आपरेशन कावेरी के तहत उत्तराखंड के 11 और लोगों ने की वापसी

सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को “आपरेशन कावेरी” के तहत भारत लाए जा रहे निकासी अभियान में शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के विमान में उत्तराखंड के 11 लोग भी वापस नई दिल्ली पालम एयरपोर्ट पहुंचे। नई दिल्ली पहुंचने पर इन 11 लोगों का उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा और सहायक प्रोटोकॉल अधिकारी मनोज जोशी, अमर बिष्ट ने स्वागत किया।
इस ग्रुप में गिरीश गरकोटी, अब्बल सिंह, भोला सिंह पंवार, अरविंद प्रसाद गैरोला, विनोद रावत, कुलदीप सिंह, गणेश सिंह, राजेश सिंह, बॉबी सिंह, नरेश कुमार और बिनोद कुमार सिंह शमिल हैं। इसके अलावा 3 और उत्तराखंडवासियों को कल देर रात्रि मुंबई एयरपोर्ट में उत्तराखंड के प्रतिनिधि चंद्रशेखर लिंगवाल द्वारा उत्तम सिंह रौतेला, प्रशांत कुमार चौधरी और योगेश को रिसीव किया गया। अभी तक “आपरेशन कावेरी” के तहत उत्तराखण्ड राज्य के कुल 24 लोगों को वापस लाया जा चुका है।

राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन देने का रास्ता साफ

राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों से इतर चिह्नित आंदोलनकारियों के आश्रित पति या पत्नी भी अब पेंशन के हकदार हो गए हैं।
यह पेंशन उन्हीं आश्रितों को मिलेगी, जिन आंदोलनकारियों की मृत्यु एक जून, 2016 से पहले हो चुकी है। उन्हें प्रतिमाह 4500 रुपये पेंशन देने का निर्णय लिया गया है। इन आश्रितों को अभी तक पेंशन के दायरे में नहीं लिया गया था।
अलग चिह्नित किए गए आंदोलनकारी, जिनकी मृत्यु एक जून, 2016 को पेंशन स्वीकृत होने का शासनादेश जारी होने से पहले हो चुकी है, उनके आश्रित पति या पत्नी को अब पेंशन मिलेगी। पहले यह आश्रित पेंशन 3100 रुपये प्रतिमाह थी। 17 दिसंबर, 2021 के शासनादेश में पेंशन राशि को बढ़ाकर प्रतिमाह 4500 रुपये किया गया है।

भगवान परशुराम के जीवन से मिलती है ऊर्जा-मंत्री अग्रवाल

परशुराम जयंती के अवसर पर क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और भगवान परशुराम की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर लोगों को बधाई दी। साथ ही परशुराम जी के विचारों को आत्मसात करने का आवाहन किया। उन्होंने बताया कि साढ़े छह लाख रुपए परशुराम पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए स्वीकृत किये हैं।
परशुराम चौक पर आयोजित कार्यक्रम में हवन पूजन कर मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि पुराणों में आठ महापुरुषों का वर्णन है जिन्हें अजर-अमर माना जाता है, उनमें परशुराम जी भी है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम विष्णु जी के दशावतारों में से छठवें अवतार है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि परशुराम जी को उनकी वीरता और पराक्रम के कारण जानते है। उनका शस्त्र एक फरसा था जो की महादेव द्वारा उन्हें वरदान में मिला था। वे त्रेता युग के ऋषि थे, जो की विष्णु भगवान् के अवतार थे। परशुराम जयंती का पर्व ज्यादातर ब्राह्मण और पंडित धर्म के लोगो द्वारा बहुत ही श्रद्धा से मनाया जाता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि परशु’ प्रतीक है पराक्रम का और ‘राम’ पर्याय है सत्य सनातन का। उन्होंने कहा कि परशुराम का अर्थ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक। बताया कि शास्त्र में ऐसी मान्यता है कि परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, पिता जमदग्नि और माता रेणुका ने तो अपने पाँचवें पुत्र का नाम ‘राम’ ही रखा था, लेकिन तपस्या के बल पर भगवान शिव को प्रसन्ना करके उनके दिव्य अस्त्र ‘परशु’ (फरसा या कुठार) प्राप्त करने के कारण वे राम से परशुराम हो गए।
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ। इसलिए परशुराम की शस्त्रशक्ति भी अक्षय है और शास्त्र संपदा भी अनंत है। विश्वकर्मा के अभिमंत्रित दो दिव्य धनुषों की प्रत्यंचा पर केवल परशुराम ही बाण चढ़ा सकते थे। यह उनकी अक्षय शक्ति का प्रतीक था, यानी शस्त्रशक्ति का।
इस मौके पर मेयर अनिता ममगाई, अध्यक्ष नगर पालिका देवप्रयाग कृष्ण कांत कोठियाल, अध्यक्ष नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल ललित मोहन मिश्र, अध्यक्ष परशुराम महासभा राकेश शर्मा, महामंत्री महासभा सतीश दुबे, उपाध्यक्ष सन्दीप शास्त्री, पूर्व दर्जाधारी कृष्ण कुमार सिंघल, दिनेश सती, मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, इंद्र कुमार गोदवानी, जयंत शर्मा, पार्षद शिव कुमार गौतम, डॉ शशि कंडवाल, जयेंद्र रमोला, प्रेम शर्मा, प्रभाकर शर्मा, सुरेंद्र कैंतुरा, ओम प्रकाश शर्मा, दिवाकर चौबे, मण्डल अध्यक्ष महिला मोर्चा माधवी गुप्ता, पूर्व सभासद सीमा रानी, कपिल शर्मा, आशुतोष शर्मा, अभिषेक शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्यारे लाल जुगलान ने किया।

पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम पहुँचे स्वास्थ्य सचिव, सभी स्वास्थ्य ईकाइयों का किया निरीक्षण

अक्षय तृतीया के अवसर पर आज गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किये हैं। इस बार तीर्थयात्रियो को यात्रा मार्ग पर पहले से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। राज्य सरकार का विशेष फोकस केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहत्तर बनाने पर रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखने सचिव डॉ आर राजेश कुमार पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचे।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परख रहे हैं। इस कड़ी में स्वास्थ्य सचिव ने बदरीनाथ धाम के बाद आज केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा कर जगह-जगह स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण कर रहे हैं। बीते रोज देर रात स्वास्थ्य सचिव रुद्रप्रयाग पहुंचे। जहां आज सुबह स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में पढ़ने वाले 10 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट और दो पीएचसी का निरीक्षण कर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर छौड़ी, चीरबासा, जंगल चट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिनचोली, बडी लिनचोली, छानी, रुद्रा पॉइन्ट, बेस कैम्प, केदारनाथ में मेडिकल रिलीफ प्वाइंट बनाये गये हैं।
केदारनाथ धाम पैदल यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड से पैदल शुरू हुआ सचिव स्वास्थ्य का काफिला दोपहर बाद केदारनाथ धाम में जाकर रूका। इस दौरान रास्ते में मौसम का बदला मिजाज भी देखने को मिला। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भारी बर्फ जमी हुई देखने को मिली। बर्फबारी के बावजूद हर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद नजर आई। स्वास्थ्य सचिव ने यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले प्रत्येक मेडिकल रिलीफ प्वाइंट का बारीकी से निरीक्षण कर दवाओं का स्टॉक, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामान का स्टॉक जांचा। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने टेली मेडिसन यूनिट का भी निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा टेलीमेडिन सेवा स्वास्थ्य संबधी गंभीर परिस्थिति उत्पन्न होने पर यह यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा। इसके द्वारा किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह प्राप्त की जा सकती है। जिससे बीमारी का तुंरत उपचार शुरू हो सकेगा। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्ण सेवाभाव और मनोयोग से यात्रियों की स्वास्थ्य जांच व सहयोग करने की अपील की। स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं पर संतुष्टि जाहिर की। इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएमओ रूद्रप्रयाग डॉ बिमल गुसाईं, आईसीबीसीसी चमोली के अधिकारी श्री उदय सिहं रावत समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

