सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों संग भराड़ीसैंण में मनाया लोकपर्व फूलदेई

उत्तराखण्ड के लोक पर्व फूलदेई के अवसर पर गुरूवार को भराड़ीसैंण स्थित मुख्यमंत्री आवास में क्षेत्र के बच्चों ने पारम्परिक मांगल गीतों के साथ रंग-बिरंगे प्राकृतिक पुष्पों की वर्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी को इस पावन पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लागातार प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को अपनी लोक संस्कृति और लोक पंरपराओं से जोड़े रखने के लिए लोक पर्व फूलदेई को आने वाले समय में संस्थागत तरीके से बाल पर्व के रूप में वृहद स्तर पर प्रति वर्ष मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है।
‘‘फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार। यानी यह देहरी फूलों से सजी रहे। घर खुशियों से भरा हो। सबकी रक्षा हो। अन्न के भंडार सदैव भरे रहे। उत्तराखंड में इसे फूल संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन घरों की देहरी को फूलों से सजाया जाता है। घर-मंदिर की चौखट का तिलक करते हुए ’फूलदेई छम्मा देई’ कहकर मंगल कामना की जाती है।’’
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

नवाचार के तहत की होगी शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना

धामी सरकार ने नये शैक्षिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग में तीन नई योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट का प्रावधान कर दिया गया है। नई योजनाओं के तहत राजकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अनुसंधान एव ंविकास प्रकोष्ठ की स्थापना, छात्र-छात्राओं को उद्यमिता एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण तथा स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। जिनकी झलक वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने नवीन वित्तीय वर्ष हेतु बजट में उच्च शिक्षा विभाग के लिये कुल रू0 817 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि शोध, उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण घटक हैं जिन्हें इस बजट में सम्मिलित करते हुये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसी क्रम में नये शैक्षणिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग तीन नई योजनाएं शुरू करने जा रहा है। जिसके अंतर्गत राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये राज्य अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना हेतु बजट में रू0 2 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। जबकि महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये 7 करोड़ 11 लाख 95 हजार का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में प्रतिस्पर्धा तथा गुणवत्ता संवर्धन हेतु प्रत्येक संकाय के तीन श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति देने का भी निर्णय लिया गया है, जिस हेतु वर्तमान बजट में रू 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
विभागीय मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से पूर्व में ही देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता पत्र हस्ताक्षरित किये हैं, जिनमें भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद भी शामिल है जो कि राज्य में अपना एक केन्द्र स्थापित कर उद्यमिता, कौशल विकास व स्टार्टअप संस्कृति को विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा।

संसदीय परपंराओं का अच्छी तरह निर्वहन करने पर वित्त मंत्री की सराहना की

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सत्र के दौरान उनके कक्ष में भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट की सराहना की और विधानसभा सत्र में उनके द्वारा कुशल सत्र संचालन के लिए भी शुभकामनाएं प्रेषित की। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने वित्त मंत्री को बुराश का फूल भी भेंट किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किसी भी राज्य का बजट लोगों की आकांक्षाओं से भरा होता है। इसलिए सरकार चाहती है समावेशी विकास जिसमें सभी वर्गों का अधिकतम हित हो ऐसा बजट बनाया जाए। उन्होंने वित्त मंत्री अग्रवाल की सराहना की कि उन्होंने इस ओर विशेष ध्यान दिया है। मोदी सरकार के संकल्प को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने सत्र संचालन को लेकर भी संसदीय कार्य मंत्री अग्रवाल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा सभी सम्मानित सदस्यों को सम्मान देने की रही है, इसका भी संसदीय कार्य मंत्री ने ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराएं सत्र संचालन के दौरान महत्वपूर्ण रहती है इनका पालन किया जाना अत्यंत आवश्यक होता है।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा उनका हौसलावर्धन किए जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बजट से पूर्व सभी वर्गों से मिलकर सुझाव लिए गए थे, जिनका समावेश बजट में किया गया है। प्रयास रहा है कि हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है इससे आम जनमानस को बड़ी राहत देने का कार्य किया गया है।

बजट की प्रशंसा कर बोले सीएम, आने वाला समय उत्तराखंड का, मोदी जी के संकल्प को करेंगे पूरा

