मुख्यमंत्री के कैंची धाम दर्शन के दौरान गौरी शर्मा नाम की बच्ची ने भेंट कर सौंपा था पवलगढ़ कन्जर्वेशन रिजर्व का नाम बदलने के लिए पत्र

श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन उत्तराखंड सरकार ने पवलगढ़ कन्जर्वेशन रिजर्व का नाम सीतावनी कन्जर्वेशन रिजर्व करने का बड़ा फैसला लिया था। अब जानकारी सामने आई है कि गौरी शर्मा नाम की बच्ची ने सीएम धामी के कैची धाम दर्शन के दौरान उन्हें एक पत्र देकर इस रिजर्व का नाम सीतावनी किये जाने की इच्छा प्रकट की थी, जिस पर सीएम धामी ने बच्ची की भावनाओं का सम्मान करते हुए अधिकारियों को तत्काल इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व में मां सीता का पौराणिक मंदिर और महाऋषि वाल्मीकि आश्रम स्थित हैं जिसकी देख-रेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है और यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है।
उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम मां सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध है और यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री भी जाते हैं।
सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व में मां सीता का पौराणिक मंदिर और महाऋषि वाल्मीकि आश्रम स्थित होने के कारण आसपास के लोगों की भी मांग थी कि इस रिजर्व का नाम सीतावनी किया जाए। इस बीच, सीएम धामी जब बीते दिनों कैंची धाम में दर्शनों के लिए गए तो यहां गौरी शर्मा नाम की एक बच्ची ने उनसे भेंट कर उनसे मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि पवलगढ़ का नाम बदलकर सीतावनी किया जाए, जिस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए और 22 जनवरी के ऐतिहासिक दिन राज्य सरकार ने इस रिजर्व का नाम बदलकर सीतावनी कर दिया।

’बच्ची ने सीएम को जय श्रीराम लिखकर की पत्र की शुरुआत…’

मुख्यमंत्री जी,
जय श्री राम सबको पता है कि अयोध्या में भगवान श्री राम जी का मंदिर बन रहा है। हमारे यहाँ सीतावनी जंगल है, जहाँ माँ सीता और उनके बच्चों लव-कुश की पूजा होती है।
मेरी इच्छा है कि पवलगढ कन्जरवेशन रिजर्व का नाम बदलकर सीताबनी कन्जरवेशन रिजर्व रखा जाए। धन्यवाद
गौरी शर्मा

मेधावी बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के तहत टॉपर 318 बालिकाएं पुरस्कृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘मेधावी बालिका शिक्षा प्रोत्साहन’ कार्यक्रम के तहत मेधावी बालिकाओं को सम्मानित किया। जनपद स्तर पर इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में प्रत्येक जनपद से प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं और विकासखण्ड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र और स्मार्ट फोन देकर पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर वर्ष 2022 और 2023 की टॉपर 318 बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का ‘परिवर्तन पोर्टल’ लॉन्च किया और बालिका निकेतन, देहरादून की बालिकाओं को चन्द्रयान की अनुकृति भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी बेटियों को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामना देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश की अपनी सभी बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध हैं। हमारी बेटियों के साथ अन्याय करने वालों की उत्तराखण्ड और हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान उनका अपमान है। ऐसा करने वालों के खिलाफ वे कठोरतम कार्रवाई करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां हमारी शान, मान और अभिमान हैं। महान वीरांगना तीलू रौतेली से प्रारंभ होने वाली हमारे प्रदेश की वीर नारियों की सूची में टिंचरी माई, गौरा देवी, चन्द्रप्रभा ऐतवाल, गंगोत्री गर्ब्याल और बछेंद्री पाल जी तक ऐसे अनेकों नाम हैं, जिन्होंने हर चुनौती को छोटा साबित करते हुए कुप्रथाओं को तोड़ने और आत्म सम्मान से जीवन जीने की राह समाज को दिखाई है। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज हमारी बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न योजनाएं हमारी बेटियों को और अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। पहले पहाड़ में बेटियों के जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष था, लेकिन अब दृश्य बदल रहा है और हमारे सीमान्त गांवों की बेटियां भी अपने सपनों को साकार कर रही हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के मूलमंत्र को लेकर राज्य सरकार ने भी बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, स्वास्थ और कौशल विकास तक के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं जिनमें महालक्ष्मी किट योजना, खुशियों की सवारी योजना, नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड की हर बेटी सशक्त हो, सबल हो और प्रदेश के समग्र विकास में बराबर की भागीदार हो। उन्होंने कहा कि वे एक अभिभावक की तरह हमेशा प्रदेश की बेटियों के साथ रहेंगे।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने पुरस्कार प्राप्त करने वाली सभी बालिकाओं को शुभकामना देते हुए कहा कि आज बालिकाओं के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदल रहा है। आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में बेटियां नये कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोहाघाट में गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज खोला जा रहा है।
इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरि चन्द्र सेमवाल, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी एवं मेधावी बालिकाओं के अभिभावक उपस्थित रहे।

