लाॅकडाउन के चलते घर पहुंचे प्रवासियों को मुख्यमंत्री ने लिखा पत्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के चलते अपनी जन्मभूमि पर लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों के स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कामना की। उन्हें गढ़वाली भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि प्रवासी भाइयों ने देश व विदेश में रहकर अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। अब वह यही कार्य अपने घर गांव में भी कर सकते हैं, इससे उनका परिवार एवं हमारा प्रदेश भी आर्थिक रूप से खुशहाल होगा।
सर्वाधिक पलायन की मार झेल रहे पौड़ी जिले के प्रवासियों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे पूर्वजों ने पहाड़ों को काटकर खेत बनाए, उन खेतों को उपजाऊ बनाकर हमारा पालन-पोषण किया। आज यही खेती हमारी भागमभाग की जिंदगी के कारण बंजर पड़ी है। जबकि हमारे इन खेतों के उत्पादों की मांग देश व दुनिया में हो रही है। हमारे मंडुवा, झंगोरा, दाल, गहत, राई, जौ, तिल, शहद, गाय का घी और बुरांश के जूस की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं दे रही है।

कार्य योजनाओं की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम स्टे, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, पर्यटन स्वरोजगार योजना, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मसाला फसलों का उत्पादन, पुष्प उत्पादन हेतु प्रोत्साहित कर रही है। यही नहीं इन उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही इसके विपणन की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रवासी अपने घर में रहकर कार्य करना चाहते हैं तो राज्य सरकार उनकी पूर्ण रूप से मदद करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अपने गांव लौटे लोग अपना स्वयं का कार्य आरंभ कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना मनचाहा कार्य करने के लिए वे अपने विकास खंड कार्यालय अथवा जिला मुख्यालय में स्थापित आजीविका सेल के फोन नंबर 01368-223084 या मोबाइल नंबर 9412028718 पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

योगी आदित्यनाथ के पिता पंचतत्व में विलीन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता स्व. आनंद सिंह बिष्ट मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हुए। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, योग गुरु बाबा रामदेव, स्वामी चिदांनद सहित कई राजनीतिक हस्तियों ने उनके अंतिम दर्शन किए। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पिता के पार्थिव शरीर को सबसे बड़े पुत्र मानवेन्द्र सिंह बिष्ट ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिग का पूरा ख्याल रखा गया।
मंगलवार सुबह ठीक नौ बजे पंचूर गांव से स्व. आनंद सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर एंबुलेंस के जरिए फुलचट्टी पहुंचा। एंबुलेंस से पिता के पार्थिव शरीर को सबसे बड़े पुत्र मानवेन्द्र सिंह, तीसरे नंबर के पुत्र शैलेन्द्र मोहन, चैथे नंबर के पुत्र महेन्द्र सिंह और परिवार के अन्य सदस्य लेकर गंगा घाट पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री धन सघ्ंिह रावत, बदरीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट, संगठन मंत्री अजेय, यूपी के एडिशनल रेजीडेंट कमिश्नर सौम्य श्रीवास्तव, यूपी सीएम के ओएसडी राजभूषण सिंह रावत, मुख्य व्यवस्था अधिकारी यूपी राजीव तिवारी, योग गुरु बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती आदि ने पार्थिव शरीर को पुष्पचक्र अर्पित व शॉल चढ़ाकर श्रद्घांजलि दी। इसके बाद शोक शस्त्र सलामी दी गई। साथ ही दो मिनट का मौन भी रखा गया।

