उत्तराखंडः दो वर्ष के भीतर बनेंगे पॉली हाउस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर घोषणा की कि राज्य में 50 हजार पॉली हाउस बनाये जायेंगे। नाबार्ड के सहयोग से ये पॉली हाउस बनाये जायेंगे। इन सभी पॉली हाउस का निर्माण राज्य में 02 वर्ष के अन्दर किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य के चार मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर एवं नैनीताल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को मंडुआ दिया जायेगा। जिसके लिए 10 हजार मीट्रिक टन मंडुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा। इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी। मोटे अनाजों को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसानों की आय दुगुनी करने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

प्राकृतिक खेती कलस्टर एप्रोच को बढ़ावा देकर सहकारिता को प्राकृतिक कृषि से जोड़ेगी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में सेब एवं कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लिया जाए। इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए। इनके उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) की मजबूती पर विशेष ध्यान देने के साथ ही पैक्स को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक पैक्स के लिए नोडल अधिकारी बनाये जाएं। प्राकृतिक खेती कलस्टर एप्रोच को बढ़ावा देते हुए सहकारिता को प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के प्रयास किये जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देकर अपने इन स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना होगा। सहकारिता से जुड़े लोगों को समय-समय पर प्रशिक्षण की व्यवस्था एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की ध्वजवाहक योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ ले सकें। बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में विद्यार्थी क्रेडिट योजना एवं पैक्स के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित किये जाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा जो योजना बनाई जा रही है, उसकी कार्यवाही शीघ्र की जाए। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने से महिला सशक्तीकरण एवं किसानों की आय बढ़ाने में यह योजना काफी कारगर साबित होगी। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपये तक ब्याज रहित ऋण दिया जा रहा है। कृषि कार्यों के लिए 01 लाख एवं कृषियेत्तर कार्यों के लिए इस योजना के तहत 03 लाख रूपये तक ब्याज रहित ऋण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम सौर स्वरोजगार योजना को बढ़ावा देने के लिए कार्यों में और तेजी लाई जाए।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत राज्य के पशुपालकों को सायलेज वितरण किया जा रहा है। यह योजना काफी अच्छी चल रही है। केन्द्र सरकार से भी इस योजना में राज्य को पुरस्कृत किया जा रहा है। राज्य में 670 में से 660 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया जा चुका है। इसमें उत्तराखण्ड और तेलंगाना अग्रणी राज्य हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 13 कॉपरेटिव विलेज बनाने पर भी कार्य किया जा रहा है।

सचिव सहकारिता बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 90230 लाभार्थियों को 624.84 करोड़ का ब्याज रहित ऋण दिया जा चुका है। अक्टूबर 2017 में योजना के शुभारंभ से अभी तक 07 लाख से अधिक लाभार्थियों एवं 4347 स्वयं सहायता समूहों को 4050.44 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। मोटर साइकिल टैक्सी योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 116 लाभार्थियों को 136.97 लाख का ऋण दिया गया। “राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना’ के अन्तर्गत ’सहकारी सामूहिक खेती’ के माध्यम से क्षेत्रवार विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। राज्य के समस्त जिला सहकारी बैंकों की कुल 22 मोबाइल वैन द्वारा अपने समस्त खाताधारकों को सुलभ बैंकिंग सुविधा प्रदान करा रहे हैं। प्रदेश की महिलाओं को विशेष बैंकिंग सेवायें उपलब्ध कराने हेतु समस्त जनपदों के कुल 10 जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से महिला शाखा का सफल संचालन किया जा रहा है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, रजिस्ट्रार सहकारिता आलोक कुमार पाण्डेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने ली कृषि अवसंरचनात्मक कोष की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में कृषि अवसंरचनात्मक कोष की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को इस योजना को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए पैक्स के मजबूतीकरण और जीवंत बनाने के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों को प्राथमिकता पर रखा जाए। अच्छा काम कर रहे पैक्स को कुछ न कुछ इंसेंटिव दिया जाए ताकि वे और अच्छा करने को प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि पैक्स के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल भी विकसित किया जाए। इसके लिए पोर्टल तैयार किया जाए। साथ ही ऑफलाइन पेनड्राइव आदि के माध्यम से सभी प्रकार की ट्रेनिंग मैटेरियल उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के लिए नाबार्ड द्वारा पूर्व से स्वीकृत 785 करोड़ रुपए प्रयोग करने हेतु शीघ्र प्रस्ताव तैयार किए जाएं। साथ ही नाबार्ड के माध्यम इस योजना में 2000 करोड़ रुपए तक का 1 प्रतिशत पर लोन लिया जा सकता है। इससे अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए।
इसके उपरांत मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग के तहत विभिन्न फर्टिलाइजर्स, मिनी बैंक और कृषि गतिविधियों के लिए निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी ऑडिट की व्यवस्था भी इसके लिए सुनिश्चित की जाए। साथ ही इसमें भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कॉपरेटिव सोसायटी और बैंकों में जिला स्तरीय अधिकारियों को भी शामिल किया जाए। सहकारी क्षेत्र में डाटा सेंटर अलग से तैयार करने के बजाय राज्य सरकार के डाटा सेंटर को ही प्रयोग किया जाए।
इस अवसर पर सचिव बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