राज्य में 1938 दंपतियों ने उठाया एआरटी सुविधा का लाभ

सूबे में एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी एक्ट-2021 के सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। दोनों एक्टों के लागू होने के उपरांत राज्य में 1938 दंपतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। राज्य में संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपत्ति एवं महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) के लिये एआरटी वरदान साबित हो रहा है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरोगेसी एक्ट एवं एआरटी एक्ट-2021 लागू होने के उपरांत लाभार्थियों की मांगी गई रिपोर्ट के क्रम में विगत दो वर्षों के आंकड़े भारत सरकार को भेज दिये हैं।
प्रदेश में निःसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है। उनके सूने आंगन बच्चों की खिलखिलाहट से गूंज रहे हैं। यह सब एआरटी अधिनियम-2021 व सरोगेसी एक्ट-2021 के लागू होने और इसके ठोस क्रियान्वयन से सम्भव हो पाया है। वर्ष 2021 में देश के साथ-साथ प्रदेश में एआरटी व सरोगेसी एक्ट लागू हुआ। जिसके अंतर्गत प्रदेश में पंजीकृत 22 एआरटी क्लीनिकों के माध्यम से सूबे के 1938 दम्पतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। जिसमें सर्वधिक 726 दम्पतियों ने इंदिरा आईवीएफ में एआरटी का लाभ लिया। इसके अलावा नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में 168, केयर आईवीएफ यूनिट में 165, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर 137, उत्तरांचल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर 103, जेनेसिस आईवीएफ 83, मॉर्फिअस प्रसाद इंटरनेशनल आईवीएफ सेंटर 68, सुभारती हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर 66, वृंदा फेमिकेयर फर्टिलिटी एलएलपी 57, वैश्य नर्सिंग होम एआरटी क्लीनिक में 54, श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल आईवीएफ सेंटर 53, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक 45, ऑली हास्पिटल फर्टिलिटी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक सेंटर 42, आशीर्वाद हेल्थकेयर एवं फर्टिलिटी सेंटर 41, आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश 28, लूथरा नर्सिंग होम 24, रेवती नर्सिंग होम 22, काला फर्टिलिटी 3 एवं मदर केयर सेंटर में 2 दम्पतियों ने एआरटी का लाभ लिया।
भारत सरकार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन दंपतियों और एकल तथा अविविवाहित महिलाओं का आंकड़ा मांगा है जिन्होंने सरोगेसी अधिनियम-2021 एवं एआरटी-2021 लागू होने के बाद से सरोगेसी व एआरटी का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है ताकि सरकार कानून के कामकाज का आंकलन कर सके। इस बावत प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में एआरटी का लाभ उठाने वाले सभी 1938 दम्पतियों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 के सम्बंध में समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए कि लोगों की शिकायतों का अधिक से अधिक समाधान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान हो रहा है। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि मार्च 2024 तक हम 80 प्रतिशत शिकायतों का समाधान कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएम दर्पण डैशबोर्ड 2 का भी शुभारंभ किया।
सोमवार को सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि 9 मई 2023 से 22 जनवरी 2024 तक कुल 95573 शिकायतें पंजीकृत हुई, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान संतोषजनक रूप से किया गया। मुख्यमंत्री ने इस पर संतुष्टि जताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि मार्च 2024 तक हमारा लक्ष्य 80 प्रतिशत शिकायतों के समाधान का होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ शिकायतें ऐसी भी होती हैं जिनका कई बार व्यवहारिक रूप से समाधान तलाशने के बावजूद निस्तारण नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में संबंधित विभाग शिकायतकर्ता से संवाद अवश्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी शिकायत को एकतरफा बंद न किया जाए। किसी भी शिकायत को बंद करने से पहले शिकायतकर्ता को पूरी तरह से संतुष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लगे सभी कार्मिकों को ओनरशिप लेकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में जो भी लोग कार्य कर रहे हैं वे शिकायतकर्ता को अच्छी तरह से अटेंड करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के सचिव नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिन जनपदों द्वारा जनता से सर्वाधिक संवाद शिकायतों के संबंध में किया गया, इस पर उनकी प्रसन्नता करते हुए अन्य जनपदों को उनसे प्रेरित होने की बात कही।
देहरादून जनपद द्वारा सर्वाधिक 52.93 प्रतिशत जबकि चमोली जनपद में 35.06 प्रतिशत एवं हरिद्वार में 34.77 प्रतिशत लोगों से संवाद किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सीएम हेल्पलाइन पर अब अधिकारियों द्वारा जनता से संवाद हेतु क्लिक टू कॉल की सुविधा के अतिरिक्त समीक्षा बैठक कार्यवृत्त को सीएम हेल्पलाइन पर अपलोड करने की सुविधा, मुख्यमंत्री संदर्भ पोर्टल के प्रयोग के लिए आईडी एवं पासवर्ड का निर्माण एवं प्रशिक्षण का कार्य कर दिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री जन समर्पण तहसील दिवस पोर्टल को शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कुछ शिकायतकर्ताओं से भी फोन मिलाकर बात की। शिकायतकर्ता रुड़की निवासी अमित द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उन्होंने दाखिल-खारिज न होने की शिकायत हेल्पलाइन पर की थी, जिसका अब निस्तारण हो गया है। देहरादून निवासी महावीर द्वारा बताया गया कि उन्होंने स्ट्रीट लाइट न लगाए जाने की शिकायत की थी, जिसका 4-5 दिन में समाधान कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन भी लोगों की शिकायतों का निस्तारण सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से हो रहा है उनके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित किए जाएं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आंनद वर्धन, राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पांडेय, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगोली, राधिका झा, पंकज पांडेय, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी जनपदों के जिलाधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े रहे।

