वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने सदैव पहाड़ की पीड़ा को समझाः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दूधातोली में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एक महान देशभक्त के साथ दूरदृष्टा भी थे। उन्होंने पहाड़ की पीड़ा को समझा था। वे दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की बात उठाते रहे। दृढ़ निश्चय के धनी थे। वे हम सभी को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।

राज्य निर्माण आंदोलन के शुरूआती दौर से ही गैरसैण को राजधानी बनाने की संकल्पना हर आंदोलनकारी के मन में रही। गैरसैंण भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का नाम भी चंद्र सिंह गढ़वाली जी के नाम पर ही है। हमने प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। केवल घोषणा ही नहीं की बल्कि अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए से गैरसैंण परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने जा रहे हैं। गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। अल्पकालीन और दीर्घकालिक विकास योजनाएं तैयार की गई है। सचिवालय भी बनाने जा रहे हैं। बड़ी पेयजल योजना पर भी काम कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को क्षेत्र का हाईड्रोलोजिकल सर्वे करवाकर वाटर रिचार्जिंग के लिये वृहद पौधारोपण करवाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक महेन्द्र भट्ट, सुरेन्द्र सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।

त्रिवेन्द्र की घोषणा 25 हजार करोड़ रुपये से होगा ग्रीष्मकालीन राजधानी का विकास

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि गैरसैण परिक्षेत्र का ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकास के लिए अगले दस वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किये जाएंगे। यहां के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी है। राजधानी के लिये जो जरूरी अवस्थापनात्मक विकास जरूरी होता है, उसके लिये मैं घोषणा करता हूँ कि हम आने वाले 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए खर्च करेंगे। 25 हजार करोङ रूपए से ग्रीष्मकालीन राजधानी के पूरे परिक्षेत्र का विकास होगा।
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) मे 21 वां राज्य स्थापना दिवस (20वीं वर्षगांठ) बडे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भराडीसैंण विधानसभा परिसर में आईटीबीपी और पुलिस के जवानो की भव्य रैतिक सेरेमोनियल परेड के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) विधानसभा परिसर से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुखिया ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद गैरसैंण मे राज्य स्थापना दिवस की सालगिरह मनायी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड 21 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के भराङीसैण स्थित विधानसभा परिसर में हम संकल्प लेते हैं कि हम अपनी एक-एक बहन के सिर से घास का बोझ हटा देंगे। इसके लिये व्यापक स्तर काम चल रहा है। हमारी माताएं और बहनें बहुत मेहनती हैं। हमारी कोशिश है कि इनका स्किल डेवलपमेंट कर आर्थिक तौर पर सशक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही यहां की भावनाओं को समझते हुए उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का निर्माण दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से किया गया था। मैं बहुत से दूरस्थ और सीमांत गांवों में गया हूँ। जनभावनाओ का सम्मान करते हुए गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन बनाया है।
गैरसैंण प्रतीक है पहाङवासियों की पीड़ा का, दर्द का।
हमारी प्राथमिकता शुरू से ही दूरस्थ क्षेत्रों का विकास रहा है। इसी क्रम में हमने रूरल ग्रोथ सेंटर प्रारंभ किये। 104 को स्वीकृति दी जा चुकी है। 40 से अधिक शुरू भी हो गये हैं। बहनों को सशक्त करने के लिये हम महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दे रहे हैं।
राज्य में प्रकृति ने जो भी हमें दिया है, उनमें रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। हम स्वरोजगार को अभियान के तौर पर ले रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण और अनुदान की व्यवस्था है। जिलों में स्वरोजगार पर जिला योजना का 40 प्रतिशत खर्च करने के निर्देश दिये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रुपये में पानी का कनेक्शन दे रहे हैं। कैम्पा में 10 हजार लोंगो को रोजगार देने पर काम कर रहे हैं। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 5 लाख रूपये तक निशुल्क ईलाज की सुविधा दी गई है। महाविद्यालयों में 94 प्रतिशत फैकल्टी है। 500 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज हैं। 700 और स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज शुरू की जाएंगीं। कालेजों में वाई फाई कनेक्टीवीटी दी जा रही है। हमने आशा कार्यकत्रियों के मानदेय और वृद्धावस्था, विधवा व विकलांग पेंशन में बढोतरी की है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि राज्य के उत्पादों में स्वयं सहायता समूह को रू. 5.00 लाख तक प्रोक्योरमेंट में वरीयता दी जायेगी। लगभग 500 सर्वाधिक पलायन वाले ग्रामों में स्थित स्वयं सहायता समूह को ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा।
आम जनमानस की कठिनाइयों के निराकरण हेतु जनपद स्तरीय विकास प्राधिकरणों द्वारा भवन निर्माण का मानचित्र पास करने की व्यवस्था की प्रक्रिया का सरलीकरण एवं शिथिलीकरण किया जायेगा।