10 एमआरपी, 2 सीएचसी, और 5 हैल्थ एटीएम हैं स्थापित
स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर इस बार सरकार का विशेष फोकस है। यहां 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गयी है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर दो पीएचसी सेटर भी स्थापित हैं। प्रत्येक मेडिकल रिलीफ पोस्ट में चिकित्सकों के साथ ही लगभग आधा दर्जन प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ तैनात किया गया है। वहीं दोनों सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सों के साथ ही एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की गई है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पांच स्थानों पर हेल्थ एटीएम की स्वीकृति दी गई थी। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीकुंड और माधव चिकित्सालय नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम की स्थापना कर दी गई है। एक हेल्थ एटीएम की स्थापना केदारनाथ धाम से पहले बेस कैंप के एमआरपी में की जा रही है। हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा आदि की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पांचों हेल्थ एटीएम में कार्य करने वाले तकनीकि स्टॉप को बुधबार प्राथमिक) स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी में प्रशिक्षण दिया गया है।

डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की प्रयाप्त व्यवस्था
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार यात्रा मार्ग पर ऐसे डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गयी है जो कि हृदय संबंधी रोगों के उपचार और निदान में पारंगत हों। उन्होंने कहा कि हम चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पित हैं। यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डाक्टर, स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था की गयी है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

कपाट खुलने के शुभ मुहुर्त में सीएम रहे मौजूद, पीएम के नाम पर कराई पहली पूजा

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। तय कार्यक्रमानुसार गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। अब अगले छह माह तक श्रद्धालु गंगोत्री में मां गंगा एवं यमुनोत्री धाम में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। आज पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को खरशाली, यमुनोत्री में पूजा अर्चना की। उसके बाद मां यमुना जी की उत्सव डोली को शनि देव की अगुवाई में खरशाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज मां यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। 25 अप्रैल को श्री केदारनाथ एवं 27 अप्रैल को श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का देव भूमि आगमन पर स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पुष्प वर्षा की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा हर्षाेल्लास के साथ होगी। उन्होंने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, मां यमुनोत्री एवं गंगोत्री की कृपा सभी पर बनी रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश एवं प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना कर मां गंगा जी का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए देश विदेश से जो भी श्रद्धालु आएंगे उन्हे दर्शन कराए जाएंगे। चार धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा की सभी व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी की जा रही है।
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12ः15 मिनट पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के उपरांत अगले दिन सुबह 8 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद सर्वार्थ अमृत सिद्ध योग पर 12ः35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शनिवार सुबह अक्षय तृतीया के पर्व पर अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से प्रातः 8 बजे शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम को रवाना हुई। डोली 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना एवं हवन करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिजीत मुहूर्त में 12ः41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए है।
इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, जिलाध्यक्ष बीजेपी सतेंद्र सिंह राणा, अध्यक्ष कॉपरेटिव बैंक विक्रम सिंह सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, श्रद्धालु एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

राज्य मंत्रिमंडल ने कई फैसलों पर लगाई मुहर

प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के स्तर में सुधार दिखाई देगा। मंत्रिमंडल ने 603 राजकीय प्राथमिक और 76 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय (सेंटर आफ एक्सीलेंस) बनाने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, फर्नीचर जैसी समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रदेश सरकार अब शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रसंख्या घटने और अभिभावकों की घटती रुचि को देखते हुए सरकार को अब गुणात्मक सुधार के लिए कदम उठाने पड़ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रदेश के ऐसे राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने का निर्णय लिया गया है, जहां छात्रसंख्या अच्छी है।
विद्यालयों के प्रति स्थानीय समुदाय की अच्छी धारणा को देखते हुए सरकार ने 679 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को शिक्षा की उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कक्षाकक्षों में बैठने से लेकर अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
विद्यालय भवनों में नए कक्षाकक्षों का निर्माण किया जा सकेगा। पांच किमी की परिधि में राज्य के इन 679 विद्यालयों को कई भौतिक संसाधनों व सुविधाओं का तोहफा मिल सकेगा।

लोक सेवा आयोग में 30 अस्थायी पद होंगे सृजित
लोक सेवा आयोग के बढ़ते कार्य को देखते हुए सरकार ने यहां 30 नए अस्थायी पद सृजित करने का निर्णय लिया है। इन पदों पर संविदा के आधार पर कार्मिकों की नियुक्ति की जाएगी। ये पद एक वर्ष के लिए सृजित किए जा रहे हैं।

