स्वतंत्रता संग्राम में गुरूकुल कांगड़ी का अप्रतिम योगदान रहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देवभूमि विज्ञान समिति द्वारा स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में गुरूकुल कांगड़ी का अप्रतिम योगदान’’ कार्यक्रम को अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने वेबिनार के माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय का शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में भी योगदान रहा है। 19वीं सदीं के कालखण्ड में भारत में जिन महानुभावों ने जन जागृति की ज्योत जगायी उनमें ऋषि दयानन्द का प्रमुख स्थान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी दयानन्द ने गुरूकुल शिक्षा प्रणाली की जो नींव डाली, उससे भारत में पुनः सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अपनी विशिष्ट योगदान दिया। आर्य समाज की स्थापना जहां उनके द्वारा किया गया महान कार्य था। वहीं गुरूकुल आधारित शिक्षा प्रणाली को पुनः मुख्य धारा से जोड़ने का महान कार्य उन्होंने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूकुल कांगड़ी एक विश्व विद्यालय ही नहीं बल्कि राष्ट्र आराधना के लिये तत्पर एक तीर्थ के समान भी है।
उन्होंने कहा कि स्वामी दयानन्द ने सामाजिक जन जागरण की जो दृष्टि दिखाई उसे कार्यरूप में परिणति तक पहुंचाने का कार्य उनके महान शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द जी ने 1901 में गुरूकुल काँगड़ी की स्थापना कर की।
स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा अंग्रजों द्वारा लागू की गई शिक्षा पद्धति के स्थान पर वैदिक धर्म तथा भारतीयता की शिक्षा देने के लिये स्थापित गुरूकुल विद्यालय आज गुरूकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के रूप में शिक्षा का प्रमुख केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठित है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देते हुए स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर शिक्षा एवं राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले संस्थान के योगदान पर सेमिनार के आयोजन के लिये आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन देवभूमि विज्ञान समिति के सचिव डॉ हेमवती नन्दन गुरूकुल काँगड़ी सम विश्वविद्यालय ने किया।
इस कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक आदेश चौहान, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव जयंत सहस्त्रबुद्धे, प्रो. रूप किशोर शास्त्री कुलपति गुरूकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, प्रो के.डी. पुरोहित अध्यक्ष देवभूमि विज्ञान समिति प्रो. एन.एस भण्डारी, डॉ. नरेन्द्र सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।

लापता महिला का सामान और सुसाइड नोट त्रिवेणीघाट से बरामद

टिहरी जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां गुरूवार को त्रिवेणी घाट गंगा तट से लापता महिला का सामान और सुसाइड नोट बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कि महिला थाना घनसाली क्षेत्र से बीते बुधवार को घर से लापता हो गई थी।
लेकिन महिला का अभी कुछ पता नहीं चल सका है। सुसाइड नोट में महिला ने सुसरालियों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है और मौत की वजह बताई है। वहीं मामले में पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है। साथ ही महिला की तलाश के लिए गंगा में सर्च आपरेशन शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि थाना घनसाली टिहरी गढ़वाल, ग्राम तुंग पोस्ट बाजियाल गांव निवासी मंजू पंवार (24 वर्ष) पत्नी दीपक बुधवार की सुबह करीब छह बजे घर से लापता हो गई थी। महिला के पति ने महिला की काफी तालाश की जब मंजू का कहीं कुछ पता नहीं चल सका उसके पति ने थाना घनसाली में सूचना दी। पुलिस ने मामलें में मंजू का गुमशदी की रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शूरू कर दी थी।
मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया था। जिसकी मदद से पुलिस जांच में महिला के मोबाइल लोकेशन गुरुवार की सुबह करीब 6रू30 बजे त्रिवेणी घाट चौकी क्षेत्र में गंगा तट स्थित नाव घाट पर मिली। पुलिस ने मंजू के परिजनों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद विवाहिता के स्वजन नाव घाट पहुंचे तो उन्हें वहां मंजू का ट्राली बैग मिला और उसके अंदर एक डायरी और सुसाइड नोट मिला। जिसकी सूचना त्रिवेणी घाट पुलिस चौकी को दी गई।
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मंजू ने डायरी में सुसाइड नोट सहित काफी बातें लिखी हैं। जिसमें लिखा है कि शादी के बाद बच्चा ना होने पर उसकी सास और पति उसे ताना देते थे। मैं सब को छोड़ कर जा रही हूं। वहीं पुलिस ने इस मामले में अनहोनी की आशंका जताई है। जिसके चलते पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की है। इसके साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी गंगा में सर्च आपरेशन चला रही है। मौके पर मंजू की मां, चाचा सहित कई लोग मौजूद है। जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।

