रोडवेज में बीस ड्राइवरों का टोटा

ऋषिकेश।
रोडवेज डिपो में ड्राइवर का टोटा बना है। बीस ड्राइवर कम होने से लोकल रूटों पर चलने वाली बसें बंद पड़ी है। इससे हररोज निगम को एक लाख रुपए राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं लोकल रूटों पर चलने वाली सवारियां परेशान है।

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ऋषिकेश रोडवेज डिपो में बीस ड्राइवरों के पद खाली होने से दस बसों का संचालन ठप है। सहारनपुर, रुड़की, हरिद्वार, देहरादून, छुटमलपुर सहित अन्य रूटों पर सवारियों की भीड़ को देखते हुए जितनी बसें चलनी चाहिए थी। वह बसें नहीं चल पा रही है। ऐसे में इन रूटों पर चलने वाली सवारियां बहुत परेशान है। बसों के न चलने से जहां यात्री परेशान है वहीं रोडवेज को भी हररोज एक लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। एआरएम नेतराम गौतम ने कहा आठ नई बसें भी डिपो को मिल गई है। ड्राइवरों के न होने के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है। इन सभी स्थितियों से मुख्यालय को अवगत कराया जा चुका है।

अवर अभियंता पर कर्मचारी को धक्का देने का आरोप

पालिका कर्मचारियों ने जताया विरोध
पालिका प्रशासन व कर्मचारियों के मध्य वार्ता के दौरान उपजा विवाद
आपसी मध्यस्थता से सुलझा विवाद
पालिका प्रशासन ने हड़ताली कर्मचारियों की मांगों पर जताई सहमति, पांच दिन का दिया समय
ऋषिकेश।
गुरुवार को पालिका प्रशासन और हड़ताली कर्मचारियों के मध्य वार्ता शुरु हुई। कर्मचारियों ने संशोधित ग्रेड-पे व सफाई कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा उठाया। तीन दौर तक चली वार्ता में पालिका और कर्मचारियों के मध्य लिखित में सहमति बनने के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों ने मांगों के संदर्भ में पांच दिन का समय पालिका प्रशासन को दिया है।
वार्ता के दौरान सफाई नायक नरेश खैरवाल और अवर अभियंता वेद प्रकाश बधानी आपस में भिड़ गये। नरेश खैरवाल ने आरोप लगाया कि अभियंता द्वारा उन्हें धक्का दिया गया। इस पर अन्य कर्मचारियों ने विरोध जताया। इस दौरान कर्मचारियों ने अवर अभियंता को खूब-खरी खोटी सुनाईं। बड़ी मुश्किल से वरिष्ठ कर्मियों की मध्यस्थता में विवाद सुलझा।
वार्ता में पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप चौहान, अवर अभियंता वेद प्रकाश बधानी, लेखाकार निर्मला लोहानी, सभासद शिवकुमार गौतम, कुलदीप शर्मा, अशोक पासवान, सुमित पंवार, संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति की अध्यक्ष मंजू चौहान, वेद प्रकाश बिजल्वाण, राजेन्द्र गर्ग, ललित मोहन शर्मा, नवीन शर्मा, विनोद त्यागी, सफाई नायक नरेश खैरवाल, विनोद, महेन्द्र, आदि शामिल थे।

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एसएफसी के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया
वार्ता के दौरान कर्मचारियों ने पालिका प्रशासन पर स्टेट फाइनेंस कमीशन (एसएफसी) के तहत मिलने वाली धनराशि के दुरुपयोग के आरोप मढे। कहाकि एसएफसी धनराशि की पहली प्राथमिकता कर्मचारी का वेतन देने में होती है। लेकिन पालिका के अन्य खर्च एसएफसी के तहत किये जा रहे है। पालिका प्रशासन के पास कर्मचारियों के सवाल का जवाब नही था।

