सफलता के लिए संयमए नियम और अनुशासित जीवन जरूरी

श्री भरत मन्दिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने शिरकत की और छात्रों से संवाद किया। इस अवसर पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किये।

शनिवार को विद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ अग्रवाल ने माँ शारदा के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद विद्यालय की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि सफलता के लिए संयमए नियम और अनुशासित जीवन जरूरी है।

डॉ अग्रवाल ने छात्रों को उत्तराखण्ड एवं देश का भविष्य निर्माता बताते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारियों के लिये ज्ञानवर्धक सलाह देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ अनुभव कर रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं आने वाली हैं और उनके साथ इस विषय पर संवाद करना भी एक सुखद अनुभव है। इससे उन्हें अपने स्कूल के दिनों का भी स्मरण करने का अवसर मिला है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उनके एक शिक्षक ने बचपन में उन्हें विद्यार्थी के पांच मुख्य गुणों के बारे में एक श्लोक के माध्यम से बताया था कि उसमें कौवे की तरह जानने की चेष्टाए बगुले की तरह ध्यान लगाने की क्षमताए श्वान निद्रा और अल्पाहारी और गृहत्यागी गुण पांच गुण होने चाहिये।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि परीक्षाओं में थोड़ा तनाव होना स्वाभाविक बात हैए परन्तु जब यह तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो न केवल परीक्षा के परिणाम में इसका विपरीत असर पड़ता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि आप लोग डा कलाम या हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक महान लोगों की जब जीवनी पढ़ेंगे तब पाएंगे कि उनमें एक बात समान है और वो है सकारात्मक सोच। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री जी ने भी एक किताब लिखी हैए इसका नाम है श्एग्जाम वॉरियर्सश् यह किताब अत्यंत ही रूचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है।

इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने सभी छात्रों को आने वाली परीक्षाओं की सफलता के लिये शुभकामना दी।

इस मौके पर श्री भरत मन्दिर ट्रस्ट के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्माए महंत वत्सल प्रपन्नाचार्यए जिला उपाध्यक्ष भाजपा दिनेश सतीए मंडल अध्यक्ष सुमित पवारए विद्यालय अभिभावक संघ के अध्यक्ष रामकृपाल गौतमए जिला शिक्षा अधिकारी सुदर्शन सिंह बिष्टए खंड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवालए प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावतए जिला कार्यालय प्रभारी देवदत्त शर्माए पार्षद शिव कुमार गौतमए युवा मोर्चा के अध्यक्ष नितिन सक्सेनाए विजय जुगलानए मनीष भट्टए सुनील थपलियाल आदि उपस्थित रहे।

विषयों के विश्व स्तरीय शिक्षकों के व्याख्यान और पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाएंगे शिक्षक

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराए जाने हेतु आधुनिक तकनीक की सहायता ली जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न विषयों के विश्व स्तरीय शिक्षकों के व्याख्यान और पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाए जाने हेतु प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे छात्र छात्राओं को विश्वस्तरीय ज्ञान भी प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि हमें पूरे प्रदेश में ऐसे स्कूल विकसित किए जाने की आवश्यकता है जहां छात्रों को एकल शिक्षक के भरोसे न रहना पड़े। मॉडल स्कूल की तर्ज पर ऐसे स्कूल विकसित किए जाएंए जहां सभी विषयों के शिक्षक, लैब, लाइब्रेरी आदि उपलब्ध होंए ताकि बच्चों का समग्र विकास हो सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि गरीब बच्चों को कई बार पारिवारिक परिस्थितियों के कारण स्कूल छोड़ना पड़ जाता है। इसके लिए गरीब मेधावी छात्र छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप स्कीम शुरू की जाए।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन और महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में किसी भी प्रकार की धन की कमी नही आने दी जाएगी

