राज्य सरकार प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक डिजिटल सेवाएं देने का कर रही प्रयासः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार की 700 से अधिक सेवाएं कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से आमजन को उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही उत्तराखंड के हर ब्लॉक में एक गांव डिजिटल विलेज बनाया जाएगा। उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि आने वाले एक वर्ष के भीतर दूरस्थ क्षेत्रों तक डिजिटल सेवाएं उपलब्ध हो। हमारे नौजवान सृजनशील, परिश्रमी व बुद्धिमान है, उन्हें केवल व्यवसायिक कौशल सीखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रगति के लिए व्यवसायिक गुण होना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड सरकार द्वारा बिजनेस मॉडल पर आधारित कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के द्वारा रिवर्स माइग्रेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने घोषणा की कि हरिद्वार देश का पहला जिला है जिसकी सभी पंचायतें वाई-फाई हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को आईआरडीटी सभागार में उत्तराखंड टॉप ट्रांजैक्टिंग वीएलई कांफ्रेंस के दौरान प्रदेश भर से आए सीएससी ग्रामीण स्तरीय उद्यमियों का उत्साहवद्धर्न किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड में 5000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर सक्रिय है। राज्य में 9622 कॉमन सर्विस सेंटर पंजीकृत है जिसमें से 7619 ग्रामीण क्षेत्र में है तथा दो हजार के लगभग शहरी क्षेत्र में है। आज राज्य में 233044 लाभार्थी पंजीकृत किए जा चुके हैं जिनमें से 100412 लाभार्थी प्रमाणीकृत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में आईटी के माध्यम से विषमताओं को दूर करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) राज्य में काम कर रहे हैं उससे पता चलता है कि उत्तराखंड बहुत तेजी से आईटी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि जल्द से जल्द पूरे राज्य को वाईफाई सेवाएं पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस प्रकार के नीतिगत परिवर्तन किए हैं ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में तकनीक के माध्यम से आमजन को सेवाएं उपलब्ध हो सके।

उत्तराखंड राज्य का 71 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित होने के कारण विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय अनुमोदन की आवश्यकता पड़ती है। अतः राज्य सरकार द्वारा नीतिगत परिवर्तन द्वारा इस दिशा में निश्चित रूप से गति आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमारे गांव डिजिटल रूप से मजबूत होते हैं तो ग्रामीणों को अधिक से अधिक सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। पिछले वर्ष राज्य सरकार ने टेली रेडियोलॉजी व टेलीमेडिसिन की शुरुआत की। आज हमारे 35 मुख्य अस्पतालों विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों के अस्पतालों को टेलीमेडिसिन व टेली रेडियोलॉजी से जोड़ा गया है।

आने वाले समय में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ जैसे स्थानों पर भी कॉल सेंटर्स खोले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार स्थानीय संसाधनों के आधार पर स्थानीय आर्थिक को मजबूत करके स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिकाधिक अवसर खोलने हेतु ग्रोथ सेंटर विकास की परिकल्पना पर काम कर रही है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने राज्य की तीन सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमियों व डिजिटल लिटरेसी के माध्यम से लाभ प्राप्त करने वाले पांच लाभार्थियों को सम्मानित किया। इसके साथ ही इस अवसर पर राज्य सरकार की 250 से अधिक सेवाएं कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से दिए जाने के संबंध में एमओयू किया गया।

अंतरराज्जीय नकली नोट गिरोह के छह सदस्य पुलिस ने दबोचे

देहरादून पुलिस ने नकली चलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के छह सदस्यों को धर दबोचा है। पकड़े गए लोगों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने इनके पास से दो हजार, पांच सौ और सौ रुपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं। जिनकी कीमत 96 लाख 96 हजार रुपये है। साथ ही पुलिस ने स्कैनर, प्रिंटर, केमिकल के अलावा एक कार भी जब्त की है।

एसएसपी देहरादून निवेदिता कुकरेती ने बताया कि सहसपुर पुलिस को संदिग्ध वाहनों, व्यक्तियों के चेकिंग के आदेश दिए गए थे। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि दिल्ली नंबर की एक कार में एक महिला समेत छह लोग बैठे हैं और उनके पास नकली नोट हैं। वह सहसपुर क्षेत्र में ग्राहक की तलाश में घूम रहे हैं। चेकिंग के दौरान ही दिल्ली नंबर की कार को रोककर जांच की गई तो नकली नोटों की खेप बरामद हो गई। इसमें पांच सौ के 93, सौ के नए 182 व पुराने 313 नोट और दो हजार चूरन लेबल के 48 गड्डी नोट बरामद किए गए, जिनकी कुल कीमत 96 लाख 96 हजार थी।