पालिकाध्यक्ष की टिप्पणी के मायने
वार्ता के दौरान पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा कर्मचारियों को समझाते हुए नजर आये कि कुछ लोग वार्ता को सफल नही होने देना चाहते है। मै देख रहा हूं कि ऐसे लोग सक्रिय भूमिका में नजर आ रहे है। यह टिप्पणी पालिकाध्यक्ष ने विवाद के तुरंत बाद दी। ऐसे में पालिकाध्यक्ष की टिप्पणी के मायने निकाले जा रहे है।

इओ व लेखाकार के विरोध मे नारे
पालिका कर्मचारियों ने इओ व लेखाकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि पालिका के अधिकारी नही चाहते है कि ग्रेड पे का लाभ पालिका कर्मचारियों को मिले। इस दौरान दोनों अधिकारियों के खिलाफ कर्मचारी मुखर नजर आये।

महिला कर्मचारी भी मैदान में
वार्ता के दौरान महिला सफाई कर्मचारियों ने भी मोर्चा संभाला। महिलाओं ने कहाकि तीन महीने से सैलरी नही मिलने के चलते परेशानी हो रही है। बच्चों की स्कूल फीस, राशन की दुकान का बकाया और बीमार होने पर अस्पताल में देने को कुछ नही है। ऐसे में कर्मचारी क्या करे।

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मैने किसी भी कर्मचारी को धक्का नही दिया। भीड़ में धक्का लगा और कर्मचारी को गलतफहमी हो गई। मामला सुलझा लिया गया है।
-वेद प्रकाश बधानी अवर अभियंता।

पालिका कर्मचारियों से वार्ता के बाद मांगों पर सहमति जताई गयी है। कर्मचारियों ने पांच दिन का समय दिया है। प्रयास रहेगा कि समय रहते सभी पर आवश्यक कार्यवाही हो जाये।
-वीपीएस चौहान इओ पालिका ऋषिकेश।

तीन सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर कर्मचारी

ऋषिकेश। वाणिज्य कर कर्मचारियों ने कार्यालय में तालाबंदी की चेतावनी दी है। वहीं हड़ताल के चलते दूसरे दिन भी कामकाज प्रभावित रहे। इससे व्यापारियों को बिना कार्य कराए ही निराश होकर लौटना पड़ा।

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श्यामपुर बाईपास स्थित वाणिज्य कर कार्यालय में शनिवार को भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने कार्यालय के मुख्य गेट पर धरना दिया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उत्तराखंड वाणिज्य कर मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ऋषिकेश शाखा के अध्यक्ष बलवंत सिंह राणा और शाखा मंत्री राजेश अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की नियमावली को दोबारा से लागू करने, पदोन्नति में बाध्यता समाप्त करने जैसी मांग वाणिज्य कर्मचारी सरकार से उठा रहे हैं, लेकिन सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीरता से नहीं ले रही है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को हड़ताल करनी पड़ रही है। धरना देने वालों में राम प्रसाद सेमवाल, हरीश राणा, सुखदेव सिंह, संजय सिंह, उमादत्त जुगरान, भूपेन्द्र भंडारी, सुशील मनवाल, राहुल बिष्ट, स्वामी राम, मीनू झिंक्वाण, विनिता राणा, पुष्पा जोशी, लोकेश कुमार आदि रहे।