शहरी इलाको में गरीब व्यक्तियों हेतु पेयजल कनेक्शन रू. 100 पर उपलब्ध कराया जायेगा। भ्रष्टाचार से लड़ने हेतु एक टोल फ्री हैल्प लाईन की स्थापना की जायेगी।
महिला एवं बच्चों हेतु मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना प्रारम्भ की जायेगी। इसके अन्तर्गत को सौभाग्यवती किट दी जायेगी। राज्य की निर्यात नीति बनायी जायेगी। राज्य के सीमांत इलाकों में पुलिस आउटपोस्ट बनायी जायेगी।
अराजपत्रित श्रेणी के राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों कें कार्यप्रभारित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं व स्थानीय निकायों, निगमों/उपक्रमों के कर्मचारियों तथा कैजुअल-दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बोनस दिया जायेगा।
राज्य के सभी जनपदों में वन विभाग द्वारा ‘‘स्वच्छ वन, स्वस्थ जीवन’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर वन/ईको पार्क/बायोडाईवर्सिटी पार्क की स्थापना की जायेगी। देहरादून में साइंस कॉलेज की स्थापना की जाएगी। सरकारी भवनों के निर्माण में स्थानीय वास्तु शैली के उपयोग को बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने गैरसैंण क्षेत्र के लिये भी अनेक घोषणाएं कीं। गैरसैंण में कौशल विकास योजना के अंतर्गत सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। नगर पंचायत गैरसैंण में आंतरिक मार्गों, नालों आदि के निर्माण को स्वीकृति। नगर पंचायत गैरसैंण के लिए 3500 लीटर क्षमता के ट्रैक्टर ट्राली और टैंकर क्रय करने की स्वीकृति। विकासखण्ड गैरसैंण में मशरूम कम्पोस्ट उत्पादन यूनिट की स्थापना की जाएगी।

राजकीय इंटर कॉलेज गैरसैंण में 2 मॉडर्न आदर्श लैब को स्वीकृति। बचपन प्रोजेक्ट में जिले के 40 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में मिनी सोलर प्लांट के माध्यम से बिजली, शौचालय, पानी, फर्नीचर, झूले, अलमारी, शिक्षाप्रद खिलौने, फ्लोर टाईलें, वॉल पेंटिंग, गैस कनेक्शन, यूनिफार्म की व्यवस्था की जाएगी।
ग्राम बड़ागांव के हनुमानशिला के समीप से औली पहुंचने के लिए वैकल्पिक मोटर मार्ग का नवनिर्माण किया जाएगा। पहले चरण में 15 किलोमीटर की स्वीकृति दी जाती है। सर्वे के बाद फिजीबिलीटी के आधार पर दुरमी में मत्स्य पालन, नौकायन, विद्युत उत्पादन आदि के लिए मल्टी परपज तालाब का निर्माण किया जाएगा।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, गोपेश्वर में भूस्खलन के ट्रीटमेंट और पानी की निकासी की व्यवस्था के साथ ही 2 अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण को स्वीकृति। क्लोनल रूट स्टाक पर आधारित उच्च तकनीक युक्त आदर्श सेब बागान की स्थापना की जाएगी। कर्णप्रयाग मण्डी, विकास खण्ड जोशीमठ के बड़ागांव और विकासखण्ड घाट के सलबगढ में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जाएगी।
नाबार्ड के अंतर्गत विकासखण्ड घाट के मुख्य बाजार का बाढ़ सुरक्षा का कार्य किया जाएगा। पुरसाड़ी में विजयनगर ग्राम की बाढ़ सुरक्षा का कार्य किया जाएगा।