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शानदार बजट प्रस्तुत किया गया है। प्रधानमंत्री के मंत्र सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा पर आधारित ये बजट संतुलित, समावेशी और सभी वर्गों तक पहुंचने वाला बजट है। ये बजट हमारे सशक्त उत्तराखंड-2025 के संकल्प को पूरा करने वाला बजट है। नए उत्तराखंड के संकल्प का बजट है। इसमें जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है, वहीं कृषि, उद्यान, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यटन को भी महत्व दिया गया है। इस बजट में युवाओं की भी विशेष चिंता की गई है। रोजगार और स्वरोजगार का परिवेश बनाने पर बल दिया गया है। 50 हजार पॉलीहाउस के लिए बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया है। एप्पल मिशन, कीवी मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
इस बजट का केन्द्रीय बिन्दु है, उत्तराखण्ड का विकास। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने को ध्येय में रखते हुए बजट का निर्माण किया गया है। केन्द्रीय बजट से प्रेरणा लेते हुए विभिन्न आयामों को इस बजट में समेटने का प्रयास किया गया है।
विकास, सस्टेनेबेल विकास, और समावेषी विकास इन शब्दों के इर्द-गिर्द विकास की यात्रा बतायी गयी है। विकास कैसे किया जाना है, विकास की दिशा क्या होगी? इस पर भी यह बजट स्पष्ट हैं।
एक स्पष्ट सोच और गम्भीर चिन्तन बजट में मिलती है। हमारे छात्र, हमारी खिलाड़ी, हमारे युवा, हमारे किसान, हमारे कास्तकार, असंगठित व संगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति, स्टार्ट अप, उद्योग कारोबारी और हम सब साथ मिलकर उत्तराखण्ड का विकास करेंगे।
उत्तराखंड तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रुप में उभर रहा है। 77 हजार करोड़ से अधिक का बजट है। साथ ही 4309 करोड़ का सरप्लस बजट वित्तीय प्रबंधन की कुशलता को बताता है। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमन्त्री के मार्गदर्शन में ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा।
जोशीमठ को नए स्वरुप में खड़ा करना हमारा संकल्प है। बजट में हमने 1000 करोड़ का प्रावधान किया है। केन्द्र से भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
एक बार फिर से शानदार बजट देने के लिए वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को बहुत बधाई देता हूं।

समावेशी प्रबंधन-राज्य की जनता पर कोई नया कर नहीं, फिर भी आय बढ़ने का अनुमान

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सरकार ने कोई कर नहीं लगाया। बजट में सरकार ने 76592.54 राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया है।
राजस्व खाते में 52747.71 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जबकि पूंजीगत कार्यों पर सरकार 24659.37 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पिछले वर्ष की तुलना में यह 21.16 फीसदी अधिक है। बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। वित्तीय वर्ष में 4309.55 करोड़ रुपये का राजस्व सरप्लस संभावित है। गत वर्ष से अधिक 9046.91 करोड़ में राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है।
उत्तराखंड का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में सरकार का यह बजट अहम भूमिका निभाएगा। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए उत्तराखंड के बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सश्क्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में बजट को तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नंबर वन बनाएंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के निर्यात को सरकार की पहली प्राथमिकता बताई। उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई।

उत्तराखंड के युवा नौकरी देने वाले बनेंगे-वित्त मंत्री
वित्त मंत्री प्रेमचंद ने कहा कि बजट में युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब प्रदेश का युवा नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। बजट में स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट के मुख्य अंश-
लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार।
बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान
भर्तियों में घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़े कानून।
एनसीसी कैडेट का भत्ता बढ़ाया।
पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिए एक करोड़ 90 लाख छात्रवृत्ति का प्रावधान।
2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम।
जी-20 के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
बालिका साइकिल योजना के लिए 15 करोड़ का प्रवाधान।
उत्तराखंड का युवा नौकरी करेगा नहीं बल्कि देगा।
स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान।
चिकित्सा शिक्षा पर विशेष फोकस

इन बिंदुओं पर विशेष जोर-
मानव पूंजी में निवेश पर जोर दिया गया।
समावेशी विकास के तहत अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाना और नए अवसर का उपयोग करने के लिए प्लेटफॉर्म देना।
स्वास्थ्य सुविधाओं की सुविधा।
पूंजीगत व्यय में सार्वजनिक संपत्ति का संवर्धन एव संरक्षण।
निर्बाध एवं सुरक्षित संयोजकता।
प्रोद्योगिक एवं आधुनिक विकास।
इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में संतुलन।
जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान।
स्वरोजगार, शिक्षा, कनेक्टिविटी, हेली कनेक्टिवटी, सौर ऊर्जा, युवा, खेती किसानी, पर्यटन पर जोर।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलेंगी फ्री किताबें
नवंबर माह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा।

पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है धामी सरकार का बजट

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अटैची हाथ में उठाए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल धोती-कुर्ता और पहाड़ी टोपी पहनकर सदन में पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में सभी का अभिभावदन किया। वित्त मंत्री ने अपराह्न दो बजे बजट अभिभाषण शुरू किया। 56 पेज के बजट अभिभाषण की उन्होंने कुमाऊंनी बोली में शुरुआत की और फूलदेई त्योहार की शुभकामना दीं। बजट का समापन उन्होंने गढ़वाली से किया।

दो घंटे में पेश किया बजट, वित्त मंत्री ने 12 बार पिया पानी
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। दो घंटे में 56 पेज का बजट भाषण पढ़ा। इस दौरान उन्होंने 12 बार पानी पिया। उधर, सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर बजट को सराहा है।
सदन में दो बजे वित्त मंत्री ने बजट भाषण शुरू किया। उन्होंने कुमाऊंनी बोली से भाषण शुरू किया और अंत गढ़वाली में किया। बजट भाषण के दौरान सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे। सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपा कर बजट का समर्थन किया। वित्त मंत्री ने 56 पेज का बजट भाषण पूरे जोश के साथ पढ़ा। हालांकि पूरे भाषण में 12 बार पानी का घूंट पिया।

प्रमुख विभागों का बजट
शिक्षा, खेल और युवा कल्याण-10 हजार 459 करोड़
स्वास्थ्य-4हजार 217 करोड़
पेयजल, आवास, नगर विकास-2 हजार 525 करोड़
कृषि-1 हजार 294 करोड़
श्रम एवं रोजगार-552 करोड़
ग्राम्य विकास-3 हजार 272 करोड़
सिंचाई-1 हजार 443 करोड़
ऊर्जा-1 हजार 251 करोड़
लोनिवि-2 हजार 791 करोड़
उद्योग-461 करोड़
परिवहन-453 करोड़
पयर्टन-302 करोड़
पशुपालन-617 करोड़
औद्यानिक विकास-815 करोड़

अपर सचिव स्वास्थ्य ने मौसमी इन्फ्लुएंजा की रोकथाम को लेकर बैठक ली

प्रदेश में मौसमी इन्फ्लुएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम की तैयारियों की जनपद स्तरीय समीक्षा अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर द्वारा वर्चुअल बैठक के माध्यम से ली गई। बैठक में इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारियों पर चर्चा की गई।
अपर सचिव द्वारा इन्फ्लूएंजा वायरस के मद्देनजर सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। जिसपर मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा जैसे एच3एन2 इन्फ्लुएंजा, एच1एन1 इन्फ्लुएंजा, इन्फ्लुएंजा बी आदि के बचाव हेतु स्वास्थ्य इकाइयों में समय रहते दवा, आईसोलेसन सुविधा, बैड, ऑक्सीजन, मास्क और अन्य जरूरतों के इंतजाम कर लिए गये हैं।
अपर सचिव ने बताया की राज्य स्तर से जनपदों द्वारा मौसमी इन्फ्लुएंजा के संबंध में किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि मौसमी इन्फ्लुएंजा के अधिकांश रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो कि स्वतरू ही ठीक हो जाते हैं। वर्चुअल बैठक के दौरान अन्य रोगों जैसे, मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि से ग्रसित लोग एवं अति संवेदनशील वर्ग जैसे वृद्ध लोग, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने पर भी बल दिया गया।
मौसमी इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के बारे मे जनमानस में व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मौसमी इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) से बचाव संबंधित जागरूकता के लिए आम जनमानस में क्या-करें, क्या ना करें पर आधारित सन्देशों को प्रसारित किया जाए।
बैठक के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता जैसे- हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, भीड़भाड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग करना आदि को आम जनमानस के बीच बढावा दिए जाने पर बल दिया गया।
साथ ही बैठक के दौरान सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की गई कि इन्फ्लुएन्जा रोकथाम एवं बचाव हेतु जुड़ी जानकारियों को समय-समय पर अपने स्तर से मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पुहंचाए जिससे सही सूचना सही समय पर समुदाय तक पहुंचे ताकि किसी भी प्रकार की भ्रांती न फैले।
वर्चुअल बैठक के दौरान एन.एच.एम. निदेशक डॉ सरोज नैथानी, राज्य नोडल अधिकारी आई.डी.एस.पी. डॉ. पकंज कुमार सिंह, जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी, आई.डी.एस.पी. यूनिट के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

