाल- प्राचार्य-ऑटोनॉमस महाविद्यालय।

उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में होंगे ऑनलाइन प्रवेश

ऋषिकेश।
उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय हल्द्वानी ने अपनी प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। विश्वविद्यालय मैनेजमेंट ने यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन कर दी है। जिसके चलते अब छात्रों को प्रवेश फार्म लेने व जमा करने के लिए अध्ययन केन्द्रों के चक्कर नहीं काटने होंगे। अभ्यर्थी घर बैठे ही इंटरनेट के जरिए मुक्त विश्वविद्यालय की साइट पर सीधा आवेदन फार्म भरकर जमा कर सकेंगे। आवेदन शुल्क जमा करने की भी सुविधा साइट पर उपलब्ध है। छात्र वेबसाइट पर अपने क्षेत्र के अध्ययन केन्द्र का चयन कर फार्म तक पहुंच सकेंगे। इंटरनेट का अल्पज्ञान रखने वाले छात्रों की सुविधा को विश्वविद्यालय ने प्रवेश की मैन्युअल प्रक्रिया भी रखी है। छात्र साइट से फार्म डाउनलोड कर उसमें चालान लगाकर अपने अध्ययन केन्द्रों को जमा कर सकते हैं।

ऑनलाइन ही मिलेगी अध्ययन सामग्री
प्रवेश के अलावा छात्रों को अध्ययन सामग्री भी इंटरनेट पर ऑनलाइन पर भी मिल जाएगी। छात्र वेबसाइट पर अपने पाठ्यक्रमों को चुनकर सबंधित किताब व स्टडी मैटेरियल को डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा छात्रों की सुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय मैनेजमेंट ने ऑडियो बुक्स व वीडियो लैक्चर भी साइट पर अपलोड किए हैं। जिससे छात्र देख और सुनकर अध्ययन कर सके।

छात्रों की सुविधा देखते हुए विश्वविद्यालय मैनेजमेंट ने प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। जिससे सुदूर क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को बार-बार अध्ययन केन्द्रों के चक्कर नहीं काटरने पड़ेंगे। फार्म जमा करने के साथ ही छात्र ऑनलाइन ही शुल्क जमा कर सकेंगे।
राकेश रियाल, समन्वयक उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय हल्द्वानी।

स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल में बाल विज्ञान और कला प्रदर्शनी

ऋषिकेश।
बेकार पड़ी वस्तुओं का उपयोग कर बने सामानों को स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल चौदहबीघा की कला प्रदर्शनी में दिखाया गया। स्कूल की ओर से शनिवार को बाल विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी लगी। विज्ञान प्रदर्शनी में स्कूल के छात्रों ने वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किए जिसमें पाचन तंत्र, प्रदूषण तंत्र, स्वच्छ जलतंत्र व विद्युत ऊर्जा पर आधारित मॉडलों को लोगों ने पंसद किया।
स्कूल के छात्रों ने घर में पड़े ऐसे सामान जिन्हें अकसर बेकार समझकर लोग कूड़े में फेंक देते है। ऐसी वस्तुओं से भी छात्रों ने विभिन्न उत्पाद तैयार किए जिसमें फ्लावर पॉट और साज सज्जा के बनाए गए सामान आर्कषण का केन्द्र रहे। लोगों ने छात्रों की मेहनत की खूब प्रशंसा की। मौके पर प्रबंधक सुखदेव भट्ट, प्रधानाचार्य अंजू सेमवाल, शांति भट्ट, सुषमा शर्मा, नंद किशोर रतूड़ी, पूनम पंवार, अल्का बर्ड्थवाल, दिगम्बर काला, अमित शर्मा, विमला कोटनाला, हेमलता रावत, संगीता बिष्ट आदि मौजूद थे।

शादी में मेहंदी पर शराब न परोसने का संकल्प

ऋषिकेश।
ऋषिनगरी में शादी समारोह में शराब न परोसने को लेकर मैती स्वयंसेवी संस्था का सहयोग मिलता दिख रहा है। मीरानगर निवासी सुमित्रा चौहान और सत्येन्द्र चौहान ने अपनी बेटी कंचन की शादी में मेहंदी पर शराब न परोसने का संकल्प लिया है। इसके लिए उन्होंने शादी के कार्ड के मुख्य लिफाफे पर मेहंदी पर शराब निषेध की बात लिखी है। सुमित्रा चौहान का कहना है कि हमने इसके लिए अपने सभी रिश्तेदारों एवं मैती संस्था के सहयोग से अपने क्षेत्र में एक अच्छी सामाजिक पहल की शुरुआत की है। कंचन की नानी छावणी देवी का कहना है कि हमने अपनी नातेण की शादी में शराब का बहिष्कार किया है। कहा शादी में गढ़वाली व्यंजनों, ढोल-दमाऊं और पारंपरिक कार्यक्रमों का आयोजन रखा है। संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी का कहना है कि पिछले छह सालों से शराब विरोधी जन-आंदोलन के तहत मैती संस्था के सहयोग से जहां कई परिवार शराब मुक्त विवाह कर चुके हैं और अभी भी कर रहे हैं। इसमें एक और नाम जुड़ गया है उन लोगों का जिन्होंने इस दिशा में खुद ही पहल की और मैती संस्था का सहयोग लिया। संस्था सदस्य शुभम जोशी का कहना है कि संस्था से जुड़ी महिलाएं बकायदा टोली बनाकर शादी वाले घरों में जाकर शराब के विरोध की अपील करती हैं और उनसे शपथ पत्र भी भरवाती हैं। इस अवसर पर मंजू चौहान, नंदनी चौहान, सुषमा बिष्ट, गोदावरी नेगी, विनोद सिंह नेगी, विनोद सिंह चौहान, उर्मिला बिष्ट, जमोत्री चौहान, विनीता बिष्ट आदि ने चौहान परिवार के इस कदम की जमकर सराहना की।