मोदी की नीति जनविरोधीः किशोर उपाध्याय

ढालवाला से आरंभ यात्रा में बड़ी संख्या में पहुंचे कांग्रेसी
कैलाश गेट क्रांतिचौक पर प्रदेश अध्यक्ष ने किया संबोधित
ऋषिकेश। मोदी की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढालवाला में पदयात्रा निकाली। यात्रा को कैलाशगेट स्थित क्रांतिचौक पर प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने संबोधित किया। आरोप लगाया कि मोदी की जनविरोधी नीतियों से जनता को नुकसान हो रहा है।
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गुरूवार को बड़ी संख्या में जिलाध्यक्ष हिमांशु बिजलवाण की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढालवाला से पदयात्रा निकाली। यात्रा में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। देर शाम कैलाश गेट क्रांतिचौक पर पहुंची पदयात्रा को प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने संबोधित किया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से जनता तंग आ गई है। जिसके परिणाम आगामी चुनाव में केंद्र सरकार को भुगतने पड़ेंगे। मोदी जिस तरह से देश में मंहगाई को बढा रहे हैं। इसका नुकसान सीधे जनता को पहुंच रहा है। जिलाध्यक्ष हिमांशु बिज्लवाण ने कहा कि पदयात्रा का मकसद जनता को केंद्र सरकार की नाकामियों के बारे में बताना है। जिससे जनता को पता चल सके की पीएम मोदी लोगों को कैसे अच्छे दिन दिखा रहे हैं। पदयात्रा में नगर अध्यक्ष महावीर खरोला, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मनोज द्विवेदी, विरेंद्र कंडारी, जगमोहन भंडारी, दिनेश व्यास, दिनेश भट्ट, प्रेम सिंह नेगी, कुंवर सिंह रावत, यतेंद्र बिजलवाण, नीतिश कंडारी, यशपाल थलवाल, राजेश थलवाल, मुकेश भंडारी, अजय रमोला आदि शामिल रहे।

एनडीआरएफ ने टापू में फंसे 25 लोगों की जान बचाई

जल प्रलय से उफनाई गंगा का पानी गंगा के तटीय इलाकों में घुसा
एनडीआरएफ की अगुवाई में ऋषिकेश के दो इलाकों में आपदा (जल प्रलय) को लेकर मॉक ड्रिल
ऋषिकेश। पहाड़ में मूसलाधार बारिश से गंगा उफना गई। गंगा का पानी तटीय इलाकों में घुस गया। जान बचाने लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गये। 25 लोग पानी के बहाव के कारण गंगा के एक टापू में फंस गये। मौके पर एनडीआरएफ की टीम ने रेसक्यू अभियान चलाकर सभी को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया। गुरूवार को एनडीआरएफ ने एक दर्जन विभागों के साथ मिलकर ऋषिनगरी में मॉकड्रिल की।
गुरुवार को जैसे ही तटीय इलाकों में जल प्रलय से उफनाई गंगा का पानी लोगों के घरों में घुसा। तो लोगों को समझने में देर नही लगी। केदारनाथ आपदा की यादें उनके जेहन में ताजा हो गयी। जो जिस हाल में रहा वह अपनी जान बचाकर भागने लगा। टिहरी बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ने पर गंगा के पानी ने तो जैसे तबाही ही मचा दी। पानी के बहाव में 25 लोग बह गये। मौके पर एनडीआरएफ की टीम ने रेसक्यू अभियान चलाकर न सिर्फ लोगों की जान बचाई, बल्कि घायलों का उपचार भी किया। टीम ने गंभीर घायलों को अस्पताल भी पहुंचाया। आईडीपीएल के कम्युनिटी सेंटर में आपदा प्रभावितों के रहने व खाने की व्यवस्था भी की। एनडीआरएफ के जवानों ने मुनादी कर अन्य लोगों को भी गंगा के पानी बढ़ने की सूचना दी। उन्होंने गंगा के तटीय इलाकों को फौरन खाली करने के निर्देश दिये।
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आपसी तालमेल की कमी
गुरुवार को एनडीआरएफ की अगुवाई में ऋषिकेश के दो इलाकों में आपदा (जल प्रलय) को लेकर मॉक ड्रिल की गई। सुबह आठ बजे से संयुक्त राज्य बस अड्डे व हर्बल गार्डन ढालवाला पर दो यूनिट मॉक ड्रिल को लेकर मुस्तैद रही। अभियान चार घंटे लेट रहा। सुबह 12 बजे सूचना फ्लैश हुई कि गंगा के तटीय इलाकों में पानी बढ़ गया है। मौके पर एनडीआरएफ की टीम, स्थानीय प्रशासन के साथ अलग-अलग इलाकों के लिए रवाना हुई। लेकिन रेसक्यू अभियान में एनडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन का तालमेल देखने को नही मिला।
गंगा के टापू में फंसे 25 लोगों को बचाने में भी एनडीआरएफ के जवान ही भाग दौड़ करते नजर आये। स्थानीय प्रशासन के लोग एनडीआरएफ के साथ कहीं भी सहयोग करते नजर नही आये। पुलिस के जवान भी व्यवस्था बनाने में नाकाम रहे। मॉक ड्रिल में नगर के लगभग दर्जनभर विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। लेकिन रेस्क्यू अभियान में किसी ने भी राफ्ट तक पकड़ने की जहमत नही उठाई। टीएचडीसी में कंट्रोल रुम की स्थापना की गई थी। एनडीआरएफ की समीक्षा में भी समन्वय, तालमेल व सूचना आदान प्रदान की कमी को महसूस किया गया।