पुलिस के मंथन शिविर से आमजन और पुलिस के बीच बनेगा बेहतर समन्वय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय देहरादून में ‘‘उत्तराखण्ड पुलिस मंथन- चुनौतियाँ एवं समाधान’’ की थीम पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट एवं सशक्त बनाने के लिए फिटनेस और परसेप्शन मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तराखण्ड पुलिस के इस तीन दिवसीय मंथन में राज्य में कानून और व्यवस्था को और मजबूत बनाने एवं जन सरोकारों से जुड़े मामलों पर भी मंथन होगा। इससे आमजन के साथ पुलिस को बेहतर समन्वय बनाने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इसमें पुलिस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा पुलिस द्वारा समय-समय पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जाए और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में पुलिस कांस्टेबल के एक हजार पदों पर भर्ती की जायेगी। जिन 1521 पुलिस कांस्टेबलों के भर्ती प्रक्रिया गतिमान है, उनकी भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने तक 1521 पीआरडी जवानों द्वारा अस्थाई सेवा भी प्रदान की जायेगी। अल्मोड़ा एवं श्रीनगर महिला थाना में साइबर थाने की व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों के लिए बनाये जाने वाले चरणबद्ध तरीके से प्रस्ताव बनाये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए आधुनिक तकनीक पर अधिक ध्यान दिया जाए। साइबर क्राइम को रोकने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कानून का पालन करने वालों के साथ मित्र पुलिस की तरह व्यवहार किया जाए। यदि कोई कानून व्यवस्थाओं को बिगाड़ने का प्रयास करते हैं, तो ऐसे लोगों पर सख्त कारवाई भी की जाए। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के सत्यापन का अभियान लगातार चलाया जाए। भ्रष्टाचार करने वालों पर भी सख्त कारवाई की जाए। ट्रैफिक व्यवस्थाओं का बेहतर संचालन किया जाए। जन शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाए। नो पेंडेंसी के आधार पर कार्य किये जाएं। महिला सुरक्षा एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लोगों के फोन कॉल रिसीव करें, यदि किसी बैठक में व्यस्त हैं, तो बाद में कॉल कर जानकारी लें। कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री ने पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पुलिस द्वारा जनहित में जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनका सही तरीके से प्रस्तुतीकरण भी किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी अपने जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए उनके बेहतर कार्यों पर उन्हें प्रोत्साहन भी दें। जवानों के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए गौरा शक्ति एप पर अभी तक 45 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। इसकी नियमित मॉनेटरिंग भी की जा रही है। महिला एवं बाल अपराधों में कन्विक्शन रेट बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड को नशा मुक्त राज्य बनाने, भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में कानून और व्यवस्था के सुधारीकरण की दिशा में निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सम्पत्तियों की बरामदगी के एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखण्ड सर्वाेत्तम है। कानून व्यवस्था की मजबूती पर पुलिस द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं। यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ऑपरेशन क्राइम ड्राइव चलाया जा रहा है। 2022 में जघन्य अपराधों डकैती एवं बलात्कार का शत प्रतिशत अनावरण किया गया है। पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर एडीजी पी.वी.के प्रसाद, अमित कुमार सिन्हा, वी. मुरूगेशन, आईजी ए.पी अंशुमन, विम्मी सचदेवा, केवल खुराना, बिमला गुंज्याल, रिद्धिम अग्रवाल, नीरू गर्ग एवं पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मां आनंदमयी मेमोरियल स्कूल में आयोजित नेत्र जांच शिविर में सैकड़ों बच्चे हुए लाभान्वित