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरूवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआरआई द्वारा भवनों की दरारों को नापने के लिए लगाये गये क्रेकोमीटर से गत तीन दिनों में दरारों की चौड़ाई में बढ़ोतरी नही होने के संकेत मिले हैं। यह एक सकारात्मक सकेंत है। डा0 सिन्हा ने जानकारी दी कि आज मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त, शहरी विकास, सचिव आपदा प्रबन्धन के साथ जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों के सम्बन्ध में बैठक की। राज्य सरकार तथा भारत सरकार के विभिन्न तकनीकी संस्थानों द्वारा किये गये कार्यों की अद्यतन स्थिति से माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में पूरी मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में किसी भी प्रकार की धन की कमी नही आने दी जाएगी। बैठक में शहरी विकास विभाग को प्रत्येक जिले में प्रभावी अर्बन टाउन प्लानिंग की तैयारी के निर्देश दिए गये हैं। पर्वतीय नगरों में डै्रनेज एव सीवर सिस्टम की प्रभावी व्यवस्था हेतु भी निर्देश दिए गए हैं। डा0 सिन्हा ने बताया कि चमोली जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ में मुस्तैदी से सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन विस्थापितों से विचार-विमर्श भी कर रहा है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 150 एल.पी.एम है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 259 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 867 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

आखिर जिला प्राधिकरण की आड़ में त्रिवेन्द्र ने तीरथ पर साधा निशाना

अपनी गद्दी जाने के बाद से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने राजनीतिक कार्यों से अधिक अपने बयानों से मीडिया में सक्रिय रहे हैं। इस बार उन्होंने अपना जिला प्राधिकरणों को लेकर दिया है। ज्ञातव्य हो कि त्रिवेंद्र सरकार द्वारा गठित जिला प्राधिकरणों को तीरथ सरकार ने स्थगित कर दिया था।
अब जोशीमठ आपदा के बाद जब धामी सरकार ने इन प्राधिकरणों को पुनः प्रारंभ किया तो त्रिवेंद्र सिंह अपनी पीठ ठोकने के चक्कर में फिर से गच्चा खा गए और पुनः एक अनावश्यक बयान दे डाला और कहा कि “कभी कभी कम योग्य व्यक्तियों को कोई बड़ा पद मिल जाता है तो ऐसा ही होता है। अब ये देखना बड़ा ही रोचक है कि आखिर क्यों त्रिवेंद्र रावत ने तीरथ सिंह पर निशाना साधा?
सूत्रों का ये भी कहना है कि राज्य में अपने राजनीतिक कैरियर को खत्म होता देख त्रिवेंद्र रावत अब संसद सदस्य बनना चाहते हैं, और जो एक सीट वर्तमान में उनको अपने लिए थोड़ी मुफीद जान पढ़ रही है वो पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पौड़ी सीट है। पर इस सीट पर दावा ठोकने के लिए त्रिवेंद्र रावत ने जिस “बयान“ का सहारा लिया है, वो अब उनके लिए ही गले की हड्डी बन गया है क्योंकि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पहले ही त्रिवेंद्र को अपने अनावश्यक बयानों से बचने के लिए आगाह कर चुका है। पर त्रिवेंद्र तो त्रिवेंद्र ठहरे… उन्होंने फिर से जो मन में था वो बोल डाला।
खैर अब जो भी हो पर ये पक्का है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की राजनीति ऐसे बयानों के बाद शायद ही भविष्य में फिर से परवान चढ़ सके, इसीलिए शायद कहा गया है कि “जिसका जबान पर संयम नहीं राजनीति उसके लिए नहीं“।
अब ये देखना रोचक रहेगा कि आसन्न लोकसभा चुनावों को देखते हुए आलाकमान त्रिवेंद्र के बयानों को कितनी गंभीरता से लेता है और उनके भविष्य पर क्या फैसला करता है।

