मयूर महर से सीएम ने की फोन पर बात, उनकी नाराजगी दूर करने का किया प्रयास

पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी से नियमित हवाई सेवा के संचालन और बेस अस्पताल की व्यवस्थाओं को ठीक करने के मामले में आज मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायक से फोन पर बातचीत कर राज्य सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गंभीर है।
आपको बता दें कि विगत दिवस कांग्रेस विधायक मयूर महर पिथौरागढ़ की नैनीसैनी हवाई पट्टी से नियमित हवाई सेवा व बेस अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन में धरने पर बैठ गए थे। इस मामले में मुख्यमंत्री ने आज विधायक मयूख महर से फोन पर वार्ता की और बताया कि सरकार पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवा शुरू करने और बेस हॉस्पिटल की सारी व्यस्थाओं को ठीक करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने विधायक को कहा कि हॉस्पिटल को निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के साथ संबद्ध किया जाना है। मेडिकल कॉलेज के पदों की स्वीकृति और नियुक्ति के संबंध में भी कार्यवाही किये जाने की उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ से हवाई सेवा के लिए एक एयरलाइन ने इस हेतु अपनी सहमति भी दे दी है। इसके लिए लाइसेंस दिये जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और उनके द्वारा लगातार इसकी समीक्षा की जा रही है।

एक सप्ताह में तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या प्रेषित करे विभाग-एसीएस

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में तिब्बती पुनर्वास नीति के संबंध में बैठक के दौरान राज्य सरकार के सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या अथवा अनापत्ति प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य में निवास कर रहे तिब्बती नागरिकों को मिल सके इसके लिए तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित किया जाना आवश्यक है। बैठक के दौरान उत्तराखण्ड में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने शासन को जन्म प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कतें, भूमि स्वामित्व विवाद, आवास, सड़क, पेयजल का ना मिलना जैसी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने राज्य में तिब्बती संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन से सहायता की अपेक्षा की है।
बैठक में विशेष सचिव गृह विभाग रिद्धिम अग्रवाल, निवेदिता कुकरेती, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून प्रत्यूष सिंह, अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सेन्ट्रल तिब्बतन वेलफेयर ऐसोसिएशन के पदाधिकारी एवं देहरादून में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

गरीब कैदियों के लिए सहायता योजना होगी शुरु

केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई ‘गरीब कैदियों को सहायता योजना’ के राज्य में क्रियान्वयन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसे लेकर अपर मुख्य सचिव ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया के तहत जनपदों में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में सशक्त समिति का गठन करने के आदेश जारी किए हैं। यह समिति प्रत्येक प्रकरण में जमानत/जुर्माना राशि को लेकर निर्णय करेगी।
गृह सचिव, भारत सरकार के पत्र 19 जून, 2023 के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री भारत सरकार के वक्तव्य/घोषणा ‘समाज के अन्तिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाना’ के क्रम में ऐसे गरीब कैदियों, जो आर्थिक तंगी के कारण उन पर लगाए गए जुर्माने को अदा न कर पाने अथवा जमानत राशि वहन न कर पाने के कारण जेल से रिहा नहीं हो पा रहे हैं, को वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार ‘गरीब कैदियों को सहायता योजना’ प्रारंभ की गई है।
इसी क्रम में बीते शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा की गई समीक्षा बैठक में उक्त बिंदु प्रकाश में आया था। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के अधिकारियों को इसके तत्काल अनुपालन के निर्देश जारी किए थे, जिसके क्रम में आज अपर मुख्य सचिव ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश एवं मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार राज्य में इस योजना के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तर पर सशक्त समिति का गठन किया है। जिसमें जिला मजिस्ट्रेट अध्यक्ष जबकि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ कारागार अधीक्षक/कारागार अधीक्षक, जनपद न्यायाधीश द्वारा संबंधित कारागार क्षेत्र के नामित न्यायाधीश सदस्य होंगे। समिति भारत सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार प्रत्येक प्रकरण में जमानत/जुर्माना राशि के भुगतान के लिए धनराशि की आवश्यकता का निर्णय लेगी, जिसके क्रम में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा गठित केंद्रीय नोडल एजेंसी से धनराशि आहरित कर जरूरी कार्रवाई करेगी। उक्त समिति एक नोडल अधिकारी भी नामित करेगी व कैदियों की आवश्यकतानुसार सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि, समाज सेवक, जिला प्रोबेशन अधिकारी से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करेगी।