नेगी आई केयर सेंटर ऋषिकेश की ओर से एक दिवसीय निशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर (स्कूल स्क्रीनिंग कैम्प) का आयोजन रायवाला स्थित मां आनंदमई मेमोरियल स्कूल में किया गया।

शिविर का शुभारंभ स्कूल की प्रधानाचार्य सुतोपा बॉस ने किया। इस मौके पर स्कूल में 200 से अधिक बच्चों का नजर की जांच एवं कलर विजन की जांच की गई। नेगी आई केयर सेंटर के संचालक डॉ राजे नेगी ने बताया कि 2 दर्जन से अधिक बच्चों की आंखों की नजर में कमजोर पाई गई जिनको नजर का चश्मा लगाने की सलाह दी गई।

साथ ही इस मौके पर स्कूली बच्चों को मोबाइल की लत से बचाव एवं खानपान में उचित पौष्टिक आहार लेने की बात बताई गई। स्कूल की प्रधानाचार्य ने कहा कि सही समय पर अगर बच्चों की आंखों की जांच होती रहे तो उससे भविष्य में आंखों में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके साथ ही बच्चों को अपना करियर चुनने में भी मदद मिलती है। इस मौके पर मनोज नेगी, बंधन शर्मा, ममता, मानसी, प्रिया सहित स्कूल की तमाम शिक्षिकाएं मौजूद रही।

केंद्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय से मिले सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री, भारी उद्योग मंत्रालय डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय से मुलाकात कर उत्तराखंड में औद्योगिक विकास के लिये मिल रहे केंद्र सरकार के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य में इलैक्ट्रॉनिक चार्जिंग स्टेशन जल्द बनाने के लिए अनुरोध किया। उत्तराखंड में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स एवं बैटरी उत्पाद में निवेश के लिए सहायता का अनुरोध किया। साथ ही ऑटोमोटिव उद्योग में नवाचार और नई तकनीक पर शोध एवं प्रोत्साहन के लिए उत्तराखंड में इंडस्ट्री पार्टनर के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करवाने का आग्रह किया ताकि प्रदेश में दक्षता विकास, औद्योगिक विकास के साथ साथ औद्योगिक निवेश भी आये। राज्य में निवेश बढ़ने से रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने राज्य में औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

कैबिनेट में हुआ फैसला, शहरी क्षेत्रों में बनेंगे साइकिल ट्रैक

मसूरी में बीते माह हुए दो दिवसीय चिंतन शिविर में उत्तराखंड को सशक्त बनाने के लिए मिले 25 सुझावों को मूर्त रूप देने को कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। संबंधित विभागों को इन सुझावों पर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए एक से तीन माह का समय दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन कार्ययोजना को मंजूरी देने के लिए अधिकृत किया गया है। अब इन्हें दोबारा कैबिनेट के समक्ष रखने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रदेश सरकार का मुख्य फोकस राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने यानी वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणीय राज्यों में शामिल करने पर है।

इसके लिए बीते माह 22 से 24 नवंबर के बीच मसूरी में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। तीन दिन तक चले मंथन के बाद इसमें विभिन्न विभागों से संबंधित 25 बिंदु ऐसे चिह्नित किए गए जो राज्य के सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं। मंगलवार को इन बिंदुओं का कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुतिकरण हुआ। इन्हें प्रदेश में लागू करने पर कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति जता दी।
भूखंडों के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी समिति
कैबिनेट ने तय किया कि प्रदेश में भूमि की स्थिति के अनुसार उसका सदुपयोग किया जाएगा। शहरों के भीतर बने गोदाम, पशु चिकित्सालयों, मंडियों आदि को बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है। शहर के भीतर व बाहर की भूमि के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अनुशंसा समिति बनाई जाएगी।