सरकारी कार्यालयों व व्यावसायिक भवनों में अनिवार्य किए जाएं सोलर पैनल
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 करोड़ लोगों के लिए सोलर पैनल योजना शुरू करने का जिक्र करते हुए निर्देश दिए कि राज्य सचिवालय से लेकर तमाम सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल को अनिवार्य करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बड़े व्यावसायिक भवनों में भी इसकी अनिवार्यता के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए समस्त प्राधिकरणों को निर्देश दिए कि नक्शा पास करते समय इसका बखूबी पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हम काफी ऊर्जा की बचत कर सकेंगे।

वर्ष 2025 में राज्य की सिल्वर जुबली तक हर विभाग अपनी एक मॉडल योजना धरातल पर उतारे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य में शामिल करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी उत्तराखंड दौरे पर आते हैं तो यह जिक्र करते हैं 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनके यह शब्द न केवल हमें प्रेरणा देते हैं बल्कि यह हमारे अंदर जिम्मेदारी का भी भाव लाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में जब राज्य अपनी सिल्वर जुबली मना रहा होगा तो हर विभाग को इससे पहले अपनी एक मॉडल योजना जरूर धरातल पर उतारनी चाहिए।

आसान शब्दों में निकालें सरकारी आदेश
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि जितने भी सरकारी आदेश निकाले जाते हैं, उस समय यह जरूर सुनिश्चित किया जाए कि यह सरल शब्दों में हों ताकि आमजन को इन्हें समझने में दिक्कत न हो।

पहली बार घाटे से उभरी रोडवेज, रिकॉर्ड 56 करोड़ मुनाफे की कमाई की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के गुड गवर्नेंस को उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतारकर राज्य में नई नजीर पेश की हैं। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ का मुनाफा कमाकर रोडवेज की बसों को नई रफ्तार दी हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री ने आज सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं प्रबंध निदेशक डॉ आनद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तर प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई, पुरानी करीब 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई। इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का फरमान दिया। चूंकि परिवहन निगम आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी गई। नतीजन 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया। अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नई नजीर पेश करेंगे।

जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें
उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की योजना हैं। जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।

