साइकिल यात्रा का हुआ आयोजन, दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

ऋषिकेश साइकिल क्लब ने साइकिल यात्रा का आयोजन किया। इसके तहत क्लब सदस्य ऋषिकेश, बैराज, कौड़िया गांव होते हुए 35 किमी दूर पर्वतीय क्षेत्र किमसार पहुंचे। क्लब सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि क्लब का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण व सेहत को लेकर जागरूक करना है। वर्तमान में क्लब में 21 रेड राइडर्स हैं। क्लब सदस्य एम्स के नेत्र चिकित्सक डा. नीति गुप्ता ने कहा कि पिछले साल के कोरोना काल से बहुत से लोगों ने साइक्लिंग शुरू की। यह पर्यावरण संरक्षण के साथ ही स्वयं को फिट रखने का बेहतर तरीका है।

किमसार में साइकिल से पहुँचने वाले रेड राइडर्स जितेन्द्र बिष्ट, पंकज अरोड़ा, विपिन शर्मा, मनोज रावत, नरेन्द्र कुकरेजा, विपिन बबलू, देवेन्द्र राजपूत, विक्रम शेडगे, राजेश सूद, हरीश दरगन, दिग्विजय तोमर व मनीष मिश्रा टीम में शामिल थे।

बीआरओ द्वारा पुलों के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम तीरथ

मुख्यमंत्री तीरथ सिह रावत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लेह से देश मे बीआरओ द्वारा दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में बनाये गये पुलों (ब्रिजों) का लोकार्पण कार्यक्रम में वचुर्वल प्रतिभाग किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह से बीआरओ द्वारा देश मे बनाये गये 63 पुलों एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सडकों का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किये। जिसमें उत्तराखण्ड में 1928.74 लाख की लागत से कुल 06 पुलों का लोकार्पण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सम्बोधित करते हुये कहा कि देश के दुर्गम क्षेत्रों में पुल, सडक निर्माण कर कनेक्टीविटी देना सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने बीआरओ को दुर्गम क्षेत्रों मे पुल, सडक निर्माण करने पर बधाई दी व कार्यो की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि पुल व सडकें देश के विकास की गति बढाते हैं तथा सडकें विकास, पर्यटन के साथ ही देश रक्षा की दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि हम समृद्व-सशक्त देश निर्माण मे तेजी से आगे बढ रहे है।

लोकार्पण कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रामनगर से वचुर्वल प्रतिभाग किया। उन्होने कहा कि प्रदेश मे 06 पुलों का लोकार्पण किया गया है। उत्तराखण्ड में जोशीमठ -मलार रोड पर रानी पुल लागत 348.12 लाख, ऋषिकेश- धरासू सडक पर खादी पुल लागत 513.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी रोड पर कुरकुटिया ब्रिज लागत 142.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी सडक पर जुनालीगढ ब्रिज लागत 649.62 लाख, तवाघाट-घाटियाबागढ सडक पर जुंटीगढ ब्रिज लागत 156.00 लाख तथा मुनस्यारी- बगडियार-मिलन सडक पर लास्पा पुल लागत 120.00 लाख के पुलों का लोकापर्ण किया।

उन्होने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों मे पुल सडक निर्माण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। बीआरओ ने दुर्गम क्षेत्रों मे दिन-रात ठंड व बर्फबारी मे भी लगातार काम कर पुलों का निर्माण किया यह बहुत ही सराहनीय व साहसिक कार्य है। उन्होने कहा इन पुलों के निर्माण से क्षेत्रीय जनता के साथ ही सैन्य गतिविधियों के लिये बहुत सुविधा मिलेगी।

वर्चुवल लोकार्पण मे सांसद अजय टम्टा ने भी प्रतिभाग किया।

यात्रा और परिवहन व्यवसाय को लेकर महासंघ और परिवहन प्राधिकरण के बीच हुई वार्ता

उत्तराखंड परिवहन महासंघ के प्रतिनिधिमंडल एवं राज्य परिवहन प्राधिकरण के अधिकारियों के मध्य चार धाम यात्रा एवं परिवहन व्यवसाय की विभिन्न समस्याओं को लेकर परिवहन आयुक्त कार्यालय देहरादून में एक विस्तृत वार्ता हुई।

