सिंघु बॉर्डर पर युवक की हत्या होने पर जांच को गई पुलिस को रोका

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक युवक लखबीर सिंह की निर्मम हत्या कर शव बैरिकेड्स से लटकाने की घटना की संयुक्त किसान मोर्चा (ैज्ञड) ने निंदा करते हुए इसे एक बड़ी साजिश बताया है। किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने शुक्रवार को कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस घटना के दोनों पक्षों, निहंग समूह और मृतक का एसकेएम के साथ कोई संबंध नहीं है। मोर्चा किसी भी धर्म और प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है। किसान नेता ने कहा कि मोर्चा को धार्मिक मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है, यह एक साजिश लगती है, इसकी जांच होनी चाहिए। दल्लेवाल ने कहा कि जब हम मौके पर पहुंचे तो कुछ लोग कह रहे थे कि मृतक (लखबीर सिंह) ने मरने से पहले स्वीकार किया था कि उसे किसी ने भेजा है और 30 हजार रुपये दिए हैं। इसका वीडियो प्रूफ मेरे पास नहीं है। सरकार को इस मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए।
बताया जा रहा है कि मृतक की पहचान पंजाब के तरनतारन जिले के चीमा खुर्द गांव निवासी लखबीर सिंह (35 वर्षीय) के रूप में हुई है। पेशे मजदूर लखबीर अनुसूचित जाति से संबंध रखता था। एडीजीपी (रोहतक) संदीप खिरवार ने कहा कि लखबीर सिंह की हत्या के मामले में हमने आईपीसी की धारा 302/34 के तहत एफआईआर दर्ज की है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच कर ली है, मृतक का पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है। हम इंटेलिजेंस इनपुट भी इकट्ठा कर रहे हैं और हमारे पास कुछ संदिग्धों के नाम भी हैं। जल्द ही आगे की कार्रवाई करेंगे।

बेरहमी से मारा, बैरिकेड से बांधा
सोनीपत जिले के कुंडली में किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास शुक्रवार को एक अज्ञात व्यक्ति का शव बैरिकेड से बंधा हुआ मिला। शव का एक हाथ कटा हुआ था। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया और उसका बायां हाथ कटा हुआ था। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक को सिखों की पवित्र किताब गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के लिए सजा दी गई है।
पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह को पंजाब के तरण तारण का एक मजदूर बताया गया है और उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास है। उसका शव एक बैरिकेड से बंधा हुआ मिला जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के पास स्थित है। किसानों का प्रदर्शन स्थल सिंघु में दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास स्थित है।
सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कुंडली पुलिस थाने को सुबह पांच बजे सूचना मिली कि किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक शव मिला है। उन्होंने बताया कि मृतक के शरीर पर केवल पायजामा था। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सोनीपत सिविल अस्पताल भेजा गया है।
पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। पुलिस घटना के संबंध में प्रदर्शन स्थल के पास लोगों से पूछताछ करने की कोशिश की है। शुरुआत में कुछ लोगों ने इलाके में पुलिस के प्रवेश का विरोध किया और पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया।

युवा सरकार के निर्णय से मिलने लगा रोजगार, बेराजगारी दर में दर्ज की गई गिरावट

उत्तराखंड में पिछले एक महीने में बेरोजगारी की दर में कमी आई है। सितंबर माह में राज्य की बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल इसी महीने बेरोजगारी दर 22.3 प्रतिशत थी। बेरोजगारी दर के मामले में उत्तराखंड देश में नौंवे स्थान पर है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्रा लि (सीएमआईई) के सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
सर्वे के ऑनलाइन आंकड़ों के मुताबिक, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा समेत 17 राज्यों में बेरोजगारी उत्तराखंड से अधिक है। उत्तराखंड में पिछले महीने की तुलना में सितंबर माह में बेरोजगारी दर में 2.1 प्रतिशत की गिरावट रही है। 