राज्य में 8 स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य
उत्तराखंड में बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशन का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।

राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा-डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम

सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उभरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम आमजनों से जुड़ा विभाग है। सरकार आमजनों की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश को ड्रोन पॉलिसी के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र में नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए देश के प्रौद्योगिकी संस्थानों से सहयोग लेने के लिए अनुबंध किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड मोस्ट हेलीकॉप्टर फ्रेंडली स्टेट है। इससे एक ओर हैली सेवा को अत्यधिक फायदे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन कॉरिडोर के लिए जीरो रिस्क एरिया पर फोकस किया जाए। कहा कि पिटकुल और यूपीसीएल की बहुत सी हाई टेंशन और लो टेंशन लाइन्स को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल और पिटकुल से आपसी सामंजस्य स्थापित किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार किया जाए। साथ ही प्रदेश के युवाओं को ड्रोन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोजगार की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। कहा कि प्रदेश के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों से ड्रोन के विभिन्न प्रकार के कोर्स कराए जा सकते हैं।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, निदेशक आईटीडीए विनीत कुमार एवं आईजी (सुरक्षा) राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड सदन में पुलिस बैरकों का हुआ शुभारंभ

नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन के भूतल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देशानुसार उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पुलिस बैरक का उद्घाटन किया।

उत्तराखण्ड सदन में पुलिसकर्मियों की सुविधा हेतु नवीनीकृत बैरक बनाए गए हैं। बैरक में तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं जिसमें पुलिसकर्मी ड्यूटी के बाद आराम कर पाएंगे। इन आधुनिक सुविधाजनक बैरक में ठहरने वाले पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी जिससे वे तनाव मुक्त रहेंगे। बैरक में रहने वाले पुलिसकर्मियों के लिए तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। नवीनीकृत बैरक में कुल 4 कक्ष बनाए गए हैं।

