49 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा पहुंचकर हवालबाग में 2 दिवसीय आजीविका महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने हवालबाग में स्थित रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर सेन्टर का भी उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर सेन्टर का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने एवं उद्यम स्थापना हेतु प्रारम्भ से अन्त तक उद्यमियों को सहयोग प्रदान करना है। इसके साथ-साथ युवाओं को रोजगार सृजन, व्यवसाय सहयोग, नये विचार व तकनीक को बढ़ावा देना आदि इसके उद्देश्य है। इसके उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अल्मोड़ा व पौङी में रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर सेन्टर की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि इस सेन्टर से आम आदमी को जोड़ने का प्रयास किया जाय। उन्होंने कहा कि इससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी। इस दौरान उन्होंने जनपद के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से आये उद्यमियों के साथ संवाद किया और उनके उत्पादों की जानकारी व परिचय प्राप्त किया।
आजीविका महोत्सव में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किये गये महोत्सव के लिए प्रशासन को बधाई दी और कहा कि यह महोत्सव ग्रामीण युवाओं व महिलाओं के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका की मजबूती हो और स्वरोजगार योजनाओं का सीधा फायदा आम जनता तक पहुॅचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वरोजगार से जुड़े हर व्यक्ति को इसमें सहभागी बनाया जाय ताकि पलायन को रोका जा सके और रोजगार की समस्या को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि गॉव के विकास से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि होम-स्टे योजना आने वाले समय में पर्यटन व आर्थिकी का मुख्य आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि होम-स्टे योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 3600 होम-स्टे पंजीकृत है जिसमें 8 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इस तरह को महोत्सव मात्र औपचारिकता न रहे इसका उद्देश्य तभी सफल है जब इसका लाभ व सुविधा सामान्य व्यक्ति को मिल सके। सभी अधिकारी व जनप्रतिनिधि उत्तराखण्ड की प्रगति के लिए मिलकर कार्य करें। सभी विभागीय अधिकारियों को 10 वर्ष तक का रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिये गये है जिससे आने वाले उत्तराखण्ड के विकास की नींव रखी जा सके। उन्होंने कहा कि सभी शहरों को हैली सेवा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने अल्मोड़ा जनपद के महान विभूतियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनायें चलायी जा रही है जिससे लोग लाभान्वित हो रहे है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में पार्किग स्थल के निर्माण के लिए 7.74 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कई घोषणायें की जिनमें चितई पंत तिराहे से हरिदत्त पेटशाली इण्टर कालेज पेटशाल तक लिंक मार्ग 3 कि0मी0, बसमांव-दरमाण मोटर मार्ग निर्माण 4 कि0मी0, कोसी दौलाघट मोटर मार्ग से धौलीगाड़-पंचगाव-स्यूरा लिंक मोटर मार्ग निर्माण 6 कि0मी0, अल्मोड़ा मे आयुष सुपर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल (50 बेड) की स्थापना, प्रसार प्रशिक्षण केन्द्र में एक्सीक्यूटिव हॉस्टल का निर्माण, प्रसार व रूरल बिजनेस इक्यूबेटर (द्वितीय चरण) के विस्तारीकरण कार्य शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुल 49.19 करोड़़ रू0 की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जिनमें 3.20 करोड़ रू0 लागत की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण किया इन योजनाओं में गैराड़ मंदिर में बारात घर का निर्माण लागत 40.00 लाख रू0, रूरल बिजनेस इन्वयूवेटर, राज्य पोषित हवालबाग लागत 117.11 लाख रू0, विकासखण्ड कार्यालय धौलादेवी का निर्माण कार्य लागत 163.87 लाख रू0 है। उन्होंने कुल 45.98 करोड़ रू0 की योजनाओं का शिलान्यास किया जिनमें राजकीय इण्टर कालेज पेटशाल में रसायन, फिजिक्स एवं जीव विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण लागत 61.5 लाख रू0, राजकीय इण्टर कालेज लोधिया में रसायन, फिजिक्स एवं जीव विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण लागत 61.5 लाख रू0, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा में प्रशिक्षण हॉल का निर्माण कार्य लागत 27.4 लाख