आर्थिक गतिविधियों में तेजी का असर
कोविड की दूसरी लहर के तकरीबन थम जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी बेरोजगारी दर में गिरावट की एक प्रमुख वजह मानी जा रही है। जानकारों के मुताबिक, पिछले दो महीनों के दौरान राज्य में पूरी तरह से अनलॉक हो गया है। बाहरी राज्यों के लोगों के राज्य में प्रवेश की बंदिश में ढील, अंतरराज्यीय परिवहन के संचालन और व्यावसायिक गतिविधियों को खोलने से आजीविका और रोजगार के अवसर खुले हैं।
 
सितंबर 2020 में थी 22 फीसदी से ज्यादा बेरोजगारी दर
कोरोनाकाल के दौरान सितंबर 2020 में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक 22.3 फीसदी थी। जनवरी 2021 की तुलना में 2020 में बेरोजगारी दर केवल एक फीसदी कम थी। सितंबर 2020 में बेरोजगारी दर बढ़कर 22.3 फीसदी तक पहुंच गई।
 
कुछ प्रमुख राज्यों में बेरोजगारी दर 
प्रदेश-बेरोजगारी दर
उत्तरप्रदेश-5.0
हिमाचल-8.7
जम्मू कश्मीर-21.6
हरियाणा-20.3
गुजरात-1.3
दिल्ली-16.8
पंजाब-9.3
राजस्थान-17.9
असम-3.5
स्रोत-सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआई) प्रा. लि.

जौलीग्रांट एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन

नागरिक उड्डयन और एयर कनेक्टीवीटी के क्षेत्र में आज का दिन उत्तराखण्ड के लिए विशेष उपलब्धियों का रहा। एक ओर जहां राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के लिए हेलीसेवाएं शुरू की गईं। वहीं जौलीग्रांट एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शुभारम्भ भी हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उत्तराखण्ड में विभिन्न हेली सेवाओं का फ्लैग ऑफ कर शुभारम्भ किया। उन्होंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने देहरादून हवाई अड्डे से उत्तराखण्ड के तीन स्थानों के लिए नई हवाई सेवा, 18 नए हेलीकॉप्टर मार्ग शुरू करने और देहरादून हवाई अड्डे में अंतरराष्ट्रीय स्तर सुविधाएं विकसित करने की घोषणाएं की।

राज्य में सात नए मार्गों के लिए हेली सेवाएं शुरू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा आज देहरादून-हल्द्वानी/पंतनगर-देहरादून और सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौड़-सहस्त्रधारा के लिए हेलीसेवा का फ्लैग किया। इसी के साथ आज से राज्य मे सात नए मार्गों के लिए हेलीसेवाएं शुरू हो गई हैं। इनमें पवनहंस द्वारा देहरादून-हल्द्वानी/पंतनगर-देहरादून, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून-गौचर-देहरादून और देहरादून-पिथौरागढ़-देहरादून के लिए हेलीसेवा शुरू की गई हैं। जबकि हेरीटेज द्वारा सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौड़-सहस्त्रधारा और सहस्त्रधारा-गौचर-सहस्त्रधारा के लिए हेलीसेवा शुरू की गई हैं।

नए रूप में दिखेगा जौलीग्रांट एयरपोर्ट, क्षमता में हुआ विस्तार
देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट भी अब नए स्वरूप में दिखाई देगा। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून (जौलीग्रांट) हवाई अड्डे में नए टर्मिनल भवन का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। पूरे देश से आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को नई टर्मिनल बिल्डिंग में उत्तराखण्ड की कला और संस्कृति के भी दर्शन होंगे। यहां उत्तराखण्ड के चार धाम, ब्रहमकमल सहित तमाम कला संस्कृति के पक्ष प्रदर्शित किए गए हैं। नए टर्मिनल भवन के निर्माण से देहरादून हवाई अड्डे के क्षेत्रफल और वहां यात्रियों की प्रति घंटा आवाजाही क्षमता में लगभग 6 गुना वृद्धि हो गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से नई टर्मिनल बिल्डिंग का फेज 1 का काम पूरा हो चुका है। फेज 1 में निर्मित टर्मिनल बिल्डिंग का कुल क्षेत्र 28,729 वर्ग मीटर है जबकि इसकी लागत 325 करोड़ रूपए है। दूसरे फेज का काम भी प्रगति पर है। फेज-2 में 132 करोड़ रूपए की लागत से 14,047 वर्ग मीटर क्षेत्र में बिल्डिंग का और विस्तार होगा।