पार्थिव शरीर को गंगा स्नान कर हिंदू रीति रिवाज से दाह संस्कार की प्रक्रिया अपनाई गई। स्व. आनंद सिंह बिष्ट के सबसे बड़े पुत्र मानवेन्द्र सिंह बिष्ट ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव वैदिक मंत्रो का उच्चारण करते रहे। इस मौके पर पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, यूपी की गोविंदनगर विधानसभा के विधायक सुरेन्द्र मैथानी, गन्ना एवं चीनी उद्योग बोर्ड के अध्यक्ष भगतराम कोठारी, एसएसपी पौड़ी दिलीप सिंह कुंवर, एडिशनल एसपी पौड़ी प्रदीप कुमार रॉय, एसडीएम यमकेश्वर श्याम सिंह राणा, पुलिस उपाधीक्षक संचार अनूप काला, सीओ सदर वंदना वर्मा, सीओ कोटद्वार अनिल जोशी, कोतवाल पौड़ी मनोज असवाल, थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला राकेन्द्र सिंह कठैत आदि उपस्थित रहे।

बालिकाओं की शिक्षा पर था जोरः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्व. आनंद सिंह रावत जीवन के अंतिम समय में पूरी तरह से संतुष्ट थे। उन्होंने डेढ़ माह पूर्व यह बात मुझसे कही थी। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर जोर देते हुए एक प्राइवेट महाविद्यालय की स्थापना की। योगी आदित्यनाथ जैसे पुत्र को जन्म देने वाले स्व. आनंद सिंह ने सामाजिक जीवन जिया। आज पिता के गुण को आत्मसात करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, गुंदागर्दी, माफियाराज रोकने में कामयाब हुए है। योगी सन्यासी होते हुए न सिर्फ राज्य चला रहे है बल्कि सनातम धर्म की पताका को भी फैला रहे है।

घाट में प्रवेश को लेकर पुलिस रही सतर्क
कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी को देखते हुए फुलचट्टी स्थित गंगा घाट पर पौड़ी प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए। पुलिस कर्मियों ने घाट में प्रवेश करने वाले प्रत्येक सदस्य को सैनिटाइजर से हाथ धुलवाए। इसके अलावा पार्थिव शरीर को श्रद्वांजलि देने के बाद सभी को सैनिटाइज भी किया गया। साथ ही पार्थिव शरीर को मुखाग्नि के दौरान भी सोशल डिस्टेंस का पालन हुआ। मुख्य घाट पर सिर्फ 20 सदस्यों को ही जाने की अनुमति दी गई। इस दौरान मीडिया कर्मियों को दूर से ही कवरेज करने को कहा गया।

विपिन कैंथोला के स्वागत में उमड़े भाजपा कार्यकर्ता

भारतीय जनता पार्टी कोटद्वार मंडल के कार्यकर्ताओं ने विपिन कैंथोला को प्रदेश प्रवक्ता बनाये जाने और उनके प्रथम बार कोटद्वार आने पर स्वागत किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब कोटद्वार का प्रतिनिधित्व भाजपा प्रदेश संगठन में भी होगा।
स्वागत कार्यक्रम में गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल ने कहा कि विपिन कैंथोला के प्रदेश प्रवक्ता बनने पर सभी कार्यकर्ता खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। भाजपा नगर अध्यक्ष सुनील गोयल ने कहा कि विपिन कैंथोला के प्रदेश प्रवक्ता बनने से सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान मिला है इसके लिए कार्यकर्ताओं ने प्रदेश नेतृत्व का आभार भी जताया। प्रदेश प्रवक्ता बनाये जाने विपिन कैंथोला ने कहा कि संगठन ने जो विश्वास उन पर जताया है, वह उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि संगठन की हर कार्यकर्ता पर नजर है। जो अच्छा काम कर रहा है यह न सोचे कि उसे दायित्व नही मिला। समय आने पर कल्पना से अधिक भाजपा संगठन ही कार्यकर्ता को सम्मान देता है। इस दौरान उन्होंने सभी का आभार जताते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले, यह भाजपा कार्यकर्ता का दायित्व है। इसके लिए सभी को अपने स्तर से प्रयास करने चाहिये।
इस अवसर पर जिला मंत्री मंजू जखमोला, नगर मंडल उपाध्यक्ष पंकज भाटिया, धर्मवीर गुसाईं, मनोज बिष्ट, अभिलाषा भारद्वाज, अनिता आर्य, लता बलूनी, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शशी नैनवाल, मुन्ना लाल मिश्रा, सेवक राम, देवेंद्र कैंथोला, सुरेंद्र बिजलवान, अंकित शर्मा, अमिताभ अग्रवाल, कुलदीप रावत, पार्षद सौरभ नौडियाल आदि कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कुशल कार्यशैली से कैंथोला ने पाया मुकाम, बने प्रदेश प्रवक्ता