महासंघ अध्यक्ष सुधीर राय ने विभागीय अधिकारियों को परिवहन व्यवसाय की विभिन्न समस्या से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के कारण परिवहन व्यवसाय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है ऐसे में परिवहन विभाग एवं सरकार को चाहिए कि शीघ्र अति शीघ्र वाहन स्वामी की समस्याओं को निस्तारित करें उन्होंने बताया कि 2 साल से वाहन का संचालन बिल्कुल नहीं हो पाया है। इसलिए सरकार द्वारा वाहनों की आयु सीमा में 2 वर्ष की वृद्धि एवं 2 वर्ष का टैक्स माफ सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए एवं वाहनों के समर्पण की पुरानी नीति शीघ्र अति शीघ्र लागू करी जानी चाहिए। महासंघ प्रतिनिधियों द्वारा परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चैधरी को वाहनों की आयु सीमा में 2 वर्ष की वृद्धि के संबंध में प्रत्यावेदन भी दिया गया।

बैठक में परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चैधरी, उपायुक्त एसके सिंह, सहायक परिवहन आयुक्त सुधांशु गर्ग एवं सहायक परिवहन आयुक्त अनीता चमोला उपस्थित थे। महासंघ के प्रतिनिधिमंडल में नवीन रमोला उपाध्यक्ष यातायात पर्यटन सहकारी संघ, मदन कोठारी, प्रभारी संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति, मोहित नेगी, महंत विनय सारस्वत, बलवीर सिंह रौतेला, मेघ सिंह चैहान, योगेश उनियाल, भगवान सिंह राणा आदि उपस्थित थे।

मिशन 2022ः चंद्रेश्वर नगर में एआईसीसी सदस्य ने तैयार की युवाओं की टीम


अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य जयेन्द्र रमोला ने बूथ स्तर पर कांग्रेस की मजबूती को लेकर नगर निगम क्षेत्र के चंद्रेश्वर नगर के युवाओं के साथ बैठक कर युवाओं को आगामी विधानसभा चुनाव 2022 पर परिचर्चा कर युवाओं से सुझाव सांझा किये।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि देश व प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, महँगाई व भ्रष्टाचार से आज का युवा आजिज आ चुका है, युवाओं को आज अहसास हो गया है कि झूठ बोलने वाली भाजपा की सरकार युवा विरोधी सरकार है इस सरकार में युवाओं के लिये कोई रोड मैप नहीं है बस यह सरकार आम आदमी को लूटने का काम कर रही है इसलिये आज सभी युवाओं को एक साथ एकजुट होकर कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़ा होना होगा और ये जो भाजपा की निकम्मी सरकार है इसे जड़ से उखाड़ फेंकने का काम युवाओं को करना होगा।

रमोला ने बताया कि हमने युवाओं से सुझाव लिये व उनके सुझावों को बड़ी गंभीरता से सुना व युवाओं से एक सुझाव ऋषिकेश पी०जी० कॉलेज पर आया जिसमें विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि कॉलेज को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का मुख्य कैंपस बनाया गया है परन्तु ऐसा नहीं हुआ जिससे छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है ।

युवा नेता सत्या राजभर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 में युवाओं की भूमिका अहम रहेगी क्षेत्र की जनता को भाजपा की रोजगार विरोधी व कमीशन खोर सरकार के बारे मे जनता को रूबरू करना अति आवयक है भाजपा की ये सरकार सिर्फ घोषणा करना जानती है नाकि उसको अमल करती है इसीलिय आज प्रति वर्ष दो करोड़ का रोजगार देने वाली सरकार ने करोड़ों के राजगीर छीन लिये हैं। बैठक के उपरांत सभी युवाओं ने आगामी २०२२ के चुनाव में कांग्रेस को मजबूत करने का संकल्प लिया ।