कैंपस बने कालेजों में यथावत रहेगी व्यवस्था
मंत्रिमंडल ने अन्य निर्णय में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित छह राजकीय इंजीनियरिंग कालेज अब वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैंपस होंगे। इनमें प्रौद्योगिकी संस्थान गोपेश्वर, महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून, डा एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान टनकपुर, नन्हीं परी सीमांत प्रौद्योगिकी संस्थान पिथौरागढ़, टीएचडीसी-आइएचटी नई टिहरी और बौन इंजीनियरिंग कालेज उत्तरकाशी सम्मिलित हैं।
मंत्रिमंडल ने इन कालेजों को जैसे हैं, जहां है के आधार पर कुछ शर्तों के साथ यह स्वीकृति दी है। इन सभी स्ववित्तपोषित संस्थानों को राज्य सरकार से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। साथ में सभी संस्थानों में निदेशक मंडल (बीओजी) यथावत कार्य करता रहेगा।

उपनल कार्मिकों को मासिक आधार पर मिलेगी प्रोत्साहन
राशि मंत्रिमंडल ने उपनल कर्मचारियों को अब मासिक आधार पर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में अभी तक उपनल कर्मियों को त्रैमासिक आधार पर प्रोत्साहन भत्ता दिया जाता है। इसके तहत 10 साल की सेवा पूरी कर चुके कार्मिकों को 17,400 रुपये और 10 साल से कम सेवा वालों को 14,400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस संबंध में पूर्व में भी निर्णय लिया गया था लेकिन तब वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति लगा दी थी। इसके बाद से ही उपनल कर्मी प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि देने की मांग कर रहे थे। ऐसे में अब मंत्रिमंडल ने इन्हें प्रतिमाह 5800 रुपये और 4800 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है।
भवन मानचित्र पर आवास विभाग ने दिया प्रस्तुतिकरण मंत्रिमंडल की बैठक में पर्वतीय क्षेत्रों में राजमार्गों के किनारे बनने वाले भवनों के मानचित्र स्वीकृत करने के संबंध में आवास विभाग ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। सूत्रों की मानें तो इसमें जोशीमठ की घटना का हवाला देते हुए पर्यटन व औद्योगिक दृष्टि से विकसित हो रहे पर्वतीय क्षेत्रों में जिला विकास प्राधिकरणों को सक्रिय करने की बात कही गई।
कहा गया कि इन क्षेत्रों में सुनियोजित तरीके से विकास को गति देने के लिए भवन मानचित्र अनिवार्य किए जाएं। इसी में यातायात की दृष्टि से सड़कों के किनारे भवन निर्माण में भी मानचित्र बनाने की बात कही गई। इसके लिए 200 मीटर का दायरा प्रस्तावित किया गया, जिस पर मंत्रिमंडल में आमराय नहीं बन पाई।

मंत्रिमंडल ने लिए ये निर्णय
देहरादून के तरला नागल में तिब्बती शरणार्थियों की आवासीय योजना में 65 लाख की कंपाउंडिंग फीस में छूट।
सिंचाई विभाग के संरचनात्मक ढांचे में बदलाव को मंजूरी। शोध अधिकारी के 24 और सहायक शोध अधिकारी के 12 पदों को दी गई स्वीकृति।
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सिरौलीकलां को नगर पंचायत के रूप में गठित करने की अधिसूचना ली वापस।
गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के सत्रावसान को दिया गया अनुमोदन

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता बच्चों के लिए पुरस्कार सामग्री दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता बच्चों अनुराग रमोला, देहरादून एवं शिवम रावत, किच्छा उधमसिंहनगर को पुरस्कार सामग्री उनके माता-पिता को प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया जाता है। ये पुरस्कार नवाचार, शैक्षिक, खेल, कला और संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण क्षमताओं और उत्कृष्ट उपलब्धि वाले बच्चों को मान्यता के रूप में दिए जाते है। अनुराग रमोला, देहरादून एवं शिवम रावत, किच्छा उधमसिंहनगर को यह पुरस्कार दिया जाना राज्य का भी सम्मान है तथा अन्य बच्चों के लिये भी प्रेरणादायी है।
इस अवसर पर सचिव हरि चन्द सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