भारतीय जनता पार्टी ने मीडिया से संबंधित अहम दायित्वो की घोषणा की है। जिनमे प्रदेश की नई टीम में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता जैसे अहम पद पर युवा नेता बिपिन कैंथोला को जिम्मेदारी दी गईं। बताते चले कि बिपिन कैंथोला ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक पारी की शुरुआत की। कई जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए उन्होंने युवा मोर्चा में जिले से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कार्य किया। युवा मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील प्रदेश में सह प्रभारी बनकर बिपिन कैंथोला ने अपने कुशल रणनीति का परिचय दिया।

वही भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया समन्यवक व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए है। उत्तराखंड में अनिल बलूनी के बेहद करीबीयो में बिपिन की गिनती होती है। ऐसा देखा जाता है कि बलूनी की गैरमौजूदगी में उनके जनहित कार्यो में सक्रिय रहते हैं।

सर्वे ऑफ़ इंडिया के सहयोग से चकबंदी में मिलेगी मदद

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कृषि भूमि की चकबंदी के लिए सरकार थ्री डी मैपिंग कराने जा रही है। इससे कृषि भूमि के खसरा नंबर की वास्तविक स्थिति का पता लग सकेगा। राजस्व विभाग सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से थ्री डी मैप तैयार करवा रहा है। पहाड़ों में चकबंदी न होने के कारण सरकार की अनुबंध खेती की योजना परवान नही चढ़ पा रही है। पौड़ी जनपद के पांच गांवों में भी अभी तक चकबंदी नहीं हो पाई है। अब निर्णय लिया गया है कि इन गांवों में ड्रोन के जरिये एरियल सर्वे कराया जाएगा।
पर्वतीय क्षेत्रों में बिखरी कृषि जोत होने से किसानों को मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है और खेती से मुनाफा कम होने के चलते लोगों का कृषि से रुझान कम हो रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने पहाड़ों के लिए आंशिक और स्वैच्छिक चकबंदी को कानूनी रूप से मान्य किया है। लेकिन अभी तक पर्वतीय क्षेत्रों में एक भी गांव में चकबंदी नहीं हो पाई है। सरकार ने पौड़ी जनपद के पांच गांवों से आंशिक व स्वैच्छिक चकबंदी की शुरुआत की है।
इनमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंण, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गांव पंचूर, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का गांव औणी समेत दो अन्य गांव शामिल हैं। इन गांवों में कृषि भूमि अभिलेखों का डाटा तैयार कर लिया है। अब ड्रोन से एरियल सर्वे किया जाएगा। प्रदेश में भूमि बंदोबस्त न होने के कारण चकबंदी करने में सबसे बड़ी समस्या आ रही है। एक ही जमीन के गोल खाते में कई हिस्सेदार हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि उनकी जमीन कहां पर है। अब सरकार चकबंदी को बढ़ावा देने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में थ्री डी मैपिंग करेगी।
वहीं, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपद में अनिवार्य चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें हरिद्वार में 108 और ऊधमसिंह नगर में 50 गांव शामिल हैं। जबकि पर्वतीय जनपद पौड़ी के मात्र पांच गांवों में चकबंदी हो रही है। मैदानी जनपदों की तुलना में पहाड़ों में चकबंदी करना मुश्किल है।
अपर सचिव एवं आयुक्त, चकबंदी, बीएम मिश्र ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी के लिए सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से थ्री डी मैप तैयार किया जाएगा। इससे पहाड़ों में गोल खातों व बिखरी कृषि जोत की वास्तविक स्थिति सामने आने से चकबंदी में आसानी होगी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