आरोपितों की पहचान सलमान महमूद पुत्र महमूद खान निवासी शास्त्री नगर, थाना नौचंदी, मेरठ हाल निवासी फ्रीडम फायटर कॉलोनी, साकेत, महरौली, दिल्ली, मनदीप शर्मा पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी मोहल्ला पतवार, नांगल, हरियाणा हाल निवासी वाल्मीकि बस्ती मैदान गढ़ी महरौली, दिल्ली, मदन शर्मा उर्फ फूफा पुत्र भोपाल निवासी कृष्णा नगर, थाना कोतवाली, गंगनहर हरिद्वार उसके बेटे आकाश और राहुल के अलावा महिला की पहचान भावना कुमार पत्नी राम कुमार निवासी कैलाश कॉलोनी, दिल्ली के रूप में हुई है।

आरोपितों में शामिल मदन शर्मा उर्फ फूफा निवासी कृष्णा नगर, गंगनहर, हरिद्वार अपने बेटे आकाश और राहुल के साथ घर पर ही नकली नोट बनाते थे। अन्य तीन आरोपित सलमान, मनदीप और भावना दिल्ली में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग करते हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि कारोबार न चलने से वह काफी परेशान थे। उनके किसी परिचित ने उनकी मुलाकात मदन शर्मा से कराई। जिसके बाद से यह मदन और उनके लड़कों के साथ मिलकर नकली नोट का कारोबार करने लगे।

एसओ सहसपुर नरेश राठौर के मुताबिक, पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह ऐसे ग्राहकों को अपने चंगुल में फंसाते थे जो आसानी से लालच में आ जाएं। वह ग्राहक से असली नोट लेकर उन्हें दोगुने नकली नोट देते थे। सौ और पांच सौ का नोट हूबहू होने के कारण उसे वह ग्राहक के सामने ही किसी दुकान में चलाकर दिखाते थे। जिससे ग्राहक लालच में आ जाता था। आरोपितों ने बताया कि ग्राहकों को विश्वास में लेने के लिए वे अपने पास चूरन लेबल के दो हजार के लाखों नोट रखते थे। इसके साथ ही वह सौ और पांच सौ के नोट भीड़भाड के दौरान दुकानों, पेट्रोल पंपों, शराब की दुकानों में चला देते थे।

प्रेमिका के घर आधी रात को पहुंचा प्रेमी, घर वाले जागे….

आधी रात को हरिद्वार के ज्वालापुर में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा। मौके पर घर वालों की आंखे खुल गई। इसके बाद युवक की जमकर धुनाई हुई।

पुलिस के अनुसार ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में एक मोहल्ला निवासी युवक का पड़ोस की युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। शनिवार की आधी रात प्रेमिका के बुलाने पर प्रेमी उसके घर पहुंच गया। इस बीच युवती के चाचा की आंख खुल गई और वो उठकर बाहर आ गए। उनकी नजर पड़ने पर प्रेमी छिप गया। जिसके बाद प्रेमिका के चाचा ने पूरे परिवार को उठाया और घर में प्रेमी की तलाश कर उसे दबोच लिया।

परिजनों ने युवक की जमकर धुनाई की। शोर सुनकर आसपास के लोग भी उठ गए। इस बीच युवक के परिजन भी आ गए। उन्होंने गलती मनवाकर पीछा छुड़ाना चाहा, लेकिन प्रेमिका के परिजनों ने एक नहीं सुनी। उन्होंने पुलिस बुलाकर युवक को उनके हवाले कर दिया।

एसएसआइ संजीव थपलियाल ने बताया कि युवक से पूछताछ की गई है। उसने बताया कि उनका काफी दिनों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। पुलिस को अभी तक प्रेमिका के परिजनों की तरफ से तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद ही युवक के खिलाफ कार्रवाई कर उसे जेल भेजा जाएगा।

टॉर्चर और आत्महत्या के लिये मजबूर करने पर ऋषिकुल के दो शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज

ऋषिकुल विद्यापीठ में पढ़ने वाले दिल्ली के छात्र ने खुदकुशी की थी। छात्र के परिजनों ने संस्थान के दो शिक्षकों पर टॉर्चर और आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस ने मंगलवार को मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि इस पर अभी जांच होगी उसके बाद ही कार्यवाही शुरू की जायेगी।