सिडकुल के अधिकारियों पर गिरी गाज, सीएम बोले-भ्रष्टाचार बर्दाश्त नही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास निगम उत्तराखण्ड लि0 के प्रबन्ध निदेशक रोहित मीणा द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होने पर और उद्यमियों से असहयोगात्मक रुख़ के कारण सिडकुल के दो अधिकारियों के निलंबन का आदेश जारी किया गया है। जिनमें परविन्दर सिंह, लेखाकार सिडकुल और कमल किशोर कफल्टिया, जन सम्पर्क अधिकारी/प्रभारी क्षेत्रीय प्रबन्धक, सिडकुल काशीपुर हैं। इसके साथ ही सिडकुल के वित्त नियंत्रक मनीष उप्रेती को भी तत्काल प्रभाव से वित्त नियंत्रक सिडकुल के पद से हटा दिया गया है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जहां राज्य सरकार निवेश सम्मेलन की तैयारी कर रही हैं वहां इस तरह की कार्यप्रणाली को क़तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मिलावटखोरों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के निर्देश

आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड डा. आर. राजेश कुमार के मार्गदर्शन में आगामी त्योहारी सीजन नवरात्र, दीपावली आदि के दौरान आम जनमानस द्वारा प्रमुखतय प्रयोग में लाये जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने व इनमें मिलावट की संभावना के दृष्टिगत पूर्व से ही विभागीय कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसमें सर्विलांस नमूना संग्रहण, विधिक नमूनों का संग्रहण व त्वरित जांच, खाद्य प्रतिष्ठानों का सघन निरीक्षण आदि घटक प्रमुख रूप से शामिल किये गये हैं, साथ ही मोबाईल फूड टेस्टिंग के माध्यम से खाद्य पदार्थों की त्वरित जांच व उपभोक्ताओं को घरेलु तरीकों से मिलावट की जांच के संबध में जागरूक भी किया जायेगा। एफएसएसएआई भारत सरकार के निर्देशानुसार राज्य हेतु वर्ष 2023-24 वर्ष 2024-25 तैयार किये गये वार्षिक सर्विलांस प्लॉन के तहत प्रत्येक माह राज्य में 500 फूड सैंम्पल लेकर जांच हेतु भेजे जायेंगे।
उक्त नमूनों के संग्रहण में एकरूपता के दृष्टिगत् तैयार प्लॉन में प्रथम चरण में माह अक्टूबर से दिसंबर 2023 तक सर्विलांस में दूध एवं दुग्ध पदार्थ, मसाले, खाद्य तेल, एवं मिठाईयां आदि खाद्य पदार्थों के नमूनों को प्राथमिकता के आधार पर सर्विलांस जांच करायी जायेगी व प्राप्त परिणाम के आधार पर राज्य स्तर पर प्रवर्तन की कार्यवाही द्वितीय चरण में की जायेगी इस संबध में समस्त जनपदीय अभिहित अधिकारियों/खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किये गये हैं। साथ ही जनपद स्तर पर विधिक नमूनों के संग्रहण में भी तेजी लायी जायेगी इसके अतिरिक्त मुख्यालय स्तर से गठित विषेष टीम द्वारा विगत माह पूर्व जनपद हरिद्वार में दुग्ध उत्पादों की जांच हेतु लिये गये पनीर के 2 नमूनों को विश्लेषणशाला द्वारा असुरक्षित घोषित किये जाने के उपरान्त अभिहित अधिकारी हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में वाद दायर किये जाने की संस्तुति दी गयी है।

आईएसबीटी परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरस्त हो-अग्रवाल

शहरी विकास व आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आईएसबीटी का निरीक्षण किया। इस दौरान आईएसबीटी में गंदगी देख उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और सफाई व्यवस्था को निरंतर किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सुबह व रात्रि के अलावा दोपहर में भी सफाई की जाए। डॉ अग्रवाल ने आईएसबीटी परिसर पर नाले में जमा पानी पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया।
शुक्रवार को डॉ अग्रवाल ने आईएसबीटी का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि 10.36 एकड़ भूमि पर आईएसबीटी ओर 3.38 एकड़ भूमि पर सिटी जंक्शन मॉल निर्मित हैं। उन्होंने कहा कि आईएसबीटी का निर्माण, संचालन व रख रखाव का कार्य पीपीपी मोड पर किये जाने के लिए कंपनी आरआईएल द्वारा 26 जुलाई 2003 को प्राधिकरण व आरआईएल के बीच 20 वर्षों के लिए एग्रीमेंट किया गया था, जो 26 जुलाई 2023 को पूर्ण हो गयी है, तभी से एमडीडीए द्वारा आईएसबीटी और सिटी जंक्शन मॉल का संचालन किया जा रहा है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि आईएसबीटी परिसर में प्रवेश व निकास द्वार के निकट द्वार के निकट पार्किंग एरिया में इंटर लॉकिंग टाइल्स ने निर्माण कार्य, आईएसबीटी में आंतरिक सड़कों का निर्माण कार्य, आईएसबीटी में पेंटिंग व फुटपाथ तथा पुताई का कार्य, महिला व पुरुष टॉयलेट का रिनोवेशन, बाउंड्री वालों का निर्माण कार्य, पेंटिंग का कार्य तथा उद्यानिकरण से संबंधित कार्य किए गए हैं।
निरीक्षण के दौरान प्राधिकरण के सचिव मोहन सिंह बर्निया, अधिशासी अभियंता सुनील, सहायक अभियंता शशांक सक्सेना, कनिष्ठ अभियंता सुनील चंद उप्रेती आदि उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य सचिव को डेंगू के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाए बेस अस्पताल के डॉक्टर