मेडिकल कॉलेजों और विभागीय निर्माण कार्यों में तेजी लाने के दिये निर्देश

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को खर्च करने की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अधिकारी माह फरवरी 2023 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत बजट को शत-प्रतिशत खर्च करें। यदि किसी परियोजना में नियत समय पर बजट खर्च नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। विभागीय मंत्री ने सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक चिकित्सा शिक्षा को एक सप्ताह के भीतर पिथौरागढ़ में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज के स्थलीय निरीक्षण करने को कहा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने वर्ष 2022-23 में स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं, निर्माण कार्यों के साथ ही मेडिकल उपकरण व दवा खरीद संबंधी बजट व्यय की विस्तृत समीक्षा की। डॉ0 रावत ने मेडिकल कॉलेजों एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत बजट खर्च करने की धीमी गति पर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत बजट को माह फरवरी 2023 तक शत-प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें। यदि किसी भी परियोजना का बजट नियत समय तक खर्च नहीं होता है और स्वीकृत धनराशि लैप्स होती है तो उसके जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। बैठक में चिकित्सकीय उपकरण व दवा क्रय हेतु स्वीकृत बजट की भी विस्तार से समीक्षा की। डॉ0 रावत ने जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन व एक्स-रे मशीनों की शीघ्र क्रय के निर्देश दिये। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के निर्माण हेतु टेंडर प्रक्रिया में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई तथा विभागीय सचिव आर0 राजेश कुमार व निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना को मेडिकल कॉलेज का स्थलीय निरीक्षण कर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिये। बैठक में एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि के व्यय की धीमी गति पर भी विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुये नियत समय पर बजट खर्च करने के निर्देश दिये। उन्होंने योजना के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में स्वीकृत ट्रांजिस्ट हॉस्टल व सीसीबी के निर्माण कार्यों में भी तेजी लाने को कहा। इसके अलावा उन्होंने आईईसी के अंतर्गत योजनाओं के प्रचार-प्रसार व प्रशिक्षण के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। सूबे के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्साकों की कमी पर चिंता जाहिर करते हुये विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को रेडियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, कार्डियो एवं न्यूरो सर्जन की तैनाती के लिये प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिये।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य आर0 राजेश, मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 हेम चन्द्र, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निदेशक गढ़वाल मंडल डॉ0 बनकोटी, वित्त नियंत्रक चिकित्सा शिक्षा विवेक स्वरूप, परीक्षा नियंत्रक मेडिकल विवि प्रो0 विजय जुयाल, कुलसचिव डॉ0 एम0के0 पंत सहित स्वास्थ्य विभाग एवं एनएचएम के अधिकार मौजूद रहे।

सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपसी सामंजस्य के साथ समेकित विकास पर ध्यान देना जरुरी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस की 5वीं कार्यकारी समिति की बैठक सम्पन्न हुयी। इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सतत विकास लक्ष्य को पाने के लिए इनकी साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु हमें आपसी सामंजस्य के साथ समेकित विकास पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थानों के साथ लगातार सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने आईआईएम काशीपुर को राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आईआईटी रूड़की और पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय अपने अपने क्षेत्र में राज्य के विकास के लिए विभिन्न प्रकार से प्रशिक्षण आदि उपलब्ध करा सकते हैं। इसके लिए नियोजन विभाग और संस्थान मिलकर योजना तैयार करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि बहुत से ऐसे कार्य हैं जो राज्य सरकार और शिक्षण संस्थान जनहित में करना चाह रहे हैं, परन्तु आपसी संवादहीनता के कारण ये कार्य बाधित हो रहे हैं। विभिन्न शिक्षण संस्थानों की एक समिति बनाकर तिमाही बैठक आयोजित की जाए। राज्य केन्द्रित शोधों के लिए रिसर्च फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की समस्याओं को समझने और उसका समाधान खोजे जाने के लिए सम्बन्धित संस्थान को समस्या का अभिनव समाधान खोजे जाने का कार्य दिया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