मेरे नंबर पर व्हाट्सअप नही
आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले विभाग आपदा प्रबंधन के अधिकारी यह कहें कि मेरे नंबर पर व्हाट्सअप नही है तो आप समझ सकते है कि आपदा प्रबंधन विभाग कितना संवेदनशील है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी डॉ. दीप शिखा रावत के मोबाइल पर व्हाट्सअप ही नही है।

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समय दर समय घटनाक्रम
सुबह 12 बजे रेसक्यू को एनडीआरएफ की टीम रवाना
सुबह 12.08 नाव घाट में टीम पहुंची
सुबह 12.20 एनडीआरएफ ने पहली बोट तैयार की
सुबह 12.20 एसडीआरएफ की टीम पहुंची
सुबह 12.18 कमांड पोस्ट का टेंट तैयार
सुबह 12.22 मेडिकल का टेंट तैयार, डॉक्टर ने मोर्चा संभाला
सुबह 12.22 एसडीआरएफ की पहली बोट तैयार
सुबह 12.26 एनडीआरएफ का दूर संचार विभाग ने काम करना शुरु किया
सुबह 12.28 दूसरी बोट तैयार, गंगा में उतारी
सुबह 12.35 तीसरी बोट तैयार, गंगा में उतारी
सुबह 12.36 एसडीआरएफ की दूसरी बोट तैयार
दोपहर 1.25 रेसक्यू टीम ने टापू से लोगों का निकालना शुरु किया
दोपहर 1.33 घायलों को अस्पताल पहुंचाया

एसडीआरएफ के पास सामान ही नही
आपदा में रेस्क्यू करने पहुंची एसडीआरएफ की टीम के पास सामान ही नही था। रेस्क्यू टीम में शामिल पुलिस के कुछ जवान बिना हेलमेट के ही बोट में सवार हो गये। रेस्क्यू अभियान में आपसी तालमेल व सामंजस्य की कमी देखने को मिली।

ये रहे मौजूद …
आपदा प्रबंधन उप सचिव संतोष बड़ोनी, अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला, एडीएम टिहरी जगदीश लाल, एसडीएम कुश्म चौहान, एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान, एसडीएम गोपालराम, अधिशासी निदेशक टीएचडीसी एचएल अरोड़ा, एजीएम एएस वर्मा, अतुल कुमार सिंह, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोशन सिंह असवाल, इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह, चंदन कुमार, सीओ चक्रधर अंथवाल, सीओ राजेन्द्र डोभाल, एफएसओ रोशनलाल शर्मा, नगर पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा व शिवमूर्ति कंडवाल के अतिरिक्त एनसीसी, रेडक्रॉस, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, डीएमएमसी, यूपीसीएल, पेयजल निगम, आपूर्ति विभाग, नगर पालिका ऋषिकेश व मुनिकीरेती आदि विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

