संसदीय कार्य मंत्री हुए भावुक, राज्य आंदोलन के दिनों को किया याद

सदन में राज्य आंदोलनकारियों/आश्रितों के आरक्षण के विषय पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल भावुक हो उठे। इस दौरान उनकी ऑखें आसूओं से नम हो गई। डॉ अग्रवाल ने राज्य आंदोलन के दौरान विकट परिस्थतियों में सक्रिय सहभागिता को याद करते हुये सदस्य विनोद चमोली एवं भुवन कापड़ी आदि की भावनाओं से स्वयं को सम्बद्ध किया तथा बहुमत होते हुये भी राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं को सम्मान करने के लिये प्रस्तावित विधेयक को प्रवर समिति को सन्दर्भित करने का अनुरोध किया।
सदन के भीतर संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि वह भी स्वयं राज्य आंदोलनकारी रहे हैं। उन्होंने आंदोलन के दिनों को याद करते हुए बताया कि उन दिनों महिलाओं के साथ जो अत्याचार हुआ, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों में वह दिन सबसे दर्दनाक रहा। उन्होंने डोईवाला में स्वयं के द्वारा राज्य आंदोलन में प्रतिभाग करते हुए तत्कालीन सत्ताधारी सपा पार्टी के द्वारा किये गए अत्याचारों को भी सदन के भीतर रखा। उन्होंने बताया कि आंदोलन में प्रतिभाग करने पर उन्हें डोईवाला चौक पर घसीट कर ले जाया गया।
डॉ अग्रवाल ने सदन के भीतर कहा कि वह मुजफ्फरनगर कांड के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं, उसे दौरान उत्तराखंडवासियों के साथ अनहोनी हो गई थी। उन्होंने कहा कि उन दिनों को याद कर आज भी आंखें नम हो जाती हैं। डॉ अग्रवाल ने सदन के भीतर उन राज्य आंदोलनकारी को याद करते हुए उस दौरान हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

11321 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन पेश

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्ष 2023-24 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व विरादरी में भारत का सम्मान बढ़ा है। चन्द्रयान सफल अभियान अभियान से हम शीर्ष देशों के पंक्ति में खड़े हो गए है। जी-20 के अध्यक्ष के नाते हमारे देश ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याण को समर्पित सरकार है। इसलिए मुख्य बजट में हम अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आये थे। इसमें आयुष्मान योजना, नन्दा गौरा योजना, माध्यमिक व उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति की योजना, अन्त्योदय कार्ड धारकों को वर्ष में तीन संलेडर निशुल्क रिफिल कराये जाने की योजना, सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न पेंशन योजना आदि का विशेष उल्लेख है। कहा कि इन जनकल्याण योजनाओं से हम समग्र विकास, समावेशी विकास तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास आदि प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करते हैं। इस अनुपूरक बजट में भी जनकल्याण को समर्पित योजनाओं हेतु महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अनुपूरक बजट के लिए आवश्यक वित्त की व्यवस्था के लिए हमने गम्भीर प्रयास किये हैं। हम लगातार राजस्व अभिवृद्धि के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हम अब तक बजट अनुमान का 34 प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर चुके हैं। राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में यह उपलब्धि मुख्यतः इसलिए है कि क्योंकि हमारी सरकार लगातार समीक्षा कर रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ मेरे द्वारा और माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पहली बार व्यापक पैमाने पर समीक्षाएं की जा रही है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि विगत दिनों हमारी सरकार द्वारा सर्किल रेट को रिवाईज किया गया था। जीएसटी के क्षेत्र में जहाँ एक और जन जागरूकता बढ़ाई गई वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लिया गया। कम से कम मानवीय हस्तक्षेप हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया। हमारे इन प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जहां 2021-22 में लगभग हमको लगभग रू0 14176 करोड का कर राजस्व प्राप्त हुआ था वहीं 22-23 में यह बढ़कर रू0 17103 करोड़ हो गया है। इस वर्ष गत वर्ष के सापेक्ष हम 47 प्रतिशत कर राजस्व प्राप्त कर चुके हैं लेकिन हमने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य बढ़ा दिये हैं ताकि जन कल्याण एवं अवस्थापना विकास हेतु समुचित प्रावधान कर सकें।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य के राजस्व के दृष्टिगत जी.एस.टी. वैट, स्टॉम्प वाहन कर आदि प्रमुख कर हैं और इन सभी में गत वर्ष के सापेक्ष वृद्धि हो रही है। इस वर्ष भी लक्ष्य के सापेक्ष भी अच्छी प्रगति है। राज्य वस्तु एवं सेवाकर में लक्ष्य के सापेक्ष 39 प्रतिशत, वैट (नॉन जीएसटी) में 41 प्रतिशत, स्टाम्प में 51 प्रतिशत तथा वाहन कर में 34 प्रतिशत की प्राप्ति हो चुकी है।