पुलिस के मुताबिक देवेंद्र शर्मा निवासी मकान नंबर 79, गली नंबर 14, फेस-6 शिव विहार दिल्ली का बेटा दीपेश शर्मा ऋषिकुल विद्यापीठ हरिद्वार में कक्षा आठ का छात्र था। वह विद्यापीठ परिसर में ही बने छात्रवास में रहता था। बीते 13-14 सितंबर की रात उसने छात्रवास के आंगन में ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। हालांकि उस दौरान भी परिजनों ने छात्र की मौत पर सवाल उठाए थे, मगर पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की बात कही थी।

मामले में दिल्ली से हरिद्वार पहुंचे परिजनों ने एसपी सिटी ममता वोहरा से मुलाकात की और बताया कि अंतिम संस्कार से पहले दीपेश के कपड़ों से दो अलग-अलग सुसाइड नोट मिले थे। जिनमें दीपेश ने लिखा है कि शिक्षक देवीदत्त कांडपाल व दिनेश चंद्र तिवारी ने उसका जीवन बरबाद कर दिया है। इसके अलावा छात्र ने सुसाइड नोट में अपने परिजनों से माफी भी मांगी है।

परिजनों ने आरोप लगाया कि दोनों शिक्षकों ने दीपेश को इतना टॉर्चर किया है कि उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। एसपी सिटी ममता वोहरा के निर्देश पर पुलिस ने शिक्षक देवीदत्त कांडपाल व दिनेश तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी सिटी ममता वोहरा ने बताया कि सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग का एक्सपर्ट से मिलान कराया जाएगा। शिक्षकों के अलावा छात्र-छात्रओं से भी पूछताछ की जाएगी। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

दस हजार छात्रों को शिक्षित करेगा पतंजलि का आचार्यकुलम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पतंजलि योगपीठ के नव निर्मित आचार्यकुलम भवन का लोकार्पण कार्यक्रम में कहा कि स्वामी रामदेव ने जो शिक्षा का संकल्प लिया है, वह भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ करने का कार्य भी करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी रामदेव की ओर से योग क्रांति के बाद जो शिक्षा क्रांति का संकल्प लिया गया है, वह भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ करने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि 10 हजार छात्रों को शिक्षित करने की क्षमता रखने वाला आचार्यकुलम वैदिक और आधुनिक शिक्षा पद्धति के समन्वय का केन्द्र बनेगा।

उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव विश्व में योग के प्रसार के बाद अब वैदिक शिक्षा पद्धति को विश्व स्तर पर ले जाने की दिशा में अग्रसर हुए हैं। यह मानव निर्माण की प्रयोगशाला है, जहां भविष्य के भारत का निर्माण होगा। भारत को विश्व गुरू बनाने में हम सभी स्वामी रामदेव के इस अभियान में सहयोगी और साथी हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वामी रामदेव भारत के भविष्य का निर्माण कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने में पतंजलि योग पीठ का आचार्यकुलम प्रभावी भूमिका निभायेगा। इसके लिये उन्होंने स्वामी रामदेव के प्रयासों की सराहना की।

पूर्व विधायक शहजाद की बसपा में वापसी के कुछ दिन बाद ही हुआ निष्कासन, जानिए वजह क्या रही?

पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को कुछ दिन पूर्व बसपा ने अपने पाले में ले लिया था। फिर आखिर ऐसा भी क्या हुआ जो उन्हें कुछ दिन के भीतर ही पार्टी से निष्कासित होना पड़ा। कारण मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रहे। जी हां, दरअसल पूर्व विधायक ने अपने बेटे की शादी में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को जो बुलाया था। बस पार्टी को यही बात नागवर गुजरी और मोहम्मद शहजाद को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

रविवार को शिवालिकनगर स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश महासचिव नत्थू सिंह, सतीश कुमार सिंह, सूरजमल व जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक शहजाद ने पार्टी का भरोसा तोड़ा है।

बसपा पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व विधायक ने पार्टी को गुमराह करने का काम किया है। वे भाजपा के संपर्क में बने रहे। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से पूर्व की गलतियों की माफी मांगी थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल किया गया था। पूर्व विधायक को चार साल में तीसरी बार निष्कासित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक की अभी भी भाजपा से नजदीकी है।

उन्होंने कहा कि शहजाद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके सरकार के सहयोगियों को अपने यहां पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत बुलाया। यह पार्टी के साथ विश्वासघात है। वे पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। इसे नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। इस दौरान पूर्व विधायक हरिदास भी मौजूद रहे।