ऐतिहासिक स्थल पर 101 फीट ऊंचा तिरंगा लहराया

तिरंगा झंडा जिस शान से लहराता है उसे देखकर हर भारतवासी का हृदय भावों से भर जाता है। देश के प्रति समर्पण और प्रेम का संचार मन में होता है। इसी भाव को प्रेरित करने के लिए त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश में एमडीडीए द्वारा स्थापित 101 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अनावरण उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा किया गया।
देश की आजादी एवं उसकी आन बान और शान का प्रतीक तिरंगा झंडा राष्ट्र के प्रति सम्मान और देश भक्ति की भावना को जाग्रत करने के उद्देश्य से त्रिवेणी घाट पर 101 फीट ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। ध्वजारोहण के दौरान ध्वजारोहण स्तंभ के शीर्ष तक राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण कराया गया और तिरंगे को सलामी दी गयी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने स्विच दबाकर झंडे का आरोहण किया एवं झंडे को सलामी दी। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रीय गान से पूरा त्रिवेणी घाट गूंज उठा। मौजूद लोगों की आंखों में तिरंगे को फहरता देख एक अलग सी ही चमक दिखी।
बता दें कि यह तिरंगा झंडा 101 फीट ऊंचा 20 फीट चैड़ा और 30 फीट लंबा बनाया गया है। इसके साथ झंडे के लिए फोकस्ड लाइट्स भी लगाई गयी है। इसका सीधा फोकस तिरंगे पर पड़ेगा। हाइमास्क पोल पर लाइट लगाने के बाद रात की रोशनी में देश का राष्ट्रीय ध्वज खूबसूरत नजर आएगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे गर्व, शक्ति एवं गौरव का प्रतीक हमारा राष्ट्रीय ध्वज शांति, समृद्धि और सदैव विकास के पथ पर अग्रसर रहने की प्रेरणा देता है। आंखों के सामने लहराता राष्ट्रीय तिरंगा और मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प भारत को नया भारत बना रहा है।उन्होंने कहा कि तिरंगा झंडा लग जाने के बाद इसे देख आते-जाते लोग खुद को गौरान्वित महसूस करेंगे।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि हर कोई इस तिरंगे के लिए आहुति देने को तैयार रहता है। तिंरगे को देखकर आम लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जगेगी। देश के लिए मरने मिटने की प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, वीर भद्र मंडल अध्यक्ष अरविंद चैधरी, एमडीडीए के अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा, सहायक अभियंता पूर्णानंद बहुगुणा, नगर निगम पार्षद रीना शर्मा, डीपी रतूड़ी, कविता शाह, अनीता तिवारी, उषा जोशी, सुमित पवार, कविता शाह, प्रदीप कोहली, संदीप खुराना अनीता रैना, सुंदरी कंडवाल आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ड्रोन के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजक्ट है। उन्होंने अधिकारियों को कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निमाण कार्यों में और तेजी लाने के लिए मानव संसाधन के साथ पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था भी हो।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में मास्टर प्लान के अनुरूप श्री केदारनाथ को भव्य बनाया जा रहा है।

समयबद्ध, गुणवत्तायुक्त और प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप कार्य पूरा करने के लिए निर्देश
प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भव्य केदारपुरी के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री धामी कृतसंकल्प हैं। वे लगातार प्रोजेक्ट की मानिटरिंग कर रहे हैं। खराब मौसम के कारण केदारनाथ न जाने पर उन्होंने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट का निरीक्षण और समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में अवशेष आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल एवं मंदाकिनी नदी पर बन रहे ब्रिज के निर्माण कार्य को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आने वाले दो-तीन माह में श्री केदारनाथ में कार्य करने के लिए अच्छा समय है, इस दौरान तेजी से कार्य किये जायेंगे।

द्वितीय चरण के कामों में तेजी लाने के मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्री केदारनाथ में चल रहे द्वितीय चरण के जो कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, उनमें भी तेजी लाई जाय। सरस्वती नदी पर घाट एवं आस्था पथ के निर्माण के कार्य जल्द पूर्ण किये जाय।