रू0, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा में एपोच रोड एवं गैराज का निर्माण कार्य लागत 19.19 लाख रू0, विकास भवन परिसर में कैंटिन का निर्माण कार्य लागत 48.37 लाख रू0, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा में प्राचार्य आवास का निर्माण लागत 45.57 रू0, राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र हवालबाग का सुदृढ़ीकरण कार्य लागत 494.68 लाख रू0, अल्मोड़ा के चितई तिराहे से हरिदत्त पेटशाली इण्टर कालेज पेटशाल तक लिंग मार्ग लागत 200.16 लाख रू0, विधानसभा क्षेत्र अल्मोड़ा के अन्तर्गत अल्मोड़ा के टैक्सी स्टैण्ड में बहुमंजिली पार्किंग का निर्माण लागत 770.32 लाख रू0, केन्द्रीय सड़़क अवसंरचना निधि के अन्तर्गत निर्माण खण्ड अल्मोड़ा के विभिन्न मोटर मार्गों में दुर्घटना सम्भावित संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षात्मक कार्य लागत 257.15 लाख रू0, राजकीय इण्टर कालेज सत्यों में रसायन फिजिक्स एवं जीव विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण लागत 61.5 लाख रू0, राजकीय इण्टर कालेज कनरा में रसायन फिजिक्स एवं जीव विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण लागत 61.5 लाख रू0, राजकीय इण्टर कालेज बाराकूना में रसायन फिजिक्स एवं जीव विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण लागत 61.5 लाख रू0, राजकीय इण्टर कालेज भनोली में आर्ट, कम्प्यूटर कक्ष, पुस्तकालय एवं दो अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण कार्य लागत 96.2 लाख रू0, कपकोट ग्राम समूह (पम्पिंग) पेयजल योजना लागत 403.66 लाख रू0, भागादेवली ग्राम समूह (पम्पिंग) 1083.28 लाख रू0, गैराड़ ग्राम समूह (पम्पिंग) पेयजल योजना लागत 844.95 लाख रू0 है।
मुख्यमंत्री ने 27 स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं के तहत चैक भी वितरित किये। आजीविका महोत्सव के दौरान उद्यान विभाग द्वारा यूरोपियन बेजिटेबल की खेती, पर्यटन विभाग द्वारा होम-स्टे योजना, पशुपालन विभाग द्वारा व्यवसायिक मुर्गी पालन, उद्योग विभाग द्वारा मार्केटिंक एवं पैकेजिंग, एनआरएलएम व आजीविका द्वारा वैल्यू चैन व कृषि विभाग द्वारा वृक्ष आयुर्वेद कृषि पर कार्यशालायें आयोजित की गयी। इसके साथ-साथ स्थानीय होटल एवं रेस्टोरेन्ट स्वामियों के द्वारा फूड फेस्टेबल का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान कोसी संरक्षण की भी शपथ ली गयी। कार्यक्रम के दौरान माउन्टेन बाईक रैली को हरी झण्डी दिखाकर मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों द्वारा रवाना किया गया। इस रैली में कुल 30 प्रतिभागी शामिल थे जो रानीखेत तक की यात्रा करेंगे।
महोत्सव के दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने अपने विचार रखें और मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया। जिलाधिकारी वन्दना सिंह ने आजीविका महोत्सव का संक्षिप्त परिचय देत हुए जानकारी दी कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य अल्मोड़ा जनपद के अन्तर्गत आजीविका के क्षेत्र में युवाओं, ग्रामीण महिलाओं, बेराजगारों, कृषकों को बेहतर अवसर प्रदान करने के साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं व उद्योग स्थापित करने के सम्बन्ध में ऋण प्राप्त करने की जानकारी देना है।
उन्होंने कहा कि विषय विशेषज्ञों के माध्यम से कृषकों को प्रशिक्षण प्राप्त हो सके इसका भी प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि चार मुख्य बैंकों के माध्यम से ऋण वितरण का कार्य किया गया जिसमें 286 आवेदकां को विभिन्न शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत 6.18 करोड़ का ऋण स्वीकृत व वितरित किया गया। जिसमें से 3.48 करोड़ रू0 के बैंक ऋण स्वीकृत व 2.70 करोड़ रू0 के बैंक लोन वितरित किये गये। उन्होंने कहा कि लगभग 1500 से अधिक महिला समूहों से जुड़ी महिलाओं को विभिन्न शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत प्रशिक्षण व अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका दिया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में क्रेता-विक्रेता सत्रों का आयोजन किया जा रहा है जिससे जो उत्पाद यहॉ बनते है उनको मार्केट उपलब्ध हो सके। उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में भूटेखान पार्टी बाडमेर राजस्थान द्वारा राजस्थानी लोक नृत्य पेश किये। इस कार्यक्रम में उद्यान, कृषि, आजीविका, ग्राम्या विभाग, महेन्द्रा क्लब, मोक्सा रिटैट, सहकारिता, चाय विकास बोर्ड, राजकीय किशोरी गृह बख, आजीविका मिशन, नेशनल रूरल लाइवहुड मिशन के स्टॉल भी लगाये गये। इन स्टॉलों का भ्रमण मुख्यमंत्री व अन्य जनप्रतिनिधियों ने किया।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, महिला सशक्तिकरण बाल विकास मंत्री रेखा आर्या, महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति शाह मिश्रा, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष ललित लटवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, भाजपा नगर अध्यक्ष कैलाश गुरूरानी, महामंत्री महेश नयाल, ग्राम्य विकास अपर सचिव बीना जोशी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