अपने निष्कासन के सवाल पर पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि उन्होंने कोई ऐसा कार्य नहीं किया जो बसपा के हितों के विपरीत हो। वे 25 जून को बसपा में फिर से शामिल हुए थे। इस बीच कौन सा चुनाव हुआ, जिसमें उन्होंने पार्टी के विपरीत काम किया है, यह बसपा बताए। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे प्रेसवार्ता कर आरोपों का जवाब देंगे।

तीन जिला आबकारी अधिकारी निलंबित

आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने शराब की दुकानों से हो रही राजस्व की हानि के लिये तीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। पंत ने इन तीनों आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश अपर मुख्य सचिव डा. रणबीर सिंह को दिए है।

पंत के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव डा. रणबीर सिंह ने जिला आबकारी अधिकारी देहरादून मनोज कुमार उपाध्याय, जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार प्रशांत कुमार व जिला आबकारी अधिकारी चंपावत राजेंद्र लाल को निलंबित कर आबकारी आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। साथ ही शासन ने नई तैनाती तक तीनों जिलों के अपर जिला अधिकारी को अतिरिक्त रूप से यह जिम्मेदारी दी है। सरकार ने उक्त मामले की विस्तृत जांच कराने का निर्णय भी लिया।

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लाइसेंस समाप्त होने के बाद शासन ने इन जिलों में एक माह के लिए शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी किए थे। हर जिले के लिए बकायदा राजस्व लक्ष्य भी तय किया गया। इन दुकानों के आवंटन के बाद ये तथ्य सामने आए कि इनमें से कई दुकानें निर्धारित से कम कीमत पर आवंटित की गई। इससे विभाग को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई।

कुछ दिनों पहले आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने निर्धारित से कम कीमतों पर दुकानों का आवंटन व इससे राजस्व में हुए नुकसान पर गहरी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। अब शासन ने देहरादून, हरिद्वार और चंपावत जिलों में हुए नुकसान को देखते हुए तीनों जिलों के जिला आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन्हें निलंबन के दौरान आधा वेतन दिया जाएगा। इन्हें आरोप पत्र अलग से दिए जाएंगे।

शासन ने इन अधिकारियों के निलंबन के बाद देहरादून में एडीएम प्रशासन अरविंद कुमार पांडेय, हरिद्वार में एडीएम वित्त ललित नारायण मिश्र और चंपावत में एडीएम प्रशासन एवं वित्त हेमंत कुमार वर्मा को संबंधित जिलों के जिला आबकारी अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि अपर मुख्य सचिव आबकारी को इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जांच अधिकारी वे ही नियुक्त करेंगे।

अपहरण कर हरिद्वार पहुंचे बदमाश, क्राइम ब्रांच ने दबोचा

उत्तर प्रदेश केे गाजियाबाद निवासी लोहा व्यापारी का अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर सुरक्षा की दृष्टि से हरिद्वार पहुंचे, लेकिन गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने हरिद्वार पहुंच बदमाशों से व्यापारी को सकुशल बरामद कर लिया।

पुलिस के मुताबिक गाजियाबाद के प्रेम नगर निवासी लोहा कारोबारी अनिल अरोड़ा का दो करोड रुपए की फिरौती के लिए अपहरण किया गया था।
बदमाशों का पीछा करते हुए यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। तहसील के पास हुई इस फायरिंग से हड़कंप मचा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फायरिंग के दौरान अपहृत बुजुर्ग ने गाड़ी में छुपकर अपनी जान बचाई। जबकि फायरिंग में एक बदमाश के घायल होने की भी सूचना है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से ही कुल 895 एनकाउंटर हुये है। ऐसे में बदमाशों को इस बात का अंदेशा था कि यदि उनका सामना यूपी पुलिस से हो गया तो उनकी मौत निश्चित है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुये बदमाशों ने यूपी से बाहर जाने का मन बनाया। वहीं इस बात को बदमाशों ने पकड़े जाने के बाद स्वीकार भी किया। बदमाशों ने बताया कि यूपी पुलिस का डर से ही उन्हें उत्तराखंड आने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं पुलिस उनके मोबाइल लोकेशन के जरिये हरिद्वार तक आ पहुंची।

यह पहला वाकया नहीं है जब यूपी के बदमाश सुरक्षा के लिये उत्तराखंड की शरण में न आते हो। इससे पहले भी कई बदमाशों ने उत्तराखंड की शरण पकड़ी है।