मनमोहक रही नौनिहालों की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति

ऋषिकेश।
देहरादून रोड स्थित शैम्फोर्ड लिटिल स्टॉर स्कूल का वार्षिकोत्सव गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के शुभारम्भ पर नौनिहालों ने देवा श्री गणेशा, वंदना पर सामूहिक नृत्य किया। फैंसी ड्रेस पहने रैम्प पर चले छात्रों ने असली मॉडलों को भी मात दी। कक्षा एक के बच्चों ने कहानी, भाषण और कविता पाठ कर मनोरंजन किया। प्राइमरी के नौनिहालों ने स्वास्थ्य ही धन है का संदेश देते हुए योग क्रियाओं का प्रदर्शन किया। कक्षा तीन की छात्रा भव्या शर्मा की हारमोनियम वादन की प्रस्तुति लाजवाब रही। कक्षा चार के छात्रों ने कराटे का बेहतरीन प्रदर्शन कर आत्मरक्षा के तरीके बताए। कक्षा दो के छात्र-छात्राओं ने गढ़वाली गीत पर सामूहिक नृत्यकर तालियां बटोरीं। वार्षिकोत्सव में राहुल पंवार, खुशबू पंवार, साक्षी संगर, मानसी गुप्ता, पारुल वालिया, पायल कोहली, शारदा आचार्य, दीपा शर्मा, मंजू रावत, विशाखा शर्मा, प्रीति कोटियाल, नोमिता ध्यानी, प्रीति त्यागी, गितिका माकिन, शालिनी उनियाल,सीएम तिवारी व नीरज तिवारी आदि उपस्थित थे।

दीपशिखा और निधि को सर्वश्रेष्ठ शोधार्थी का खिताब

ऋषिकेश।
गुरुवार को एसआरएचयू में आयोजित समारोह में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस 2014 बैच के द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को विभिन्न शोध कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया। संस्थान की ओर से ‘फॉर-टॉक्स क्रिएशन’ नाम से प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें करीब सौ छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने 22 साइंटिफिक रिसर्च प्रोजेक्ट व 21 साइंटिफिक मॉडल प्रस्तुत किये। साइंटिफिक रिसर्च कैटगरी में पहला पुरस्कार दीपशिखा व निधि ने प्राप्त किया। जबकि मानषी कालरा, तान्या चैधरी व वैभवी धस्माना संयुक्त रुप से दूसरे स्थान में रही। वहीं, सांइटिफिक मॉडल कैटगिरी में अरुणिमा, चाहत, चक्षु, लवनीश व समृद्धि अव्वल रहे।
समारोह में डॉ. विजेंद्र चैहान ने कहा कि यूनिवर्सिटी शोध कार्यों के मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए मदद करेगा। बताया कि सभी शोधपत्र के लिए एचआईएमएस ही नहीं बल्कि दूसरे मेडिकल कॉलेज के प्रोफसरों की ओर से भी मूल्यांकन किया गया है। वहीं, विभाग के प्रमुख डॉ. संजॉय दास ने बताया कि देश में एचआईएमएस एक मात्र मेडिकल कॉलेज हैं जहां फॅारेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी के क्षेत्र में शोध कार्य कराया जाता है। मौके पर डॉ. हरनाम सिंह, डॉ. एसएल जेठानी, डॉ. पीके सचान, डॉ. डीसी धस्माना, डॉ. सुनील सैनी, डॉ. जूही कालरा, डॉ. ज्योति द्विवेदी, डॉ. विनीता कालरा, डॉ. बी चटर्जी आदि उपस्थित रहे।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां

ऋषिकेश।
बुधवार को हरिद्वार रोड स्थित फुटहिल्स एकेडमी का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसका शुभारंभ शिवालिक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता उमेश मेहता ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भविष्य की पीढ़ी को अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके बाद छात्रों ने गढ़वाली लोकगीत के साथ ही पांडव नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम में रंग जमा दिया। शिव स्रोत और बटरफ्लाई के अलावा अंधविश्वास पर चोट करते लघु नाटक भी आकर्षण का केंद्र रहे। इस मौके पर विद्यालय प्रबंधक सतीश शर्मा, प्रधानाचार्य अनीता रतूड़ी मौजूद रहे।

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