प्रदेश में तेजी से हो रहा एयर कनेक्टीवीटी में विस्तार-धामी
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में एवियेशन टर्बाे फ़्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वेट को 20 प्रतिशत से घटाकर 2 परसेंट कर दिया है, इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अधिक से अधिक हेली कंपनियां उत्तराखंड का रुख़ करें। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि 2025 तक उत्तराखण्ड एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित हो, जिसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पहचान मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत शक्तिशाली, गौरवशाली, वैभवशाली बनते हुए विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम सड़क योजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, केदारनाथ पुनर्निर्माण समेत कई ऐतिहासिक काम प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा स्थानीय लोगों की आजीविका का आधार है, सरकार का प्रयास है कि चारधाम यात्रा में आने वाले हर यात्री को बेहतर सुविधा दी जाए।

एयर कनेक्टीवीटी बढ़ने से बढ़ेगा पर्यटन-केंद्रीय मंत्री सिंधिया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि आम आदमी भी आसानी से हवाई यात्रा कर सके। इसी सोच को धरातल पर उतरने के लिए देशभर में वायु संपर्क मार्ग बढ़ाए जा रहे हैं। हवाई अड्डों का विस्तारीकरण, उच्चीकरण व सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। पहले देहरादून हवाई अड्डे में प्रति घंटा 250 व्यक्ति आवाजाही कर सकते थे, यह क्षमता भी अब बढ़कर 1200 व्यक्ति हो गई है। उन्होंने बताया कि अब देहरादून हवाई अड्डे में फेज-2 का काम शुरू होगा, जिसके पूरा होने पर यह क्षमता 1800 व्यक्ति प्रति घंटा हो जायेगी। सिंधिया ने कहा कि ‘उत्तराखण्ड से मेरा पुराना नाता है। आज मेरे लिए ये भावुक क्षण भी है। मैं 30 वर्ष पहले देहरादून में शिक्षा ग्रहण करने आया था। 5 वर्ष तक मैंने यहां जीवन के उच्च मूल्यों की शिक्षा ली। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सचमुच में देवलोक है। पूरे देश को यहीं से आशीर्वाद प्रदान होता है। यह ऐसा प्रदेश है जहां प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यटन, उद्योग, व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तराखण्ड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन और पर्यटन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसी सोच के चलते उत्तराखण्ड में हवाई यात्रा की सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है।
इस दौरान नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (रिटायर्ड), राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा के अलावा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक“ वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।