हिल पैट्रोलिंग और इमरजेंसी रिस्पॉन्स के लिए 21 वाहनों को सीएम ने किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय परिसर से हंस फाउण्डेशन द्वारा पुलिस विभाग को प्रदान किये गये वाहनों को फ्लैग ऑफ किया। हंस फाउण्डेशन द्वारा ये वाहन उत्तराखण्ड पुलिस को हिल पैट्रोलिंग व इमरजेंसी रिस्पॉन्स हेतु दिये जा रहे हैं। हंस फाउण्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस को 101 वाहन प्रदान किये जा रहे हैं। शुक्रवार को 21 वाहन प्रदान किये गये। इस अवसर पर हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले महाराज, माता मंगला, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड पुलिस के लिए दिये गये इस सहयोग के लिए हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले महाराज एवं माता मंगला का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के तकनीक युग में स्मार्ट पुलिस का होना आवश्यक है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा कोरोना काल में सराहनीय कार्य किया गया। लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा हर संभव प्रयास किये गये। राज्य में स्मार्ट पुलिस हो, सीमित संसाधन होने के बावजूद भी इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा पुलिस व्यवस्थाओं में सुधार के लिए जो सहयोग दिया जा रहा है, यह जन सेवा करने में काफी कारगर साबित होगा। हंस फाउंडेशन द्वारा राज्य को हर क्षेत्र में सहयोग दिया गया है। स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राज्य को हर संभव मदद हंस फाउण्डेशन द्वारा दी गई है। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही खाद्यान की उपलब्धता फाउण्डेशन द्वारा कराई गई।
माता मंगला ने कहा कि आज का दिन उत्तराखण्ड के लिए हर्ष का दिन है। उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। हिल पैट्रोलिंग व इमरजेंसी रिस्पॉन्स हेतु उत्तराखण्ड पुलिस को जो वाहन मिले हैं, इससे जन सेवा के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में आसानी होगी। उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए हंस फाउण्डेशन द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा। आज पुलिस को 21 वाहन मिलने से राज्य के 21 क्षेत्रों के लिए सुरक्षा कवच मिल जायेगा।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हिल पैट्रोलिंग व इमरजेंसी रिस्पॉन्स हेतु पुलिस को उपलब्ध कराये गये वाहनों के लिए हंस फाउण्डेशन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन वाहनों के आने से पुलिस को हिल पैट्रोलिंग व इमरजेंसी रिस्पॉन्स के लिए काफी सुविधा होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्मार्ट पुलिस की जो परिकल्पना की है, इस दिशा में यह एक अच्छा प्रयास है। इससे उत्तराखण्ड पुलिस को जन सेवा के करने में और सुगमता होगी। इस अवसर पर पुलिस विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

बिजली-पानी और भवन कर में वृद्धि के खिलाफ धरना जारी रहा

पानी, बिजली मे अप्रत्याशित वृद्धि व नगर निगम ऋषिकेश द्वारा संपत्ति कर में 50 प्रतिशत की छूट खत्म करने के विरोध में उत्तराखंड जन विकास मंच का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा।
प्रतिदिन के हिसाब से धरने को समर्थन देवभूमि ऑटो रिक्शा एसोसिएशन ऋषिकेश द्वारा दिया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र लांबा व सचिव बेचन गुप्ता ने कहा कि बिजली पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि की जा रही है जो की कोविड-19 महामारी में प्रतिकूल आर्थिक संकट से पीड़ित जनता पर दोहरी मार है।
पूर्व सभासद रवि कुमार जैन व पूर्व सभासद हरीश आनंद ने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश द्वारा संपत्ति कर में जनता पर पड़ने वाले कर के प्रभाव के गुण-दोषों पर अध्ययन करे बगैर स्वनिर्धारित संपत्ति कर प्रणाली लागू करना बहुत ही तानाशाही पूर्ण रवैया है। हम सभी उत्तराखंड जन विकास मंच की मांगों का समर्थन करते है।