छात्रों से संवाद में बोले सीएम, सफलता के लिए संयम, नियम और अनुशासित जीवन जरूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सफलता के लिए संयम, नियम और अनुशासित जीवन जरूरी है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में छात्रों से संवाद किया। उन्होंने छात्रों को उत्तराखण्ड एवं देश का भविष्य निर्माता बताते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारियों के लिये ज्ञानवर्धक सलाह देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के साथ इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ अनुभव कर रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं आने वाली हैं और उनके साथ इस विषय पर संवाद करना भी एक सुखद अनुभव है। इससे उन्हें अपने स्कूल के दिनों का भी स्मरण करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि उनके एक शिक्षक ने बचपन में उन्हें विद्यार्थी के पांच मुख्य गुणों के बारे में एक श्लोक के माध्यम से बताया था कि उसमें कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान लगाने की क्षमता, श्वान निद्रा और अल्पाहारी और गृहत्यागी गुण पांच गुण होने चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं में थोड़ा तनाव होना स्वाभाविक बात है, परन्तु जब यह तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो न केवल परीक्षा के परिणाम में इसका विपरीत असर पड़ता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कुछ समय पहले पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न स्व. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पर आधारित किताब “अग्नि की उड़ान“ पढ़ी। इस किताब से वे अत्यंत प्रभावित हुए, क्योंकि यह किताब हमें बताती है कि सफलता, परिश्रम के साथ-साथ व्यक्ति की सकारात्मक सोच पर निर्भर करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग डा. कलाम या हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक महान लोगों की जब जीवनी पढ़ेंगे, तब पाएंगे कि उनमें एक बात समान है और वो है सकारात्मक सोच। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को भी ऐसी किताबें पढ़नी चाहिये। परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री जी ने भी एक किताब लिखी है, इसका नाम है “एग्जाम वॉरियर्स“ यह किताब अत्यंत ही रूचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व जहां एक ओर हमने वीर बाल दिवस मनाकर गुरू गोविंद सिंह के महान सपूतों का स्मरण किया, वहीं दूसरी ओर हमने चिर युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस भी युवा दिवस के रूप में मनाया। स्वामी विवेकानंद का उनके जीवन में बहुत अधिक प्रभाव रहा है। जब अपने स्कूल के दिनों में उन्होंने उनकी यह उक्ति उठो, जागो और लक्ष्य तक पहुंचे बिना रूको मत पढ़ी तभी ठान लिया था कि जीवन में जिस भी क्षेत्र में जाउंगा, अपना 100 प्रतिशत योगदान देने का प्रयास करूंगा। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि आप लोग भी जिस क्षेत्र में जाएं उस क्षेत्र में अपना 100 प्रतिशत योगदान देकर उस क्षेत्र के नेता अर्थात लीडर बनें। जैसे आप खेल के क्षेत्र में जाएं तो सचिन तेंदुलकर की भांति खेल के लीडर बने। आप गायक बनें तो लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे महान गायक बनें और यदि आप लोग राजनीति में आए तो नरेन्द्र मोदी की भांति विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता बनें।
मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि आप सबने इस कार्यक्रम के माध्यम से बहुत सारी पेंटिंग भी बनाई हैं। जिनमें पर्यावरण संरक्षण सहित अन्य बहुत से समाजोपयोगी विषयों को समाहित किया है। इसके लिये उन्होंने सभी के प्रयासों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने छात्रों का आहवान किया कि सभी छात्र कड़े अनुशासन, सही समय प्रबंधन और अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से जिस भी क्षेत्र में जाए, अपने परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन करें।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को प्रेरित करने के लिये ‘‘मंजिल ही जीवन का किस्सा है राही बन उस तक जाना है सफलता-असफलता जीवन का हिस्सा है इनसे घबराना कैसा है उठो, जागो और संघर्ष करों यही तो बस जीवन कहता है’’ कविता भी सुनाई।
संवाद के दौरान छात्रा कु. शैलजा कुकरेती, छात्रा कु. खुशी, पूजा, निशा गुप्ता रानी, छात्र रामकरण, युवराज आदि द्वारा परीक्षा की तैयारियों एवं मुख्यमंत्री से बचपन में परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा के समय कुछ तनाव सभी को रहता है किंतु पहले के और अबके समय में बड़ा अंतर है। आज पूरी दुनिया आपके मोबाइल में सिमटी है। पहले संसाधनों का अभाव था, उनकी प्राइमरी शिक्षा स्लेट, दफ्ती, दवात और टाट पट्टी में बैठकर हुई। 3-4 कि.मी. पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपनी सोच सकारात्मक रखें, आप जैसा बनना चाहेंगे वही बनेंगे। आज हमारे साथ हमारे अभिभावक के रूप में प्रधानमंत्री जैसा व्यक्तित्व है जो परीक्षा के समय छात्रों से चर्चा कर उनका मार्ग दर्शन कर रहे हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव रविनाथ रमन ने भी छात्रों को संबोधित किया। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा सभी छात्रों को आने वाली परीक्षाओं की सफलता के लिये शुभकामना दी।

