जोर पकड़ने लगी राप्ती गंगा एक्सप्रेस की मांग

ऋषिकेश।
राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के कार्यकर्ता शुक्रवार को रेलवे स्टेशन पहुंचे। संगठन अध्यक्ष प्रेमनाथ राव ने पीएम को संबोधित ज्ञापन स्टेशन अधीक्षक आरपी मीणा को सौंपा। उन्होंने बताया कि ऋषिनगरी में उत्तर प्रदेश, गोरखपुर, बिहार और नेपाल के लोग अधिक संख्या में रहते हैं। इन जगहों के गढ़वाल में रहने वाले लोग भी ऋषिकेश से ट्रेन पकड़ते हैं। बताया कि यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए देहरादून और हरिद्वार के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में श्रमिकों का समय और पैसा दोनों की बर्बाद होता है। ज्ञापन में उन्होंने कम से कम सप्ताह में एक बार एक्सप्रेस को ऋषिकेश से चलाने की मांग उठाई।
104
कार्यकर्ताओं ने दिसंबर तक एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की मांग पूरी नहीं होने पर रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी। ज्ञापन देने वालों में अरुण कुमार वाल्मीकि, मुन्ना भारती, त्रिभुवन प्रसाद, सुगंध प्रसाद, रणविजय सिंह तिवारी, नागेन्द्र सिंह, जयप्रकाश, गिरीश राजभर, दीनदयाल, दिनेश आदि शामिल थे।

परिवारों से पूछताछ में जुटी पुलिस-एसओजी की टीम

सर्राफा और जोगेन्द्र के परिवार पर टिकी पुलिस की जांच
लूट मामले को दोनों के परिवारों से जोड़कर चल रही है पुलिस

ऋषिकेश।
मुनीम से लूटपाट के मामले में पुलिस की जांच की सुई सहारनपुर के सर्राफ और जोगेन्द्र के परिवार के सदस्यों पर घूम रही है। पुलिस लूटपाट के मामले में दोनों लोगों की मिलीभगत को जांच का आधार बनाकर मामले की जांच कर रही है। उधर, जोगेन्द्र के साले ने अज्ञात लोगों के खिलाफ चोट पहुंचाकर लूटपाट करने का मुकदमा दर्ज कराया है।
दून मार्ग पर दिनदहाड़े हुई लूटपाट के मामले में घटना के तीसरे दिन भी पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पायी है। इससे व्यापारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दिन दहाड़े हुई इस वारदात से व्यापारी व स्थानीय लोग सहमे हुए है। हालांकि पुलिस और एसओजी की जांच टीम सर्राफ व्यापारी और जोगेन्द्र के परिवारों को आधार बनाकर कर रही है। सभी लोगों से पूछताछ करने के साथ मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली जा रही है।
109
सूत्रों की माने तो लूटपाट के मामले में किसी न किसी का हाथ जरूर है। उस हाथ तक पहुंचने के लिए एसएसपी डॉ.सदानंद दाते ने पांच टीमें गठित कर रखी है, जो अलग-अलग जगहों पर अपराधियों की तलाश के साथ वारदात के पीछे किसी की साजिश तो नहीं इसकी जांच कर रहे हैं। डीएसपी सीडी अंथवाल ने कहा कि मामले में टीमें लगी हुई है। जल्द ही लूटपाट की वारदात से जुड़े कुछ अहम सुराग हाथ लगेंगे।
उधर, जोगेन्द्र के साला हरिराम पुत्र कृष्णलाल निवासी ग्राम मोहिद्विन पुर कैलाश पुर जिला सहारनपुर उत्तरपद्रेश ने आज्ञात लोगों के खिलाफ चोट पहुंचाकर लूटपाट करने के मामले में केस दर्ज कराया है।