नमामि गंगे परियोजना से गंदे नालों को टेप करने में मिली मदद-विस अध्यक्ष

नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रेश्वर नगर में निर्मित 7.5 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, उत्तराखंड पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया।
एसटीपी प्लांट के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री ने प्लांट से संबंधित सभी जानकारियां पेयजल निगम के अधिकारियों से प्राप्त की। प्रहलाद पटेल ने पांच मंजिला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य क्षमता देखकर इस पर संतोष जताया। कहा कि गंगा में मिलने वाले दूषित नालों को रोकना और शोधित करना एक बड़ी चुनौती है, नमामि गंगे परियोजना इस दिशा में काफी हद तक सफल रही है। उन्होंने कहा की ऋषिकेश व हरिद्वार शहर में दूषित नालों को रोकने और सीवर शोधन के लिए पर्याप्त क्षमता के एसटीपी बनाए गए हैं। ऋषिकेश में लक्कड़घाट का एसटीपी 26 एमएलडी का बनाया गया है, जो अपने आप में बहुत बड़ा प्लांट है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट आसपास की आबादी की अगले कई सालों की जरूरत पूरी कर सकते हैं। सभी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा की उच्च स्तर पर इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग होती रहे।
चंद्रेश्वर नगर में तीन नालो श्मशान घाट, चंद्रेश्वर नगर एवं ढालवाला नाला से अनुपचारित गंदा पानी सीधे गंगा नदी में मिलकर गंगा जल को प्रदूषित कर रहा था। तीनों नालों को टैप कर सीवेज पंपिंग स्टेशन के माध्यम से 7.5 एमएलडी एसटीपी तक शोधन हेतु पहुंचा कर उपचारित किया जा रहा है। एसटीपी प्लांट स्थल घनी आबादी के बीच स्थित होने एवं संयंत्र हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध ना होने के कारण इसका डिजाइन मूविंग बेड बायोफिल्म रिएक्टर तकनीक के अनुसार बनाया गया जो कि अपने तरह का एकमात्र बहुमंजिला एसटीपी प्लांट है। 41.13 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 7.5 एमएलडी एसटीपी प्लांट द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 5 एमएलडी सीवेज शोधन किया जा रहा है। इस तकनीकी पर आधारित एसटीपी प्लांट में प्राइमरी शोधन यूनिट, एमबीबीआर रिएक्टर, सेकेंडरी क्लेरिफायर, डिसइन्फेक्शन यूनिट एवं सलज डिवाटरिंग यूनिट सम्मिलित है।
विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य मंत्रियों द्वारा केंद्रीय राज्यमंत्री के ऋषिकेश आगमन पर पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के समक्ष केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री से एसटीपी प्लांट से घनी आबादी में होने वाली आवाज की समस्या के निदान पर भी बातचीत की। वही अग्रवाल ने शोधित जल को गिलास में लेकर उसकी शुद्धता के बारे में भी जानकारी ली।
इस अवसर पर पेयजल निगम के चीफ इंजीनियर केके रस्तोगी, चीफ इंजीनियर एस सी पंत, नमामि गंगे के तकनीकी निदेशक प्रवीण कुमार, जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता नमित रमोला एवं अन्य अधिकारी सहित ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पार्षद शिव कुमार गौतम, कविता साह, सीमा रानी, उषा जोशी, सुमित पवार, प्रदीप कोहली, जयंत शर्मा, एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

युवा मुख्यमंत्री के विजन पर प्रधानमंत्री ने लगाई मुहर

देवभूमि उत्तराखंड को अगले कुछ सालों में देश के नंबर वन राज्य बनाने का संकल्पित युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुहर लगा दी है। एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ना सिर्फ़ युवा ऊर्जावान और उत्साही मुख्यमंत्री कहा बल्कि उन्हें “मित्र” कहकर संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को इस सहज भाव और अपनेपन से सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि है, वीर भूमि है। केन्द्र सरकार सैनिकों के हितों के लिये गम्भीर है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी एक सैनिक पुत्र हैं।
प्रधानमंत्री मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने अपने संबोधन में पुष्कर सिंह धामी को युवा चेहरा और उत्साह से लवरेज मुख्यमंत्री बताया। प्रधानमंत्री ने 22 साल के उत्तराखंड को अगले तीन सालों में डबल इंजन की मदद से देश के शीर्ष राज्यों में शामिल करने का भरोसा दिलाया है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड गठन के 25 साल में पूरे हो जाएंगे, यही समय है सही समय है कि युवा और ऊर्जावान टीम के साथ केंद्र सरकार यहां के लोगों के सपनों को नई बुलंदी पर पहुंचाए।
प्रधानमंत्री ने धामी सरकार द्वारा युद्धस्तर पर चलाए जा रहे कोविड टीकाकरण अभियान को लेकर तारीफ करते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट का ही नतीजा है कि उत्तराखंड जल्द शत-प्रतिशत टीकाकरण वाला राज्य बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन तमाम बातों से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी युवा सोच के साथ विकास के जिस रोड मैप को लेकर चल रहे हैं, आने वाले समय में युवा उत्तराखंड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।

पीएम के उद्घाटन के बाद पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र देश के सभी जिलों में चालू हुए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में 35 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किये। इससे देश के सभी जिलों में अब पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र चालू हो गए हैं।

नवरात्रि के प्रथम दिन देवभूमि उत्तराखण्ड आना सौभाग्यः प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि ‘आज से नवरात्रि का पावन पर्व भी शुरू हो रहा है। प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री, हिमालय पुत्री हैं। और आज के दिन मेरा यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना, हिमालय की इस धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा धन्य भाव हो सकता है।’