मंच के सचिव लेखराज भंडारी ने बताया कि हमारे आंदोलन के क्रम में कल धरना स्थल पर ही जन समस्याओं से संबंधित विभिन्न विभागों का बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया जाएगा।
इस अवसर पर धरने को समर्थन करने वालों में आशुतोष शर्मा, राजेंद्र पाल, जतिन जाटव, सतवीर पाल,, राजेश कुमार, तारकेश्वर, संजय कुमार, दिनेश कुमार, राकेश कलुड़ा, मनोज जाटव, कपूर चंद गुप्ता, बीपी भट्ट, जगदीश, भरत सिंह, गायत्री देवी, योगेश शर्मा, अमन अरोड़ा, राजू राजभर, सुशील पाल, विपिन शर्मा, आशुतोष डंगवाल, राजेश पांडे, प्रभुदयाल शर्मा, संजय शर्मा, राजेश शाह, मुन्ना रावत, कीमत गुप्ता, आशीष नौटियाल, भूपेंद्र सिंह, ओम प्रकाश राणा, घनश्याम झा, राजेश कुमार, रविंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

योग को शिक्षा से जोड़कर रोजगार सृजन करायेगी आप-राजे नेगी

योग की अंर्तराष्ट्रीय राजधानी के रूप में विख्यात तीर्थनगरी ऋषिकेश में ही योग की उपेक्षा किए जाने की जानकारी संज्ञान मे आई है। ऋषिकेश महाविद्यालय यानि श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी में योग को लेकर चिराग तले अंधेरा की कहावत चरितार्थ होते हुए नजर आ रही है। उत्तराखंड में सर्वप्रथम ऋषिकेश के पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सर्वप्रथम योग पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई थी। लेकिन आज हालात यह है कि महज 2 योग कोर्स तक ही गढ़वाल का यह प्रतिष्ठित महाविद्यालय सिमटकर रह गया है। इस संदर्भ में आम आदमी पार्टी ने आवाज उठाई है।
आप के ऋषिकेश विधानसभा प्रभारी राजे सिंह नेगी ने नेपालिफार्म पार्टी कार्यालय से जारी बयान में बताया कि ऋषिकेश महाविद्यालय प्रदेश सरकार की योग के प्रति उदासीनता का शिकार हो रखा है। जबकि ऋषिकेश महाविद्यालय में ही योग पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई थी। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश महाविद्यालय में पीजी डिप्लोमा इन योग तथा एम ए योग का कोर्स ही संचालित हो रहा है वो भी स्ववित्तपोषित रूप में। आपके नेता नेगी के अनुसार एक ओर जहां दिल्ली में केजरीवाल सरकार फ्री योग की क्लासेज जगह जगह शुरू कराकर योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ योग प्रशिक्षुओं को रोजगार के साधन मुहैया करा रही है वहीं दूसरी ओर योग नगरी ऋषिकेश ही देश की प्राचीनतम विधा योग उपेक्षा का दंश झेल रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो योग के उत्थान के लिए दिल्ली सरकार के मॉडल को उत्तराखंड में लागू कराया जाएगा। इस मौके पर दिनेश असवाल, चंद्रमोहन भट्ट, दिनेश कुलियाल, सुनील सेमवाल, विक्रांत भारद्वाज, राहुल थापा, अभिषेक थापा, नीरज कश्यप, कमलेश जखमोला, समीर, प्रभात झा, नरेन सिंह उपस्थित रहे।

धामी सरकार की इन योजनओं से मिल रहा स्वरोजगार और आर्थिक मदद भी

उत्तराखंड में होम स्टे के तहत प्रदेश में दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना, ट्रैकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना चलाई जा रही है। दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत होमस्टे का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। लाभार्थी को 15 लाख रुपये तक पूंजी सहायता और डेढ़ लाख रुपये तक ब्याज सहायता दी गई है। पांच वर्षों के लिए राज्य जीएसटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की व्यवस्था भी सरकार ने की है। सीएम धामी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 3700 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं, जिन्हें 14 करोड़ 53 लाख रुपये पूंजी सहायता वितरित की जा चुकी है। होम स्टे से प्रदेश में आठ हजार से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
सरकार, होम स्टे संचालकों को गांवों में पर्यटन के बुनियादी ढ़ाचे के विकास, निजी वेबसाईट पर होम स्टे विज्ञापित करने, सरकारी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रचार, निशुल्क प्रशिक्षण, ट्रैवल मार्ट में निशुल्क भागीदारी और गुणवत्ता निर्धारण से ग्रेडिंग की सुविधाएं भी दे रही है। सीएम धामी ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों से पलायन रोकने व पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही ट्रैकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना के लिए भी अक्तूबर तक 120 लाभार्थियों को तीन करोड़ 20 लाख का अनुदान दिया जा चुका है।