प्रदेश में डेंगू की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में स्वास्थ्य सचिव लगातार जनपदवार डेंगू प्रभावित इलाकों के साथ ही अस्पतालों का भी दौरा कर रहे हैं। सबसे ज्यादा डेंगू प्रभावित देहरादून और हरिद्वार जनपद के बाद स्वास्थ्य सचिव का काफिला आज पौड़ी जनपद के कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र पहुंचा। जहां स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कोटद्वार बेस अस्पताल का निरीक्षण किया।
इस दौरान कोटद्वार बेस अस्पताल में स्वास्थ्य सचिव को कई खामियां मिली हैं। स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीन कुमार को जल्द खामियां सुधारने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान डेंगू आइसोलेशन वार्ड में बेस अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन स्वास्थ्य सचिव के सवालों के जवाब नहीं दे पाए। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई। अस्पताल के निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कोटद्वार के कलालघाटी में मेडिकल कॉलेज के लिए चिंहित भूमि का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सीएमओ को भूमि की पैमाइश के साथ ही उक्त भूमि के चारों तरफ से बांउड्री बाल करने के निर्देश दिये।
गुरूवार को कोटद्वार पहुंचे प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कोटद्वार बेस अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड, एमआरआई, एक्सरे समेत डेंगू आईसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। डेंगू आईसोलेशन वार्ड के निरीक्षण के दौरान वार्ड में भर्ती एक मरीज की प्लेटलेट्स अधिक कम होने पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. जेसी ध्यानी और सीएमएस डॉ. विजयेश भारद्वाज से जानकारी ली। स्वास्थ्य सचिव उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आये। उन्होंने मरीज के बेहत्तर इलाज के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों से भी स्वास्थ्य सुविधाओं के बारें में विस्तार से जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल के जच्चा-बच्चा कक्ष में भर्ती महिलाओं और वहां मौजूद आशा कार्यकत्री से गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए शुरू की गई योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही आशाओं और संबधित अधिकारियों को लाभार्थियों तक सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु निर्देशित किया।

बेस अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में मिली खामियां
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल की पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान लैब में भारी खामियां मिली हैं। लैब में मरीजों के प्लेटलेट्स की रिपोर्ट हाथ से लिखी जा रही थी, जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने रिपोर्ट को कम्प्यूटराइजड करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा डेंगू को लेकर लिए जाने वाले सैंपल की वाईबिलटी 24 घंटे होती है। रिपोर्ट संदिग्ध लगने पर पुनः पुष्टि करने के लिए सैंपल का उपयोग किया जा सकता है। इससे पहले लैब में इन सैंपलों को एक बार चौक करने के बाद नष्ट कर दिया जा रहा था।

निजी लैबों की जांच के आदेश
स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ पौड़ी प्रवीन कुमार को कोटद्वार शहर की उन लैबों की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं, जिनमें डेंगू के टेस्ट हो रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि जनपद पौड़ी में डेंगू के 121 केस हैं। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही डेंगू को लेकर एक वृहद अभियान चलाने जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नगर निगम समेत अन्य विभागों का साथ आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर पांच से अधिक डेंगू के मरीज पाए जाएंगे, वहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। घर-घर जाकर सोर्स रिडक्शन का कार्य किया जाएगा। शुक्रवार से सभी विभाग एक साथ मिलकर डेंगू को लेकर महाअभियान चलाने जा रहे हैं, जिसमें जिलाधिकारी आशीष चौहान और सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीन कुमार को निर्देशित किया गया है। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार, डॉ पंकज सिंह, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम, डॉ विजयेश भारद्वाज, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सौरभ सैनी, नगर आयुक्त वैभव गुप्ता, सहायक नगर अधिकारी अजहर अली, मौजूद रहे।