मौके पर जिला महासचिव युवा कांग्रेस यश अरोड़ा, एनएसयूआई महानगर सचिव सागर कोयल, रोशन राजभर, विशाल जायसवाल, अभिषेक गुप्ता, अभिषेक राम, राहुल राजपूत, वसीम, अर्जुन राजभर, भीम कुमार, राहुल भोखंडी, लकी धीमान, अनिल कुमार, सूरज राजभर, अमन गुप्ता, मनीष गुप्ता, जाकिर अहमद, सुधाकर, सूरज गुप्ता, सूरज कुमार आदि उपस्थित रहे।

नगर के उत्कृष्ट समाजसेवियों का हुआ सम्मान


कांग्रेस जनसहायता केंद्र में कांग्रेस सेवा दल द्वारा राष्ट्रीय ध्वज वंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया। पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला व कांग्रेस प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में ध्वज वंदना की गई। उसके पश्चात समाज सेवा में बेहतर कार्यों के लिए एलआईसी के विकास अधिकारी राजेन्द्र जोशी, गोकुल रमोला व सेवा दल के नीरज त्यागी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। पूर्व काबीना मंत्री शूरवीर सजवाण ने कहा कि पूरा देश महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के दलदल में फंस चुका है। केंद्र व प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट होना होगा।

एआईसीसी सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि सेवा दल एक अनुशासित दल है। सेवादल कांग्रेस संगठन का अभिन्न अंग है। मौके पर सेवादल प्रदेश महामंत्री नीरज त्यागी, कांग्रेस सैनिक विभाग के प्रदेश महासचिव गजेंद्र विक्रम शाही, सत्येन्द्र पंवार, लक्ष्मण सिंह, रवीन्द्र राणा, पंकज रावत, राजेंद्र जोशी, रामकुमार भतालिये, देव पोखरियाल, रुकुम पोखरियाल, विनोद चैहान, लविश जायसवाल, रोशनी देवी, सीमा देवी, ओमप्रकाश, नीरज कंडवाल, आर्यन गिरी, शंकर सिंह, शेर सिंह सक्सेना, राममूर्ति, किशन आर्य, हर्ष शर्मा, मुन्ना असवाल, देवेंद्र सिंह, आदित्य पंवार, सरोजनी थपलियाल, प्रतिभा देवी, ऋषि कुमार, बाबूराम दरवाना, पंकज रावत आदि उपस्थित रहे।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंक किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन


कांग्रेस भवन के समक्ष कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंककर सरकार के खिलाऊ प्रदर्शन किया। कांग्रेस प्रदेश महासचिव विजय सारस्वत ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में घोटाले-घपले बढ़ रहे हैं। करोड़ों देशवासियों की आस्था के प्रतीक कुंभ में फर्जी कोविड जांच घोटाले से देश में कोरोना संक्रमण बढ़ा है। कहा कि भाजपा के एक बड़े नेता का नाम लाइब्रेरी घोटाला में सामने आया है। इससे जनता के समक्ष अब सारी पोल खुल गई है। जनता आगामी चुनाव में भाजपा को जड़ से उखाड़ फेंकने का काम करेगी।

प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने कहा कि यह सरकार जनता को हर प्रकार से लूटने में लगी हुई है। पेट्रोल, डीजल, खाद्य पदार्थों सहित तमाम चीजें महंगी हो गई है। जनता महंगाई से त्रस्त है। कहा कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों की सरकार है। इसे गरीब जनता से कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश सचिव मदनमोहन शर्मा ने कहा कि सरकार गलत तरीके से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाकर जनता का शोषण करने में लगी है। प्रदर्शन करने वालों में महानगर अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, महिला कांग्रेस नगर अध्यक्ष सरोज देवराडी, ललित मोहन मिश्रा, रामकुमार भर्तोलिया, सुधीर राय, पार्षद भगवान सिंह पंवार, दीपक धमांदा,नंदकिशोर जाटव, अभिषेक शर्मा, हुकम पोखरियाल, राजेंद्र जाटव, कमलेश शर्मा, अशोक शर्मा, विष्णु कुमार, विक्रम भंडारी, संजय टंडन, सचिन, प्रतीक्षा आदि शामिल रहे।