आपको बता दें कि हाल ही में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए सुशासन सम्मेलन (मुख्यमंत्री परिषद) में उत्तराखंड की होम स्टे योजना छा गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार के लिए इस योजना का प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रभावी प्रस्तुतिकरण दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि किस तरह प्रदेश में स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने, नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के मकसद से होम स्टे पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

मुख्यमंत्री द्वारा घोषित कोविड राहत पैकेज के तहत अब तक जारी हुए 136 करोड़

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन द्वारा गुरूवार को सचिवालय में कोविड राहत पैकेज के तहत मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की विभागवार समीक्षा की गई। उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को अविलम्ब पूर्ण करने के भी निर्देश दिये।
कोविड राहत पैकेज के अन्तर्गत मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की समीक्षा के दौरान पर्यटन विभाग द्वारा बताया गया कि पर्यटन व्यवसाय की विभिन्न गति विधियों से सम्मिलित व्यक्तियों, टूर ऑपरेटर्स वोट संचालकों, आदि कुल 20810 लाभार्थियों को 13.39 करोड़ तथा वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली एवं दीन दयाल होम स्टे योजना के अन्तर्गत 590 लाभार्थियों को व्याज की प्रतिपूर्ति के रूप में 1.33 करोड़ अवमुक्त की गई है। परिवहन विभाग के अन्तर्गत कुल 32486 सार्वजनिक सेवायानों के चालकों, परिचालक, क्लीनर को आर्थिक सहायता के रूप में 6.68 करोड़ की धनराशि संस्कृति विभाग के 1030 सांस्कृतिक दलों को 21 लाख शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत नौकुचियाताल भीमताल, सातताल आदि में पंजीकृत 420 वोट संचालकों को 42 लाख, महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत 2318 लाभार्थियों का 2.79 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है।
समीक्षा के दौरान ग्राम्य विकास विभाग द्वारा बताया गया कि ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 217526 स्वयं सहायता समूहों को ब्याज प्रतिपूर्ति के रूप में 20.58 करोड़, ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 65186 सीएलएफ को एक मुस्त अनुदान के रूप में 7.95 करोड़ तथा 459 ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारियों को रू. 10 हजार की प्रोत्साहन राशि के रूप में 45.90 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है।
इसी प्रकार महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की 33297 आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों, मिनी कार्यकर्तियों एवं सहायिकाओं को एक हजार प्रति कार्मिक की दर से 3.33 करोड़, 33297 आंगनवाड़ी कार्यकर्ती एवं मिनी कार्यकर्ती एवं सहायिकाओं को दो हजार प्रति कार्मिक की दर से 6.66 करोड़ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत 12529 आशा वर्कर आदि को दो हजार प्रतिमाह की दर से 5 माह का 12.53 करोड़, रक्षा बंधन पर 11983 आशा कार्यकर्तियों को एक हजार की दर से 1.20 करोड़, युवा कल्याण विभाग के 1087 युवक मंगल दल, महिला मंगल दलों को 6 माह की आर्थिक सहायता के रूप में 1.55 करोड़ तथा राजस्व विभाग के अधीन 1347 पटवारी लेखपाल, राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार को दस हजार की एक मुस्त प्रोत्साहन राशि के रूप में 1.34 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है।
बैठक में सचिव एस.ए मुरूगेशन, रविनाथ रमन, विनोद कुमार सुमन, एस.एन. पांडे आदि उपस्थित रहे।

हरवंश कपूर ने हमेशा अभिभावक की तरह मार्गदर्शन किया-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरूवार को जीएमएस रोड़ स्थित फार्म हाउस में आयोजित पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक स्व. हरवंश कपूर की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। स्व. हरबंस कपूर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे तो उस समय भी स्व. हरबंस कपूर बहुत सारे कार्यक्रमों में एक कार्यकर्ता की भांति हमारे साथ जाते थे, उन्होंने हमेशा अभिभावक की तरह मेरा भी मार्गदर्शन तो किया ही जीवन के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य बैठाना भी उन्होंने उनसे सीखा। उनका अचानक इस तरह से जाना परिवार के साथ ही समाज, पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कपूर साहब हमेशा हमारे स्मरण में रहेंगे। उनका व्यक्तित्व बड़ा सहज एवं सरल था। वे हमेशा आने वाली पीढ़ियों के स्मरण में भी रहेंगे, और उनके व्यक्तित्व से हमारी आने वाली पीढ़ियां भी प्रेरणा लेगी, हम सब उनके बताये मार्ग पर चलकर कार्य करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके शोकाकुल परिवार जनों, उनके चाहने वालों, पार्टी कार्यकर्ताओं को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से कामना की।

