मुख्य सचिव ने जोशीमठ भू धंसाव के संबंध में ली उच्चाधिकारियों की बैठक

जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलम्ब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बन्ध में शासन में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलम्ब खाली कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाईनों, सीवर एवं विद्युत लाईनों आदि को भी दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि भू-धंसाव के कारण पेयजल की टूटी लाइनों से भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाईनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव नितेश झा एवं डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा सहित अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

देश के विशेषज्ञों की टीम भूधंसाव के कारणों का पता लगा रहीः सीएस

मुख्य सचिव डा. सुखवीर सिंह संधु ने आज जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्य सचिव के साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुंदरम भी मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है और इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि तात्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क ना ले। ऐसी स्थिति में कभी भी नुकसान ज्यादा हो सकता है। जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें। इस दौरान मुख्य सचिव ने मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को आपदा की स्थिति के बारे में अवगत कराया।

सीएम ने जोशीमठ में प्रभावितों से मिलकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ पहुंचकर शहर के भूधसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रभावित लोगों ने सीएम से अपनी बात साझा की।प्रभावितों के साथ सीएम भी भावुक हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खडी है। जोशीमठ का धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है और हम सबकी आस्था व पर्यटन का केन्द्र है। इस समय हम सबके सामने इस सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बड़ी चुनौती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। भूधंसाव रोकने के लिए तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। खतरे की जद में आए पूरे शहर में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाएंगे। जिसके लिए विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। शहर की सुरक्षा के लिए सीवर एवं ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द ही कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत इस समय तत्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते उन पर फोकस किया जा रहा है। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है।

सीएम राहत कोष से भू धंसाव से विस्थापित परिवारों को सरकार करेगी मदद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जोशीमठ में भू धंसाव के कारण विस्थापित परिवारों को मकान किराये के लिए 4 हजार रूपये प्रति माह की दर से 6 माह तक दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि स्वीकृत की गई है। जनपद चमोली के तहसील जोशीमठ के नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के अन्तर्गत विगत दिनों से हो रहे भूधसाव से प्रभावित ऐसे परिवार जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण अधिवासन योग्य नहीं है अथवा ऐसे परिवार जो बेघर हो गये हैं, परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किराये के मकान में अस्थायी रूप से विस्थापित करने के लिए ₹4000 प्रति परिवार की दर से 6 माह के किराये मद में मुख्यमंत्री राहत कोष से अग्रिम के रूप में व ₹1.00 करोड़ (एक करोड मात्र) स्वीकृत कर जिलाधिकारी चमोली के निवर्तन रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जोशीमठ शहर के भू धसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था एवं भूधंसाव के कारणों आदि के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ की अध्यतन स्थित की सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी चमोली से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

उन्होंने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में लोगों की मदद करना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में लोगों में भरोसा बनाये रखने की भी बात कही। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास तथा उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में भी तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावितों को बेहतर से बेहतर क्या मदद कर सकते हैं इस पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में सबसे महत्वपूर्ण होता है लोगों में सरकार और प्रशासन का भरोसा बनाये रखना। इसमें धरातल पर काम करने वाले प्रशासनिक मशीनरी को संवेदनशीलता से काम करना होगा तथा स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी होगी। इसके लिये हमें तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा। तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्यवाही ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिये नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है।

मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए। कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों। जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर सम्पर्क में रहें। सम्भावित डेंजर जोन भी चिन्हित कर लिये जाएं। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। इस संबंध में सैटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं। सभी विभाग टीम भावना से काम करें तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां पर किये जाने वाले तात्कालिक महत्व के कार्यों को आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सम्पादित करने की व्यवस्था बनायी जाय। ऐसे समय में लोगों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाय। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है वह की जाय। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिये जाय।

सचिवालय में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्विम अग्रवाल आदि के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल मण्डल श्री सुशील कुमार, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली श्री हिमांशु खुराना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

नई पहलः उड़ान योजना के अगले टेंडर में शामिल की जाएगी गौचर व चिन्यालीसौड़ की हवाई सेवा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भेंट कर उत्तराखण्ड में हवाई सेवाओं की मजबूती पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि चिन्यालीसौड़ व गौचर से छोटे एयरक्राफ्ट की सेवाओं की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गौचर व चिन्यालीसौड़ के लिए हवाई सेवा जल्द शुरू की जाएगी। उड़ान योजना के अगले टेंडर में सर्वे होने के उपरांत गौचर व चिन्यालीसौड़ की हवाई सेवा शामिल की जाएंगी। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पिथौरागढ़ से फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट सेवाएं शुरू करने के लिए संबंधित एयरलाइन को कार्य आदेश जारी कर दिया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में एयर कनेक्टीवीटी को मजबूती प्रदान करने के लिए केंद्र से मिल रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से पिथौरागढ़ में पवन हंस को निर्बाध और समयबद्ध तरीके से सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किये जाने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के तौर पर विकसित करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा अपनी सर्वे रिपोर्ट दिसंबर माह में देनी है। मुख्यमंत्री ने पंतनगर एयरपोर्ट के अपग्रेडेशन के संबंध में जल्द निर्णय लिये जाने का केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने व विस्तारीकरण के लिए जरूरी भूमि का फिजिबिलिटी सर्वे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जाना है। मुख्यमंत्री ने इसे जल्द करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड में एयर कनेक्टीवीटी के सभी प्रस्तावों को जल्द से जल्द क्रियान्वित किया जाएगा।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं

भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम की कपाट बंदी के साथ ही चारधाम यात्रा का भी विधिवत समापन हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए यात्रा के सफल संचालन हेतु तमाम विभागों का भी आभार प्रकट किया है।
गौरतलब है कि इस बार रिकॉर्ड साढ़े छियालीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधामों के दर्शन किये। अकेले 17 लाख 60 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर पुण्य कमाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री चारधामों के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार रिकॉर्ड यात्रियों का चारधाम की यात्रा पर आना यह भी परिलक्षित करता है कि राज्य सरकार द्वारा की गई बेहतर व्यवस्थाओं के चलते संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्तमान में श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है जिससे आने वाले यात्राकाल में तीर्थयात्रियों एवं आम जनमानस को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने हालिया दौरे के दौरान केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड धाम के लिए रोपवे की आधारशिला रखी है जिससे आने वाले दिनों में यह दोनों यात्राएं न केवल सुगम बल्कि सुरक्षित हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में जुटे रहे तमाम विभागों के कार्मिकों का भी आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही कुशलता पूर्वक यात्रा संभव हो सकी है।

हमारी संस्कृति और व्यापार का संगम है गौचर मेला-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गौचर में 70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर उनका बैंड की मधुर धुन के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान को मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित करने और गौचर मेले के सफल संचालन के लिए 10 लाख देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्व राजकीय मेला है और साल दर साल यह मेला अपनी ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशिष्ट और ऐतिहासिक मेला हमारे राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है और इसमें सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं। मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हैं, जो जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छठा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है। इस मेले में प्रदर्शित झांकियों ने उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है। औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं। पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पर्यटन तो हमारे राज्य की लाईफ लाईन है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोप वे परियोजनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि किस प्रकार सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है, उन्होंने सभी को मेले के सफल आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढ़वाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा, सहित बडी संख्या में लोग मौजूद रहे।

ग्रीष्मकालीन राजधानी पहुंचे सीएम, कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 11736 लाख रूपये की 28 योजनाओं का लोकार्पण एवं लगभग 4948 लाख की 22 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने टैक्सी स्टैंड गैरसैंण से स्टेडियम होते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम तक इंटरलॉकिंग टाइल्स द्वारा मोटर मार्ग के निर्माण, पर्यटन विकास मेला मेहलचौरी के लिए दो लाख की धनराशि तथा कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला गैरसैंण के लिए भी 2 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। इस दौरान जिला सूचना कार्यालय चमोली द्वारा प्रकाशित जनपद की ‘‘विकास पुस्तिका’’ का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। आज हमारा प्रदेश उनके मार्गदर्शन में विकास के विभिन्न आयामों को छू रहा है। आज उत्तराखंड में हर जगह विकास के कार्य देखने को मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के प्रथम गांव माणा में हमारे राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा। सीएम ने कहा कि वर्तमान में जारी भर्ती कैलेण्डर के अनुसार 7 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही 19 हजार पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि 22 साल के सफर में उत्तराखंड ने सफलता के कई मुकाम हासिल किए। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण से लेकर उत्तराखण्ड दृढ़ता पूर्वक विकास के रास्ते पर कदम आगे बढ़ा रहा है। यह उत्तराखण्ड वासियों के दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है जल्दी ही हमारा प्रदेश विकास के नए-नए सोपान तय करेगा। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश के लिए जीना है, काम करना है, इस भावना के साथ किये गये छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि निष्ठा और ईमानदारी के साथ रोज के कामकाज करते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति राज्य की उन्नति में योगदान दे सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित रही सभी महिला समूहों को अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से प्रोत्साहन राशि के रूप में 5-5 हजार रुपए देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य में पलायन को रोकने के लिए प्रभावी योजनाओं का क्रियान्वयन होने से रोजगार के नए अवसर युवाओं को पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन एवं उद्योगों की अपार क्षमताएं हैं जो कि प्रदेश के विकास में मील के पत्थर साबित हो रही हैं।
इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, सीडीओ डा. ललित नारायण मिश्र, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी एवं अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।

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