लोकतंत्र के लिए यातनाए सहने वाले सेनानियों का हम सम्मान करते हैंः तीरथ सिंह रावत


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिये संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों के त्याग व समर्पण को याद करते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिये यातनाये सहने वाले सेनानियों का हम सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के सम्मान को किस प्रकार और अधिक व्यापकता प्रदान की जाय इसके लिये अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं का भी अध्ययन किया जायेगा। उन्होंने ऐसे लोगों के आश्रितों को भी सम्मान दिये जाने की बात कही।

शनिवार को बीजापुर अतिथि गृह में नित्यानन्द स्वामी जन सेवार्थ समिति द्वारा आपातकाल की 46वीं वार्षिकी पर उत्तराखण्ड के लोकतंत्र सेनानियों के साथ (वर्चुवल) सम्वाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि आपातकाल के कालखण्ड का इतिहास हमंे बताता है कि किस प्रकार हमारे लोगो ने लोकतंत्र की रक्षा के लिये यातनाये सही। ऐसे लोकतंत्र के सेनानियों के सम्मान की परम्परा को बनाये रखना होगा। उन्होंने कहा कि उनके सम्मान में किस प्रकार और बेहतर व्यवस्था की जा सकती है, इसके लिये अन्य राज्यों द्वारा इस सम्बन्ध में की जा रही व्यवस्थाओं का अध्ययन किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिये कार्य कर रहे हैं। लोकतंत्र के सेनानियों के सपनो को वे साकार कर रहे हैं। मोदी जी मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के वैभव के साथ ही सांस्कृतिक भारत की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने रणवीर सिंह ज्याला, राजकुमार टांक, हरीश कम्बोज आदि को शॉल भेंट कर सम्मानित भी किया।

इस कार्यक्रम में वर्चुवल रूप से सांसद नरेश बंसल, प्रेम बुडाकोटी, रोशन लाल अग्रवाल एवं संयोजक योगेश अग्रवाल आदि ने भी सम्बोधित किया।

देवभूमि में प्राचीन समय से ही योगाभ्यास किए जाते रहे हैंः तीरथ सिंह रावत


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को अपने भागीरथीपुरम स्थित आवास से सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय द्वारा वेबिनार के माध्यम से योग को आम जन तक ले जाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में ऋषि, मुनियों एवं योग साधकों द्वारा प्राचीन समय से ही योगाभ्यास किये जाते रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का कार्य किया। 2015 से प्रत्येक 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग मनुष्य को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है। योग को अपनी नियमित दिनचर्या में लाना जरूरी है। योग की वजह से भारत की विश्व स्तर पर अलग पहचान है।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मुख्य वक्ता डॉ. एच.आर. नागेन्द्र, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय प्रो. एन.एस. भण्डारी, डॉ. नवीन भट्ट, सुश्री मोनिका बंसल आदि उपस्थित थे।

वर्चुअल तरीके से सीएम ने आक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल माध्यम से राज्य के 05 अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण एवं एक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने जिन पांच ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया। उनमें जिला चिकित्सालय बागेश्वर में 250 एल.पी.एम., जिला चिकित्सालय चम्पावत में 100 एल.पी.एम., जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में 200 एल.पी.एम., हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट एवं कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में 1000-1000 एल.पी.एम.के प्लांट शामिल हैं। इन पांच संयत्रों द्वारा प्रतिदिन 4.76 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। पिथौरागढ़ में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन की मदद से 600 एल.पी.एम. का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया जा रहा है, जिसका मुख्यमंत्री ने वर्चुअल शुभारम्भ किया। उन्होंने अजीम प्रेमजी का आभार भी व्यक्त किया।