मन, कर्म, सत्व और तत्व का नाता है देवभूमि से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देव भूमि उत्तराखण्ड ऋषियों की तपस्थली रही है। योग नगरी के रूप में ये विश्व को आकर्षित करती रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उनके लिए महत्वपूर्ण है, इस भूमि से उनका मन और कर्म का नाता है तो सत्व और तत्व का भी। उत्तराखण्ड आकर उन्हें नई ऊर्जा मिलती है। उत्तराखण्ड की दिव्यधरा ने मुझ जैसे ना जानें कितने लोगों की जीवन धारा को मोड़ने में मदद की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के ही दिन 20 वर्ष पहले उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर जनता की सेवा का नया दायित्व मिला था। उन्होंने विशेष तौर पर ये बात कही कि इस यात्रा की शुरुआत उत्तराखण्ड राज्य के गठन के साथ हुई थी क्योंकि उत्तराखण्ड गठन के कुछ माह बाद गुजरात के मुख्यमंत्री का पदभार उन्होंने सम्भाला था। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर इस धरा को प्रणाम करना मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है। प्रधानमंत्री ने राज्य को ओलम्पिक और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी।

कोरोना से लड़ाई में देश का सामर्थ्य दिखा, बड़े पैमाने पर हेल्थ सुविधाएं विकसित
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जिस धरती से योग और आयुर्वेद जैसी जीवनदायिनी शक्तियों को बल मिला, उसी धरती से आज आक्सीजन के प्लांट समर्पित किए जा रहे हैं। कहा कि कोरोना से लड़ाई में इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार की हैं, वे हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। पहले सिर्फ 1 टेस्टिंग लैब थी अब करीब 3 हजार टेस्टिंग लैबों का नेटवर्क है। मास्क और किट्स के आयातक से निर्यातक बनने का सफर किया। देश के दूर दराज वाले इलाकों में भी वेंटिलेटर्स की सुविधाएं बढ़ी हैं। मेक इन इण्डिया में कोराना वैक्सीन का तेजी से और बड़ी मात्रा में निर्माण किया गया। दुनिया का सबसे बड़ा और तेज टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है। भारत ने जो कर दिखाया वह हमारी संकल्पशक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है। भारत ने मेडिकल आक्सीजन के उत्पादन में 10 गुना से अधिक वृद्धि की है।

युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रभावी मैनेजमेंट से उत्तराखण्ड में तेजी से टीकाकरण अभियान
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे। भारत ने कोविड वैक्सीन प्लेटफार्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन कैसे किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में बहुत तेजी से कोविड टीकाकरण हो रहा है। राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट से उत्तराखंड बहुत जल्द 100 प्रतिशत पहली डोज पूरी करने वाला है।

सरकार का लक्ष्य देश के हर जिले में हो मेडिकल कॉलेज
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सरकार इस बात का इंतजार नहीं करती कि नागरिक उसके पास अपनी समस्याएं लेकर आएंगे तब कोई कदम उठाएंगे। सरकारी माइंडसेट और सिस्टम से इस भ्रांति को बाहर निकाल रहे हैं। अब सरकार नागरिक के पास जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों में ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज जरूर हो।

उत्तराखण्ड में जलजीवन मिशन में हुआ काफी काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण का सपना अटल जी ने पूरा किया था। अटल जी मानते थे कि कनेक्टिविटी का सीधा कनेक्शन विकास से है। उन्हीं की प्रेरणा से देश में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अभूतपूर्व स्पीड और स्केल पर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 में जलजीवन मिशन शुरू होने से पहले उत्तराखण्ड के सिर्फ 1 लाख 30 हजार घरों में ही नल से जल पहुंचता था। आज उत्तराखण्ड के 7 लाख 10 हजार से ज्यादा घरों में नल से जल पहुंचने लगा है।

सैनिकों के हितों को लेकर सरकार गम्भीर
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। ये हमारी सरकार ही है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाईयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। उत्तराखण्ड की देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका रही है। यहां के नौजवान, भारतीय सुरक्षा बलों की आन बान व शान हैं। केदारनाथ धाम में सुविधा बढ़ाई जा रही है, चारधाम परियोजना देश दुनिया के श्रद्धालुओं को आसान बनाने के साथ ही कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ रही है।

केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, उत्तराखण्ड के लोगों के सपनों को पूरा करने का आधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को आगे बढ़ाने का ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का आधार है। यहां कनेक्टिविटी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। चारधाम ऑलवेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, उड़ान में हवाई सेवाएं आदि से उत्तराखण्ड की जनता को काफी लाभ मिलने वाला है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड गठन के 25 साल में होगा। यही समय है सही समय है। यहाँ के लोगों के सपनों को नई बुलंदी देने वाला है।

प्रधानमंत्री की 20 वर्षों की यात्रा महान संकल्पों की यात्रा-धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड की सवा करोड़ जनता की ओर से देवभूमि आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की पिछले 20 वर्षों की यात्रा महान संकल्पों का उदाहरण है। प्रधानमंत्री जी ने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण मां भारती की सेवा में लगा दिया, जो हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों की सुरक्षा एवं सेवा के लिये राष्ट्रव्यापी जीवन रक्षक ऑक्सीजन प्लाण्टों को समर्पित किया है।
आज से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व जब कोरोना महामारी का प्रारंभ हुआ था तब से आज तक प्रधानमंत्री जी ने एक नेता एवं प्रशासक की भांति ही नहीं बल्कि हमारे अभिभावक की भांति हमारा हाथ थामा और मुश्किल की घड़ी में पूरे देश को हौंसला दिया। पूरा विश्व इस बात का साक्षी है कि जिस देश को लेकर विशेषज्ञ तरह-तरह की आशंका जता रहे थे उस देश ने न सिर्फ कोरोना का डटकर सामना किया बल्कि वैक्सीन बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई। सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री जी का सम्मान जग जाहिर है। हमने देखा है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में और अब एक प्रधानमंत्री के रूप में वे हर बार दिवाली और होली सैनिकों के साथ मनाते हैं।

आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इण्डिया युवाओं के मन में बस चुके आंदोलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के बच्चे बच्चे की जुबां पर आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, स्किल इण्डिया, फिट इण्डिया, मेक इन इण्डिया जैसे नारे रहते हैं। ये सिर्फ नारे नहीं है बल्कि आज, ये देश के हर नागरिक, हर युवा के मन में बस चुके आंदोलन का रूप ले चुके हैं। कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों को रोजगार और दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया है। जहां एक ओर आयुष्मान भारत योजना ने देश के हर व्यक्ति को यह भरोसा दिलाया है कि बीमारी के समय पर उन्हें उपचार अवश्य मिलेगा वहीं दूसरी ओर उज्जवला योजना ने करोड़ों गरीब माताओं-बहनों की आंख के आंसू पोछे हैं। सैंकड़ों वर्षों से अपने निर्माण की बांट जोह रहे श्रीराम मंदिर के पुर्ननिर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। कश्मीर से धारा 370 का खात्मा हो सका और कश्मीर का भारत में पूर्ण एकीकरण हो सका। चाहे औद्योगिक विकास हो, शैक्षिक विकास हो, सामाजिक विकास हो या आध्यात्मिक विकास हो, प्रधानमंत्री जी की सोच व्यापक रही है। यह नमामि गंगे, स्वच्छता अभियान, नई शिक्षा नीति, इन्द्रधनुष योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से परिलक्षित होता है।

कोविड से लड़ाई में केंद्र का मिला पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम की भूमि तो है ही ये वीर भूमि भी है, जिसे प्रधानमंत्री जी ने सैन्यधाम की संज्ञा भी दी है। उत्तराखण्ड की इस भूमि से प्रधानमंत्री जी का विशेष स्नेह किसी से छुपा नहीं है। केदारनाथ की त्रासदी के समय मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वह उत्तराखंड की जनता के लिए पूर्ण रूपेण साथ खड़े थे। कोरोना महामारी में उत्तराखंड जैसे भौगोलिक कठिनाइयों से घिरे राज्य में भी प्रधानमंत्री जी ने साधन संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी और व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंड की चिंता की।