कर्णप्रयाग-नौटी पैठाणी मोटर मार्ग से ग्राम गैरोली तक मोटर मार्ग नव निर्माण के दूसरे चरण के 3 किलोमीटर को स्वीकृति। इससे ग्राम गैरोली संयोजित होगा।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत विकासखण्ड गैरसैंण के कांसुवा ग्रामसभा पेयजल योजना के लिए धनराशि की स्वीकृति। जल जीवन मिशन के अंतर्गत विकासखण्ड गैरसैंण के रामड़ामल्ला ग्रामसभा पेयजल योजना के लिए धनराशि की स्वीकृति। जल जीवन मिशन के अंतर्गत विकासखण्ड गैरसैंण में गोल पेयजल योजना के लिए धनराशि की स्वीकृति। गैरसैंण एवं निकटवर्ती क्षेत्र की पम्पिंग पेयजल योजना को स्वीकृति।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, महेंद्र भट्ट, मुन्नी देवी शाह, भरत सिंह चैधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, अन्य जनप्रतिनिधि सहित गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण स्थित मां भाराडी के मंदिर पहुंच कर विधिवत पूजा अर्चना भी की।

वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत तीन लोगों को मिले डिजिटल राशनकार्ड

राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक और बड़ी पहल की। भराड़ीसैंण गैरसैंण में आयोजित राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत डिजिटल राशनकार्ड वितरित किये। मुख्यमंत्री ने जनपद चमोली के तीन लोगों को प्रतीकात्मक तौर पर ये राशन कार्ड प्रदान किये। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में किसी भी क्षेत्र के नागरिक राशन कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी राज्य से पीडीएस राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना के तहत देश के लोग किसी भी राज्य की पीडीएस की दुकान से अपने हिस्से का राशन लेने में पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहेंगे।

गैरसैंण में सीएम ने किया 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्रों का उद्धाटन

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्माकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में राज्य की 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्र का उद्घाटन किया। उन्होंने ई-पंचायत सेवा केन्द्र के लाभार्थियों से ई-संवाद भी किया। मुख्यमंत्री के प्रयासों से सभी न्याय पंचायतों में ई सेवा का शुभारम्भ किया गया है। इस सेवा के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर तक 12 प्रकार की सेवाएं लोगों को आसानी से मिल जायेंगी। कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से उपलब्ध होने वाली सभी सेवाएं भी ई-पंचायत सेवा केन्द्र के माध्यम से भी उपलब्ध रहेंगी। आने वाले कुछ माह में ई-पंचायत सेवा केन्द्रों को ‘अपणि सरकार’ पोर्टल से भी जोड़ा जायेगा।

पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उत्तराखण्ड देश का ऐसा तीसरा राज्य है, जहां पर सभी न्याय पंचायतों में ई-पंचायत सेवा केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ई-पचांयत सेवा केन्द्र में और सेवाएं जोड़ी जायेंगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक रूप से सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्हें डिजिटल माध्यम से घर से ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हो।

इस अवसर पर विधायक महेन्द्र भट्ट, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे एवं केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली से सीएससी के अधिकारी जुड़े थे।

शीतकाल के लिए गोपीनाथ मंदिर में विराजित हुए भगवान रूद्रनाथ

भगवान रूद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए है। शनिवार को पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद भगवान रूद्रनाथ को गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में विराजित किया गया। इससे पूर्व चतुर्थ केदार भगवान रूद्रनाथ को भक्तों ने नए अनाज का भोग लगाया और परिवार की कुशलता की कामना की।

मंदिर के कपाट बंद होने के बाद सुबह सात बजे पंडित महादेव प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में रुद्रनाथ की उत्सव डोली पंचगंगा, पित्रधार, पनार बुग्याल, ल्वींटी बुग्याल होते हुए सगर गांव पहुंची। यहां ग्रामीणों ने अपने आराध्य देवता को भोग लगाया और पूजा-अर्चना की। इस दौरान रुद्रनाथ भगवान की पंचमुखी आरती भी की गई।