विश्व का पहला मुस्लिम योग साधना शिविर का हुआ शुभारंभ, मुस्लिम समुदाय के पुरूष और महिलाओं ने किया योग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोटद्वार वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय में मुस्लिम योग साधना शिविर का उद्घाटन किया। कोटद्वार के कण्वाश्रम स्थित वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर पांच दिवसीय विश्व का प्रथम मुस्लिम योग साधना शिविर का आयोजन किया गया है। इसके विभिन्न देशों के 500 से अधिक मुस्लिम पुरूष व महिलाएं प्रतिभाग कर रही हैं।

कोटद्वार का नाम कण्वनगरी कोटद्वार रखा जाएगा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार का नाम कण्वनगरी कोटद्वार रखा जाएगा। उन्होंने कलाल घाटी का नाम कण्वघाटी रखे जाने की मांग पर कोटद्वार नगर निगम को इसका प्रस्ताव भेजने को कहा।

मन, मस्तिष्क और विचारों को ऊंचा उठाता है योग
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारे मन, मस्तिष्क और विचारों को इतना ऊंचा उठा देता है कि हम सभी की चिंता करने लगते हैं। योग हमें विश्व कल्याण की ओर ले जाता है। शास्त्रों में लिखा है कि हर वनस्पति में कोई न कोई औषधीय तत्व होता है, हर मनुष्य में कोई ना कोई गुण होता है और हर अक्षर में मंत्र की शक्ति होती है। वनस्पतियों में औषधीय तत्वों को पहचानने की आवश्यकता है।

आज चिकित्सा व स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों में योग शिक्षकों की मांग हो रही है। योग हमारे ऋषि मुनियों की सैंकड़ों वर्षों की साधना का परिणाम है। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया की परिकल्पना भारतीय संस्कृति की देन है। सब को निरोग बनाने का काम भारत देश कर सकता है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप से मनाया जाता है। योग को आज पूरी दुनिया अपना रही है। योग धर्म और पूजा पद्धति से हटकर है। ये सबको निरोग करने तथा सबको जोड़ने का माध्यम है।

देश के आइकोनिक डेस्टीनेशन में है कण्वाश्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोटद्वार के कण्वाश्रम को आईकोनिक डेस्टीनेशन में शामिल किया है। इससे यहां का विकास होगा और पर्यटन गतिविधियां बढेंगी। राज्य सरकार भी कण्वाश्रम के विकास के लिए तत्पर है।

आयुष मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने मुस्लिम योग शिविर के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस योग शिविर के माध्यम से पूरे विश्व में एक संदेश जाएगा। योग को धर्म से जोड़ना गलत है। यह विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। योग सभी को जोड़ता है।

