यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग ने किया अनुबंध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग, निजी निर्माण कंपनी एस.आर.एम. इंजीनियरिंग एवं एफआईएल इंडस्ट्री प्रा. लि. के बीच अनुबंध किया गया। ले. कमान्डर दीपक खण्डूरी (से.नि.) निदेशक अवस्थापना एवं अविरल जैन ने एमओयू हस्ताक्षरित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने के बाद यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन स्थल खरसाली से जुड़ जायेगा। इस रोपवे परियोजना के बनने के बाद श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के दर्शन करने में सुगमता होगी। अभी पैदल मार्ग से यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 2 से 3 घण्टे का समय लग जाता है, रोपवे बन जाने के बाद मात्र 15 से 20 मिनट में श्रद्धालु यमुनोत्री के दर्शन के लिए पहुंच जायेंगे एवं प्रदूषण मुक्त प्राकृतिक सौन्दर्य का लाभ उठा पायेंगे। इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं को तो सुविधा मिलेगी ही साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनने वाला यह रोपवे मॉ यमुना के ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन धामों को एक साथ जोड़ने एवं उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं में एक और नये अध्याय का कार्य करेगा। परियोजना का क्रियान्वयन तय सीमा में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही श्रद्धालुओं को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी।
यमुनोत्री धाम के लिए बनने वाला 3.38 किमी लंबाई का यह रोपवे मोनोकेबल डिटैच्चेबल प्रकार का होगा। जिसका निर्माण यूरोपीय मानकों के अनुसार फ्रांस और स्विटजरलैंण्ड की तर्ज पर किया जायेगा। इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 लोगों को ले जाने की होगी। रोपवे के एक कोच की क्षमता आठ लोगों को ले जाने की होगी। यह रोपवे पर्यटन विभाग द्वारा पीपीपी मोड पर निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। यमुनोत्री को रोपवे से जोड़ने के साथ ही पार्किंग, आवासीय व्यवस्था, रेस्टोरेंट के निर्माण भी प्रस्तावित हैं। लगभग 166.82 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1.787 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा, जबकि अपर टर्मिनल 0.99 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्वनि पुण्डीर (से.नि.), अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद, साहसिक खेल अधिकारी सीमा नौटियाल उपस्थित रहे।

स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण भी मिले-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की 20वीं बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण भी मिल सके इसके लिए योजना का सोशल ऑडिट के साथ ही स्थानीय लोगों से फीडबैक लेना भी आवश्यक है। उन्होंने विद्यालयों हेतु गठित निरीक्षण समितियों द्वारा अनुश्रवण सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने स्कूलों के किचन और खाने के बर्तन-थालियों आदि आवश्यक वस्तुओं के लिए कॉर्पस फंड भी बनाए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री पोषण में मिलेट्स को शामिल करते हुए झंगोरे की खीर को मिड डे मील में शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में किचन एवं स्टोर आदि की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। कहा कि जो भवन अधिक क्षतिग्रस्त हैं, उनका प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत श्रीनगर, जनपद पौड़ी गढ़वाल में अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा केंद्रीयकृत किचन के निर्माण को स्वीकृति दी गई।
इस अवसर पर विधायक सहदेव पुंडीर, सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सर्किल रेट बढ़ने से भूमि स्वामियों को फायदा मिलेगा-सुबोध उनियाल