साथी डाॅक्टर से अभद्रता होने पर कोरोना जांच को आए सैंपल नहीं लिए

गैरसैंण सामुदायिक चिकित्सालय में मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए एक महिला चिकित्सक ने उन्हें हायर सेंटर जाने को कहा था। इस पर मरीज के साथ पहुंचे लोगों ने महिला चिकित्सक के साथ अभद्रता की थी। इसके बाद से जिला चिकित्सालय के सभी डाॅक्टरों ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की थी। साथी चिकित्सकों ने इस बावत कोरोना जांच के लिए व्यापारियों के सैंपल भी नहीं लिए। साथ ही सिर्फ इमरजेंसी और गंभीर मरीजों को ही चिकित्सकों ने उन्हें देखा।

ओपीडी में केवल इमरजेंसी में आए मरीजों का चेक अप किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि वह पूरे मनोयोग से जनता की सेवा कर रहे हैं। कोरोना संकट काल में दिन रात जनता की सेवा कर रहे हैं। और ऐसे भी कुछ लोग जिस तरह से उनके साथ अभद्रता कर रहे हैं, वह निंदनीय है। जिला चिकित्सालय के डॉ हिमांशु मिश्रा ने बताया कि सभी डॉक्टरों ने गैरसैंण में डॉक्टर के साथ हुई अभद्रता की निंदा की।

समझिए इस दृढ़ संकल्प को जिसके इंतजार में वर्षों से नेताओं की राह देख रही है गैरसैण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) विधानसभा परिसर में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण कर स्वर्णिम इतिहास रचा। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया।
स्वतंत्रता पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 12 विभिन्न विकास योजनाओं की घोषणाएं भी की। जिसमें सीएचसी गैरसैंण 50 बैड के सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की स्थापना, भराडीसैंण में मिनी सचिवालय की स्थापना, हॉस्पिटल में टेली मेडिसिन की सुविधा, भराडीसैंण क्षेत्र में पम्पिंग पेयजल लाईन निर्माण, भराडीसैंण-गैरसैंण में साईनेज लगाने, भराडीसैंण-गैरसैंण में जिओ ओएफसी नेटवर्किंग का विस्तारीकरण, लोनिवि निरीक्षण भवन में 8 कमरों का निर्माण, गैरसैंण ब्लाक में कृषि विकास हेतु कोल्ड स्टोरेज एवं फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना, बेनीताल को एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित करने, भराडीसैंण में ईको ट्रेल/ईको पार्क की स्थापना, राइका भराडीसैंण में दो अतिरिक्त कक्षाकक्ष निर्माण, आईटीआई गैरसैंण के भवन निर्माण एवं उपकरणों हेतु धनराशि की स्वीकृति शामिल है। मुख्यमंत्री ने 76 करोड़, 67 लाख, 65 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकापर्ण करते हुए जनपदवासियों को बडी सौगात भी दी।
बता दें कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने 4 मार्च, 2020 को सदन में बजट पेश करने के तुरंत बाद गैरसैंण (भराडीसैंण) को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण पहुॅचकर स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप ही राज्य में विकास कार्यो को आगे बढाने के लिए उनकी सरकार संकलपबद्व है।

