एम्स ऋषिकेश में स्त्री वरदानः चुप्पी तोड़ो, नारीत्व से नाता जोड़ो अभियान की नींव रखी


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की ऐतिहासिक पहल पर महिलाओं की गुप्त रोगों से जुड़ी जटिल समस्याओं को लेकर सम्मेलन हुआ। संस्थान के रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनोकॉलोजी विभाग द्वारा स्त्री वरदान चुप्पी तोड़ो नारीत्व से नाता जोड़ो कार्यक्रम की नीव रखी। सम्मेलन में उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों से 50 से अधिक स्वयं सेविका महिलाओं ने प्रतिभाग किया। उन्होंने मुहिम को गांव-गांव-घर घर तक पहुंचाने व राज्य की प्रत्येक महिलाओं को उनकी समस्याओं को लेकर जागरुक करने व ग्रसित महिलाओं को उपचार के लिए प्रेरित करने की शपथ भी दिलाई।

एम्स निदेशक व सीईओ प्रो. रविकांत ने अपने संदेश में बताया कि यह सम्मेलन महिलाओं के गुप्त रोगों से जुड़ी समस्याओं के निदान की दिशा में पहला कदम है, जिसका उद्देश्य भारत की हर महिला को ऐसी समस्याओं को लेकर जागरुक करना हो व उन महिलाओं तक पहुंचकर एम्स ऋषिकेश की सुपरस्पेशलिटी सेवाओं से उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिलवाना है। कार्यक्रम में रिकंस्ट्रक्टिव और कॉस्मेटिक गाइनोकॉलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. नवनीत मग्गो ने बताया कि महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी यह अपनी तरह की पहली मुहिम है, जिसे निदेशक की पहल पर उनकी अगुवाई में शुरू किया जा रहा है।

महिलाओं से आह्वान किया कि हमें इस मुहिम में उन महिलाओं से बात करनी है, जो महिलाएं या तो वह संकोच के मारे बात नहीं कर पाती अथवा समाज उन महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को नजरअंदाज कर देता है।

इस दौरान डॉ. नवनीत ने प्रतिभागी सेविकाओं को महिलाओं के यूरिनरी इनकांटिनेस उनकी यौन समस्याएं और उनके यौन अंग या शरीर बाहर आने की समस्याओं पर विस्तृत जानकारियां दी व इस तरह की बीमारियों से शरीर को होने वाले दूसरे तरह के नुकसान को लेकर जागरुक किया। उन्होंने कहा कि हम सभा को मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि अगले 5 वर्ष के अंदर उत्तराखंड राज्य को यूरिनरी इनकांटीनेंस फ्री यानी यूरिनरी इनकांटीनेंस से मुक्त करना है। गौरतलब है कि एम्स का रिकंस्ट्रक्टिव और गाइनोकॉलोजी विभाग पूरे विश्व में अपनी तरह का पहला सुपरस्पेशलिटी विभाग है, जिसमें कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है।

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