करंट लगने से रेस्टोरेंट कर्मचारी की मौत

मामले की जांच में पुलिस जुटी

ऋषिकेश।
पुलिस के अनुसार बलराम (39) पुत्र मंगू निवासी ग्राम शामली, कोटला थाना नजीबाबाद, उत्तरप्रदेश जो कि छिदरवाला में किसी रेस्टोरेंट में काम करता था। अपने साथी बाबूराम के साथ बुधवार की देर रात साढे ग्यारह बजे काम निपटाकर वह सड़क पर टहलने निकल आया। बताया जा रहा है कि दोनों शराब के नशे में थे। घूमते हुए वह सड़क से सटे जंगल की ओर निकल गए। यहां अपने खेतों में जंगली जानवरों को रोकने के लिए ग्रामीणों की लगाई गई विद्युत लाईन की चपेट में बलराम आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। उसके साथी बाबूराम ने इसकी सूचना रायवाला पुलिस को दी।

102

मौके पर पहुंची पुलिस ने बाबूलाल को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी प्रदीप चौहान ने बताया कि शव पीएम के लिए भेजा गया है। पुलिस प्रथम दृष्टया व्यक्ति की मौत करंट लगने से मान रही है। जबकि मामले में अभी व्यक्ति के दोस्त से पूछताछ की जा रही है। मौका स्थल का निरीक्षण कर जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

देश का पहला पदक साक्षी के नाम

103

Wrestling - Women's Freestyle 58 kg Bronze

नई दिल्ली। पहली बार महिला कुश्ती में ओलंपिक पदक जीत कर इतिहास रचने वाली साक्षी मलिक भले ही हरियाणा की रहने वाली हों, लेकिन लखनऊ को भी अपनी इस बेटी पर फक्र है. पिछले तीन सालों से साक्षी लखनऊ के ही स्पोर्टस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के ट्रेनिंग कैंप में मैट पर पसीना बहा रही थीं ताकि ओलंपिक में पदक जीतने के अपने सपने को साकार कर सकें. वो यहीं से रियो गईं थीं.उत्तर प्रदेश के ख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साक्षी को  पुरस्कार देने की घोषणा की है. ये उत्तर प्रदेश में महिला खिलाड़ियों को दिया जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार है जिसके तहत 3 लाख ग्यारह हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाता है. अखिलेश यादव ने कहा कि रक्षाबंधन के महान पर्व पर साक्षी ने देश और राज्य का नाम रौशन किया है.।

अखिलेश की फटकार से यूपी पुलिस की नींद टूटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक परिवार को बंधक बना मां-बेटी के साथ गैंगरेप की घटना से शर्मशार करने वाली है। कार से नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार को डकैतों ने बुलंदशहर कोतवाली देहात इलाके के पास रोक लिया। इसके बाद बदमाश परिवार को हाईवे से करीब 50 मीटर दूर खेतों में ले गए बदमाशों ने पहले परिवार के साथ लूटपाट की उसके बाद मां और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया।
मामले में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सख्ती के बाद पुलिस सक्रिय हुई और दावा किया गया है कि इस जघन्य कांड के मुख्य आरोपी की पहचान हो गई है। बुलंदशहर में मां-बेटी संग गैंगरेप पर यूपी के डीजीपी ने बुलंदशहर पुलिस को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि आरोपियों की पहचान कर जल्द गिरफ्तार किया जाये।
सीएम अखिलेश यादव के फटकार के बाद पुलिस ने 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस इस मामले में हबूदा गिरोह पर शक जता रही है। बदमाश करीब तीन घंटे तक इस परिवार के साथ हैवानियत को अंजाम देते रहे और इसके बाद बड़े आराम से वहां से फरार हो गए। सूचना पर पहुंचीं डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने पीड़ित परिवार से पूछताछ की। एसएसपी ने देहात कोतवाल नाइट ड्यूटी अफसर को सस्पेंड कर दिया।
पुलिस के अनुसार रात करीब 11.30 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग-91 पर दोस्तपुर गांव के पास फ्लाईओवर पर अचानक टायर फटने की आवाज हुई। इस पर वह कार रोककर टायर चेक करने लगे। इस बीच 6-7 बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। बदमाश कार समेत परिवार को अंडरपास तक ले गए। दोनों भाइयों और 10 वर्षीय लड़के को कार के पास बंधक बना दिया। दरिंदे दोनों महिलाओं और नाबालिग लड़की को खेत में खींचकर ले गए।
वहां बदमाशों ने लोगों ने कम उम्र की महिला और उसकी बेटी के साथ गैंग रेप किया, जबकि दो-तीन लोग कार को घेरे खड़े रहे। उम्रदराज महिला ने इसका विरोध किया तो उसे जमकर पीटा। दरिंदे शनिवार सुबह करीब चार बजे नगदी और जेवर लूट कर भाग गए।
डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने गाजियाबाद के एसपी (क्राइम) को जांच का जिम्मा सौंपा है। लक्ष्मी सिंह के मुताबिक इस वारदात के पीछे राजस्थान के हनुमान गढ़ में रहनेवाले एक जनजाति के लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरोपियों का हुलिया अलीगढ़ के गवाना के कुछ गिरोहों से भी मेल खाता है। पुलिस ने छह टीमें बनाई गई है। एक टीम अलीगढ़ भी भेजी गई है। लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ितों को कुछ अपराधियों की फोटो दिखाए गए। उनमें से कुछ की पहचान होने की खबर है।