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जमीनों के सर्किल रेट मे संशोधन को जन हित मे उचित बताते हुए कहा कि कोविड के बाद हुई वृद्धि से न केवल राजस्व वृद्धि होगी, बल्कि इससे विकास कार्याे को गति मिलेगी और काश्तकारों को भी भूमि का उचित मुआवजा मिलेगा। साथ ही क्रेता को वित्तीय संस्थानों और बैंको से तदनुरूप वित्त पोषण हो सकेगा।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सर्किल रेट संशोधन मे सभी पहलुओं का पूरा होमवर्क किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में कोविड महामारी के चलते सर्किल दरों को पुनरीक्षित नहीं किया गया। वर्ष 2022 में विकासात्मक गतिविधियां तीव्र होने के पश्चात् सम्पत्तियों के क्रय-विक्रय में वृद्धि होने के साथ-साथ उनके सम्पत्ति के मूल्य में वृद्धि हुई। सर्किल दरों को पुनरीक्षित करने में अनौपचारिक बाजारी सर्वे जैसे कि तहसीलदार, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी आदि की रिपोर्ट, रियल स्टेट पोर्टल पर प्रख्यापित दरें, अधिक मूल्य पर पंजीकृत विलेखों के औसत के आधार पर प्राप्त दर, तहसील जनपद स्तर पर व्यावसायिक गतिविधियों, अंर्तजनपदीय सीमाओं पर स्थित समतुल्य विकासात्मक दशाओं तथा नई टाउनशिप प्रोजेक्ट, प्रस्तावित राजमार्ग,/बाईपास आदि तथ्यों के अतिरिक्त जीआईएस मैपिंग आधारित अध्ययन का भी विश्लेषण किया गया। राज्य में कुल 49000 (86 प्रतिशत) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 50 प्रतिशत से कम है. 5200 ( 9 प्रतिशत) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 51-100 प्रतिशत के मध्य है तथा शेष 2832 (5 प्रतिशत) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 100 प्रतिशत से अधिक है।
राज्य में 22912 कृषि क्षेत्रों के अंतर्गत 87 प्रतिशत क्षेत्रों में दरों की वृद्धि 50 प्रतिशत से कम है और इन क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 32.47 प्रतिशत है। अकृषि क्षेत्र राज्य में 34082 अकृषि क्षेत्रों में से 85 प्रतिशत क्षेत्रों में दरों की वृद्धि 50 प्रतिशत कम है और इन क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 34.83 प्रतिशत है। राज्य में उक्त वृद्धि 03 वर्ष के अंतराल पर की गई है। राजस्व को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एवं भूमि की बाजारी मूल्य में औसत वार्षिक वृद्धि को न्यूनतम 10 प्रतिशत की दर से लेते हुए सम्पूर्ण प्रदेश के 85 प्रतिशत क्षेत्रों में वृद्धि अधिकतम 10 प्रतिशत प्रति वर्ष तक है तथा औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की दर 7 प्रतिशत प्रति वर्ष को सम्मिलित करते हुए 17 प्रतिशत प्रति वर्ष है। पर्वतीय जनपदों के कृषि एवं अकृषि क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 5 प्रतिशत प्रति वर्ष से कम है. जो कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से भी कम है। उल्लेखनीय है कि सर्किल दरों में विसंगति दूर करने के लिए 48 पर्वतीय क्षेत्रों में 40 प्रतिशत तक की कमी की गई है एवं सम्पूर्ण प्रदेश में 658 यूनिट ईकाईयों में कोई वृद्धि प्रस्तावित नहीं की गई है।
जनपद अल्मोड़ा के गरकोट, लोहेडा रीठा, कुनियाल गाव आदि कुल 47 क्षेत्रों के सर्कल रेट में 46 प्रतिशत तक की कमी की गयी है अर्थात 49 लाख से घटाकर 25 लाख प्रति हेक्टर की गयी है। जनपद देहरादून के विकासनगर के भलैर, पपडियान बावनधार, मदर्स एवं मटोगी आदि क्षेत्रों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। जनपद नैनीताल के डोली गांव जसपुरिया लाईन कसेरा लाईन खन्सय काला आगर आदि 33 क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से कम वृद्धि की गयी है। जनपद हरिद्वार के रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मार्ग पर सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। हरिद्वार के अब्दुल हसनपुर अलमासपुर की दर 1300 से 1350 प्रति वर्ग मी० सलेमपुर बवाल 3350 से 3500 प्रति वर्ग मी० तानपुरा में 18000 से 10000 प्रति वर्ग भगवानपुर बजार मे खुर्द अलमासपुर इत्यादि 13 वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है।
जनपद चमोली में बी एवं अन्य 626 क्षेत्र में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है। जनपद मे दानकोट कोटबासी धारको नरकोट जरी कोठीपाडा आदि कुल 200 क्षेत्री मे वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है। जनपद के जनपद देहरादून के विकास नगर में इटावा आडिया डोईवाल जनपद हरिद्वार में एईएस रोड एवं जनपद नैनीताल के माल रोड के किनारे) क्षेत्रा में 50-100 प्रतिशत तक वृद्धि की गयी है। जनपद देहरादून के गुनियाल गांद जनपद हरिद्वार के बहादराबाद जनपद उपमहनगर के किच्छा में एम्स/पराग फॉम इण्डस्ट्रीयल पार्क एवं जनपद नैनीताल के सत्बुमा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की गयी है। इन क्षेत्रों में विकास गतिविधियां जैसे कि नई टाउन शिप, प्रस्तावित नेशनल हाइवे रिंग रोड रेल परियोजनाएं एवं औद्योगिक विकास आदि के भी होने एवं औपचारिक बाजारी एवं रियल स्टेट पोर्टल पर उच्च दरें उपनिबंधक कार्यालयों में राज्य मूल्य पर लेख पत्र पंजीकृत होने के दृष्टिगत सर्किल दरी का पुनरीक्षण किया गया है।
सुबोध उनियाल ने कहा की सर्किल दरों के पुनरीक्षण से राजस्व वृद्धि के अतिरिक्त काश्तकारों की मुआवजा राशि में वृद्धि होगी और भू स्वामी को उचित दाम प्राप्त होगा। गृह स्वामी/व्यवसायियों एवं निवेशकों को वित्तीय संस्थाओं से समुचित वित्त की प्राप्ति होगी, जिससे विकास को गति मिलेगी एवं सर्किल दरों और प्रचलित वास्तविक बाजार दरों में अंतर को कम करने से रियल स्टेट में काले धन के प्रवाह को रोकने में सहायता प्राप्त होगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मिलेगा पर्वतीय जनपदों को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ-राजेश कुमार