धामी ने सैन्यधाम के निर्माण में तेजी लाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सैन्यधाम के निर्माण कार्यों में और तेजी लाई जाए। सैन्य धाम का स्वरूप भव्य एवं दिव्य हो, इसके लिए अन्य राज्यों के सैन्य धामों (शौर्य स्थलों) की जो स्टडी की गई है, उनमें जो बेहतर कार्य किये गये हैं, उन कार्यों का समावेश सैन्य धाम में किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सैन्यधाम में उत्तराखण्ड की झलक दिखे। सैन्यधाम के आसपास केदारखण्ड एवं मानसखण्ड की थीम पर आधारित क्या गतिविधियां हो सकती हैं, इस पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सचिवालय में सैन्य धाम (शौर्य स्थल) की उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि सैन्यधाम के निर्माण की कार्य प्रगति 45 प्रतिशत तक हो चुकी है। जिसके अन्तर्गत ऑडिटोरियम, टैंक प्लेटफॉर्म, मुख्य द्वार, बाबा जसवंत सिंह एवं बाबा हरभजन सिंह मन्दिर, शौर्य स्तम्भ, बुकिंग काउंटर, चाहरदीवारी एवं म्यूजियम का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, जी.ओ.सी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल संजीव खत्री, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल (से.नि) सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, एस.एन. पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य के युवाओं के लिए स्किल कोर्स को बढ़ाने जा रही राज्य सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में स्विस एजुकेशन ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर क्लाडियो रैकनेलो के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। इस अवसर पर राज्य में युवाओं को पर्यटन एवं होटल व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण के लिए चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में अपार संभावनाएं हैं। इस दिशा में यहां के युवाओं में स्किल को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में युवाओं को पर्यटन एवं होटल व्यवसाय के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए, यदि स्विटजरलैण्ड से कुछ अच्छे प्रशिक्षकों की व्यवस्था हो सकती है, तो इस दिशा में कार्य किया जाए। राज्य में प्रशिक्षण के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सरकार की ओर से की जायेगी। युवाओं को सर्टिफिकेट कोर्स की अच्छी सुविधा मिलने से उनके हुनर को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य में 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बेहतर व्यावसायिक पाठ्यक्रम के लिए भी स्विस एजुकेशन ग्रुप से मदद ली जाए। विद्यार्थियों को बेहतर व्यावसायिक शिक्षा मिले इसके लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। राज्य में पर्यटन के साथ-साथ साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन, शिक्षा, साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए स्विटजरलैण्ड से यदि कोई प्रतिनिधिमण्डल आना चाहता है, तो उनको देवभूमि उत्तराखण्ड में सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा।
स्विस एजुकेशन ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर क्लाडियो रैकनेलो ने कहा कि स्विट्जरलैंड में आध्यात्मिक गतिविधियों के क्षेत्र में कार्य करने की काफी संभावनाएं हैं। यदि वहां पर आध्यात्मिक गतिविधियों पर आधारित केन्द्रों में उत्तराखण्ड से इस क्षेत्र के विशेषज्ञ कार्य करें, तो इसमें कार्य करने के लिए अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की और से जो भी सहयोग मांगा जायेगा, उसे पूरा करने के हर संभव प्रयास किये जाएंगे।
इस अवसर पर स्वामी अभय दास, सूर्य प्रताप सिंह, सचिव शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।

गंगा को स्वच्छ रखने का सामूहिक प्रयास जरुरी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा समग्र अविरल गंगा निर्मल गंगा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अविरल गंगा निर्मल गंगा अभियान के तहत गंगा को स्वच्छ रखने के लिए कार्य किए जा रहे हैं जिसमें गंगा को साफ सुथरा रखने के साथ-साथ जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनदायिनी मां गंगा के मूल स्वरूप को बचाए रखना हम सबका नैतिक दायित्व है। केंद्र व राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। प्रथम चरण के तहत गंगा में मिलने वाले 132 गंदे नालों के पानी को एसटीपी के माध्यम से स्वच्छ किया गया है। जबकि दूसरे चरण के लिए प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि गंगा के साथ साथ उसकी सहायक नदियों पर भी कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट, स्वामी चिदानंद महाराज, रामाशीष राय सहित स्वच्छ गंगा मिशन से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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