उत्तराखण्ड के विकास के लिए प्रधानमंत्री ने दी महत्वपूर्ण सौगातें
उत्तराखण्ड के लिये चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की महत्वपूर्ण सौगात दी है। प्रधानमंत्री के निर्देशन में केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए क्रमशः 20 करोड़ और 34 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके हैं। जहां एक ओर चार दशकों से लंबित तराई-भाबर की लाइफ लाइन जमरानी बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दी है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित करने के साथ-साथ उड़ान योजना व सीमांत पर्वतीय क्षेत्रों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजनाओं द्वारा उत्तराखंड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। टिहरी लेक डेवलेपमेण्ट हेतु 1200 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो या समेकित सहकारी विकास योजनाओं के लिये 3340 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो, प्रधानमंत्री जी ने हमेशा उत्तराखंड की दिल खोलकर सहायता की है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में दिए जा रहे कोविड राहत पैकेजों सहित विकास कार्याे की जानकारी दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार से प्राप्त हो रहे मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखण्ड में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। जहां 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो उद्यम योजना के अन्तर्गत लाखों युवाओं को स्वरोजगार देने की प्रक्रिया गतिमान है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिये 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन हेतु 205 करोड़ तथा महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लोगों के खातों में भेजी जा रही हैं। आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में 44 लाख लोगों के कार्ड बन चुके हैं। इस योजना से 3 लाख 50 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं। दिसम्बर माह तक प्रदेश में प्रथम चरण के वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत पूर्ण करने का जो लक्ष्य रखा था उस लक्ष्य को हम केन्द्र सरकार के सहयोग से इसी माह पूर्ण करने की ओर अग्रसर हैं। अब तक 96 प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। मार्च 2020 से पूर्व उत्तराखण्ड में मात्र 1 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर (गढ़वाल) में संचालित हो रहा था, जबकि आज 87 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट उपलब्ध हो चुके है, जिनमें से पी०एम० केयर फण्ड द्वारा उपलब्ध 25 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांटों ने पूर्ण रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है।

वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप विश्व के दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का मूलमंत्र दिया है। कोरोना काल में इस मंत्र की शक्ति को हम सभी ने देखा है। इससे कोरोना के खिलाफ जंग में ताकत मिली है। करोड़ों लोगों को गरीब कल्याण अन्न योजना में खाद्य सुरक्षा दी। वैक्सीन का देश में ही निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया। उन्हीं की प्रेरणा है कि पहले जहां किसी बीमारी का टीका आने में कई वर्ष लग जाते थे, आज कोविड की वैक्सीन का इतने कम समय में देश न केवल उत्पादन शुरू हुआ बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान यहां चल रहा है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप विश्व के दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक, पूरे देश में कुल 1,224 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत वित्तपोषित किया गया है, जिनमें से 1,100 से अधिक संयंत्रों को चालू किया गया है, जिससे प्रतिदिन 1,750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। यह कोविड- 19 महामारी शुरू होने के बाद से भारत की चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक उपायों का प्रमाण है।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री, सांसदगण, विधायकगण, केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी, एम्स के अधिकारी उपस्थित थे।

गंगा स्वच्छता का संदेश लेकर सोमेश ने शुरु की साइकिल यात्रा

बद्रीनाथ (सतोपंथ) से कन्याकुमारी की साइकिल यात्रा पर निकले साहसी युवा सोमेश द्वारा पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार से भेंट कर उनका धन्यवाद किया। स्पर्श हिमालय अभियान के ब्रांड एंबेसडर घोषित किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने डा. रमेश पोखरियाल निशंक का आभार व्यक्त किया और “विश्व की प्रेरणा-हिमालय” की टैग लाइन को अपनी इस साहसिक यात्रा का मूल आधार बताया।
युवा सोमेश द्वारा अपने इस अभियान में एक भारत श्रेष्ठ भारत, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, उन्नत भारत अभियानों में युवाओं को जोड़ने हेतु आवाहन किया जा रहा है।
स्पर्श हिमालय अभियान के अंतर्गत गंगा तथा हिमालय के संरक्षण के लिए युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के निर्वहन को भी सोमेश ने अभियान से जोड़ा है।
पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमेश की इच्छा शक्ति की प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने सोमेश को हिमालय के महत्व को युवाओं के मध्य रखने की आवश्यकता पर बल दिया। स्पर्श हिमालय अभियान विश्व के लिए प्रेरक है जिसमे समाहित है हिमालय में ज्ञान, विज्ञान, वेद, आयुर्वेद, सुख, शांति, सौंदर्य, योग, गंगा, संजीवनी, समृद्धि, संस्कृति, रहस्य, रोमांच, आस्था और आध्यात्म। युवा देश में युवा शक्ति ही विभिन्न उदेश्यों और अभियानों को सफल तथा देश और दुनिया में पहुंचा सकती है सोमेश को इस संदेश को भी युवाओं तक देना है।
इससे पूर्व डा निशंक ने अपने आवास पर इस युवा साइकिलिस्ट का स्वागत किया तथा स्पर्श अभियान की संयोजिका आरुषि निशंक ने सोमेश के दूसरे चरण की यात्रा को फ्लैग ऑफ कर उन्हे शुभ कामनाएं प्रदान की। आरुषि ने कहा कि सोमेश हिमालय के सतोपंथ से लेकर जिस जल को देश भर में संकल्प के रूप में ले जा रहे है वो एक भागीरथ प्रयास है। ये देशभर के लिए गंगा स्वच्छता का संदेश भी प्रदान कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विगत एक अक्टूबर को बद्रीनाथ धाम से सोमेश की इस साहसिक यात्रा के प्रथम चरण का शुभारभ किया गया है।