स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण विधानसभा परिसर में 6071.82 लाख की विकास योजनाओं का शिलान्यास तथा 1595.83 लाख की योजनाओं का लोकार्पण किया। जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में बुंगीधार-मेहलचैरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी 51 मे डामरीकरण व सुधारीकरण लागत 60 लाख, गैरसैंण में पुनगांव-विषौणा मोटर मार्ग सुधारीकरण व डामरीकरण लागत 312.93 लाख, गोपेश्वर में ईवीएम वेयर हाउस का निर्माण लागत 223.31 लाख, पोखरी के विनायकधार में स्व0 श्री नरेन्द्र सिंह भण्डारी की मूर्ति स्थापना एवं पार्क विकास निर्माण कार्य लागत 14.30 लाख, भराडीसैंण में हैलीपैड निर्माण लागत 216.76 लाख, राइका थिरपाक में भौतिक, रसायन व जीवविज्ञान प्रयोगशाला निर्माण लागत 82.02 लाख, हाईस्कूल पुडियाणी में रमसा के तहत विविध कार्य लागत 74.14 लाख, गैरसैंण में अक्षयबाडा पेयजल योजना लागत 83.53 लाख, सारिगंगाव ग्राम समूल पेयजल योजना लागत 94.79 लाख, टंगणी तल्ली से टंगणी मल्ली तक मोटर मार्ग लागत 260.46, कुहेड मैठाणा से रोपा चलधर मोटर मार्ग निर्माण लागत 441.58लाख, कुहेड-मैठाणा पलेठी-सरतोली-मथरपाल-नैथोली मोटर मार्ग लागत 989.23 लाख, मारवाडी-थेंग मोटर मार्ग लागत 813.08 लाख, मारवाडी-पुलना मोटर मार्ग 673.50 लाख, बूंगीधार-मैहलचैरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी 12 से कोलानी मोटर मार्ग लागत 296.69 लाख, रोहिडा-पज्याणा मोटर मार्ग लागत 353.09 लाख, गौचर-ढमढमा मोटर मार्ग लागत 806.04 लाख, नन्द्रप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के किमी 11 से मंगरोली मोटर मार्ग 182.44 लाख तथा घाट-थराली मोटर मार्ग के किमी 10 से स्यारी मोटर मार्ग लागत 108.23 लाख शामिल है। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज लिए भराडीसैंण में से बनाए गए कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।

गैरसैंण के भूमिधर बन गये मुख्यमंत्री, बोले जनप्रतिनिधियों से ही होनी चाहिए रिवर्स पलायन की शुरुआत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गैरसैंण के भूमिधर बन गये हैं। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने ट्वीटर और फेसबुक के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री ने रिवर्स पलायन का बङा संदेश देते हुए कहा कि “गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखण्ड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही सुधरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है। हम अपने युवा को स्वरोजगार की राह पर ले जाने को कृतसंकल्प हैं और ऐसा करने से पहाड़ बसेगा। राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी से उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप की तरफ ले जाने और प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए कार्य किया है और यह प्रक्रिया आगे और गति पकड़ेगी। हमारी सरकार पुरानी धारणाएँ तोड़ने की कोशिश कर रही है-हम स्वरोजगार को विकास का माध्यम बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने घी संक्रांति के पावन अवसर पर उत्तराखंडवासियों से अनुरोध कि सभी अपने अपने गाँवों की तरफ रूख करेंगे और वहां के अपने घरों का बेहतर रख-रखाव करेंगे।

कड़कनाथ के चूजों का एक माह में होगा वितरण, जिला योजना के बजट से खरीदे जाएंगे चूजे

कोविड-19 में उत्तराखंड लौटै प्रवासी युवाओं को गांव में रोकने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़े रखने के लिए जिला योजना के बजट से सरकार ने पहल की है। सरकार इस बजट से पौड़ी गढ़वाल और चमोली जिले में पशुलोक ऋषिकेश से 70 हजार कड़कनाथ मुर्गी के चूजे भेजने जा रही है। 10 सितंबर से यह चूजे पशुपालन विभाग को उपलब्ध कराए जाएंगे।

पहली बार जिला योजना के बजट से पशुपालन विभाग मुर्गी के चूजे खरीद रहा है। पशुलोक ऋषिकेश स्थित कुक्कट प्रक्षेत्र के प्रभारी अधिकारी डा. मनोज तिवारी ने बताया कि पौड़ी जिले को कड़कनाथ के एक माह के 60 हजार चूजे और चमोली जिले को 10 हजार चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हर आठ दिन बाद कई अलग जिले को 1500 चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे। 10 सितंबर से यह चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे।

कुक्कट प्रक्षेत्र पशुलोक में सात जुलाई को हैदराबाद से एक दिन के रेनबो रोस्टर के 1800 चूजे आए हैं। डॉण्मनोज तिवारी ने बताया कि यह चूजे कुक्कट प्रक्षेत्र में पाले जाएंगे। रेनबो रोस्टर के 1600 मुर्गों की लॉट की नीलामी होनी है। ऐसे में यह चूजे उनके स्थान पर भरे जाएंगे। कुक्कट प्रक्षेत्र में 72 हफ्ते की आयु पूरी होने के बाद मुर्गों की नीलामी की जाती है।

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