राजस्व प्राप्ति में वन क्षेत्र की योजनायें बनाई जाये-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में राजस्व वृद्धि के सम्बन्ध में संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने विभागों को राजस्व प्राप्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कार्ययोजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने खनन विभाग एवं खनन कार्य में लगी एजेन्सीज जीएमवीएन, केएमवीएन एवं वन विकास निगम को सभी स्लॉट संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पारदर्शिता लाने हेतु ई-निविदा के माध्यम से आबंटन कर लगातार अनुश्रवण किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 72 प्रतिशत वन क्षेत्र होने के कारण इसमें राजस्व प्राप्ति के लिए अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। वनों से होने वाली आय को बढ़ाए जाने हेतु इमारती लकड़ी के व्यावसायिक उत्पादन की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में ईको टूरिज्म और जड़ी-बूटी के क्षेत्र में भी रोजगार सृजन की अत्यधिक सम्भावनाएं है। इस दिशा में लगातार कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को मोटर साईकिल दस्तों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वाहनों की नीलामी ई-नीलामी के तहत की जाए। उन्होंने एएनपीआर कैमरों के लिए परिवहन विभाग, यातायात पुलिस, वन एवं खनन को एक एकीकृत तंत्र विकसित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, राज्य कर विभाग को खूफिया प्रणाली को और मजबूत किए जाने के निर्देश दिए। बिल लाओ ईनाम पाओ योजना को लगातार जारी रखा जाए, इससे आमजन में बिल जीएसटी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने आबकारी विभाग को भी निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किए जाने हेतु तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

कैंपा के तहत शोध कार्यों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कैंपा की संचालन समिति की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को उत्तराखण्ड कैंपा के अन्तर्गत शोध कार्यों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा प्रदेश से सम्बन्धित विषयों और मुद्दों पर शोध किए जाने की आवश्यकता है जिससे प्रदेश और प्रदेशवासियों को लाभ मिल सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लिए वनाग्नि एक बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को किस प्रकार से काबू किया जा सकता है, इस पर शोध किया जाए। इसी प्रकार फसलों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए शोध किए जा सकते हैं। जंगली सूअर, हाथी और बंदरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए किस प्रकार से बायो फेंसिंग कारगर साबित हो सकती है, इन विषयों पर शोध हमारी उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को बायो फेंसिंग सेल गठित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारी को इसका दायित्व दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कार्यक्रम संचालन की वार्षिक योजना (एपीओ) को दिसंबर माह तक केंद्र सरकार को भिजवा दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए। समस्त कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण कर लिया जाए।
बैठक के दौरान बताया गया कि कार्यक्रम संचालन की वार्षिक योजना (एपीओ) के लिए 411.88 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। बैठक में उत्तराखण्ड कैंपा की संचालन समिति द्वारा संस्तुति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पीसीसीएफ (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