’प्रमुख केन्द्र पोषित योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
जल जीवन मिशन – लगभग रू0 795 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 297 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लगभग रू0 190 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान लगभग रू0 128 करोड, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान लगभग रू0 120 करोड़, मेडिकल कॉलेज लगभग रू0 54 करोड, स्वच्छ भारत मिशन लगभग रू0 36 करोड़।

’प्रमुख पूंजीगत योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
आवास एवं शहरी विकास के अन्तर्गत अवस्थापना का सुदृढीकरण हेतु रू0 321 करोड़, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 30 करोड, हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 25 करोड़, पार्किंग के निर्माण हेतु लगभग 135 करोड़, मुख्यमंत्री आंगनबाडी भवन निर्माण हेतु लगभग रू0 50 करोड़, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण एवं स्थापना हेतु लगभग रू0 100 करोड़, लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आरआई.डी.एफ. योजना के अन्तर्गत लगभग रू0 100 करोड़, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग रू0 25 करोड़, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 35 करोड़, अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 17 करोड़।

’प्रमुख राजस्व योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
सडकों के अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 300 करोड़।
अटल आयुष्मान हेतु लगभग रू0 200 करोड।
नन्दा गौरा हेतु लगभग रू0 95 करोड़।
औषधि तथा रसायन के अन्तर्गत लगभग रू0 90 करोड।
निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना हेतु लगभग रू0 68 करोड़।
रूफ टॉप सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों लगभग रू0 66 करोड़।
सामाजिक सुरक्षा (पेंशन) के अन्तर्गत लगभग रू0 40 करोड।
मशीन उपकरण सज्जा एवं संयंत्र के अन्तर्गत लगभग रू0 33 करोड़।
कम्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर एवं अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 23 करोड।
व्यावसायिक तथा विशेष सेवाओं का भुगतान के अन्तर्गत लगभग रू0 17 करोड़।
कार्यालय प्रायोगार्थ वाहन क्रय में लगभग रू0 13 करोड।
ईजा बोई शगुन योजना हेतु लगभग रू0 10 करोड़।
पशुपालन के अन्तर्गत साइलेज पशुपोषण योजना हेतु लगभग रू0 7 करोड़।

धामी ने केन्द्र सरकार के 1164.53 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट आवंटन पर जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने औद्योगिक विकास योजना-2017 के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के लिए ₹1164.53 करोड़ के अतिरिक्त आवंटन को स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सभी हिमालयी राज्यों में अभूतपूर्व विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड हेतु यह धनराशि स्वीकृत करने के लिए समस्त प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना, 2017 के तहत अतिरिक्त धन की आवश्यकता को मंजूरी देते हुए 1164 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय स्वीकृत प्रदान की है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (उद्योग संवर्द्धन एवं आन्तरिक व्यापार विभाग), भारत सरकार द्वारा औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए हिमांचल प्रदेश और उत्तराखण्ड राज्य में औद्योगिक इकाईयों के लिए औद्योगिक विकास स्कीम 2017 लागू की गई है, जो कि दिनांक 1 अप्रैल, 2017 से लागू होकर दिनांक 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी थीं। योजनान्तर्गत राज्य में स्थापित होने वाली नई एवं पर्याप्त विस्तारीकरण करने वाली औद्योगिक इकाईयों को संयंत्र व मशीनरी में किये गये पूंजी निवेश का 30 प्रतिशत अधिकतम रू. 5 करोड़ उपादान एवं वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ करने के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि तक भवन परिसरों एवं संयंत्र व मशीनरी के बीमा पर 100 प्रतिशत बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति किये जाने के प्राविधान किये गये थे।
राज्य में योजनान्तर्गत 215 उपादान दावे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 101 उपादान दावों को राज्य स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृत/संस्तुत किये गये हैं, जिसमें 46 इकाईयों को उपादान वितरित किया गया है।
केन्द्र सरकार द्वारा शेष दावों की देयता के लिए रू. 1164 करोड़ की धनराशि मंजूर की गई है। मंजूर धनराशि से 2028-2029 तक प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा किया जायेगा।