प्रथम चरण के कार्य लगभग पूर्ण
प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई की श्री केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत प्रथम चरण के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं। शंकराचार्य सामधि एवं ब्रिज का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जायेगा। द्वितीय चरण के कार्यों में 116 करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृत हो चुकी है। 08 कार्यों पर कार्य शुरू हो गया है। द्वितीय चरण में संगम घाट का नव निर्माण, आस्था पथ में रेन शेटलर, वाटर एटीएम, कमांड एण्ड कंट्रोल रूम, हॉस्पिटल बिल्डिंग एवं अन्य कार्य किये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री स्वयं केदारनाथ यात्रा के अनेक बार साथ-साथ ड्रोन के माध्यम से कर चुके हैं विकास कार्यों की समीक्षा
प्रधानमंत्री केदारनाथ आपदा के समय से केदार पुरी के पुनर्निर्माण के लिए चिंतित हैं। प्रधानमंत्री स्वयं केदारनाथ यात्रा के अनेक बार साथ-साथ ड्रोन के माध्यम से विकास कार्यों की समीक्षा कर चुके हैं। 2013 में केदारनाथ आपदा के समय मुख्यमंत्री गुजरात रहते हुए उत्तराखंड सरकार प्रस्ताव दिया था कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण में सहयोग करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री बाबा केदार से आध्यात्मिक रूप से जुड़े हैं। स्वयं ध्यान गुफा में बैठकर प्रधानमंत्री जी ने बाबा केदार के प्रति अपनी आस्था सार्वजनिक रूप से प्रकट की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर सचिव पर्यटन युगल किशोर पंत एवं वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल उपस्थित थे।

केदारनाथ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने में जुटी धामी सरकार

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम में यात्रा और पूजा का सफल आयोजन कराने के लिए रावल और पुजारियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए केदारनाथ धाम में रावल व पुजारियों के लिए तीन मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये का बजट जारी किए गए हैं। केदारनाथ के रावल ही धाम में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए पुजारी को अधिकृत करते हैं।

श्री केदारनाथ धाम से करीब 300 मीटर सरस्वती नदी समीप बनने वाले तीन मंजिला इमारत में 18 कक्षों का निर्माण किया जाएगा। 6.39 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस इमारत में रावल निवास, पुजारी आवास, भोग मंडी, पंथेर आवास, समालिया आवास, वेदपाठी आवास, पूजा कार्यालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए उत्तराखंड शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को प्राप्त हो चुकी है। जिसकी पहली किस्त 27 मार्च और दूसरी किस्त 12 जुलाई को जारी की गई।

दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव ने बताया कि तीन मंजिला इमारत का निर्माण होने के बाद यात्रा के साथ पूजा का सफल और आसानी से आयोजन हो सकेगा। शासन की ओर से इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ रावल व पुजारियों को मिलेगा।

रविनाथ रमन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने बताया कि 265 वर्ग मीटर में होने वाले भवन निर्माण के लिए स्थानीय जिलाधिकारी की ओर से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को मंदिर परिसर के समीप भूमि उपलब्ध करा दी गई है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

सूरत में न हो कांवड़ यात्रा, आईएमए ने सीएम को लिखा पत्र


देहरादून। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी न देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है।

आईएमए ने अपने पत्र में लिखा है कि तीसरी लहर देश में दस्तक देने वाली है। कोरोना की पहली लहर के बाद कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया। जिस वहज से कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हुई।

अपनी पिछली विफलता से सीखते हुए हमें कांवड़ भक्तों को राज्य की सीमाओं में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए और उत्तराखंड को कोविड की तीसरी लहर से सुरक्षित रखना चाहिए। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में हमारी लापरवाही पर चिंता प्रकट की है।

लोगों का जीवन हमारे लिए सर्वोपरिः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को लेकर रविवार को कहा था कि बात आस्था की है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है। भगवान को भी यह अच्छा नहीं लगेगा यदि लोग कांवड़ यात्रा के कारण कोविड से अपनी जान गंवाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 30 जून की कैबिनेट की बैठक में फैसला किया था कि इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। कांवड़ यात्रा आस्था से जुड़ी है। फिर भी हम सोच रहे हैं कि अगर कोई गुंजाइश है तो उस बारे में हम उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। लेकिन लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि हम सिर्फ मेजबान राज्य हैं। 15 दिनों में तीन करोड़ से अधिक कांवड़िये राज्य का दौरा करते हैं। बात आस्था की है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है। लोगों का जीवन बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।

किसी भी कीमत पर लोगों को जान का खतरा न हो, किसी की भी जान जाए। जान बहुत कीमती है और हम किसी भी जान को खतरा नहीं होने देंगे।