धामी की सौगात, अब स्कूल से ही मिलेंगे हर प्रकार के आवश्यक प्रमाण पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्य के समस्त विद्यालयों में कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत स्थायी निवास जाति एवं आय तथा अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र विद्यालय में ही उपलब्ध कराये जाएं।
इस संबंध में सचिव शैलेश बगोली ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा हैं कि छात्रों को आवश्यक प्रमाण-पत्र की आवश्यकता एवं इन प्रमाण-पत्रों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के दृष्टिगत राज्य के समस्त विद्यालयों में अपणों स्कूल, अपणू प्रमाण नामक पहल के तहत कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्थायी निवास, जाति एवं आय तथा अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र विद्यालय स्तर पर ही उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने आदेश जारी किये हैं कि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य शिक्षा अधिकारी को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया जाय। समिति द्वारा जनपद स्तर पर कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या का आकलन किया जायेगा। तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति से विद्यालय में भ्रमण करने वाली टीमों (पटवारी/लेखपाल/कानूनगो एवं सीएससी के डाटा एण्ट्री ऑपरेटर) का तिथिवार रोस्टर तैयार करवाया जायेगा। निवास स्थान, चरित्र, आय एवं पर्वतीय प्रमाण-पत्र एवं अन्य प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने की प्रक्रिया हेतु टाइम फ्रेम का निर्धारण करते हुए कार्ययोजना तैयार की जायेगी। जनपद स्तर पर उक्त कार्यक्रम का साप्ताहिक अनुश्रवण एवं निगरानी की जायेगी।
तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया जाय। समिति द्वारा तैयार रोस्टर की सूचना से सम्बन्धित विद्यालयों को अवगत कराने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। प्रमाण-पत्रों हेतु आवश्यक दस्तावेजों की सूचना प्रधानाचार्याे, छात्र-छात्राओं, अभिभावकों तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जायेगी। तहसील स्तर पर इस कार्यक्रम का दैनिक अनुश्रवण एवं निगरानी की जायेगी। कार्यवाही के पश्चात तहसीलदार स्तर से दैनिक निगरानी के अंतर्गत तिथिवार रोस्टर के अनुसार पटवारी/लेखपाल/कानूनगो एवं सीएससी के डाटा एण्ट्री ऑपरेटर की टीम द्वारा सम्बन्धित विद्यालय का भ्रमण किया जायेगा तथा प्रधानाचार्य से प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए प्रमाण-पत्र हेतु आवश्यक शुल्क/दस्तावेज, ऑनलाईन/ऑफलाईन माध्यम से तहसीलदार/उपजिलाधिकारी कार्यालयों को प्रेषित किये जायेंगे।
आवश्यक शुल्क/दस्तावेज प्राप्त होने के उपरान्त तहसीलदार/उपजिलाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रमाण-पत्र निर्गत करते हुए उक्त प्रमाण-पत्र, छात्र-छात्राओं को वितरित किये जाने हेतु एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य को उपलब्ध करा दिया जायेगा। जिला स्तरीय समिति द्वारा समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार तथा खण्ड शिक्षा अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रभावी मॉनिटरिंग की जायेगी एवं किसी प्रकार की समस्या/कठिनाई उत्पन्न होने पर समिति के स्तर से सम्बन्धित को तात्कालिकता के आधार पर यथावश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये जायेंगे।यह समस्त कार्यवाही अधिकतम दो माह के भीतर सम्पादित कराते हुए, प्रत्येक जनपद की साप्ताहिक सूचना, जिलाधिकारी द्वारा शासन को सलग्न प्रारूपानुसार अनिवार्य रूप से संप्रेषित कराया जाना सुनिश्चित करें।

अधिकारियों को यू-सेट परीक्षा तिथि घोषित करने के निर्देश

प्रदेश में राज्य पात्रता परीक्षा (यू-सेट) शीघ्र आयोजित की जायेगी। यू-सेट के आयोजन के लिये कुमाऊं विश्वविद्यालय के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं, शीघ्र ही परीक्षा तिथि घोषित कर दी जायेगी। इस परीक्षा को पास करने पर प्रदेशभर के युवाओं की प्रोफेसर बनने की राह और भी आसान हो जायेगी।
सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में शीघ्र ही राज्य पात्रता परीक्षा (यू-सेट) आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय को इस परीक्षा का आयोजन करना है, लिहाजा विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षा तिथि जल्द घोषित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि यू-सेट के आयोजन के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से जरूरी दिशा-निर्देश मांगे गये थे, जिस पर यूजीसी की अनुमति मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित करने हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन को ठोस कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लम्बे अंतराल के बाद यू-सेट की परीक्षा आयोजित होने जा रही है लिहाजा इस परीक्षा में प्रदेशभर के हजारों छात्र-छात्राएं सम्मिलित होंगी, परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी औचारिकताएं समय पर पूरे करने को कहा गया है। डॉ. रावत ने उम्मीद जताते हुये कहा कि यू-सेट के सफल प्रतिभागियों राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की राह आसान हो जायेगी। उन्होंने कहा कि यू-सेट में वही कामन विषय शामिल हैं जो मुख्यतः कालेजों में संचालित हैं। जिसमें प्रमुख रूप से हिंदी, इंग्लिश, सोशियल साइंस, हिस्ट्री, ज्योग्राफी, सोशियोलॉजी, फिजिकल एजूकेशन, बायोलॉजी, फिजिक्स, कैमिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, कॉमर्स आदि विषय शामिल है।

’क्या है सेट’
स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) सहायक प्राध्यापक की नौकरी के लिए अनिवार्य है। इस परीक्षा को पास करने के बाद सीधे तौर पर सहायक प्राध्यापक पद के लिए आवेदन किया जा सकता है। यदि यह नहीं हो तो पीएचडी व नेट होना जरूरी है।

पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री से मिले वरिष्ठ अधिकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल तथा विशेष कार्याधिकारी श्री केदारनाथ बद्रीनाथ रिडेवलपमेंट वर्क्स भाष्कर खुल्बे ने भेंट की। केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में संचालित कार्यों के निरीक्षण के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों के संबंध में चर्चा की। मंगेश घिल्डियाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में संचालित कार्यों में हाल ही में मौसम की खराबी के कारण निर्माण कार्यों में कुछ व्यवधान जरूर रहा किन्तु अब मौसम अनुकूल होने के बाद कार्यों में तेजी आयी है। इस अवसर पर जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के साथ ही मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा एवं बर्फबारी के बावजूद बडी संख्या में यात्री चार धामों के दर्शन हेतु आ रहे हैं। यात्रा व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किये जाने के लिये यात्रा मार्गों पर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं में मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके तहत जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत कुँमाऊ मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक/ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देश-विदेश से तीर्थयात्री/पर्यटकों को यहाँ आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके।
इस अवसर पर श्री केदारनाथ उत्थान चेरिटेबल ट्रस्ट के विशेष कार्याधिकारी सतीश बहुगुणा भी उपस्थित थे।

2025 तक जिन योजनाओं का लक्ष्य दिया गया है उसे पूर्ण करे विभाग-धामी

उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए विभागों द्वारा जो भी अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं उनके क्रियान्वयन के लिये गंभीरता से प्रयास किये जायें। इस संबंध में विभागों द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, उनकी प्राप्ति के लिए भी सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं। योजनाओं पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने के साथ ही 2025 तक जिन योजनाओं को पूर्ण करने का विभागों द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उनको प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के प्रयास हों, साथ ही इसकी नियमित समीक्षा भी की जाए। सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास एवं खेल विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने ये निर्देश अधिकारियों को दिये।
विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन जनपदों में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थी ड्रॉप आउट हो रहे हैं, इनके कारणों का विस्तृत अध्ययन किया जाए। विद्यालयी शिक्षा में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गुणात्मक सुधार एवं विद्यार्थियों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों में तेजी लाई जाए। जो भी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे जाने हैं, उनमें किसी भी स्थिति में विलम्ब न हो। पीएम श्री के तहत राज्य के चयनित 142 स्कूलों के लिए सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए पूरी तैयारी किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी स्कूलों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो।
तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई में समय की मांग के आधार पर कोर्स करवाए जाएं। इसके लिए औद्योगिक संस्थानों से निरंतर आपसी समन्वय बनाये जाने पर ध्यान दिया जाये। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों को उचित प्लेसमेंट मिल जाए। पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इनमें दक्ष मानव संसाधन के साथ आवश्यक उपकरण भी हों। जिन ट्रेडों में कार्य के लिए डिमांड बढ़ी है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पॉलीटेक्निक कॉलेजों और आईटीआई का अपग्रेडेशन भी चरणबद्ध तरीके से किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध को बढ़ावा देने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। शोध आधारित मॉडल महाविद्यालय बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उच्च शिक्षा के साथ व्यावसायिक कोर्स को बढ़ावा देने पर भी कार्य किया जाए। डिग्री कॉलेजों में नवाचार को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास किये जाने की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी तकनीकि संस्थाओं को एकीकृत रूप में एक प्लेटफार्म पर लाया जाए। रोजगार मेलों का नियमित आयोजन किया जाए और उनका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए कौशल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। राज्य में स्थापित उद्योगों को दक्ष मानव संसाधन मिले, इसके लिए युवाओं को उद्योगों की आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं की जाए।
खेल विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नई खेल नीति में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए जो भी प्रावधान किये गया है, उनका सभी को पूरा लाभ मिले। इन प्रावधानों का विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में 2024 में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां अभी से शुरू कर दी जाएं। सभी जनपदों में खेल की गतिविधियों को तेजी से बढ़ावा देने तथा आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, विजय कुमार यादव, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक खेल, जितेन्द्र सोनकर एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