भू-धसांव के कारणों का पता चलने पर आगे की योजना में तेजी से कार्य करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि जोशीमठ में भू-धसांव के कारणों को लेकर सभी तकनीकी संस्थानों एवं वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। जोशीमठ के भूधंसाव क्षेत्र के अध्ययन की फाइनल रिपोर्ट के बाद ट्रीटमेंट के कार्य तेजी से सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं। जिलाधिकारी चमोली स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर शासन को रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनको सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के जिन शहरों में समुचित ड्रेनेज प्लान एवं सीवर सिस्टम नहीं हैं, उनमें ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य योजना बनाई जाए। शहरों को श्रेणी वार चिन्हित किया जाए।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान (एनआईएच) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जोशीमठ में रिस रहा पानी और एनटीपीसी परियोजना के टनल का पानी अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि अन्य केन्द्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट एवं एनआईएच की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पायेगी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र के 258 परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में पानी का डिस्चार्ज एवं सिल्ट दोनों काफी तेजी से कम हुआ है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव सविन बंसल, आनन्द श्रीवास्तव एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

केन्द्रीय गृहमंत्री ने राज्य सरकार के द्वारा किये जा रहे राहत कार्यो को सराहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी दी तथा आपदा राहत हेतु केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालय, श्री बद्रीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है, तथा सामरिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है। यद्यपि भू-स्खलन, भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है परन्तु 02.01.2023 की रात से भवनों में मोटी दरारें दृष्टिगोचर हुई तथा जे0पी0 प्लान्ट के नीचे 500 एल0पी0एम0 की नई धारा फूटने की शिकायत प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है, पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 है, उस में से 849 भवनों में चौड़ी दरारें परिलक्षित हो चुकी है, अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं, सर्वे गतिमान है एवं उक्त प्रभावित परिवार तथा भवन निरन्तर बढ़ रहे हैं। जबकि पुनर्वास हेतु पांच स्थल चिन्हित किये गये है, जिनका भू-गर्भीय परीक्षण किया जा रहा है। जोशीमठ के कुल 09 वार्ड में से 04 वार्ड पूर्णरूपेण प्रभावित हैं जबकि 08 केन्द्रीय तकनीकी संस्थान प्रभावित क्षेत्र में वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया कि 16 से 22 अगस्त 2022 के मध्य MULTI DISCIPLINARY COMMITTEE (USDMA, GSI, IIT, Roorkee, CBRI, Roorkee, WIHG) ने क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण किया था एवं भू-धंसाव के कारण एवं उपाय इंगित किये गये थे साथ ही सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा 05 से 07 जनवरी 2023 के मध्य MULTI DISCIPLINARY COMMITTEE (USDMA, GSI, IIT, Roorkee, CBRI, Roorkee, WIHG) के माध्यम से स्थलीय निरीक्षण किया था एवं कतिपय Concrete recommendation किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 2023 पी0एम0ओ0, भारत सरकार के द्वारा कैबिनेट सचिव, NDMA तथा USDMA के अन्य केन्द्रीय विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक आहूत की गई। तथा 09 जनवरी 2023 को MHA, GOI की High Powered Team एवं NDMA के समस्त सदस्यों द्वारा देहरादून में वस्तुस्थिति की समीक्षा एवं जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी तथा गढ़वाल आयुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जोशीमठ क्षेत्र में कैम्प किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्शोंपरान्त प्रारंभिक रूप से अवगत कराया गया है कि क्षेत्र में वृहद् पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी जिसका FINAL ESTIMATION तकनीकी परीक्षण समाप्त होने के उपरान्त प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों के लिये तात्कालिक राहत शिविरों की व्यवस्था, Prefabricated Transit Shelter, स्थायी पुनर्वास, नवीन स्थल विकास, आवास निर्माण, मूलभूत सुविधायें यथाः स्कूल, कालेज, drainage, sewerage आदि, जोशीमठ का पुर्ननिर्माण, विस्तृत तकनीकी जांच, भू-स्खलन की रोकथाम, सम्पूर्ण जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाईन की व्यवस्था, समस्त घरों का सीवर लाईन से जुड़ाव आदि मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिये मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से केंद्रीय सहायता के लिये अनुरोध किया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने जोशीमठ के भू-धंसाव क्षेत्र के प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।

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