भागीरथ सम्मान से सम्मानित हुए डॉ धीरेंद्र रांगड़

टिहरी के हेरवाल गांव में आयोजित गांव वापसी संवाद कार्यक्रम में डॉ धीरेंद्र रांगड़ को दर्शन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए ’’भागीरथ सम्मान’’ से सम्मानित किया गया।
आजादी के अमृत काल में उत्तराखंड 2047 को मध्यनजर रखते हुए ग्रीन स्कूल अहमदाबाद द्वारा उत्तराखंड के सुदूरवर्ती ग्राम हेरवाल गांव, बुमरा धाम में 10 से 12 मार्च को गांव-वापसी संवाद 2023 का त्रिवर्षीय वर्षीय लोक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने स्थानीय लोगों के साथ उत्तराखंड को 2047 तक समावेशी व संतुलित विकास के माध्यम से आर्थिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक रूप से संपन्न राज्य बनाने के लिए चिंतन मनन व संवाद किया।
इस अवसर पर अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी, आध्यात्मिकता, संस्कृति, पर्यावरण, समावेशी विकास, सुशासन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक विविधता, जल संरक्षण, तीर्थाटन, पर्यटन, लोक साहित्य, लोक सुरक्षा, हस्त कला, शिल्प कला, वन संरक्षण व चकबंदी आदि विषयों के विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में आयोजक ग्रीन स्कूल अहमदाबाद के संस्थापक विरेंद्र रावत, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वीरेंद्र रावत, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में शामिल विधायक किशोर उपाध्याय, डॉ मोहन सिंह पंवार, वी एस रावत, मोहन डबराल, विक्रम सिंह नेगी, पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा, महावीर रवालटा, जयसिंह रावत आदि शामिल हुए। ग्राफिक ऐरा हिल एकेडमी के एन.एस.एस. छात्र-छात्राओं ने स्वयं सेवा का कार्य किया।

दाताराम रियाल बने मंडलीय अध्यक्ष, कर्मचारियों में हर्ष की लहर

गढ़वाल जल संस्थान कर्मचारी संघ के प्रदेश चुनाव में दाताराम रियाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं। बुधवार को गढ़वाल कर्मचारी संघ ऋषिकेश शाखा पहुंचने पर दाताराम रियाल का कर्मचारियों ने स्वागत किया। स्थानीय कर्मचारियों ने गढ़वाल कर्मचारी संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर हर्ष जताया।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित मंडलीय अध्यक्ष दाताराम रियाल ने कर्मचारियों को एकजुट रहकर उनकी समस्याओं का निवारण करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर स्वागत करने वालों में शाखा अध्यक्ष विनीत शर्मा, जलकल अभियंता अनिल नेगी, नितिन शर्मा, योगेश शर्मा, अनिल कुमार, सुभाष बिष्ट, राम सिंह, संदीप मैखुरी, जेई पिंकी, सुनील पांडे, सीमा नेगी, जानवी पुरोहित, निधि गुप्ता, प्रमोद हटवाल, आरती रावत आदि मौजूद थे।

क्षैतिज आरक्षण प्रस्ताव को मंजूरी देने पर धामी सरकार का दिया धन्यवाद

राज्य आंदोलनकारियों ने कैबिनेट में क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई। साथ ही सीएम और सब कमेटी का आभार भी जताया। उन्होंने क्षैतिज आरक्षण की स्वीकृति को आंदोलनकारियों की शहादतों और संघर्ष का सम्मान बताया।
मंगलवार को नगर निगम परिसर स्थित इंद्रमणि बडोनी हॉल में आयोजित उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों ने क्षैतिज आरक्षण पर कैबिनेट के फैसले को लेकर बैठक की। उन्होंने एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सब कमेटी अध्यक्ष सुबोध उनियाल, सदस्य सौरव बहुगुणा, और चंदनराम दास का धन्यवाद ज्ञापित भी किया। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को मंजूरी मिलना राज्य निर्माण सेनानियों की शहादतों और संघर्षों को सम्मान है। कहा कि यह मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित था। जिससे आंदोलनकारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे।
बैठक में वेदप्रकाश शर्मा, संजय शास्त्री, डीएस गुसाईं, गंभीर सिंह मेवाड, विक्रम भंडारी, सरोज डिमरी, बलवीर सिंह नेगी, बर सिंह बर्त्वाल, गुलाब सिंह रावत, बेताल सिंह धनाई, विशंभर दत्त डोभाल, बृजेश डोभाल, युद्धवीर सिंह चौहान, मुन्नी ध्यानी, प्रेमा नेगी, चेता देवी, यशोदा नेगी, गुड्डी डोभाल, कृष्णा देवी आदि मौजूद थे।