सांसद बलूनी को बोरगांव के विकास की सता रही चिंता, प्रतिनिधि को भेजा गांव

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया समन्यवक और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी द्वारा गोद लिए गए गैर आबाद ’’बोरगांव’’ के निवासियों के साथ आज उनके प्रतिबनिधियों ने एक बैठक की। इस बैठक में गांव के कई विषयों पर चर्चा हुई।
बैठक की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद की ओर से बोरगांव के निवासियों के साथ भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और जम्मू-कश्मीर के प्रदेश प्रभारी विपिन कैंथोला ने की। उन्होंने बताया कि बैठक में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को साझा किया। ग्रामीणों का कहना था कि गांव के संपर्क मार्ग के लिए सड़क का निर्माण शीघ्र ही पूरा होना चाहिये। ग्रामीणों ने गांव को जोड़ने वाली नदी पर पुल के निर्माण का भी सुझाव दिया। ग्रामीणों का कहना था कि संपर्क मार्ग बनने से ग्रामीण जल्द अपने गांव वापस आएंगे और गांव के विकास के लिए सहभागिता निभाएंगे। सांसद के प्रतिनिधि विपिन कैंथोला ने ग्रामीणों को बताया कि गांवों को आबाद करने के लिए एक बड़े स्तर पर बैठक का आयोजन होगा। जिसमें होमस्टे और पुनर्वास को लेकर एक बड़ी कार्य योजना बनाई जायेगी। कार्ययोजना को साकार करने के लिए स्वयं सासंद बलूनी अपनी ओर से मदद करेंगे।
इस अवसर पर ग्रमीणों ने सिद्धबली मंदिर में सांसद अनिल बलूनी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। ग्रामीणों ने कहा कि हम सभी ग्रमीण अपने गांव को विकसित करने और फिर से बसवाट करने के लिए सांसद से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने को तैयार है। ग्रामीणों ने अनिल बलूनी का धन्यवाद भी दिया कि उन्होंने इस ओर उनके गांव का चयन किया है। बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला, विपिन कोटनाला, भाजपा नगर महांमत्री कोटद्वार धर्मवीर गुसांई, आशीष जदली, देवेन्द्र नेगी, राजीव नेगी, सुरेंद्र सिंह, मनोज कोटनाला, बबली कोटनाला, आशीष नेगी, बलबीर नेगी राकेश नेगी के साथ कई ग्रामीण उपस्थित रहे।

दिल्ली से आकर नम्रता व गौरव ने शुरू किया स्टार्ट अप, सीएम ने दी मदद

यमकेश्वर ब्लॉक के कंडवाल गांव में हेम्प से विभिन्न उत्पाद तैयार करने वाले गौरव व नम्रता को मशीन खरीदने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम विवेकाधीन कोष से 10 लाख रूपए की राशि का चेक प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेशे से आर्किटेक्ट नम्रता व गौरव ने यमकेश्वर जैसे दूरदराज ब्लॉक के गांव में हेम्प से उत्पाद बनाने का स्टार्ट अप शुरू कर अन्य युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखाई है। उन्होंने बताया है कि किस प्रकार से स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग कर स्वयं के साथ ही अन्य लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। गौरव और नम्रता ने बताया कि वे दोनों दिल्ली में रहते थे।

काफी रिसर्च के बाद उन्होंने पहाड़ में पाए जाने वाले हेम्प को रोजगार का साधन बनाने का निर्णय किया। वर्तमान में वे इसके बीज के तेल से साबुन बना रहे हैं। इससे भवन निर्माण सामग्री भी बनाई जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके द्वारा हेम्प से ग्रामीण आर्थिकी में सुधार पर जानकारी दी गई थी। मिनिस्ट्रि ऑफ हाउसिंग के स्पेशल पब्लिकेशन में ‘हेम्प की भवन निर्माण तकनीक’ पर उनकी रिसर्च पर लेख भी प्रकाशित हुआ था।

मेले से संबंधित जितने भी पुल है, उनका निर्माण समय सीमा के अंदर होः सीएम

बुधवार को सचिवालय में कुम्भ मेले के आयोजन से सम्बन्धित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कुम्भ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुम्भ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हों। उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सडकों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थायें स्वयं के व्यय पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुम्भ के सुखद अनुभव के साथ लौंटे। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये भी मिसाल बन सके।

उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा। कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए। अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। तद्नुसार हमें इसकी व्यापक व्यवस्थायें सुनिश्चित करनी होंगी।

नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला की सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से जुड़ी है। इस कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें कर देश व दुनिया के श्रद्धालुओं को आवश्यक व्यवस्थायें करानी होंगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सीमांकन के साथ ही नये क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधायें विकसित करने पर भी ध्यान देने को कहा।

बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मेलाक्षेत्र एवं मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं का व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विभागों से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर वांछित धनराशि के वास्तविक आगणन का प्रस्ताव शासन को शीघ्र उपलब्ध कराया जायेगा।

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