इसमें सचिव नियोजन व सचिव वित्त के अलावा भूमि की मांग करने वाले विभाग के सचिव, भूमि के स्वामित्व वाले विभाग के सचिव व राजस्व विभाग के सचिव को शामिल किया जाएगा। इसकी अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री के स्तर से होगी।
सभी जिलों को मार्च तक कराना होगा जिला योजनाओं का अनुमोदन
वित्त विभाग हर वर्ष जिला योजना के बजट का निर्धारण कर सभी जिलों को 31 दिसंबर तक इसकी सूचना देगा। सभी जिलों के लिए जनवरी से मार्च तक जिला योजना का अनुमोदन लेना अनिवार्य किया गया है। मई तक योजना का अनुमोदन न होने पर 10 प्रतिशत राशि की कटौती की जाएगी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री जिला योजना का अनुमोदन करेंगे

दो वर्ष में चिह्नित स्थानों पर लगाए जाएंगे शत प्रतिशत क्रैश बैरियर
प्रदेश में सड़क सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तीन माह के भीतर सभी दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान की जाएगी। अगले दो वर्ष में यहां क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इसके लिए लोनिवि को आवश्यकतानुसार बजट दिया जाएगा।
परिवार रजिस्ट्री तंत्र होगा विकसित
राज्य की डेटा प्रणाली में बेहतर सामंजस्य के लिए परिवार रजिस्ट्री विकसित की जाएगी। इससे सभी लाभार्थीपरक योजनाओं एवं प्रमाण पत्र मामले में त्वरित कार्यवाही हो सकेगी।

उत्कृष्ट शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट शिक्षकों की पहचान की जाएगी। इन शिक्षकों को आइआइएम समेत देश व विदेश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर ये मास्टर ट्रेनर प्रदेश में अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेंगे।
हरित तकनीक से बनेंगी 25 प्रतिशत सड़कें
राज्य में वर्ष 2025 तक कम से कम 25 प्रतिशत सड़कों का निर्माण हरित तकनीक के साथ किया जाएगा। इनके निर्माण में फिर से इस्तेमाल होने योग्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे साइकिल ट्रेक
शहरी क्षेत्रों में साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए साइकिल ट्रेक की पहचान की जाएगी। जहां भी संभव होगा, वहां इनका निर्माण किया जाएगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वर्ष 2025 तक हर 100 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा।
ये भी हैं अहम बिंदु
– नीति आयोग की तर्ज पर राज्य में बनेगा थिंक टैंक। इसके लिए उत्तराखंड सेतू के गठन को सैद्धांतिक स्वीकृति

– परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण व पीपीपी में परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड निवेश एवं अवस्थापना विकास बोर्ड का होगा गठन

– प्रदेश में मलिन बस्तियों की समस्या के समाधान को बनेगा आवास माडल। सभी शहरों में बनेंगी 5000 यूनिट

– सभी नदियों की बाढ़ शमन योजना की जाएगी तैयार
निकायों में कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को दिए जाएंगे अतिरिक्त प्रभार

– सीडीओ को ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों के पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में किया जाएगा नामित

– विद्यालयों में बनाए जाएंगे सर्वेात्तम तकनीक से सुसज्जित पुस्तकालय

– स्कूली ढांचे में किया जाएगा सुधार, लैब व स्मार्ट कक्षाएं होंगी विकसित

– सहकारिता एवं मंडी परिषद के माध्यम से होगी मोटे अनाज की खरीद
फल, फूल व सब्जियों के संवर्द्धन को मुख्य शहरों में बनेंगे उत्कृष्टता केंद्र

– सभी ट्रेकिंग अनुमति के लिए सिंगल विंडो पोर्टल होगा विकसित

– होम स्टे के प्रचार और प्रमाणन के लिए निजी एग्रीगेटर होगा नियुक्त

– शहरी की सीमा से बाहर स्थित रिसोर्ट पर भी लगाया जाएगा कर

– यूजर चार्ज को वर्तमान मुद्रास्फीति दर से जोड़ने को होगा परीक्षण

– यूजर चार्ज की वसूली बिजली के बिलों के साथ करने पर होगा विचार

– इलेक्ट्रिक कचरे के लिए बनेगी ई-अपशिष्ट नीति

– उत्तराखंड में ड्रोन प्रशिक्षण स्कूलों का निर्माण

– उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश को मिलेगी सैद्धांतिक स्वीकृति