छीटाकशीं और छेडछाड से परेशान हिंदुओं का पलायन!

123

रुक नही रही सपा सरकार में हिंदुओं के पलायन की घटना
कैराना के बाद अलीगढ की घटना से प्रदेश का माहौल गर्म
उत्तर प्रदेश।
अलीगढ़ में दो समुदायों के बीच झड़प के बाद एक पक्ष के लोगों ने अपने घरों और दुकानों के बाहर संपत्ति बिकाऊ होने के बोर्ड टांग दिए हैं। अलीगढ़ में दुकान के बाहर टंगे बोर्ड इशारा कर रहे हैं कि यहां सब कुछ ठीक नही है। अलीगढ़ में इस बोर्ड पर लिखा है कि जान है तो जहान है, ये दुकान बिकाऊ है।
अलीगढ़ के बाबरी मंडी में ये बोर्ड जिन घरों और दुकानों के बाहर लगे हैं वो हिंदुओं के बताए जा रहे हैं। आरोप है कि छेड़छाड़ और मारपीट की घटनाओं से तंग आकर कुछ हिंदू परिवार यहां से पलायन कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार रात को बाबरी मंडी इलाके में एक हिंदू महिला से छेड़छाड़ की गई और विरोध करने पर उसके परिवार वालों पर पत्थरबाजी हुई। इस घटना को लेकर गुरुवार को हिन्दू समुदाय ने जमकर हंगामा भी किया। एम पक्ष के लोगों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाये है।
सूत्रों की मानें तो आएं दिन छीटाकशीं और छेडछाड की घटना से नाराज होकर एक पक्ष के लोगों ने अपने स्थानों से चले जाने में ही भलाई समझी। लोगों का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती मकान और दुकान बिकाऊ हैं के बोर्ड हटवा रही है ताकि मामला ज्यादा न गरमाए।
आरोप है कि सरकार के दबाव में पुलिस समुदाय विशेष के लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बाबरी मंडी के स्थानीय लोगों के अनुसार यहां के हालात इतने भयावह है कि स्कूल जाते समय बच्चियों और बाजार जाते समय महिलाओं पर छींटाकशी होती है।
वहीं मामला बढता देख पुलिस घटना को मामूली छेड़छाड़ का मामला बताकर आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कह रही है हालांकि पुलिस ने माना है कि इस वजह से इलाके में तनाव है। उत्तर प्रदेश में कैराना और मुजफ्फरनगर की घटना पर पहले भी सियासत गर्मायी थी, वहीं एक बार फिर हिंदू पलायन को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है।
अलीगढ़ के सांसद ने बताया कि स्थानीय सूत्रों के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने प्रशासन के आला अधिकारियों से वार्ता कर आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार सिर्फ एक समुदाय विशेष की बात करती है, मुसलमानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि किसी को पलायन करने की जरुरत नही है।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में हिंदुओं का पलायन को लेकर भाजपा आक्रमक बनी हुई है। पूर्व में कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर काफी बवाल मचा था। अब बडा सवाल यह है कि अलीगढ़ में भी कुछ वैसा ही माहौल बन रहा है या राजनीतिक पार्टियां अपन रोटियां सेकने के लिए माहौल को गर्मा रही है।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.