डेंगू रोकथाम को कई बड़े फैसलों पर लगी मुहर

राज्य में डेंगू रोग संक्रमण रोकने लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठकों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर डेंगू रोगियों के बेहत्तर इलाज व देखभाल के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार द्वारा सभी जिलों के साथ डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने डेंगू उन्मूलन अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में मुख्य रूप से अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, निदेषक राज्य संचरण परिषद डॉ अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह मौजूद थे। समीक्षा बैठक में पहुंचे सभी विशेषज्ञों ने डेंगू की रोकथाम के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में मिले सुझावों के बाद जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी रक्तकोष नामित किया गया। वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।

1.डेंगू रोग के संक्रमण काल के दृष्टिगत जनपदों के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों हेतु 30 प्रतिशत डेंगू आईसोलेषन बेड आरक्षित रखे जायें जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाये।

2.रा0 दून मेडिकल कॉलेज के डेंगू विषेशज्ञों के परामर्श के अनुसार 90 प्रतिशत रागियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं एवं कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।

3.डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाये।

4.डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्षन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

5.शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

6.आमजन में डेंगू रोग के प्रति भ्रान्तियों के समाधान हेतु जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिष्चित करें।

7.आम जन में ब्लड डोनेशन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये।

समयसीमा के तहत तेजी से निर्माण कार्य करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् प्रदेश में किये जा रहे कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत पूर्ण करने के लिए निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कार्यों के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्य समय पर पूर्ण हो सकें इसके लिए लगातार साप्ताहिक एवं पाक्षिक समीक्षा की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को भी इसमें शामिल किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि सभी जिलाधिकारियों को उनके क्षेत्र के अंतर्गत सड़कों एवं पुलों की सूची प्रेषित कर क्षेत्र का दौरा कर कार्यों में आ रही समस्याओं का समाधान निकाले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों में समस्या आ रही है, संबंधित विभागों एवं उनके (मुख्य सचिव) स्तर पर भी बैठक आयोजित करा समस्याओं को निस्तारित किया जाए।
मुख्य सचिव ने ठेकेदारों के साथ भी बैठक कर उनकी समस्याओं को सुनकर निस्तारण किए जाने एवं सहायता उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। कहा कि आवश्यक निर्माण सामग्री को भी समय से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। आवश्यकतानुसार मैन पावर और मशीनरी बढ़ाई जाए। साथ ही निर्धारित समय पर कार्य पूरे हों इसके लिए दिन-रात तीन शिफ्टों में कार्य किया जाए। उन्होंने अच्छा कार्य कर रहे अधिकारियों एवं ठेकेदारों को सम्मानित किए जाने और खराब प्रदर्शन कर रहे अधिकारियों एवं ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव राधिका झा एवं दिलीप जावलकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम और शिक्षा मंत्री ने 129 सहायक अध्यापकों को सौंपे नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ननूरखेड़ा, देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के द्वितीय चरण में कुल 129 सहायक अध्यापकों (एलटी) को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया के प्रथम चरण में 880 सहायक अध्यापकों (एलटी) को नियुक्ति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में एक मंच व प्लेटफार्म बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी चयनित शिक्षकों को शुभकामना देते हुए कहा कि नियुक्ति पाने वाले सभी शिक्षकों पर भविष्य के कर्णधारों को तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी है। सभी अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ऊर्जा एवं नवाचार के साथ कार्य करें। जन सेवा करने का जो मौका मिला है, ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर दिया है। नये भारत के निर्माण में हमारे युवा पीढ़ी की अहम भूमिका होगी। हमारे नौनिहालों के भविष्य के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सशक्त, समृद्ध एवं शक्तिशाली भारत के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत को अलग पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत वसुधैव कुटुंबकम् की भावना से आगे बढ़ रहा है। कोरोना काल में भारत ने अनेक देशों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराई। भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर मिला। देश के अनेक हिस्सों में जी-20 की बैठकें आयोजित की गई। उत्तराखण्ड में जी-20 की तीन बैठकें आयोजित की गई। इन बैठकों से उत्तराखण्ड को भी वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आर्थिकी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। दिसम्बर में राज्य में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में युवाओं को रोजगार के पूरे अवसर मिले, इसके लिए रोजगार एवं स्वरोजगार की दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद से अभी तक साढ़े पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी प्रतियोगी परिक्षाओं में भाग ले चुके हैं। सभी परीक्षाएं पारदर्शिता के साथ पूर्ण की जा रही हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति होने से कई स्कूलों में अध्यापकों की कमी पूरी होगी। उन्होंने सभी चयनित शिक्षकों से कहा कि शुरूआती सालों में दुर्गम क्षेत्रों में सेवा जरूर करें। उन्होंने कहा कि सहायक अध्यापकों का अभी मंडल केडर है, इसे स्टेट कैडर बनाने पर विचार किया जा रहा है। स्कूलों में जो गेस्ट फैकल्टी कार्य कर रहे हैं, उनकी जायज मांगे पूरी की जायेगी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में बैकलॉग के लगभग शत प्रतिशत पद भरे गये हैं, माध्यमिक शिक्षा में भी 80 प्रतिशत बैकलॉग के पद भरे गये हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