सीमित संख्या में दें बाहरी श्रद्धालुओं को प्रवेश

एक तरफ जहां व्यापारी चारधाम और कांवड़ यात्रा खोलने की मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ हरिद्वार मशाल संगठन ने धर्मनगरी में बाहरी श्रद्धालुओं को समिति संख्या में प्रवेश देने की मांग की है। संगठन ने कहा है कि बाहरी यात्री तीर्थनगरी का माहौल बिगाड़ रहे हैं और कोरोना संक्रमण को भी बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें बॉर्डर पर कोरोना टेस्टिंग के बाद ही अनुमति देने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

श्रवणनाथ नगर में हुई संगठन की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर मनोज कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने लंबे समय से स्थानीय लोगों को कभी लॉकडाउन तो कभी कोविड कर्फ्यू करके कैद करके रखा है। इससे शहर के व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन बाहरी लोग बे-रोक टोक गंगा घाटों पर पहुंचकर तीर्थनगरी की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं।

इससे विश्वभर में गलत संदेश जा रहा है। महासचिव कुलदीप सिंह ने कहा कि अनाधिकृत रूप से प्रवेश करके बाहरी लोग स्थानीय व्यवस्थाओं को बिगाड़ रहे हैं। संगठन ने पांच से 10 हजार लोगों को कोरोना टेस्टिंग के बाद प्रवेश देने की मांग उठाई है।

कहा कि अगर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो धर्मनगरी के लोगों को कोरोना काल में भयंकर महामारी से जूझना पड़ सकता है। इस मौके पर जिला प्रवक्ता राजू भाई, मुन्नी चैहान, अनिता बंसल, कुलदीप सिंह, सुनील कुकरेती और मोनिका सिंह आदि मौजूद रहे।

सीएम ने मां गंगा की पूजा अर्चना कर की प्रदेश की खुशहाली की कामना


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरकी पैड़ी हरिद्वार में मां गंगा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने इस अवसर पर संत महात्माओं को सम्मानित कर उनका भी आर्शीवाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गंगा हमारी जीवन दायिनी है, हमारी आस्था, श्रद्धा एवं विश्वास का भी प्रतीक है। गंगा हमारे जीवन का आधार भी हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम सबके सामुहिक प्रयासों से उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास में सफल होंगे। समाज के अन्तिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिये हम सतत प्रयत्नशील रहेंगे।

मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के पश्चात् मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहली बार हरिद्वार पधारे। हरकी पैड़ी पर गंगा पूजा से पूर्व मुख्यमंत्री का भानियावाला, छिद्दरवाला, रायवाला, हरिपुरकला, भोपतवाला में बड़ी संख्या में आम जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओ द्वारा भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सभी का आभार जताते हुए जन अपेक्षाओं के अनुरूप समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वे जन अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिये निरन्तर प्रयासरत रहेंगे। छिद्दरवाला में मुख्यमंत्री का स्वागत क्षेत्रीय जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा भी किया गया।

हर की पैड़ी में गंगा पूजन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य, स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक प्रणव सिंह चैम्पियन, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, आदेश चैहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, स्वामी चिदानंद मुनि, गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा के साथ सभी अखाड़ों के संत महात्मा उपस्थित थे।

हकहकूकधारियों का दल सीएम से मिला, पूर्व की स्थिति बहाल कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग


चार धाम तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करते हुए पूर्व की स्थिति को बहाल करने की मांग की है।

चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांन्त कोठियाल के नेतृत्व मंे उत्तराखंण्ड के चारों धामों के तीर्थ पुरोहितांे व हकहकूकधारी समाज के प्रतिनिधियों ने नव नियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर उन्हें 27 नवबंर 20219 को पारित किए गए चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की विस्तार से जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से सरकार की मंशा चारों धामों व तीर्थांे की संपूर्ण व्यवस्था अपने हाथों पर लेने की है, जो कदापि उचित नहीं है। तीर्थपरोहितांे ने स्पष्ट किया कि इस अधिनियम के आने के बाद जो भ्रम व विवाद की स्थिति पैदा हुई उसके लिए केवल और केवल सरकार जिम्मेदार है, क्यांेकि सरकार द्वारा विधेयक लाने से पूर्व धामों से जुडे रावल, पुजारी, तीर्थपुरोहित, पंडा समाज व हकहकूकधारी समाज के साथ ही स्थानीय जनमानस से किसी प्रकार का संवाद नही किया गया और कैबनेट से पास कर विधानसभा से पारित करा लिया गया।

मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान यह भी कहा गया है कि सरकार इन तीर्थो एंव मंन्दिरों के लिए बाला जी एंव वैष्णों देवी माॅडल लेकर आई है जो शास्त्र सम्मत नही है, यह विधेयक न केवल उत्तराखंण्ड के चारोधामों के तीर्थपुरोहितों, हकहकूकधारी समाज व स्थानीय जनमानस की भावनाओं के विरूद्ध है ब्लकि कोरोडो हिन्दुओं की आस्थाओं व विश्वास पर भी आघात करता है, और भारतीय संविधान मे प्रदत धर्म संबधित मौलिक अधिकारों को भी बाधित करता हेै। इसलिए अविलम्ब देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड को भंग करते हुए 27नवबंर 2019 से पूर्व की स्थिति को वहाल किया जाय। तीर्थपुरोहितों ने इस आशय का ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौपा।

मुख्यमंत्री से भेंट करने वाले शिष्टमंडल मे अध्यक्ष कृष्ण कांन्त कोठियाल के अलावा महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी, केदारसभा केदारनाथ के महामंत्री कुबेर नाथ पोस्ती, पंडा पंचायत यमनोत्री के अध्यक्ष पुरूषोत्तम उनियाल, गंगोत्री पंचायत के पूर्व अध्यक्ष संजीव सेमवाल, पुजारी मुकेश सेमवाल, महापचंायत के कोषाध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद जुगडाणं व ब्रहमकपाल तीर्थपुरोहित आचार्य नरेशानन्द नौटियाल आदि शामिल थे। महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी के अनुसार इस मामले मे मुख्यमंत्री का रूख बेहद सकारात्म था और उन्है उम्मीद है कि मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड पर चारोधामों की तीर्थपुरोहितो व हकहकूक समाज व स्थानीय जनमानस की भावनाओं के अनुरूप निर्णय लेगे।

देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की मांग कर तीर्थपुरोहितों ने गृहमंत्री को भेजी चिठ्ठी


देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की मांग को लेकर चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह से निवेदन किया है। गृह मंत्री को महापंचायत ने इस आशय का भेजा है।

चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने बताया महापंचायत की ओर से मंगलवार को गृह मंत्री को पत्र भेज कर उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाये चार धाम देवस्थानम बोर्ड को तुरन्त भंग करने की मांग की गई है । हरीश डिमरी ने बताया कि चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत और श्रद्धालु सरकार के निर्णय से सहमत नहीं है । कहा मंदिरों की ब्यवस्थाओं को सरकार द्वारा अपने अधीनस्थ लेना संविधान विरोधी है । चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने बताया कि महा पंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कान्त कोटियाल समेत पूरी महापंचायत ने गृह मंत्री को भेजे पत्र में चार धाम देवस्थानम प्रबंधकीय विधेयक 2019 को भंग कर 27 नवम्बर 2019 से पूर्व की स्थिति को पुन रू बहाल करने की मांग की है ।

श्री गंगा सभा घाटों की रिपेयरिंग में जुटी, मलबा से अटा आरती स्थल

बीते दिनों 18 जून को त्रिवेणी घाट का सम्पूर्ण परिसर एवं आरती स्थल को काफी नुकसान पहुंचा। यहां तक की बाढ़ के साथ आये मलबे ने आरती स्थल पर लगी रेलिंग बारोड को काफी नुकसान पहुंचाया है इसके चलते गंगा आरती में काफी दिक्कतें आ रही हैं, आरती स्थल को पुनः दुरुस्त करने मलवा हटाने की दिशा में श्री गंगा सभा जोर-शोर से जुट गई है।

महासभा के महामंत्री धीरेंद्र जोशी ने बताया कि नुकसान की मरम्मत के लिए कुशल कारीगरों की सहायता से रिपेयरिंग का कार्य आरंभ किया गया है ताकि कोरोना काल के बाद आरती स्थल में पुनः मां गंगा की सांध्य कालीन आरती आर्मी की जा सके। उन्होंने बताया कि बाढ़ के साथ आए मलबे ने चेंजिंग रूम को भी नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा घाट परिसर पर लगे सीसीटीवी कैमरे, विद्युत व्यवस्था को भी क्षतिग्रस्त किया है। कहा कि संपूर्ण घाट परिसर को दुरुस्त किया जा रहा है।

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