वेतन विंसगतियां दूर करने को शासनादेश जारी करने की मांग

ऋषिकेश।
रविवार को पेंशनर्स संगठन शाखा ऋषिकेश के अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने द्वि मासिक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बैठक का एजेंडा रखा। सदस्यों द्वारा आपसी समस्या व सामाजिक.स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान सरकार के साथ ही शासन द्वारा पेंशनर्स हितों की अनदेखी का आरोप लगाया गया। वक्ताओं ने कहा कि पेंशनर्स की समस्याओं का निस्तारण नही होने से सदस्यों में रोष है। सरकार को पेंशनर्स के हितों की रक्षा करनी चाहिये। 103
प्रमुख मागों में राजकीय अस्पताल में उपचार हेतु वरीयता देने, 7वें वेतन आयोग की संस्तुतियां शीघ्र लागू करने, वर्ष 2006 से पूर्व सेवानिवृत कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने, सेवानिवृत पारिवारिक पेंशन लागू करने व मंहगाई भत्ता का शासनादेश लागू करने की मांग शामिल है। सदस्यों ने अपनी मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ठ करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय पार्क देहरादून में 21 सितम्बर को एक दिवसीय धरना आयोजित कर डीएम को ज्ञापन देने पर बनी सहमति जताई।
इस मौके पर डा कमल मेहरोत्रा, सचिव डा आरएस पुरी, डा जीके सिंघल, डा मुकुल मित्तल, डा सागर सिंह, बीपी गोयल, एसएस रावत, कुसुमलता शर्मा, गौरा पंत, पीएन कपूर, एनपी सारस्वत, एसके पयाल, भारती पंत, आरएस गुप्ता, एसपी संगल, बिन्दन सिंह नेगी, एमसी अग्रवाल, पीएन कपूर, शैलेन्द्र भारद्वाज, वीके आर्य आदि मौजूद रहे।

नगर पालिका ऋषिकेश में समितियों के विवाद ने तूल पकड़ा

ऋषिकेश।
नगर पालिका ऋषिकेश में समितियों को लेकर पैदा हुआ विवाद गहराने लगा है। पुरानी समितियों को बहाल करने का विरोध कर रहे सभासदों ने शुक्रवार को भवन कर दफ्तर में ताला जड़ दिया। दिनभर दफ्तार के आगे धरना देते हुए सभासदों ने नए सिरे से समितियों के चुनाव की मांग उठाई।
ऋषिकेश नगर पालिका के कई सभासदों ने भवनकर दफ्तर में तालाबंदी कर रोष जताया। सभासद हरीश तिवाड़ी, विकास तेवतिया, कविता शाह, अनिता बहल, उर्मिला देवी, सावित्री देवी ने पुरानी समितियों को भंग करने की मांग उठाई। कहा कि समितियों के चुनाव को स्थगित करके पालिका प्रशासन ने आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया है। आरोप लगाया कि समितियों का कार्यकाल एक साल का होता है, लेकिन इस नियम का भी उल्लंघन किया जा रहा है।
सभासदों ने कहा कि चुनाव प्रकिया के दौरान नाम वापसी दिन पालिकाध्यक्ष ने नियमों के विपरीत जाकर चुनाव स्थगित किए। उन्होंने पालिका प्रशासन पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाया। कहा कि शासन में शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने शासन पर पालिका में नियमों के विपरीत हो रहे कार्यों को बढ़ावा दिने का आरोप लगाया। सोमवार को फिर धरना देने की चेतावनी दी।
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ये हैं समितियां
भवन कर समिति, सार्वजनिक निर्माण समिति, स्वास्थ्य समिति, अर्थ समिति, पथ प्रकाश समिति, नगर सुधार समिति, ऑफिस एवं स्टाफ समिति।