क्षेत्रीय विधायक ने भारी वर्षा के कारण जल मग्न हुए क्षेत्रों का प्रशासनिक टीम के साथ किया दौरा

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने भारी वर्षा के कारण जल मग्न हुए क्षेत्रों हनुमंतपुरम गली 7, 8, 9 तथा अमित ग्राम गुमानीवाला, हरिद्वार हाईवे, श्यामपुर हाट गली, गुलजार फार्म, शक्ति विहार कॉलोनी सहित घरों में आई दरारों, बहे खेतों, टूटे आंगन का प्रशासन की टीम के साथ दौरा किया। इस दौरान ड्रेनेज के स्थायी समाधान को लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए, जबकि एनएच के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सचिव लोनिवि को कड़े शब्दों में निर्देश दिए।
मंगलवार को डॉ अग्रवाल हनुमंतपुरम गली नंबर 7, 8, 9 में पहुंचे, यहां पानी की समस्या के स्थायी समाधान को नमामि गंगे के परियोजना निदेशक एसके वर्मा को दूरभाष पर निर्देश दिए। साथ ही मुख्य नगर आयुक्त को अतिशीघ्र पानी निकासी के निर्देश दिए। इस मौके पर पार्षद शिव कुमार गौतम, एकांत गोयल, बृजपाल राणा, रूपेश गुप्ता, माधवी गुप्ता, अमरीश गर्ग, विशाल कक्कड़, दीप शर्मा सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
इसके बाद डॉ अग्रवाल ने अमित ग्राम गुमानीवाला में जलभराव की स्थिति जानी उन्होंने मौके पर मौजूद रेंजर देवेंद्र सिंह पुंडीर को कड़े शब्दों में जंगल का पानी आबादी क्षेत्र में ना आने के लिए उचित समाधान करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा, तहसीलदार चमन सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार, सिंचाई के अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल, सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल, पार्षद वीरेंद्र रमोला, मानवेंद्र कंडारी, विजेंद्र मोंगा आदि उपस्थित रहे।
डॉ अग्रवाल ने इसके बाद हाईवे का दौरा किया यहां नालो के कम अधूरे पड़े होने के चलते मार्ग क्षतिग्रस्त होने पर एनएच अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही सचिव लोनिवि पंकज पांडे को दूरभाष पर कड़े शब्दों में निर्देश भी दिए।

सर्वे करवाकर प्रभावितों को दें उचित मुआवजा
डॉ अग्रवाल ने उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा को जल भराव के कारण घरों में फंसे लोगों को भोजन, पानी तथा दैनिक उपभोग की वस्तुएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में कोई भी व्यक्ति रह न जाए, इसका भी ध्यान रखा जाए। डॉ अग्रवाल ने कहा कि मेडिकल की टीम भेजी जाए। साथ ही पानी की निकासी होने पर पटवारी सर्वे करें। जिससे नुकसान की सही स्थिति का आकलन किया जा सके और प्रभावितों को उचित मुआवजा मिल सके।

यू कोट वी पे मॉडल को मिले रिस्पांस से स्वास्थ्य विभाग खुश, डॉक्टरों ने दिखाया उत्साह