उद्घाटन के दौरान उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पुलिसकर्मियों को भविष्य में हरसम्भव सहायता उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया। इस दौरान उत्तराखण्ड सदन के मुख्य सुरक्षा अधिकारी मनोज रावत सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लोगों से बातचीत की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत जनपद चम्पावत के लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लोगों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े नौ साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनहित में बड़े निर्णय लिये गये हैं और समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई गई हैं। समाज के अन्तिम छोर के लोगों तक योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसके लिए लगातार प्रयास किये गये हैं। 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य भी समाज के गरीब और वंचित लोगों तक योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाना है। राज्य की 7795 ग्राम पंचायतों में विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा से केंद्र व राज्य सरकार की अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं का लोगों को तेजी से लाभ मिला है। केंद्र एवं राज्य सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में नई कार्य संस्कृति बनी है। लोगों को योजनाओं का लाभ उनके घरों पर जाकर दिया जा रहा हैं उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोगों से आह्वान किया कि अन्य पात्र लोगों को भी इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं। दिव्यांग पेंशन प्रतिमाह 1200 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये की है। अब प्रत्येक पात्र पति-पत्नी को वृद्धावस्था पेंशन भी बढ़ाकर प्रतिमाह 1500 रूपये की गई है। पहले यह धनराशि परिवार में केवल एक को मिलती थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का कार्य हुआ है। राज्य में भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में मातृशक्ति द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। राज्य की महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे अनेक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। हमें उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में और कार्य करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को लांच किया। इसके माध्यम से उत्तराखण्ड के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। आदर्श चंपावत से आदर्श उत्तराखण्ड का मॉडल बनेगा।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान चम्पावत के लक्ष्मी दत्त ने बताया कि उन्होंने पीएम स्वनिधि के तहत पहले 10 हजार और फिर 20 हजार का लोन लिया। वे इस लोन को पूरा कर चुके हैं, अब 50 हजार का लोन लेने वाले हैं। लक्ष्मी दत्त ने बताया कि वे विकलांग हैं, विकलांग पेंशन के साथ पी.एम स्वनिधी योजना का लाभ मिलने से उन्हें बहुत मदद मिली है। एनआरएलएम से जुड़ी श्रीमती कविता ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के जरिये वे पिरूल के गुलदस्ते, टोकरी, राखी तथा आवंले और अदरक की कैंडी बना रही हैं, जिससे उनको अच्छी आय प्राप्त हो रही है। रोहित सिंह मेहर ने बताया कि उनके द्वारा मत्स्य पालन के लिए 8 तालाबों को निर्माण किया जा रहा है, इसके लिए उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के बाद 60 हजार रूपये की सब्सिडी मिली है। इस अवसर पर उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना एवं केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाले लोगों ने मुख्यमंत्री से संवाद कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनन्द स्वरूप, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चम्पावत नवनीत पाण्डे और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्वतीय क्षेत्रों के सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज करना जरुरी-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (SARRA) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय प्रदेश होने के कारण मानसून सीजन के 3 महीनों में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली वर्षा का लगभग 90 प्रतिशत जल नदियों में बह जाने के कारण किसी भी प्रयोग में नहीं आ पाता और पर्वतीय क्षेत्रों में बाकी महीनों में पानी की कमी बनी रहती है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के जल को लाखों की संख्या में चेकडैम बनाकर संग्रहित कर भूजल को बढ़ाया जा सकता है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज किए जाने में सहायता मिलेगी, साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों के जल स्रोतों एवं नदियों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूभाग का 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र है, इसलिए वन विभाग को इसके लिए महत्त्वपूर्ण एवं एक्टिव भूमिका निभानी होगी।
मुख्य सचिव ने SARRA को चेक डैम बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि मास्टर प्लान में प्राथमिकता को पहले से निर्धारित किया जाए। बिना समस्या वाले ऐसे स्थान जहां कम से कम तैयारी में तुरन्त कार्य शुरू किया जा सकता उनको प्राथमिकता में रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगले 1 साल, 2 साल, 5 साल और 10 साल के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए लक्ष्य के अनुसार योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा प्रत्येक नदी के लिए अधिकारी नियुक्त कर ऐसे स्थानों को चिन्हित कर प्रदेश को सैचुरेट किया जाए जहां नदी की स्प्रिंग में चेक डैम बनाकर पानी का संग्रहण किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि SARRA के कुल बजट का 70-80 प्रतिशत खर्च चेक डैम पर खर्च किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जलागम प्रबन्धन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मानसखण्ड मंदिर माला मिशन, अप्रोच सड़क के चौड़ीकरण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले मंदिरों से़ अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जोड़ने के लिए 15 अप्रैल से एक रेल सेवा मानसखण्ड एक्सप्रेस प्रारम्भ किये जाने पर कार्य चल रहा है। यह रेल सेवा कोलकाता से टनकपुर तक संचालित की जाएगी। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए टनकपुर से पूर्णागिरी, हाटकालिका, पाताल भुवनेश्वर, जागेश्वरधाम, गोल्ज्यू देवता मंदिर, नन्दा देवी, कैंची धाम आदि मानसखण्ड मंदिर माला के अन्य मंदिरों तक स्थानीय बस व अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित किया जाएगा। केएमवीएन के अतिथि गृह, होम स्टे, स्थानीय होटल आदि तथा हुनर योजना के तहत प्रशिक्षित स्थानीय गाइड्स पर्यटकों के आतिथ्य में सहयोग करेंगे। पर्यटकों की वापसी के लिए काठगोदाम से कलकता के लिए रेल सेवा उपलब्ध रहेगी। सचिवालय में मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत मंदिरों को जोड़ने वाली अप्रोच रोड्स के चौड़ीकरण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में एसीएस राधा रतूड़ी को पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत चिहिन्त कुमाऊँ मण्डल के सभी 16 मंदिरों के अलग-अलग मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें से 9 मंदिरों की डीपीआर तैयार हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मंदिरों का शिलान्यास जल्द हो जाएगा। मंदिरों के सौन्दर्यीकरण एवं विकास का कार्य कलस्टर अप्रोच के साथ किया जा रहा है। एसीएस रतूड़ी ने मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले सभी मंदिरों सौन्दर्यीकरण के साथ ही इनसे जोड़ने वाली अप्रोच रोड के चौड़ीकरण के कार्याे को भी साथ-साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग को सिंगल लाइन सड़कों को डबल लाइन में बदलने के कार्याे को जल्द समाप्त करने के निर्देश जारी हुए हैं।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संस्कृति विभाग को राज्य की ऐतिहासिक विरासतों, मंदिरों आदि के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हेरीटेज एक्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे सहित संस्कृति, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

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