10 अगस्त को स्थगित हुए थे चुनाव
समितियों के चुनाव के लिए 21 जुलाई को आचार संहिता लागू हुई थी। नामाकंन पत्र बिक्री चार अगस्त से शुरू हुई। आठ अगस्त तक नामांकन जमा हुए। नौ अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच की गई। 10 अगस्त को नाम वापसी की प्रक्रिया चली। लेकिन पालिकाध्यक्ष ने दोपहर दो बजे के बाद चुनाव स्थगित करने की सूचना जारी कर दी। चुनाव 12 अगस्त को होने थे।

भवन कर समिति की होनी बैठक
चुनाव स्थगित होने के बाद नगर पालिका ने पुरानी समितियां बहाल की थीं। शुक्रवार नौ सितंबर को भवन कर समिति की बैठक बुलाई गई थी। इसके चलते कई लोग अपनी फाइलों पर आपत्ति निस्तारित करने पहुंचे। तालाबंदी के कारण बैठक नहीं हो सकी। लोगों को बैरंग ही लौटना पड़ा। वहीं, कर समिति के पदाधिकारियों ने कर अधीक्षक निशात अंसारी से बैठक कराने की मांग की। ईओ का कार्यभार देख रहीं कर अधीक्षक ने बैठक को उच्चाधिकारियों के अगले निर्देश मिलने तक स्थगित कर दिया।

दो साल से चल रही पुरानी समितियां
नगर पालिकाध्यक्ष ने 10 अगस्त को समितियों के चुनाव स्थगित कर दिए थे। पालिका में चुनाव के चलते आचार संहिता लागू थी, पालिकाध्यक्ष वोटर की भूमिका में थे। नगर पालिका अधिनियम में स्पष्ट जानकारी नहीं होने का यहां फायदा उठाया गया। चुनाव भंग नहीं किया गया, स्थगित किया। स्थगित का अर्थ है कि पालिका जब चाहे समिति के चुनाव एक नियत तिथि पर करा सकता है। ऐसी ही व्यवस्था रखते हुए पुरानी समितियों से ही कार्य चलता रहेगा। लेकिन एक वर्ष पूर्ण होने पर बोर्ड में प्रस्ताव आना जरूरी है। पुरानी समिति को दो वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है।

बैठक कराने की मांग
भवन कर समिति अध्यक्ष दीपक धमीजा ने कर अधीक्षक से मुलाकात कर बैठक कराने की मांग की। उनके समर्थन में अन्य सभासद शिव कुमार गौतम, कुलदीप शर्मा, अशोक पासवान ने भी कर समिति के कार्यों में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाए। सभासद अशोक पासवान ने तो दूसरे गुट के सभासदों पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया।

सभासदों की तालाबंदी के चलते भवन कर समिति की बैठक नहीं हो सकी। अधिशासी अधिकारी बाहर हैं। सोमवार को अधिशासी अधिकारी के आने पर ही मामले का निस्तारण हो सकेगा।
– निशात अंसारी, कर अधीक्षक पालिका ऋषिकेश

मानवअधिकार आयोग में याचिका दर्ज

ऋषिकेश।
राजस्व ग्राम की मांग को लेकर धरने पर बैठे विस्थापितों को बांध प्रभावित संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश डोभाल ने समर्थन दिया। उन्होंने बताया कि मांग को लेकर मानवाधिकार आयोग में याचिका दर्ज की गई है। उधर, मांग को लेकर धरना 44वें दिन भी जारी रहा।113
मंगलवार को धरना स्थल पर पहुंचे राज्यआंदोलनकारी व टिहरी बांध संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश डोभाल ने बताया कि राजस्व ग्राम की मांग को लेकर उनके द्वारा मानवाधिकार में याचिका दर्ज की गई। जिसमें सुनवाई के दौरान बताया गया कि राजस्व ग्राम में टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र पशुलोक के शामिल न होने से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिस पर आयोग ने टीएचडीसी, राजस्व विभाग व सिंचाई विभाग से मानवाधिकार आयोग ने तत्काल स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि वह विस्थापितों की समस्या के निदान के लिए आंदोलनरत रहेंगे। मंगलवार को धरने पर बैठने वालों में लक्ष्मी प्रसाद भट्ट,दुर्गा प्रसाद भट्ट, विक्रम सिंह गुलियाल, राम किशन कोठियाल, गोविंद शामिल रहे।