वहीं स्वास्थ्य सचिव ने अपने कोटद्वार दौरे के दौरान स्थानीय लोगों, समाजसेवियों व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। बेस अस्पताल से संबधित उनकी समस्याओं को सुना तथा उनके सुझावों पर अमल का भरोसा दिया। इस दौनान कोटद्वार भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत और नगर अध्यक्ष पंकज भाटिया ने भी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार से मुलाकात की। भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार बेस अस्पताल में डेंगू को लेकर चिकित्सकों द्वारा गंभीरता से इलाज न करने के बात कही। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने जल्द अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के और सभी मरीजों को बेहत्तर इलाज के लिए उन्हें आश्वस्त किया।

स्वास्थ्य सचिव ने महाअभियान चलाने के दिये निर्देश

सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार द्वारा डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, निदेशक राज्य संचरण परिषद डॉ अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह सहित जनपद देहरादून के नगर स्वास्थ्य अधिकारी तथा अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
अन्य जनपदों के मुकाबले देहरादून जनपद में डेंगू के ज्यादा मामले देखने में सामने आ रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य ने इसको लेकर जिलाधिकारी देहरादून सोनिका से पूरा फीडबैक लिया। डेंगू के हॉट स्पाट बन रहे इलाको को लेकर भी बैठक में बात हुई। समीक्षा बैठक में तय किया गया कि सभी विभागों के सामूहिक प्रयासों से अगले चार दिन देहरादून जनपद में डेंगू को लेकर महाअभियान चलाया जायेगा।

चिकित्साअधिकारी व आशायें चलायेंगी घर-घर जनजागरूकता अभियान
जनपद में चिकित्साअधिकारी और आशायें को घर-घर जन जागरूकता की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। चिकित्साअधिकारी, आशा कार्यकर्ता और अन्य विभागों की टीम घर-घर जागकर लोगों को डेंगू को लेकर जागरूक करेंगी साथ ही अगर कहीं डेंगू का लार्वा है तो उसको नष्ट करने का काम भी करेंगी। इसके साथ ही आम जनमानस को डेंगू को लेकर कोई जानकारी लेना चाहे तो चिकित्साअधिकारी उसको देने का काम करेंगे।

डेंगू नियत्रंण को सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी
स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू महामारी रोकने को सभी विभागों को मिलकर कार्य करने के निर्देश जारी किये हैं। स्वास्थ्य, नगर निगम, शिक्षा, लोकनिर्माण, पेयजल सहित सभी विभागों को मिलकर कार्य करने को कहा गया है। जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

आवासीय समितियों से सहयोग की अपील
स्वास्थ्य सचिव ने जनपद की सभी स्वंय सेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, आवासीय समितियों से आग्रह किया है कि वह आगे बढ़कर डेंगू मुक्ति अभियान का हिस्सा बनें। सभी समितियां अपने-अपने इलाकों में आम जनमानस को जागरूक करने के साथ ही यदि कहीं डेंगू का लार्वा है तो उसे खत्म करने का प्रयास करें या फिर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचित करें। सामूहिक प्रयासों से डेंगू के खतरे से लोगों को बचाया जा सकता है और इसे रोका जा सकता है।

माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने नगर निगम को निर्देशित किया कि डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग करें। ताकि प्रत्येक क्षेत्र में फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान चलाया जा सके। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

डेंगू रोकथाम को कई बड़े फैसलों पर लगी मुहर

राज्य में डेंगू रोग संक्रमण रोकने लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठकों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर डेंगू रोगियों के बेहत्तर इलाज व देखभाल के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार द्वारा सभी जिलों के साथ डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने डेंगू उन्मूलन अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में मुख्य रूप से अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, निदेषक राज्य संचरण परिषद डॉ अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह मौजूद थे। समीक्षा बैठक में पहुंचे सभी विशेषज्ञों ने डेंगू की रोकथाम के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में मिले सुझावों के बाद जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी रक्तकोष नामित किया गया। वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।

1.डेंगू रोग के संक्रमण काल के दृष्टिगत जनपदों के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों हेतु 30 प्रतिशत डेंगू आईसोलेषन बेड आरक्षित रखे जायें जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाये।

2.रा0 दून मेडिकल कॉलेज के डेंगू विषेशज्ञों के परामर्श के अनुसार 90 प्रतिशत रागियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं एवं कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।

3.डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाये।

4.डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्षन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

5.शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

6.आमजन में डेंगू रोग के प्रति भ्रान्तियों के समाधान हेतु जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिष्चित करें।

7.आम जन में ब्लड डोनेशन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.