शहीद जवानों को सीएम ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून पहुंचकर जम्मू कश्मीर में चल रहे ऑपरेशन त्रिनेत्र में शहीद हुए चमोली निवासी लांस नायक रुचिन सिंह रावत एवं सिरमौर, हिमाचल प्रदेश निवासी शहीद प्रमोद नेगी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले हमारे शहीदों को यह देश हमेशा याद रखेगा। राज्य सरकार हर पल सैनिक परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा हमारी सरकार शहीद रुचिन सिंह रावत के परिजनों की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने परिजनों से इस दुख की घड़ी में धैर्य बनाए रखने की अपील की।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक बृजभूषण गैरोला, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दिलीप कुंवर एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

जागेश्वर धाम को विकसित करने पर जोर दे रही सरकार-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज डोल आश्रम पहुॅचकर श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने 1100 कन्याओं का पूजन करने के साथ ही नर-नारायण मूर्तियों का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने श्रीयंत्र में पूजा-अर्चना की और देश एवं प्रदेश की सुख समृद्वि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परम पूज्य महाराज कल्याणदास जी ने एक साधक के रूप में पांच दशकों तक लगातार साधना की और सम्पूर्ण भारत वर्ष के अन्दर अनेकों ऐसे प्रकंल्प खड़े किये जिनके माध्यम से सामान्य घर में पैदा होने वाले, गरीब घर में पैदा होने वाले लोगों के उत्थान का कार्य, शिक्षा देने का कार्य, स्वास्थ्य सुविधा देने का कार्य, एवं उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने इस आश्रम में जिस प्रकार से श्रीयंत्र स्थापित किया है आने वाले समय में केवल भारतवर्ष ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लोग इस आश्रम में शान्ति, आध्यात्म और संस्कृति को जानने के लिए आयेंगे।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों को बुद्व पूर्णिमा की बधाई दी और महात्मा बुद्व के धर्म, शान्ति एवं अंहिसा के मार्ग पर चलने को कहा। उन्होंने कहा कि बाबा जी की जो सोच है कि आने वाले समय पर यहॉ से पलायन पर रोक लगे और यहॉ के लोगों को यहीं पर कार्य करने का अवसर मिले, इस क्षेत्र में यह केन्द्र सभी के अन्दर कही न कही जागृति लाने और उस दिशा में प्रेरित करने का कार्य भी कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आश्रम जहां एक ओर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, वहीं युवाओं को भारतीय संस्कृति के बारे में शिक्षित करने का महान कार्य भी इसके माध्यम से हो रहा है। देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लेना अपने आप में बहुत बड़ा सौभाग्य है। यह आश्रम हमारी जो पुरानी सभ्यता, संस्कृति है उसकी जीती-जागती मिशाल है। यह साधना और आध्यात्म का एक भव्य और दिव्य केन्द्र है। उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नये उत्तराखण्ड का संकल्प लेकर निरन्तरता से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम भी पॉचवें धाम के रूप में विकसित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका सम्पूर्ण विश्व में लहरा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृति संरक्षण हेतु हमारी सरकार प्रतिबद्व है, इसके लिए हमारी सरकार एक कठोर धमार्न्तरण का कानून लेकर आयी है। हमारी सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि भूमि अतिक्रमण को भी समाप्त किया जायेगा तथा समान नागरिक संहिता को लागू किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यहॉ पर 03 नये पार्किग स्थल विकसित किये जायेंगे तथा आश्रम में जो संस्कृत विद्यालय संचालित किया जा रहा है उसका महाविद्यालय बनाने के लिए या विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि डोल आश्रम को पूज्य महाराज कल्याणदास जी ने स्थापित किया। उनकी सोच के अनुरूप धर्म, आध्यात्म, संस्कृति और शिक्षा के एक बड़े केन्द्र के रूप में यह आगे बढ़ रहा है एवं विकसित हो रहा है। उन्होंने महाराज जी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि उन्होंने सम्पूर्ण जीवन यहॉ के लोगों की सेवा एवं परमार्थ के कार्यों में लगाया। उन्होंने कहा कि जो हमारा मानसखण्ड मन्दिरमाला मिशन है उस मिशन के अन्तर्गत यह आश्रम भी एक अंग के रूप में विकसित होगा तथा आने वाले समय में जिस प्रकार चारधाम यात्रा चलती है उसी प्रकार मानसखण्ड यात्रा एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा भी चलेगी तथा उसका एक बहुत बड़ा पड़ाव डोल आश्रम तथा जागेश्वर धाम भी होगा। उन्होंने कहा कि शासन का जो मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन का मास्टर प्लान है वह पूर्णरूप से तैयार हो चुका है, उसकी शुरूआत जागेश्वर धाम से की जायेगी।
इस अवसर पर जागेश्वर विधायक मोहन सिंह मेहरा, विधायक अल्मोड़ा मनोज तिवारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, पूज्य महाराज कल्याणदास, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा, सुभाष पाण्डे, जिलाधिकारी वन्दना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रचिता जुयाल, सहित अनेक अखाड़ों के मंहत, अनेक जनप्रतिनिधि एवं श्रद्वालु उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन स्वामी हरि चौतन्य ने किया।