प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के लोगों को शीघ्र मिलेगा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘यू कोट, वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के हुए साझात्कार में उत्साह को देखते हुए कही।
डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में प्रायरू देखा गया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएँ हैं पर प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। शीघ्र ही इन रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो जाएगी, जिससे आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में मिल सकेगी ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ अपने ही क्षेत्र में मिल सके।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया की प्रथम चरण में 47 स्पेशलिस्ट डॉक्टर जिसमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिशन, ऑर्थोपेडिक, आदि ने साझात्कार में प्रतिभाग किया गया है। शीघ्र ही ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल का दूसरा चरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया चयनित डॉक्टरों की सूची तैयार कर जल्द नियुक्ति दी जाएगी जिससे की आमजन को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

प्लास्टिक को ना कहने की आदत ही पर्यावरण को बचाएगी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आईटी पार्क देहरादून स्थित गौरा देवी पर्यावरण भवन में उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट कार्यशाला को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की पहली वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, काशीपुर ईकाई का वर्चुअल एवं प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित लघु फिल्म का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस कार्यशाला में प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली चुनौतियों के निस्तारण के सबंध में की जाने वाली चर्चा निश्चित रूप से राज्य में पर्यावरण के मानक व स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि आज हमारे घरों, उद्योगों, होटलों, रेस्टोरेंट, प्रतिष्ठानों से निकलने वाला प्लास्टिक वेस्ट हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें आधुनिक तकनीक से प्लास्टिक कचरे के रिसाइक्लिंग तकनीक को विकसित करने की दिशा में जागरूक और संवेदनशील बनने की आवश्यकता है। सिंगल यूज प्लास्टिक को हमारे जीवन की उपयोगिता से बाहर करने की दिशा में हम सबको सामूहिक रूप से अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्लास्टिक उत्पादन से संबंधित उद्योगध्इकाई द्वारा ई.पी.आर रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में उत्तर भारत में उत्तराखण्ड वर्तमान में अग्रणी है, जो निश्चित रूप से एक गौरव का विषय है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला में किया जाने वाला मन्थन निश्चित रूप से हमारे उद्यमियों और आम जनता को अपने प्रतिष्ठान, घर, शहर और गांव के साथ ही पूरे राज्य को स्वच्छ बनाने में सहयोग करेगा। अब समय आ गया है कि हमें उत्तराखण्ड में वेस्ट टू वैल्थ और वेस्ट टू एनर्जी की दिशा में काम करने की ओर अग्रसर होना होगा। अब सर्कुलर इकोनॉमी का कॉन्सेप्ट आ चुका है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में कारगर साबित होगा। कचरे को सिर्फ कचरा न समझ कर एक संसाधन के तौर पर देखने की आवश्यकता है। इससे आम लोगों को आजीविका के साथ-साथ रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। आज देश में कई स्टार्टअप इस दिशा में नई तकनीक व उत्पाद के साथ सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान, शौचालय निर्माण, नमामि गंगे अभियान जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत करके सम्पूर्ण विश्व को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा तथा अन्य स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से प्लास्टिक हटाओ अभियान में तेजी आयी है। प्लास्टिक व अन्य प्रकार के वेस्ट मैनेजमेंट हेतु रिड्यूस, रियूज और रीसाइकिल के सिद्धान्त को अपनाते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा नीति, गाईडलाईन्स व एसओपी बनाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में शुरू किया गया मिशन लाईफ हर व्यक्ति के जीवन से जुड़ा विषय है। यदि हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करे तो आज पर्यावरण प्रदूषण की जो बड़ी चुनौती हमारे सामने खड़ी है, उससे निपटा जा सकता है और धरती को एक बड़े खतरे से बचाया जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित जीवनशैली व दिनचर्या को अपनाते हुए हम पूरे विश्व को यह सन्देश दे सकते हैं कि हमारे प्रदेश व देश के नागरिक पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग व प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आर.के सुधांशु, निदेशक पर्यावरण एस. पी सुबुद्धि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक, संयुक्त निदेशक पर्यावरण नितेश मणि, वर्चुअल माध्यम से विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर युगल किशोर पंत एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