सेवा के 20 वर्ष पूरे होने पर पीएम के नाम पाती

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और महापौर अनिता ममगाईं सहित बूथ अध्यक्ष एवं शक्ति केंद्रों के संयोजक ने गंगा किनारे बैठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवैधानिक पदों पर आसीन होने के 20 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखे। जिसमें सभी बूथ अध्यक्षों एवं शक्ति केंद्र संयोजको सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएं अपने पत्र के माध्यम से प्रकट की।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक संविधानिक जीवन के 20 वर्ष पूरे करने पर ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में पहुंच कर देवभूमि के प्रति आकर्षण एवं लगाव को दर्शाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके द्वारा निरंतर राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वह अद्भुत है।
बलूनी ने कहा है कि बूथ स्तर के कार्यकर्ता संपूर्ण देश में प्रधानमंत्री के समर्थन में उत्साहपूर्वक आज पोस्टकार्ड एवं पत्र के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व लंबे समय तक इस देश को मिलता रहे, जिससे यह देश विश्व गुरु के पद पर आसीन हो।
इस अवसर पर विधायक देशराज कर्णवाल, राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव जेटली, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा बिपिन कैंथोला, मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, रजनी बिष्ट आदि सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सीएम ने पीएम दौरे को लेकर व्यवस्थायें जांची, दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऋषिकेश एम्स पहुंचकर प्रधानमंत्री के दौरे संबंधी व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने आयोजन स्थल का जायजा लेते हुए एम्स प्रशासन और अधिकारियों से व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल पर सभी व्यवस्थाओं को समय से पहले पूरा कर लिया जाए। प्रधानमंत्री के प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवस्था भलि-भांति चेक कर ली जाएं और कोविड प्रोटकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव सूचना पंकज पांडेय, आईजी इंटेलीजेंस संजय गुंज्याल, प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी समेत जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि से उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न ऑक्सीजन प्लांट्स का शुभारम्भ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है, इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड को ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, उडान योजना से एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने समेत केदारनाथ पुनर्निर्माण की सौग़ात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी देव भूमि आते हैं तो हम सब को जनसेवा के कार्य करने की नई ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड के विकास की लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।

राज्य में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को हर संभव सुविधा दी जाये-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में चारधाम यात्रा की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को हर संभव सुविधा दी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालु एवं पर्यटक देवभूमि उत्तराखण्ड से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह सबकी जिम्मेदारी है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के प्रति किसी भी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में यदि एक भी यात्री को परेशानी होगी तो प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते मुझे परेशानी होगी।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े रूद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं अच्छी हों। गाईडलाइन के अनुसार श्रद्धालु दर्शन कर सकें। पर्यटक स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम यात्रा के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद जिन लोगों को परमिशन मिली है, वही लोग उत्तराखण्ड के चार धाम यात्रा के लिए आयें।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, डीजीपी अशोक कुमार, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, अपर सचिव युगल किशोर पंत उपस्थित थे।

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