सैनिक पुत्र को मुख्यमंत्री बनाना लोकतंत्र की महानता-मुख्यमंत्री

विजय दिवस पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित सैनिक सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए प्रत्येक पूर्व सैनिक के पास जाकर शॉल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सभी को विजय दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि वीर सैनिकों के सम्मान से देश का स्वाभिमान एवं सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सैनिक कभी भी पूर्व सैनिक नहीं होता वह सदैव वीर सैनिक ही रहता है। उन्होंने सैनिकों के सम्मान की इस परम्परा को आगे भी बनाये रखने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोकतंत्र की महानता तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं दल के नेतृत्व की शुभकामनाओं का प्रतिफल है कि एक सैनिक के बेटे को मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने का अवसर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सैन्य बलों की मजबूती तथा उन्हें आवश्यक सुविधायें एवं साज सामान उपलब्ध कराने, वन रैंक वन पेंशन की सुविधा के साथ ही जवानों को गोली का जवाब तुरंत गोली से देने की छूट देकर सैनिकों को उनका वास्तविक सम्मान एवं श्रेय देने का कार्य किया है। आज हमारी सेना दुश्मन के घर जाकर उनका मुकाबला करती है। हमारी सशक्त एवं मजबूत सेना के कारण दुनिया में हमारे देश का हौसला बुलंद हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सेना को दिये गये सम्मान की परम्परा का प्रतिफल है कि आज सभी सेना का सम्मान करने के लिये मजबूर हैं। आज भारत बदल रहा है। देश का स्वाभिमान बढ़ रहा है। उन्होंने स्वयं को सैनिक का बेटा व भाई बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में अनुशासन सेना से सीखा है। सैनिकों के कल्याण के लिये जो भी जरूरी होगा उसके लिये वे सदैव तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि देहरादून में शीघ्र ही भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने स्व. सी.डी.एस. जनरल विपिन रावत का स्मरण कर उन्हें नमन करते हुए कहा कि वे सैनिकों के कल्याण के हिमायती थे। स्व. विपिन रावत के साथ उन्होंने देहरादून लैंस डाउन, बनबसा एवं रानीखेत में पूर्व सैनिकों के कल्याण से संबंधित कार्यक्रम निर्धारित किया था। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उनसे हुई मुलाकात में भी सैनिकों से जुड़े कार्यक्रमों पर वार्ता हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन है कि 2025 में अपना रजत जयंती वर्ष मनाते समय उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो, इसके लिये हम राज्य के समग्र विकास के प्रति प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में वर्ष 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य पूर्णता की ओर है। बद्रीनाथ के सौन्दर्यीकरण का कार्य भी गतिमान है। प्रधानमंत्री के सफल मार्गदर्शन में देश में हर वो कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है जो पहले मुमकिन नहीं लगते थे। आज काशी विश्वनाथ धाम अपनी दिव्यता का प्रदर्शन कर रहा है। राम मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। कश्मीर से धारा 370 तथा 35 ’ए’ हटा कर देश से दो विधान दो निशान दो संविधान की परिपाटी को समाप्त कर देश का सम्मान बढ़ाया है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है, सैनिकों की भूमि है। देश का हर पांचवा सैनिक उत्तराखण्ड से होता है। भारतीय सेना का सैनिक होना गर्व की बात है। आज देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में सुरक्षित है। नरेन्द्र मोदी की सरकार और पुष्कर सिंह धामी की सरकार हर पल सैनिकों के हितों के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की बङी मांग पूरी की। वे अपने त्यौहार बॉर्डर पर सैनिकों के बीच मनाकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप उत्तराखण्ड में दिव्य और भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। इसमें शहीदों के घरों से पवित्र मिट्टी लाई गई है। यहां म्यूजियम होगा, लाईट व साउंड शो होगा। शहीद जसवंत सिंह और बाबा हरभजन के मंदिर बनेंगे। राज्य सरकार शहीद सैनिक के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित कर रही है। देहरादून में वार मेमोरियल बॉयज एंड गर्ल्स होस्टल बनाया है। हल्द्वानी में भी बनाया जाएगा। वीरता पदक से अलंकृत के लिए राशि में कई गुना वृद्धि की गई है। हमारी सरकार दिल से सेना और सैनिकों का सम्मान करती है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, से.नि. जनरल सब्बरवाल, ब्रिगेडियर के.जी बहल, कर्नल भण्डारी सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी व सैनिक उपस्थित रहे।