मिश्र परिवार ने कराई ऐतिहासिक रही दंगल प्रतियोगिता

ऋषिकेश नगर निगम के प्रांगण में स्वर्गीय कमल नारायण मिश्र और स्वर्गीय शिव मोहन मिश्र की स्मृति में दंगल प्रतियोगिता आयोजित की गई। दंगल में विभिन्न प्रदेशों से आए पुरुष पहलवानों और रुड़की से आई महिला पहलवानों ने अपने दांव दिखाए।
लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन के सहयोग से आयोजित दंगल में देश के विभिन्न शहरों से आए नामी-गिरामी पहलवानों ने अपने जबरदस्त दांव पेच से दर्शकों की जहां खूब तालियां बटोरी। वहीं कुछ हैरतअंगेज अदाओं से लोगों को दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर भी कर दिया।
दर्शकों की खचाखच भीड़ के बीच दंगल का शुभारंभ भारत माता मंदिर के महामंडलेश्वर महाराज ललितानंद गिरी ने किया। दंगल में कुल 32 कुश्तियां आयोजित हुई जिसमें सबसे बड़ी इनामी कुश्ती ₹11000 की मेरठ के उमेश पहलवान और दिल्ली के जसविंदर पहलवान के बीच हुई लेकिन तमाम जोर आजमाइश के बावजूद बराबरी का मुकाबला रहा जिसके चलते दोनों पहलवानों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।
दोनों पहलवानों को दंगल के आयोजक ललित मोहन मिश्र और लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन के अध्यक्ष रजत भोला ने ट्रॉफी एवं इनामी राशि प्रदान की।
लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन के संस्थापक ललित मोहन मिश्र ने दंगल की अभूतपूर्व सफलता पर नगर वासियों का आभार जताया। ऋषिकेश का यह दंगल ऐतिहासिक रूप से सफल रहा। दिल्ली मेरठ बिजनौर मध्य प्रदेश और अयोध्या, मध्यप्रदेश व उत्तराखंड के पहलवानों ने ऋषिकेश में अपना हुनर दिखाया। रेफरी जयप्रकाश ठेकेदार, राम प्रसाद भारद्वाज और श्याम बहादुर ने संयुक्तरुप से किया।
दंगल के दौरान लायंस क्लब डिवाइन के अध्यक्ष रजत भोला एवं उनकी पूरी टीम पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, पूर्व पार्षद रवि जैन, समाजसेवी अजय गर्ग, घनश्याम, नगर निगम पार्षद मनीष शर्मा, राकेश मियां, राजेंद्र सिंह बिष्ट, नरेंद्र मैनी, राजेश अग्रवाल, हरदेव पनेसर, विनय उनियाल, दीप सुनेजा, संदीप खुराना, जोगेंद्र कुमार, अभिषेक शर्मा, सुनील तिवारी, नागेंद्र सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कैबिनेट में लाया जायेगा परिषदीय परीक्षा अंक सुधार का प्रस्ताव