प्रदेश में विशेषज्ञ और सुपर विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति के लिए आज इंटरव्यू का तीसरा चरण आयोजित किया गया। इस साक्षात्कार में 40 विशेषज्ञ डाक्टरों ने भाग लिया। इन डाक्टरों को ‘यू कोट, वी पे‘ योजना के तहत संविदा पर तैनाती दी जाएगी। विशेषज्ञ डाक्टरों को 4 लाख से 6 लाख रुपये महीने का वेतन दिया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार का कहना है कि इन डाक्टरांे की तैनाती जल्द होगी। साक्षात्कार टीम में एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. हेमचंद्र पंत, अपर सचिव स्वास्थ्य डा. अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह, अपर सचिव मेडिकल एजूकेशन डा. आशुतोष सयाना शामिल थे।
स्वास्थ्य विभाग ने पर्वतीय जिलों में स्पेश्यलिस्ट और सुपर स्पेश्यलिस्ट डाक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद कर रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयास रंग ला रहे हैं। देहरादून में आज हुए इंटरव्यू में पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिश, ऑर्थाेपेडिक डॉक्टर समेत कुल 40 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘यू कोट, वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संविदा पर तैनाती की जानी है। साक्षात्कार प्रोफेसर हेम चंद्र, कुलपति, एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में आयोजित किये गये।
सचिव स्वास्थ्य डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि यह सारी भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएं तो है, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। शीघ्र ही इन रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो जाएगी, जिससे आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में मिल सकेगी ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ अपने ही क्षेत्र में मिल सके।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि तृतीय चरण में 40 स्पेशलिस्ट डॉक्टर जिसमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिशन, रेडियोलॉजिस्ट, ऑर्थाेपेडिक आदि ने साझात्कार में प्रतिभाग किया गया है। आवश्यकतानुसार ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल का चतुर्थ चरण भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया चयनित डॉक्टरों की सूची तैयार कर जल्द नियुक्ति दी जाएगी जिससे की आमजन को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए धामी सरकार ने यू कोट वी पे फार्मूले के तहत प्लान बनाया है। इस योजना के तहत विशेषज्ञ डाक्टरों को 4 लाख और सुपर स्पेश्यलिस्ट डाक्टरों को 6 लाख रुपये तक प्रति माह वेतन देने की योजना है।

उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये हमने प्रदेश की जनता से वादा किया था। इसके लिये प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें मैनडेट दिया है। जन अपेक्षाओं के अनुरूप हमने इस दिशा में कदम उठाये हैं। इसमें समुदाय विशेष की कोई हानि नहीं है। उत्तराखण्ड देवभूमि है राज्य का मूल स्वरूप न बिगडे यह देखना हमारी जिम्मेदारी है। मंगलवार को समाचार एजेन्सी ए.एन.आई. को दिये गये साक्षात्कार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में कोई भी किसी पंथ, समुदाय, धर्म, जाति का हो सबके लिये एक समान कानून हो, इसके प्रयास किये गये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। समान नागरिक सहिंता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। आमजन का दृष्टिकोण भी इस विषय पर सकारात्मक है। समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये गठित समिति द्वारा डेढ़ साल में 2 लाख से भी ज्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिये। हमारा ड्राफ्ट अन्य राज्यों को भी पसंद आएगा। रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित ड्राफ्ट कमेटी प्रदेश में हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति के प्रमुख हितधारकों से वार्ता कर ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। ड्राफ्ट मिलते ही इसे विधानसभा में प्रस्तुत कर लागू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा है। धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। राज्य हित में उत्तराखण्ड में धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। प्रदेश में अब धर्मांतरण कराने वालों के विरूद्ध इस कानून के तहत कार्यवाही की जा सकेगी। राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन संज्ञेय एवं गैर जमानती होगा। इसमें 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

महिला समूहों के निर्मित उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने की योजना

रक्षा बंधन से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला समूहों को ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ के रूप में तोहफा प्रदान किया है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में कार्यरत तमाम महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को इस योजना के अंतर्गत व्यापक बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से इस योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
प्रदेश में वर्तमान में तमाम महिला समूह कार्यरत हैं। जिनके द्वारा विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया जाता है। हालांकि, कई बार इनको सही बाजार न उपलब्ध होने के कारण परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इसी क्रम में अब प्रदेश में ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ प्रारंभ की गई है। इस योजना का उद्देश्य है कि महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को योजना के अंतर्गत व्यापक बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इस हेतु प्रत्येक विकास खंड में महिला समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शनी लगवाकर महिला समूहों को विपणन के लिए समुचित अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किये जायेंगे।
महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री को ब्लॉक स्तर पर बाज़ार मिलने से जहां उनको अपने उत्पादों की बिक्री के लिये एक मंच मिल सकेगा वहीं दूसरी ओर उत्पादों को एक नई पहचान भी मिलेगी। योजना का संचालन महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।

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