सीएम ने 2025 तक उत्तराखंड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की बात कही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री पोत परिवहन और जल मार्ग, आयुष, भारत सरकार सर्वानन्द सोनोवाल ने बृहस्पतिवार को अलकनन्दा घाट, हरिद्वार में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ’’आयुष संवाद’’-उत्तराखण्ड आयुषः संसाधन एवं संभावनायें’’-कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड का चहुमुखी विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने कहा कि जब हम उत्तराखण्ड का 25वां स्थापना दिवस मनायेंगे, उस समय हमारा राज्य उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में हिन्दुस्तान का अग्रणी राज्य होगा, इसके लिये हम कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री पोत परिवहन और जल मार्ग, आयुष, भारत सरकार से उत्तराखण्ड में अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान खोले जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की उत्तराखण्ड राज्य से जो भी अपेक्षायें होंगीं, उन्हें हम पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रत्येक क्षेत्र में देश का नाम विश्व में रोशन किया है। उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अद्भुत कॉरिडोर बना है। अहिल्याबाई होल्कर के बाद प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ के स्वरूप को संवारा है। उन्होंने केदारनाथ धाम व बद्रीनाथ धाम का उल्लेख करते हुये कहा कि केदारनाथ में 400 करोड़ रूपये की योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास हुये है तथा अप्रैल में केदारनाथ में तीसरे चरण के कार्यों की शुरूआत हो जायेगी। इसके अलावा बद्रीनाथ धाम के लिये 250 करोड़ रूपये की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसके लिये टेण्डर की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है।
सर्वानन्द सोनोवाल, केन्द्रीय मंत्री पोत परिवहन और जल मार्ग, आयुष ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये घोषणा की कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 10 बेड का आयुष हॉस्पिटल उत्तराखण्ड में स्थापित किया जायेगा, राज्य के प्रत्येक जिले में एक-एक मोबाइल आयुष यूनिट (आयुष रथ) संचालित किये जायेगे, राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत राज्य में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जायेगी, राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत 50 बेड का यूनानी हॉस्पिटल स्थापित किया जायेगा, 100 आयुष वेलनेस सेंटर स्थापित करने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी, नेशनल मेडिकल प्लांट्स बोर्ड की सहायता से 200 स्कूलों में हर्बल गार्डन की स्थापना की जायेगी, नेशनल मेडिकल प्लांट्स बोर्ड की सहायता से उत्तराखण्ड के तेरह जिलों में तेरह नर्सरियों की स्थापना की जायेगी, मेडिकल प्लांट आदि की अवस्थापना के लिये प्रत्येक वन पंचायत को 15 लाख की सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में मर्म चिकित्सा की व्यवस्था होगी तथा यह देश का प्रमुख केन्द्र बनेगा।
केन्द्रीय आयुष मंत्री ने बताया कि भारत सरकार की ओर से उत्तराखण्ड को आयुष क्षेत्र के विकास के लिये सहायता दी जा रही है तथा उत्तराखण्ड को महत्वपूर्ण प्रदेश के रूप में विकसित करेंगे। प्रधानमंत्री जी दिन-रात कड़ी मेहनत व ईमानदारी से देश की सेवा में लगे हुये हैं, जिससे हमें भी प्रेरणा व मार्गदर्शन मिलता रहता है। उन्होंने अपनी कार्यप्रणाली से हिन्दुस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत की बात करते हैं तथा उन्होंने हर वर्ग को साथ लेकर देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। मुख्यमंत्री धामी का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि वे मेहनत व लगन से उत्तराखण्ड की जनता की सेवा में लगे है तथा उन्होंने अल्प समय में ही उत्तराखण्ड की जनता के दिलों में अपना स्थान बना लिया है।