सूबे में समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा, जिसके लिये नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी का चयन करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को एक विषय में अंक सुधार का मौका दिये जाने संबंधी प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जायेगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव एवं वित्त सचिव सहित विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त चल रहे बीआरपी-सीआरपी के करीब 955 पदों को शीघ्र ही आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से भरा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी के चयन एवं बीआरपी-सीआरपी के रिक्त पदों को भरने हेतु शैक्षिक अर्हताएं तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री ने बताया कि गत वर्षों में विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में काफी छात्र-छात्राएं एक विषय में कम अंक आने के कारण उत्तीर्ण नहीं हो पाये जबकि अन्य विषयों में उनके द्वारा अच्छे अंक प्राप्त किये गये। जिसे देखते हुये राज्य सरकार ने 10वीं एवं 12वीं की परिषदीय परीक्षाओं में एक विषय में अनुत्तीर्ण छात्रों के लिये अंक सुधार की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। जिसका प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जायेगा। बैठक में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत अध्ययनरत मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना से अच्छादित करने का निर्णय लिया गया, जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये गये।
शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में 31 मार्च से पहले विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना कर दी जायेगी इसके लिये कार्यदायी संस्था टीसीआईएल के अधिकारियों को नियत समय में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य के जिन विद्यालयों में छात्र संख्या 250 से अधिक है उनमें हाईब्रिड मोड में वर्चुअल एवं आईसीटी लैब की स्थापना की जायेगी जबकि शेष विद्यालयों में आईसीटी लैब ही स्थापित की जायेगी। शासन स्तर पर लम्बित एससीईआरटी के अंतर्गत शिक्षक-शिक्षा संवर्ग के ढांचे पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, वित्त सचिव दिलीप जावलकर, सचिव राज्यपाल एवं विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, अपर निदेशक एवं प्रभारी निदेशक बेसिक शिक्षा आर.के. उनियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

विद्युत दरों के संबंध में जनसुनवाई की तिथियां जारी

प्रस्तावित विद्युत दरों के सम्बन्ध में विद्युत नियामक आयोग द्वारा जनसुनवाई आयोजित की जा रही है। आयोग के समक्ष उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लि., पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि०, यूजेवीएन लि० तथा एस०एल०डी०सी० द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए दायर ए०आर०आर० एवं टैरिफ प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सहीकरण तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक निष्पादन समीक्षा पर उपभोक्ताओं व अन्य सम्बन्धित संस्थाओं, व्यक्तियों से सुझावों/मतों को जानने हेतु उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा जन सुनवाई आयोजित की जा रही है।
सचिव विद्युत नियामक आयोग के अनुसार प्रदेश में जन सुनवाई के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 22 फरवरी, 2023 को प्रातः 10ः30 बजे से 01 बजे तक सभागार, नगर निगम, रूद्रपुर (उधम सिंह नगर), 24 फरवरी को प्रातः 10ः30 बजे से 12ः30 बजे तक सभागार, जिला पंचायत कार्यालय पिथौरागढ़, दिनांक 27 फरवरी को प्रातः 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक सभागार नगर पालिका परिसर श्रीनगर गढ़वाल तथा 01 मार्च में प्रातः 10ः30 बजे से 01 बजे तक (उद्योग/अघरेलू श्रेणी उपभोक्ता) एवं अपरान्ह 03 बजे से सांय 5 बजे तक (उघोग/अघरेलू श्रेणी को छोडकर अन्य शेष सभी श्रेणी के उपभोक्ता) देहरादून स्थित सुनवाई कक्ष उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग, विघुत नियामक भवन, माजरा देहरादून में आयोजित की गई है।
सचिव विद्युत नियामक आयोग ने बताया है कि टैरिफ दरों के प्रस्ताव के सम्बन्ध में यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था अपना मत आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं तो वे जन सुनवाई में प्रतिभाग कर सकते हैं। टैरिफ याचिका प्रस्तावों का अवलोकन आयोग की वैबसाइट www.uerc.gov.in पर किया जा सकता है।