मुठभेड़ के बाद ज्वालापुर कोतवाली पहुंचने पर कारोबारी अनिल अरोड़ा ने पुलिस को बताया कि अपहरण करने के बाद बदमाश उसे मेरठ रोड की तरफ ले गए। उसके साथ मारपीट भी की गई। इसके बाद शामली होते हुए हरियाणा ले जाया गया। बदमाशों ने उसके घर फोन कर दो करोड़ रुपये मांगते हुए छोटे भाई मन्नू से उसकी बात भी कराई थी। पकड़े जाने के डर से बदमाश कहीं भी ज्यादा देर नहीं रुके। लगातार चलते हुए बदमाश पहले हरियाणा गए। वहां गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने हरियाणा पुलिस की मदद से बदमाशों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया तो बदमाशों को भनक लग गई। जिसके बाद बदमाश हरियाणा से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर होते हुए हरिद्वार पहुंच गए।

रूड़की के छह साल के मासूम को एचआईवी

छह साल के एक बच्चे में एचआईवी पॉजीटिव होने के पता चला है। बच्चा थैलीसीमिया से पीड़ित बताया जा रहा है। बच्चे के पिता का कहना है कि संक्रमित खून चढ़ाने की वजह से एचआईवी हुआ है। इस मामले में बच्चे के पिता ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से की है। जेएम ने सिविल अस्पताल के सीएमएस को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। बच्चे को छह बार सिविल अस्पताल रुड़की से और 48 बार हरियाणा के कैथल में रक्त चढ़ाया जा चुका है।

जिला कैथल, हरियाणा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसके छह वर्षीय बच्चे को थैलीसीमिया है। 28 अगस्त 2017 से उसके बच्चे का उपचार सिविल अस्पताल रुड़की में चल रहा है। 28 अगस्त से अब तक उसके बच्चे को छह बार खून चढ़ाया जा चुका है। जबकि इससे पहले कैथल में उसका उपचार चल रहा था। वहां पर 48 बार बच्चे को खून चढ़ा है।

सिविल अस्पताल रुड़की में तीन दिन पहले उसके बच्चे की खून की जांच की गई थी। जांच में उसके बच्चे के खून में एचआइवी पॉजिटिव पाया गया है। बच्चे के पिता ने आशंका जताई है कि उसके बच्चे को किसी ऐसे व्यक्ति का खून चढ़ा है, जो एचआइवी पॉजिटिव होगा। इसी कारण उसके बच्चे को भी एचआइवी हो गया है। पीड़ित बच्चे के पिता ने मामले की शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से की है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके मिश्रा को जांच के निर्देश दिए हैं।

वहीं सिविल अस्पताल रुड़की के सीएमएस डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चे में एचआइवी पॉजिटिव की बात सामने आई है। अस्पताल में बच्चे का उपचार पिछले चार माह से चल रहा है। अस्पताल के ब्लड बैंक से वही रक्त मरीज को चढ़ाया जाता है जिसकी सभी जांचें सही हो।

भाजपा विधायक ने तोड़ा नियम, शादी कार्ड पर छपवाया उत्तराखंड शासन का लोगो

भाजपा विधायक ने किसी बात की परवाह न करते हुये शादी के कार्ड पर शासन का लोगो छपवा लिया। इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो वह बेहिचक बोले कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा है, बल्कि इससे तो अच्छा संदेश जायेगा।

उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर ने अपनी गोद ली हुयी बेटी की शादी कार्ड पर उत्तराखंड शासन का लोगो तक छपवा लिया है। जैसे ही कार्ड बंटने लगे, तो यह बात सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गयी। सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स आने लगे। लोगों ने अपने-अपने विचार रखे।

गौरतलब है कि शासन का लोगों केवल शासकीय कार्यों हेतु ही प्रयोग में लाया जा सकता है, निजी तौर पर इसका प्रयोग करना एक तरह से नियम तोड़ना ही है, लेकिन भाजपा विधायक ने मनमर्जी के चलते लोगो को ही शादी कार्ड पर छपवा दिया।

विधायक सुरेश राठौर का कहना है कि मैनें किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। यह मेरी गोद ली हुई बेटी है। एक्सीडेंट में इसके माता-पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही मेरी पत्नी और मैं इसका भरण-पोषण कर रह हैं।

शादी का भी पूरा खर्चा हम ही उठा रहे हैं। कार्ड पर लोगो छपवाने का मतलब कानून का उल्लंघन करना नहीं है। इससे पार्टी का अच्छा संदेश जाएगा कि भाजपा गरीब परिवारों और जरूरतमंदों के लिए हमेशा तत्पर रहती है।

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