फिर आंदोलन को तैयार जीएमवीएन कर्मी


समझौते पर कार्रवाई को 8 सितम्बर तक का दिया अल्टीमेटम
रविवार को मुनिकीरेती स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में कर्मचारी संघ की बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्व समझौते के आधार पर यदि प्रबंधन 8 सितम्बर तक उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नही करता है तो 9 सितम्बर से कर्मचारी आंदोलन करेंगे। कर्मचारियों ने निगम की स्थिति सुधारने के लिए आबकारी व खनन कार्य जीएमवीएन को देने की मांग उठाई।
एनजीटी के आदेश के तहत जीएमवीएन के गेस्ट हाउस सील करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कर्मचारी संघ ने कहा कि प्रबंधन को कानूनी रुप से गेस्ट हाउस खुलवाने के प्रयास करने चाहिये। बैठक में कर्मचारी संघ अध्यक्ष जयप्रकाश कोठारी, जयवीर सिंह रावत, रणवीर रावत, राजेन्द्र, अमित कुमार, राजेन्द्र फरस्वाण, उमा देवी, चन्दा देवी, उत्तम रणावत, दिलीप रावत, ब्रह्मपाल, श्यामा देवी, ओमप्रकाश, मोहन सिंह, महावीर सिंह रावत, धनपाल सिंह आदि मौजूद थे।

हंस कल्चरल ने बांटे जरूरतमंदों को 12 लाख रूपए


102हंस कल्चरल सेंटर ने जरूरतमंदों को मुनिकीरेती स्थित सेंटर में शिक्षा के लिए 12 लाख रूपए की धनराशि बांटी। मुख्य अथिति एआरटीओ डा. अनिता चमोला ने हंस कल्चरल सेंटर के कार्यो की सराहना की।
शनिवार को क्षेत्र के करीब 62 बच्चों को शिक्षा क्षेत्र में फीस के लिए 12 लाख रूपए के चौक बांटे गए। जिसमें हंस कल्चरल सेंटर ने 26 हजार आकृति सेमवाल, 30 हजार प्रणव जोशी, 22 हजार सिद्धार्थ पोखरियाल, 22 हजार साक्षी पाल, 21 हजार स्वेता कपूर, 28 हजार तुषार कुमार, 30 हजार सिमरन राना, 26 हजार वंशिका वर्मा, 22 हजार मोहित कुमार, 22 हजार ऋतिक प्रसाद, 23 हजार सचिन रावत, 33 हजार आशुतोष भारद्धाज, 20 हजार अर्पित नेगी आदि 62 बच्चों को कुल 12 लाख रूपए के चौक वितरित किए गए। इस अवसर पर मुख्य अथिति एआरटीओ डा. अनिता चमोला ने कहा कि मंगला माता व भोले महाराज के द्वारा किया जा रहा यह सामाजिक कार्य सराहनीय है। देश के कई बच्चे ऐसे हैं जिन्हें पढाई तो करनी होती है। लेकिन धन के अभाव में वह पढाई नहीं कर पाते हैं। ऐसे जरूरतमंदों की मदद कर हंस कल्चरल सेंटर समाज सेवा में निरंतर प्रयासरत्त है। उन्होंने बच्चों को पढाई में मेहनत करने को कहा। इस अवसर पर सेंटर प्रभारी प्रदीप राणा, नवीन चढ्ढा, सुशीला बिष्ट, मनीष कुमार, विरेंद्र राणा आदि उपस्थित रहे।