अनिल जोशी को फिर से सचिवालय क्रिकेट क्लब की कमान

शुक्रवार को सचिवालय क्रिकेट क्लब की आम सभा सचिवालय स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि फिट इंडिया मूमेन्ट के अन्तर्गत सचिवालय में खिलाड़ियों को खेल के प्रति प्रोत्साहन किया जायेगा, शीघ्र ही नये प्रारूप में सचिवालय कार्मिकों के मध्य क्रिकेट टुर्नामेन्ट का सक्रियता से आयोजन किया जायेगा।
बैठक में चन्दन सिंह विष्ट पूर्व कोषाध्यक्ष द्वारा आय-व्ययक का लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। अनिल जोशी, अध्यक्ष, सचिवालय क्रिकेट क्लब द्वारा क्लब की गतिविधियों से सदन को अवगत कराया गया, साथ ही गठित कार्यकारिणी का कार्यकाल पूर्ण होने पर वर्तमान कार्यकारणी को भंग करते हुए आम सदस्यों से नई कार्यकारणी गठित करने का अनुरोध किया गया।
पन्ना लाल शुक्ला अध्यक्ष सचिवालय बैडबिन्टन क्लब, डी०एम०एम०सी० के देख रेख में क्लब के चुनाव सम्पन्न हुये, जिसमें सर्वसम्मति से 3 वर्षो के लिए सचिवालय क्रिकेट क्लब की कार्यकारणी निर्विरोध निर्वाचित हुई जिसमें अनिल जोशी को निर्विरोध अध्यक्ष तथा टी०एच० खान को उपाध्यक्ष, राजेन्द्र रतूडी को सचिव, रवि रंसवाल को संयुक्त सचिव तथा अतुल परमार को कोषाध्यक्ष निर्वाचित किया गया।
चुनाव अधिकारी पन्ना लाल शुक्ला के द्वारा आम सदस्यों से सदन में ध्वनिमत प्रस्ताव के आधार पर अन्य कार्यकारिणी सदस्यों को नामित किये जाने हेतु अध्यक्ष एवं नई कार्यकारिणी को अधिकृत किया गया।
इस अवसर पर राकेश जोशी, अध्यक्ष डी०सी०डी०यू०, पूर्व उपाध्यक्ष राकेश महर, पूर्व सचिव हरीश सैनी, पूर्व कोषाध्यक्ष चन्दन सिंह विष्ट, संयुक्त सचिव अमित तोमर, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य, मनोज भट्ट आदि उपस्थित रहे।

सभी समस्याओं का हल निकालने का हो रहा प्रयास-राधा रतूड़ी

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में मीडिया को जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा आन्दोलनरत अभ्यर्थियों द्वारा उठाये गये सभी मुद्दों को गम्भीरता से लेते हुए स्वस्थ एवं सौहार्दपूर्ण संवाद से उनकी सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार अभ्यर्थियों के हितों के लिए सदैव आगे बढ़ कर बातचीत करने एवं समाधान निकालने हेतु तत्पर है। राज्य के युवाओं की सबसे बड़ी मांग थी की नकल विरोधी कानून को सख्त बनाया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं की मांग को गम्भीरता से लेते हुए अत्यन्त अल्पावधि में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून उत्तराखण्ड में लागू किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून केवल राज्य सरकार द्वारा सरकारी भर्ती के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू होगा। स्कूलों और डिग्री कॉलेज की परीक्षाओं में यह लागू नहीं होगा। केंद्र सरकार की राज्य में आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं पर यह कानून लागू नहीं होगा। एसीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि युवाओं द्वारा यूकेएसएसएससी एवं लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पाई गई अनियमितताओं के सम्बन्ध में चल रही एसआईटी एवं एसटीएफ की जांच का पर्यवेक्षण उच्च न्यायालय के न्यायधीश से करवाने की मांग की गई थी। इस पर राज्य सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। युवाओं की अपील पर लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को भी हटा दिया गया है। इस पद पर अन्य अधिकारी की तैनाती कर दी गई है। इस प्रकार से जो भी मुद्दे आन्दोलनरत अभ्यर्थियों ने सरकार एवं अधिकारियों के समक्ष रखे थे, उन सभी का निराकरण कर दिया गया है। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा बनाया गया नकल विरोधी कानून देश का सबसे सख्त कानून है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि युवाओं के हितों से खिलवाड़ करने वाले या अनुचित तरीके इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही छात्रों को दिग्भर्मित करने, बरगलाने तथा भ्रामक खबरों के प्रचार-प्रसार करने वालों के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि गत 12 फरवरी को आयोजित की गई राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी ध्लेखपाल) की परीक्षा राज्य के 13 जनपदों के 498 परीक्षा केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता एवं शान्तिपूर्ण तरीके से आयोजित की गई।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, एडीजी (लॉ एण्ड ऑर्डर) वी. मुरूगेशन व अपर सचिव जगदीश प्रसाद काण्डपाल मौजूद रहे।

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