उत्तराखण्ड के वन, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम, कौशल विकास एवं सेवायोजन, आयुष, आयुष शिक्षा, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड महर्षि चरक ऋषि की धरती है। उत्तराखण्ड योग, आयुर्वेद, मां गंगा की धरती है। प्रधानमंत्री ने योग को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया तथा आयुष मंत्रालय का गठन किया, जिसकी वजह से आज आयुष के क्षेत्र में काफी प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय में लोगों ने आयुष के महत्व को समझा। उन्होंने बताया कि आज 19 आयुर्वेदिक कॉलेज हैं, जिनमें 11 सौ सीटें हैं।
समारोह को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, डी0 सैन्थिल पाण्डियन, संयुक्त सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा, भारत सरकार, प्रो0 सुनील कुमार जोशी, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय ने भी संबोधित किया।
मंच का संचालन डॉ0 नरेश चौधरी, सचिव, रेडक्रॉस ने किया। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने धन्वन्तरि वंदना प्रस्तुत की। इसके अलावा डी0ए0वी0 पब्लिक की छात्राओं एवं देव संस्कृति संस्था ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों आदि को मंत्रमुग्ध कर दिया। अलकनन्दा घाट परिसर में आयुष से सम्बन्धित भव्य स्टॉल लगाये गये थे।

ऑनलाइन माध्यम से बेहतरीन शिक्षकों के लेक्चर छात्रों को उपलब्ध कराने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के जीवन में उच्च शिक्षा का अत्यधिक महत्व है। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कॉलेज तो हैं पर फैकल्टी की कमी है। इसके लिए ऑनलाइन एजुकेशन एक अच्छा विकल्प है।
मुख्य सचिव ने कहा कि देश-विदेश और प्रदेश के बेस्ट टीचर्स के लेक्चर के वीडियोज सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराए जाएं। जिससे छात्र-छात्राओं को सबसे अच्छे अध्यापकों से ज्ञान अर्जन का अवसर मिलेगा। इसके लिए सभी कक्षाओं में टीवी या बड़ी स्क्रीन उपलब्ध करायी जाए। ऐसे क्षेत्रों में जहां नेटवर्क नहीं है, यह पाठ्य सामग्री और वीडियो पेनड्राईव के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। यह हमारे पर्वतीय संस्थानों के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा। इससे हमारे शिक्षकों को भी विषय के बेस्ट लेक्चर सुनने का लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक राजकीय कॉलेज व यूनीवर्सिटी में इन्नोवेटिव क्लब बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवाचार योजना को बढ़ावा दिया जाए, इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस मद में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही, देश के बेस्ट कॉलेज के मॉडल को अपनाकर अपने राज्य में लागू किया जाए। शुरुआत में प्रत्येक जनपद के एक कॉलेज में इसे शुरू की जा सकती है। जिसका अनुपालन अन्य सरकारी और प्राइवेट कॉलेज कर सकेंगे। उन्होंने टीचर्स को भी अपडेट रखने हेतु शॉर्ट टर्म कोर्सेज कराने जाने हेतु व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों को नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ) में अनिवार्य रूप में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रैंकिंग में प्रतिभाग करने के संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार आएगा। उन्होंने कैरियर काउंसिलिंग पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि एक ऐसा पैनल तैयार किया जाए जिसमें अनुभवी लोगों को रखा जाए, जो छात्र-छात्राओं को कैरियर के सम्बन्ध में सुझाव दे सकें।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक जनपद में महिला छात्रावासों को विकसित और सुदृढ़ किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले से उपलब्ध छात्रावासों को सुदृढ़ करके ऐसी व्यवस्था की जाए, जिसमें किसी भी कॉलेज और विश्वविद्यालय की छात्राएं रह सकें। उन्होंने कहा कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में छात्र-छात्राएं कॉलेज दूर होने या किराया अधिक होने के कारण कॉलेज नहीं जा पाते हैं। हमारे प्रदेश का युवा उच्च शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। स्थानीय प्रशासन अथवा विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को स्थानीय परिवहन सुविधा में छूट उपलब्ध कराए जाने हेतु विभाग द्वारा शीघ्र प्रस्ताव तैयार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं रजिस्ट्रार उपस्थित रहे।