प्रदेश में शुरू हुई वाह्य सहायतित जायका परियोजना, 526 करोड़ रूपये की है योजना

प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान विभाग द्वारा वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अथिति के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ओर वित मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल की उपस्थिति में वाह्य सहायतित जायका परियोजना रू. 526 करोड़ की योजना का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा इस योजना के माध्यम से प्रदेश में वानिकी, औद्यानिकी को बढ़ावा मिलेगा यह योजना राज्य के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। वही मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया। मंत्री जोशी ने कहा प्रधानमंत्री के कुशल निर्देश/नेतृत्व में भारतवर्ष के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी औद्यानिकी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। मंत्री जोशी ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने कहा आज मुख्यमंत्री के निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य में औद्यानिक का समग्र विकास करते हुए कास्तकारों की आय में गुणात्मक वृद्धि हेतु महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित करने व वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ करने के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत देय राजसहायता की धनराशि में भी वृद्धि की जा रही है।
मंत्री जोशी ने कहा उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियॉ एवं कृषि जलवायु विभिन्न कृषि एवं औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु अत्यधिक अनुकूल हैं। राज्य के तराई/भावर क्षेत्रों में खाद्यान्न उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, वहीं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्यानिकी के विकास की अपार सम्भावनाए विद्यमान हैं। राज्य में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा पर्वतीय क्षेत्रों की जनता की आर्थिकी के दृष्टिगत कृषि व औद्यानिक फसलों की अहम भूमिका है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों की जनसंख्या के रोजगार के मुख्य साधन कृषि एवं औद्यानिकी पर आधारित है। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की क्षति तथा खाद्य व ऊर्जा संकट के कारण कृषि एवं औद्यानिकी के समग्र विकास में विभिन्न चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में कृषि एवं औद्यानिकी के विकास हेतु कृषि-औद्यानिकी दृष्टि पत्र तैयार किया गया है, जिसके क्रियान्वयन की जनपद स्तर पर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। वर्तमान में उत्तराखण्ड में औद्यानिकी के अन्तर्गत आच्छादित 2.97 लाख है0 क्षेत्रफल में 17.72 लाख मै0टन उत्पादन किया जा रहा है। सशक्त उत्तराखण्ड /25 के अन्तर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 तक औद्यानिकी के अन्तर्गत 3.45 लाख है0 क्षेत्रफल में 22.517 लाख मै0टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री जोशी ने कहा बागवानी के समग्र विकास हेतु जापान के सहयोग से बाह्य सहायतित परियोजना जायका योजनान्तर्गत रू0 251.71 करोड़ के प्रस्तावित परिव्यय में विशेष प्रयासों के फलस्वरूप दोगुना से अधिक वृद्वि करते हुए रू0 526.00 करोड़ स्वीकृत कराया गया है। प्रदेश की विविधतापूर्ण कृषि जलवायु एवं भौगोलिक परिस्थितियॉ औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु अत्यधिक अनुकूल है। विविध जलवायु के फलस्वरूप प्रदेश में समशीतोष्ण एवं शीतोष्ण फसलों का उत्पादन किया जाता है। इस हेतु जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेन्सी (जायका) के वित्तीय सहयोग से यह परियोजना प्रदेश के 04 जनपदों (टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ एवं नैनीताल) में संचालित की जायेगी। इसके अन्तर्गत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कर इनके प्रभावों को कम करने हेतु जलवायु के अनुरूप औद्यानिक फसलों एवं तकनीकों का समावेश करते हुए उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।
मंत्री ने कहा परियोजना में औद्यानिकी से सम्बन्धित महत्वपूर्ण घटकों को सम्मिलित करते हुए कास्तकारों को 80 प्रतिशत तक राजसहायता से लाभान्वित करने की व्यवस्था की गयी है। साथ ही परियोजना में कीवी को गेम चेजिंग फसल के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिससे कास्तकारों की आय में दोगुना से अधिक वृद्वि सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतवर्ष में कीवी के आयात को भी कम किया जा सकेगा। मंत्री जोशी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जायका परियोजना के क्रियान्वयन से एकीकृत बागवानी को बढ़ावा देकर कृषकों की आय वृद्धि एवं राज्य की आर्थिकी में विशेष योगदान मिलेगा, जो कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में भी सहायक होगा। इसके अलावा मंत्री जोशी ने कहा कि कोई भी योजना बनाई जाए उसके लिए किसानों की राय भी ली जाएगी। मंत्री जोशी ने कह कि शीघ्र ही जायका परियोजना सभी जनपदों में भी लागू की जायेगी। इस अवसर पर मंत्री जोशी ने जापान से पहुंचे जायका के प्रतिनिधियों को पहाड़ी टोपी ओर केदारनाथ मंदिर की मूर्ति का स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, सीनियर रिप्रेजेंटेटिव जायका इंडिया जून वातानाबे, रिप्रेजेंटेटिव जायका मारिया कोटा, प्रिंसिपल डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट जायका अनुराग सिंह, सचिव बी.वी. पुरुषोत्तम निदेशक उद्यान एचएस बवेजा आदि उपस्थित रहे।