यूथ-20 कंन्सल्टेशन समिट-स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा सकते है

एम्स ऋषिकेश में आयोजित यूथ-20 कंन्सल्टेशन समिट के दूसरे दिन उदघाटन के दौरान होलेस्टिक हेल्थ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि देश का प्रत्येक युवा शारीरिक और मानसिक तौर से पूर्ण स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए हमें युवाओं का भविष्य संवारना होगा।
जी-20 देशों के विभिन्न युवा प्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य और युवाओं के समग्र विकास पर आधारित सामूहिक परिचर्चा यूथ-20 समिट के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में देर सांय तक जारी रही। शुक्रवार को समिट के मुख्य अतिथि के तौर पर पहंुची केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने यूथ-20 सम्मेलन की प्राथमिकताओं पर व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमन्त्री का विजन है कि हमारे देश के युवा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को विशेष पहिचान दिलाएं। यह तभी संभव है जब देश के युवा स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा पाएंगे। कहा कि मोदी जी के विजन का ही परिणाम है कि आज देश में डेढ़ लाख से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। खेलों के माध्यम से युवाओं को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहंुचाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में शुरू की गयी ’खेलो इंडिया योजना’ को उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए विशेष कल्याणकारी योजना बताया। केन्द्रीय मंत्री भारती पवार ने ऋषिकेश एम्स द्वारा संचालित टेलिकंन्सलटेशन और ड्रोन द्वारा सुदूर इलाकों तक दवा पहंुचाने की सुविधा का जिक्र करते हुए इसे स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बहुलाभकारी योजना बताया और इस योजना के संचालन के लिए एम्स ऋषिकेश की सराहना की। उन्होने युवाओं से आह्वान किया कि वह अपने हौसले को मजबूत बनाना सीखें। मजबूत हौसले से ही हमें कामयाबी मिलती है। यूथ-20 के आयोजन को उन्होंने युवाओं के लिए एक वैश्विक मंच बताया और कहा कि केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के मार्गदर्शन में देश भर के विभिन्न स्थानों में आयोजित किए जा रहे यूथ-20 सम्मेलन से हमारे देश के युवाओं एक नई दिशा और विकास परक सोच हासिल होगी।
विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड सरकार के वित्त और नगर विकास मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने उम्मीद जतायी कि इस सम्मेलन से देश के युवा देश हित में अपनी सोच विकसित करने की प्रेरणा हासिल करेंगे और विश्व को नई दिशा प्रदान करने में सक्षम होंगे।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने एम्स के हेलीपैड सहित अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों सहित चिकित्सकों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
इस दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, डीन एकेडेमिक्स प्रो0 जया चतुर्वेदी, दिल्ली एम्स के निदेशक प्रो0 श्रीनिवास, मंगलागिरी एम्स के निदेशक प्रो0 मुकेश त्रिपाठी, एम्स रायबरेली के निदेशक प्रो0 अरविन्द राजवंशी, एम्स गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर अशोक पुराणिक, एम्स ऋषिकेश के वित्तीय सलाहकार ले0 कर्नल एस सिद्धार्थ, प्रशाशनिक अधिकारी गौरव बडोला सहित डॉक्टर गीता नेगी, डॉक्टर मोनिका पठानिया, डॉक्टर नीति गुप्ता, डॉक्टर मयंक मिश्रा, डॉक्टर भावना गुप्ता, डॉक्टर दलजीत, डॉक्टर प्रियंका, डॉक्टर मृदुल धर, डॉक्टर कल्याणी, डॉक्टर अनीश गुप्ता, डॉक्टर शाजिया, डॉक्टर आशीष भूते, डॉक्टर प्रखर शर्मा, डॉक्टर वंदना धींगरा, डॉक्टर विनोद सहित संस्थान का विभिन्न स्टॉफगण मौजूद रहे।

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