बागेश्वर में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए समाजसेवी गोपाल गोस्वामी ने सी.एस.आर के तहत प्रदान किया है। चम्पावत, पिथौरागढ़ एवं देहरादून में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भारत सरकार द्वारा पीएम केयर फण्ड के तहत राज्य को मिले हैं।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पिछले तीन माह में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए तेजी से कार्य हुआ है। कोविड की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड की संख्या में काफी वृद्धि की गई है। सीएचसी स्तर तक भी कोविड केयर सेंटर बनाये जा रहे हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग से ऋषिकेश एवं हल्द्वानी में 500-500 बेड के आधुनिक कोविड केयर सेंटर बनाये गये हैं। इनमें सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन कोविड केयर सेंटरों में बच्चों के वार्ड के सामने उनके माता और पिता के लिए भी रहने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएचसी स्तर तक ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। अभी राज्य में 17 ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील हैं, जबकि 17 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्य चल रहा है। इसके अलावा 11 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। राज्य के अस्पतालों में 5675 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर तथा 14349 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। 2494 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर तथा 6231 ऑक्सीजन सिलेंडर जल्द राज्य को मिलने वाले हैं।

शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से सुधार लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना से कोविड की संभावित तीसरी लहर में लोगों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण एवं सवंर्द्धन के लिए हम सबको अपना योगदान देना होगा। उन्होंने अपील की कि हरेला पर्व पर अधिक से अधिक लोग वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।

इस अवसर पर बागेश्वर विधायक चन्दन राम दास, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, सबंधित जनपदों के जिलाधिकारी, सीएमओ एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

एम्स में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के मौके पर नशावृत्ति के प्रति जागरूक किया

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज एंड इलिसिट ट्रैफकिंग) मनाया गया, इस अवसर पर संस्थान में मरीजों एवं उनके परिजनों, तीमारदारों को विभिन्न पब्लिक एरियाज में सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करते हुए नशावृत्ति को लेकर जागरुक किया गया।

निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में संचालित एटीएफ के तहत ओपीडी और एडमिशन, दोनों तरह से उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो कि मरीजों को निशुल्क दी जा रही हैं। लिहाजा सभी को अपने परिवार या आसपास रहने वाले नशाग्रस्त लोगों को संस्थान में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाना चाहिए और ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में योगदान देना चाहिए।
एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड ड्रग दिवस पर आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रम में एटीएफ (एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी) से डॉ. तन्मय जोशी ने विभिन्न तरह के नशीले पदार्थों व दृव्यों को लेकर कई तत्थ्य एवं मिथकों के बारे में लोगों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में कैनाबिस (यानी भांग, गांजा, चरस आदि ) के साथ साथ शामक दवाइयों का गैर चिकित्सकीय उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है। दक्षिण एशियाई देशों के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2019 में हर 100 में से लगभग 3 व्यक्तियों ने कैनाबिस का उपयोग किया था। एटीएफ काउंसलर तेजस्वी ने मरीजों के परिजनों को बताया कि किशोर वर्ग में इन्हेलन्ट्स का प्रयोग पाया जाना बेहद चिंताजनक है।

संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं ए.टी.एफ प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर डॉ. विशाल धीमान ने बताया कि उत्तराखंड परिक्षेत्र में लगभग 38 फीसदी लोग शराब का सेवन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों में बढ़ते तनाव व अन्य कारणों के चलते सभी नशीले पदार्थ का सेवन बढ़ा है, जिससे कई अन्य तरह की परेशानियों में भी इजाफा हुआ है।

मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डा. रवि गुप्ता एवं फैकल्टी मेंबर डॉ. विक्रम रावत ने लोगों को बताया कि आमतौर पर नशा शराब से शुरू होता है और समय के साथ साथ निकोटीन और गांजा की ओर बढ़ता है, यह प्रवृत्ति व्यक्ति को धीरे धीरे हार्ड ड्रग्स की ओर ले जाती है। लिहाजा नशा मनुष्य शरीर के लिए बेहद खतरनाक है, इसीलिए वर्ल्ड ड्रग डे पर लोगों से नशे से जुड़े सभी तथ्यों को साझा करना जरुरी था,जिसे कई परिवारों का जीवन बचाने की ओर एक सार्थक कदम माना जा सकता है।

कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को सभी नशीली वस्तुओं से होने वाले व्यस्न एवं व्यस्न उपचार संबंधी मिथकों के बाबत भी अवगत कराया गया।
उदाहरण- मिथक 1 – नशीली वस्तुओं का व्यस्न स्वैच्छिक होता है। तत्थ्य रू नशीली वस्तुओं का सेवन आमतौर पर मनोरंजन या नवीनता के अनुभव करने के साथ शुरू होता है, मगर यह पदार्थ दिमाग को निरंतर बदलता रहता है जो एक समय के बाद व्यक्ति को नशा लेने के लिए मजबूर कर देता है और उसके बाद कोई भी व्यक्ति उसे लिए बिना नहीं रह सकता। मिथक 2- नशीली वस्तुओं का व्यस्न चरिता या नैतिकता का दोष है। तत्थ्य रू हर नशीली वस्तु एक- दूसरे से अलग होते हुए भी कहीं न कहीं दिमाग के कुछ खास हिस्सों पर समान दुष्प्रभाव डालते हैं, जो उनके मूड अथवा चाल-ढाल में बदलाव ले आता है। यह उस एक या अनेक नशे का सेवन करने का सबसे बड़ा प्रेरक होता है और वह व्यक्ति को इस प्रेरणा के आगे बेबस और लाचार बना देता है।
मिथक 3- सब नशीली वस्तुओं से छुटकारा पाने की एक ही दवा होनी चाहिए। तत्थ्यः हर व्यक्ति अद्वितीय होता है। यदि किन्ही भी दो व्यक्तियों को एक ही बीमारी की वही दवा भी दी जाए जो पहले व्यक्ति को दी गई है, तब भी दोनों में एक सामान फर्क नहीं आता है। हर नशे की अपनी अलग पहचान होती है और इसलिए उसकी उपचार पद्धति भी अलग अलग ही होती है। हर दूसरे व्यक्ति को एक ही नशीली वस्तु अलग-अलग तरह की शारीरिक व मानसिक दिक्कतें देती है। लिहाजा एक ही तरह व दवाओं से सभी मरीजों का उपचार नहीं किया जाता। मिथक 4- व्यस्न का उपचार एक बार में हो जाना चाहिए। तत्थ्यः जब व्यस्न की बीमारी दीर्घकालीन है, तो उपचार में सततरूप से बने रहना उत्तम है। यदि ऐसा नही किया जाता है तो इलाज दोबारा से शुरू करना पड़ेगा। मिथक 5- महज उपचार शुरू कर देने से ही नशे से दूर हो जाएंगे । तत्थ्यः किसी भी नशा ग्रसित रोगी का इलाज शुरू करना पहली सीढ़ी है। मगर आपका और विशेषज्ञों का परस्पर साथ आना आवश्यक है। इलाज में बने रहना सबसे मुख्य बिंदु है, जिससे आप इलाज का अधिक से अधिक फायदा उठा पाएंगे। मिथक 6- शराब पीकर भी काबू में रहा जा सकता है । तत्थ्यः शराब का सेवन करते ही वह आपकी निर्णायक क्षमताओं में सेंध लगा देती है। इसके चलते आप कई ऐसे निर्णय ले सकते हैं, जिनका बाद में खेद हो। अक्सर यह निर्णय आपको गैरकानूनी गतिविधियों में भी सम्मिलित कर सकते हैं। मिथक 7 – गुटका, खैनी, जर्दा, चबाने वाला तम्बाकू शरीर को नुकसान नहीं देता। तत्थ्यः इन सभी वस्तुओं में मनुष्य के शरीर में कर्क रोग उत्पन्न करने वाले केमिकल मिले होते हैं । इनका सेवन करने से मुंह में होने वाली कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिनमें मुंह का कैंसर भी शामिल है।