शिक्षक युग दृष्टा ऋषियों के समान, जो समाज को बनाते हैं प्रबुद्धः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित International Conference of Principals & Teachers कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समाज के निर्माण में अहम भूमिका होती है। माता-पिता के बाद शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। शिक्षक युग दृष्टा ऋषियों के समान हैं, जो समाज को प्रबुद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिरीक्षण द्वारा स्वयं को जानने और समझने योग्य बनाना रहा है। विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है। तभी प्रतिभा का सदुपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों की प्रतिभा को उभारने के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। पी.पी.एस.ए. प्रौद्योगिकी, कौशल और स्कूली पाठ्यक्रम पर खुली और रचनात्मक चर्चा द्वारा विचारों के आदान-प्रदान हेतु एक आदर्श वातावरण प्रदान कर रहा है। पीपीएसए द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पब्लिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों के मध्य सहयोग बढ़ाने में भी सरकार को समय समय पर अपना सहयोग प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। भारत दुनिया को हर क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का परिचय दे रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत, विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित हो रहा है तथा दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। उनकी दूरगामी सोच से देश को 34 वर्षों बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है। पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों के जीवन को उन्नति के प्रकाश से आलोकित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को नई शिक्षा नीति को सही प्रकार से लागू करने हेतु समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए जाते रहे हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज्य में सही तरीके से क्रियान्वयन हो इस उद्देश्य से दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। उत्तराखण्ड में बाल वाटिकाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया। उच्च शिक्षा में भी राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षिक गतिविधियों के लिए प्रदेश के सभी अध्यापकों को डायट के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। अभी तक 27 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया चुका है।

इस अवसर पर पीपीएसए के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कश्यप, दून इंटरनेशनल स्कूल के चौयरमैन श्री डी.एस. मान, लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) जयवीर सिंह नेगी, मेजर जनरल (से.नि) शम्मी सभरवाल, रीजनल ऑफिसर सीबीएसई डॉ. रणवीर सिंह, राकेश ओबेराय एवं विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं अध्यापक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने 09 नगर निकायों को प्रदान किये अटल निर्मल पुरस्कार

केन्द्रीयत सेवा के कर्मचारियों के पेंशन देयकों के भुगतान हेतु राज्य वित्त आयोग से 01 प्रतिशत की धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले निर्मल नगरों को अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के 09 निकायों को अटल निर्मल पुरस्कार एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 05 निकायों को स्वच्छ गौरव सम्मान प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान दून कैंट स्वच्छता चौपाल का लोगो लाँच भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर चार घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि अटल निर्मल नगर पुरस्कार की धनराशि 01 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 02 करोड़ रूपये की जायेगी, कैंट बोर्ड को भी इसमें सम्मिलित करने के लिए जो प्राविधान होंगे, उसके अनुसार किया जायेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लाभार्थियों को भी आवास बन जाने के बाद सामान के लिए 05-05 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। केदारनाथ, बद्रीनाथ एवं गंगोत्री में यात्राकाल के दौरान कार्य करने वाले पर्यावरण मित्रों को भोजन एवं गरम वर्दी के लिए अतिरिक्त मानदेय दिया जायेगा। केन्द्रीयत सेवा के कर्मचारियों के पेंशन देयकों के भुगतान हेतु राज्य वित्त आयोग से 01 प्रतिशत की धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।

मुख्यमंत्री ने अटल निर्मल नगर पुरस्कार के लिए चयनित नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत के प्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में बेहतर प्रदर्शन कर इन निकायों ने राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पाकर हमारे प्रदेश का नाम रोशन किया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वर्ष 2022-23 के लिए 9 निकायों का चयन होना उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निकाय प्रदेश के दर्पण हैं। हम अपने निकायों में कैसे और बेहतर कार्य कर सकते हैं, इस दिशा में निरन्तर प्रयासों की जरूरत है। 2025 तक उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने में निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उत्तराखण्ड का समग्र विकास सभी प्रदेशवासियों की सामूहिक जिम्मेदारी है, इसमें सबको अपना योगदान देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में स्वच्छता का बीड़ा उठाते हुए जिस बड़े बदलाव की शुरुआत की थी, उसका परिणाम आज पूरे देश में दिख रहा है। उनके महान विजन का ही नतीजा है कि आज देश के करीब 25 राज्यों ने अपने आप को पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री जी ने विश्व को स्वच्छ बनाने के लिए 4च् पॉलिटिकल लीडरशिप, पब्लिक फंडिंग, पार्टनरशिप एवं पीपल पार्टिसिपेशन को जरूरी बताया था। यह 4पी का सिद्धांत देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को स्वच्छ बनाने के लिए आवश्यक है। प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीर से जिस स्वच्छता अभियान की बात की थी, वह स्वच्छता अभियान आज दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन बन चुका है।

शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए निकायों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। बड़े मंच पर पुरस्कार मिलने से गौरव की अनुभूति होती है। इससे अन्य निकायों को भी अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरणा मिलती है। राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर कुल 06 पुरस्कार मिले यह एक बड़ी उपलब्धि है।

अटल निर्मल नगर पुरस्कार 2022-23 हेतु निकायों का श्रेणीवार चयन स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में किए गये प्रदर्शन के आधार पर किया गया। जिसमें नगर निगम देहरादून को प्रथम, नगर निगम रूड़की को द्वितीय एवं नगर निगम ऋषिकेश को तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर निगमों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख एवं 10 लाख रूपये की धनराशि प्रदान की गई। नगर पालिकाओं में नगर पालिका मुनिकीरेती को प्रथम, नगर पालिका नरेन्द्रनगर को द्वितीय एवं डोईवाला को तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर पालिकाओं को क्रमशः 15 लाख, 10 लाख एवं 08 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई। नगर पंचायतों में नगर पंचायत नन्दप्रयाग को प्रथम, नगर पंचायत सुल्तानपुर को द्वितीय एवं नगर पंचायत गूलरभोज को तृतीय पुरस्कार मिला। इन नगर पंचायतों को क्रमशः 10 लाख, 07 लाख एवं 05 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वच्छ सर्वेक्षण -2022 में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 05 निकायों को स्वच्छता गौरव सम्मान प्रदान किया। जिसमें नगर निगम हरिद्वार को राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले गंगा शहरों में प्रथम स्थान, छावनी परिषद लण्ढोर को छावनी परिषद श्रेणी में अधिकतम सिटीजन फीडबैक हेतु प्रथम स्थान, नगर पालिका परिषद रामनगर को नॉर्थ जोन के 50 हजार से 01 लाख जनसंख्या वाले शहरों में फास्टेस्ट मूवर सिटी पुरस्कार, नगर पालिका परिषद डोईवाला को नॉर्थ जोन के 15 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों में फास्टेस्ट मूवर सिटी पुरस्कार एवं नगर पालिका परिषद नरेन्द्र नगर को नॉर्थ जोन के 15 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट सस्टेनेबल सिटी पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, मेयर देहरादून सुनिल उनियाल गामा, मेयर ऋषिकेश, मेयर हरिद्वार अनिता शर्मा, मेयर रूड़की गौरव गोयल, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव शहरी विकास दिपेन्द्र चौधरी, निदेशक शहरी विकास नवनीत पाण्डे, नगर आयुक्त मनुज गोयल एवं विभिन्न निकायों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।